SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Harivansh Rai Bachchan
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition : 2012
- Pages: 288 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170288037
- ISBN-13 :978-8170288039
DESCRIPTION:
श्रीमद्भगवद्गीता का कर्मयोग का संदेश युगों-युगों से भारतीय जनमानस को प्रेरणा देता आ रहा है। लोकमान्य तिलक, महात्मा गांधी ने तो उससे प्रेरणा ग्रहण की ही, खुदीराम बोस जैसे जुझारू क्रांतिकारियों ने भी गीता की प्रति हाथ में लेकर फांसी के फंदे को चूमा। अंग्रेज़ी तथा भारतीय भाषाओं में गीता के दर्जनों अनुवाद अब तक हो चुके हैं। किंतु कविता में गीता के अनुवाद की पहल ‘मधुशाला’ के अमर गायक व प्रख्यात कवि हरिवंशराय ‘बच्चन’ ने की। उन्होंने गीता के प्रत्येक श्लोक का मुक्त छंद में अनुवाद किया और साथ में मूल संस्कृत श्लोक भी दिया है जिससे पाठक गीता के श्लोकों के काव्यानुवाद का रसास्वादन कर सकेंगे।
Description
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Harivansh Rai Bachchan
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition : 2012
- Pages: 288 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170288037
- ISBN-13 :978-8170288039
DESCRIPTION:
श्रीमद्भगवद्गीता का कर्मयोग का संदेश युगों-युगों से भारतीय जनमानस को प्रेरणा देता आ रहा है। लोकमान्य तिलक, महात्मा गांधी ने तो उससे प्रेरणा ग्रहण की ही, खुदीराम बोस जैसे जुझारू क्रांतिकारियों ने भी गीता की प्रति हाथ में लेकर फांसी के फंदे को चूमा। अंग्रेज़ी तथा भारतीय भाषाओं में गीता के दर्जनों अनुवाद अब तक हो चुके हैं। किंतु कविता में गीता के अनुवाद की पहल ‘मधुशाला’ के अमर गायक व प्रख्यात कवि हरिवंशराय ‘बच्चन’ ने की। उन्होंने गीता के प्रत्येक श्लोक का मुक्त छंद में अनुवाद किया और साथ में मूल संस्कृत श्लोक भी दिया है जिससे पाठक गीता के श्लोकों के काव्यानुवाद का रसास्वादन कर सकेंगे।
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