SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Anand Kumar (Author)
- Binding :Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2015
- Pages: 256 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170283558
- ISBN-13 :9788170283553
DESCRIPTION:
‘आत्म-विकास’ को एक बार आरम्भ करके समाप्त किए बिना न छोड़ सका। इस पुस्तक के लिखने में श्री आनन्द कुमार जी ने अपने गम्भीर अध्ययन और सूक्ष्म अनुभव दोनों का समुचित उपयोग किया है...। मैंने पुस्तक सम्हाल कर रख ली है कि मेरे पुत्र बड़े होकर इसे पढ़ें।-हरिवंश राय बच्चन। ‘आत्म-विकास’ महत्त्वपूर्ण पुस्तक है। इसे पढ़कर स्माइल्ज़ और मार्डेन के ग्रन्थ, जिन्हें मैं पहले बहुत पढ़ा करता था, भूल गया। सफलता और सदाचार पर यह पुस्तक बहुत लाभदायक है। मनुष्य जीवन का कोई भी ऐसा पहलू नहीं जिस पर प्रकाश न डाला हो।- डा. शिव मंगल सिंह ‘सुमन’
Description
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Anand Kumar (Author)
- Binding :Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2015
- Pages: 256 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170283558
- ISBN-13 :9788170283553
DESCRIPTION:
‘आत्म-विकास’ को एक बार आरम्भ करके समाप्त किए बिना न छोड़ सका। इस पुस्तक के लिखने में श्री आनन्द कुमार जी ने अपने गम्भीर अध्ययन और सूक्ष्म अनुभव दोनों का समुचित उपयोग किया है...। मैंने पुस्तक सम्हाल कर रख ली है कि मेरे पुत्र बड़े होकर इसे पढ़ें।-हरिवंश राय बच्चन। ‘आत्म-विकास’ महत्त्वपूर्ण पुस्तक है। इसे पढ़कर स्माइल्ज़ और मार्डेन के ग्रन्थ, जिन्हें मैं पहले बहुत पढ़ा करता था, भूल गया। सफलता और सदाचार पर यह पुस्तक बहुत लाभदायक है। मनुष्य जीवन का कोई भी ऐसा पहलू नहीं जिस पर प्रकाश न डाला हो।- डा. शिव मंगल सिंह ‘सुमन’
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