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- Product Code :BS7340
- Material :Sterling silver
- Size : 0.80"
- Weight: 1 gm. approx.
Description
-
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By : Prakash Pandit
- Cover : Paperback
- Language : Hindi
- Edition : 2014
- Pages : 128
- Weight : 250 g.
- Size : 8.4 x 5.4 x 0.4 inches
- ISBN-10: 9350641976
- ISBN-13: 978-9350641972
DESCRIPTION:
'फ़िराक़' साहब ने अनगिनत ग़ज़लें, नज़्मे, रुबाइयाँ, कतए इत्यादि लिखे है। समालोचक भी वह उच्चकोटि के थे लेकिन स्मरण वे सदा अपनी ग़ज़लों और ग़ज़लों के उन शे'रो के कारन किये जायेंगे जिनकी संख्या सेकड़ो तक पहोचती है।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Prakash Pandit (Author)
- Binding :Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2012
- Pages: 96 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170283469
- ISBN-13: 9788170283460
DESCRIPTION:
नागरी लिपि में उर्दू के लोकप्रिय शायरों व उनकी शायरी पर आधारित पहली सुव्यवस्थित पुस्तकमाला। इसमें मीर, गालिब से लेकर साहिर लुधियानवी-मजरूह सुलतानपुरी तक सभी प्रमुख उस्तादों और लोकप्रिय शायरों की चुनिंदा शायरी उनकी रोचक जीवनियों के साथ अलग-अलग पुस्तकों में प्रकाशित की गई हैं। इस पुस्तकमाला की प्रत्येक पुस्तक में संबंधित शायर के संपूर्ण लेखन से चयन किया गया है और प्रत्येक रचना के साथ कठिन शब्दों के अर्थ भी दिये गये हैं। इसका संपादन अपने विषय के दो विशेषज्ञ संपादकों-सरस्वती सरन कैफ व प्रकाश पंडित-से कराया गया है। अब तक इस पुस्तकमाला के अनगिनत संस्करण प्रकाशित हो चुके हैं और पाठकों द्वारा इसे सतत सराहा जा रहा है। ‘अदम’ की ग़ज़लें भाषा तथा शैली की दृष्टि से उर्दू अदब की श्रेष्ठ ग़ज़लें हैं और तीव्र भावनाओं की दृष्टि से बेमिसाल भी। अदम की अपनी शैली है, अपना रंग है, अपना तेवर है। अपनी ग़ज़लों में अपनी बात बड़ी शिद्दत से कहते हैं। युवा वर्ग उनकी शायरी के दीवाने रहे हैं।

SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Prakash Pandit (Author)
- Binding :Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2012
- Pages: 104 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170283604
- ISBN-13: 9788170283607
DESCRIPTION:
वर्षों पहले नागरी लिपि में उर्दू की चुनी हुई शायरी के संकलन प्रकाशित कर राजपाल एण्ड सन्ज़ ने पुस्तक प्रकाशन की दुनिया में एक नया कदम उठाया था। उर्दू लिपि न जानने वाले लेकिन शायरी को पसंद करने वाले अनगिनत लोगों के लिए यह एक बड़ी नियामत साबित हुआ और सभी ने इससे बहुत लाभ उठाया। ज्यादातर संकलन उर्दू के सुप्रसिद्ध सम्पादक प्रकाश पंडित ने किये हैं। उन्होंने शायर के सम्पूर्ण लेखन से चयन किया है और कठिन शब्दों के अर्थ साथ ही दे दिये हैं। इसी के साथ, शायर के जीवन और कार्य पर-जिनमें से समकालीन उनके परिचित ही थे-बहुत रोचक और चुटीली भूमिकाएं लिखी हैं। ये बोलती तस्वीरें हैं जो सोने में सुहागे का काम करती हैं। अहमद नदीम कासमी ने अपनी शायरी की शुरुआत ग़ज़ल से की। ग़ज़ल में तो उन्होंने अपना नाम पैदा किया ही, साथ ही उन्होंने नज़्मों, रुबाइयों, कतओं, कहानियों, ड्रामों-साहित्य के सभी क्षेत्रों में लिखा है और बहुत खूब लिखा है। आज पाकिस्तान में अहमद नदीम कासमी का खास मुकाम है और उनकी लोकप्रियता सभी वर्ग के पाठकों में है।

SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Prakash Pandit (Author)
- Binding :Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2017
- Pages: 128 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170283485
- ISBN-13: 9788170283484
DESCRIPTION:
इस अत्यंत लोकप्रिय पुस्तक-माला की शुरुआत 1960 के दशक में हुई जब पहली बार नागरी लिपि में उर्दू की चुनी हुई शायरी के संकलन प्रकाशित कर राजपाल एण्ड सन्ज़ ने हिन्दी पाठकों को उर्दू शायरी का लुत्फ़ उठाने का अवसर प्रदान किया। इस पुस्तक-माला का संपादन उर्दू के सुप्रसिद्ध संपादक प्रकाश पंडित ने किया था। हर पुस्तक में शायर के संपूर्ण लेखन में से बेहतरीन शायरी का चयन है और पाठकों की सुविधा के लिए कठिन शब्दों के अर्थ भी दिए हैं। प्रकाश पंडित ने हर शायर के जीवन और लेखन पर-जिनमें से कुछ समकालीन शायर उनके परिचित भी थे - रोचक और चुटीली भूमिकाएं लिखी हैं। आज तक इस पुस्तक-माला के अनगिनत संस्करण छप चुके हैं। अब इसे एक नई साज-सज्जा में प्रस्तुत किया जा रहा है जिसमें उर्दू शायरी के जानकार सुरेश सलिल ने हर पुस्तक में अतिरिक्त सामग्री जोड़ी है। बीसवीं सदी की उर्दू शायरी में अख़्तर शीरानी की जगह सबसे बड़े रोमांटिक शायर की है। वे प्रकृति की खूबसूरती को नारी की शक्ल देकर अपनी शायरी में सँवारते हैं और यह नारी ही उनकी शायरी की आत्मा है और आकार भी। कभी वह सलमा के रूप में, तो कभी रेहाना के रूप में और कभी शीरीं के रूप में हमारी संवेदना में घुलती है।

SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Dost Mohammad Khan(Author)
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2020
- Pages: 128 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9389373131
- ISBN-13 : 9789389373134
DESCRIPTION:
इस अत्यंत लोकप्रिय पुस्तक-माला की शुरुआत 1960 के दशक में हुई जब पहली बार नागरी लिपि में उर्दू की चुनी हुई शायरी के संकलन प्रकाशित कर राजपाल एण्ड सन्ज़ ने हिन्दी पाठकों को उर्दू शायरी का लुत्फ़ उठाने का अवसर प्रदान किया। शृंखला की हर पुस्तक में शायर के संपूर्ण लेखन में से बेहतरीन शायरी का चयन है और पाठकों की सुविधा के लिए कठिन शब्दों के अर्थ भी दिये हैं; और साथ ही हर शायर के जीवन और लेखन पर रोचक भूमिका भी है। आज तक इस पुस्तक-माला के अनगिनत संस्करण छप चुके हैं। अब इसे एक नई साज-ज्जा में प्रस्तुत किया जा रहा है। मिर्ज़ा ‘दाग़’ (1831 - 1905) प्रेम-मुहब्बत से भरी अपनी रोमानी शायरी के लिए जाने जाते हैं। उनकी शायरी की खासियत है कि वे सरल उर्दू में लिखी हुई है जिसमें फ़ारसी शब्दों का इस्तेमाल कम है। मि़र्जा ‘दाग़’ की परवारिश और तालीम दिल्ली के लालकिले के शाही माहौल में हुई। वे मशहूर उर्दू शायर ज़ौक़ के शागिर्द थे और छोटी उम्र से ही उन्होंने मुशायरों में हिस्सा लेना शुरू कर दिया था। शायरी के ज़रिये ‘दाग़’ ने बहुत नाम कमाया और हैदराबाद के छठे निजाम ने उन्हें हैदराबाद के ‘शाही शायर’ का दर्जा दिया।

SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Prakash Pandit (Author)
- Binding :Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2019
- Pages: 128 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170281547
- ISBN-13: 9788170281542
DESCRIPTION:
इस अत्यंत लोकप्रिय पुस्तक-माला की शुरुआत 1960 के दशक में हुई जब पहली बार नागरी लिपि में उर्दू की चुनी हुई शायरी के संकलन प्रकाशित कर राजपाल एण्ड सन्ज़ ने हिन्दी पाठकों को उर्दू शायरी का लुत्फ़ उठाने का अवसर प्रदान किया। इस पुस्तक-माला का संपादन उर्दू के सुप्रसिद्ध संपादक प्रकाश पंडित ने किया था। हर पुस्तक में शायर के संपूर्ण लेखन में से बेहतरीन शायरी का चयन है और पाठकों की सुविधा के लिए कठिन शब्दों के अर्थ भी दिए हैं। प्रकाश पंडित ने हर शायर के जीवन और लेखन पर-जिनमें से कुछ समकालीन शायर उनके परिचित भी थे - रोचक और चुटीली भूमिकाएं लिखी हैं। आज तक इस पुस्तक-माला के अनगिनत संस्करण छप चुके हैं। अब इसे एक नई साज-सज्जा में प्रस्तुत किया जा रहा है जिसमें उर्दू शायरी के जानकार सुरेश सलिल ने हर पुस्तक में अतिरिक्त सामग्री जोड़ी है। ‘फैज़’ आज के उर्दू शायरों में सबसे अधिक लोकप्रिय हैं. उनकी शायरी ने उर्दू ग़ज़लों और नज़्मों को एक नया रंग, एक नया तेवर दिया है। नयी पीढ़ी का कोई भी शायर ऐसा नहीं कि वह ‘फ़ैज़’ से प्रभावित न हुआ हो. रूप और रस, प्रेम, राजनीति, कला और विचार का जैसा संगम ‘फ़ैज़’ अहमद ‘फ़ैज़’ ने प्रस्तुत किया है, उनकी इस देन पर जितना भी गर्व करें, कम है।

SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Prakash Pandit (Author)
- Binding :Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2017
- Pages: 128 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350641976
- ISBN-13: 9789350641972
DESCRIPTION:
इस अत्यंत लोकप्रिय पुस्तक-माला की शुरुआत 1960 के दशक में हुई जब पहली बार नागरी लिपि में उर्दू की चुनी हुई शायरी के संकलन प्रकाशित कर राजपाल एण्ड सन्ज़ ने हिन्दी पाठकों को उर्दू शायरी का लुत्फ़ उठाने का अवसर प्रदान किया। इस पुस्तक-माला का संपादन उर्दू के सुप्रसिद्ध संपादक प्रकाश पंडित ने किया था। हर पुस्तक में शायर के संपूर्ण लेखन में से बेहतरीन शायरी का चयन है और पाठकों की सुविधा के लिए कठिन शब्दों के अर्थ भी दिए हैं। प्रकाश पंडित ने हर शायर के जीवन और लेखन पर-जिनमें से कुछ समकालीन शायर उनके परिचित भी थे - रोचक और चुटीली भूमिकाएं लिखी हैं। आज तक इस पुस्तक-माला के अनगिनत संस्करण छप चुके हैं। अब इसे एक नई साज-सज्जा में प्रस्तुत किया जा रहा है जिसमें उर्दू शायरी के जानकार सुरेश सलिल ने हर पुस्तक में अतिरिक्त सामग्री जोड़ी है। ‘फ़िराक’ साहब ने अनगिनत ग़ज़लें, नज्में, रुबाइयाँ, क़त्ए इत्यादि लिखे हैं। समालोचक भी वह उच्चकोटि के थे लेकिन स्मरण वे सदा अपनी ग़ज़लों और ग़ज़लों के उन शे’रों के कारण किए जाएंगे जिनकी संख्या सैकड़ों तक पहुँचती है और जो निस्संदेह क्लासिक का दर्जा रखते हैं, उन्हीं शे’रों के कारण जिनमें तसव्वुफ, ग़ज़ल की परम्परागत कथावस्तु से लेकर राजनीति और वर्ग-संघर्ष तक सभी कुछ है।

SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Prakash Pandit (Author)
- Binding :Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2018
- Pages: 96 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350642433
- ISBN-13: 9789350642436
DESCRIPTION:
इस अत्यंत लोकप्रिय पुस्तक-माला की शुरुआत 1960 के दशक में हुई जब पहली बार नागरी लिपि में उर्दू की चुनी हुई शायरी के संकलन प्रकाशित कर राजपाल एण्ड सन्ज़ ने हिन्दी पाठकों को उर्दू शायरी का लुत्फ़ उठाने का अवसर प्रदान किया। इस पुस्तक-माला का संपादन उर्दू के सुप्रसिद्ध संपादक प्रकाश पंडित ने किया था। हर पुस्तक में शायर के संपूर्ण लेखन में से बेहतरीन शायरी का चयन है और पाठकों की सुविधा के लिए कठिन शब्दों के अर्थ भी दिए हैं। प्रकाश पंडित ने हर शायर के जीवन और लेखन पर-जिनमें से कुछ समकालीन शायर उनके परिचित भी थे - रोचक और चुटीली भूमिकाएं लिखी हैं। आज तक इस पुस्तक-माला के अनगिनत संस्करण छप चुके हैं। अब इसे एक नई साज-सज्जा में प्रस्तुत किया जा रहा है जिसमें उर्दू शायरी के जानकार सुरेश सलिल ने हर पुस्तक में अतिरिक्त सामग्री जोड़ी है। ग़ालिब उर्दू के सबसे मशहूर शायर हैं। वे बहादुरशाह जफ़र के ज़माने में हुए और 1857 का ग़दर उन्होंने देखा। अव्यवस्था और निराशा के उस ज़माने में वे अपना हृदयग्राही व्यक्तित्व, मानव-प्रेम, सीधा स्पष्ट यथार्थ और इन सबसे अधिक, दार्शनिक दृष्टि लेकर साहित्य में आये। शुरू में तो लोगों ने उनकी मौलिकता की हँसी उड़ाई लेकिन बाद में उसे इतनी तेज़ी से बढ़ावा मिला कि शायरी की दुनिया का नज़ारा ही बदल गया।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Prakash Pandit (Author)
- Binding :Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2012
- Pages: 96 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170283639
- ISBN-13: 9788170283638
DESCRIPTION:
वर्षों पहले नागरी लिपि में उर्दू की चुनी हुई शायरी के संकलन प्रकाशित कर राजपाल एण्ड सन्ज़ ने पुस्तक प्रकाशन की दुनिया में एक नया कदम उठाया था। उर्दू लिपि न जानने वाले लेकिन शायरी को पसंद करने वाले अनगिनत लोगों के लिए यह एक बड़ी नियामत साबित हुआ और सभी ने इससे बहुत लाभ उठाया। ज्यादातर संकलन उर्दू के सुप्रसिद्ध सम्पादक प्रकाश पंडित ने किये हैं। उन्होंने शायर के सम्पूर्ण लेखन से चयन किया है और कठिन शब्दों के अर्थ साथ ही दे दिये हैं। इसी के साथ, शायर के जीवन और कार्य पर-जिनमें से समकालीन उनके परिचित ही थे-बहुत रोचक और चुटीली भूमिकाएं लिखी हैं। ये बोलती तस्वीरें हैं जो सोने में सुहागे का काम करती हैं। उर्दू शायरी में हफ़ीज जालन्धरी का अपना मुकाम है। आजादी से पहले के दौर में वे शायद सबसे अधिक लोकप्रिय शायर थे, जिनकी नज़्में और ग़ज़लें साहित्य-प्रेमियों की जुबान पर चढ़ी हुई थीं। इनकी शायरी की एक विशेषता यह है कि उन्होंने नये और अछूते विषयों पर कलम चलाई और पढ़ने वालों के दिल और दिमाग पर एकदम छा गये। आज भी उनकी शायरी पहले की तरह मकबूल है।

SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Prakash Pandit (Author)
- Binding :Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2019
- Pages: 128 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350642425
- ISBN-13: 9789350642429
DESCRIPTION:
इस अत्यंत लोकप्रिय पुस्तक-माला की शुरुआत 1960 के दशक में हुई जब पहली बार नागरी लिपि में उर्दू की चुनी हुई शायरी के संकलन प्रकाशित कर राजपाल एण्ड सन्ज़ ने हिन्दी पाठकों को उर्दू शायरी का लुत्फ़ उठाने का अवसर प्रदान किया। इस पुस्तक-माला का संपादन उर्दू के सुप्रसिद्ध संपादक प्रकाश पंडित ने किया था। हर पुस्तक में शायर के संपूर्ण लेखन में से बेहतरीन शायरी का चयन है और पाठकों की सुविधा के लिए कठिन शब्दों के अर्थ भी दिए हैं। प्रकाश पंडित ने हर शायर के जीवन और लेखन पर-जिनमें से कुछ समकालीन शायर उनके परिचित भी थे - रोचक और चुटीली भूमिकाएं लिखी हैं। आज तक इस पुस्तक-माला के अनगिनत संस्करण छप चुके हैं। अब इसे एक नई साज-सज्जा में प्रस्तुत किया जा रहा है जिसमें उर्दू शायरी के जानकार सुरेश सलिल ने हर पुस्तक में अतिरिक्त सामग्री जोड़ी है। उर्दू साहित्य में इक़बाल का स्थान रवीन्द्रनाथ टैगोर के समान है। वे जहाँ एक ओर चिंतनपरक और सूफ़ियाना शायरी के लिए मशहूर हैं, वहीं उन्होंने प्रकृति-चित्रण, राष्ट्रप्रेम और देशभक्ति तथा सर्वधर्म सद्भाव को भी अपनी शायरी का विषय बनाया है। प्रगतिशील शायरी का झंडा सबसे पहले उन्हीं ने उठाया जो बाद में जोश, फ़िराक़, फ़ैज़, साहिर आदि अनेक शायरों में पुष्पित-पल्लवित हुआ।

SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Prakash Pandit (Author)
- Binding :Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2018
- Pages: 128 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350643898
- ISBN-13:9789350643891
DESCRIPTION:
इस अत्यंत लोकप्रिय पुस्तक-माला की शुरुआत 1960 के दशक में हुई जब पहली बार नागरी लिपि में उर्दू की चुनी हुई शायरी के संकलन प्रकाशित कर राजपाल एण्ड सन्ज़ ने हिन्दी पाठकों को उर्दू शायरी का लुत्फ़ उठाने का अवसर प्रदान किया। इस पुस्तक-माला का संपादन उर्दू के सुप्रसिद्ध संपादक प्रकाश पंडित ने किया था। हर पुस्तक में शायर के संपूर्ण लेखन में से बेहतरीन शायरी का चयन है और पाठकों की सुविधा के लिए कठिन शब्दों के अर्थ भी दिए हैं। प्रकाश पंडित ने हर शायर के जीवन और लेखन पर-जिनमें से कुछ समकालीन शायर उनके परिचित भी थे - रोचक और चुटीली भूमिकाएं लिखी हैं। आज तक इस पुस्तक-माला के अनगिनत संस्करण छप चुके हैं। अब इसे एक नई साज-सज्जा में प्रस्तुत किया जा रहा है जिसमें उर्दू शायरी के जानकार सुरेश सलिल ने हर पुस्तक में अतिरिक्त सामग्री जोड़ी है। उर्दू साहित्य में इक़बाल का स्थान रवीन्द्रनाथ टैगोर के समान है। वे जहाँ एक ओर चिंतनपरक और सूफ़ियाना शायरी के लिए मशहूर हैं, वहीं उन्होंने प्रकृति-चित्रण, राष्ट्रप्रेम और देशभक्ति तथा सर्वधर्म सद्भाव को भी अपनी शायरी का विषय बनाया है। प्रगतिशील शायरी का झंडा सबसे पहले उन्हीं ने उठाया जो बाद में जोश, फ़िराक़, फ़ैज़, साहिर आदि अनेक शायरों में पुष्पित-पल्लवित हुआ।

SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Prakash Pandit (Author)
- Binding :Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2017
- Pages: 128 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170283426
- ISBN-13:9788170283423
DESCRIPTION:
इस अत्यंत लोकप्रिय पुस्तक-माला की शुरुआत 1960 के दशक में हुई जब पहली बार नागरी लिपि में उर्दू की चुनी हुई शायरी के संकलन प्रकाशित कर राजपाल एण्ड सन्ज़ ने हिन्दी पाठकों को उर्दू शायरी का लुत्फ़ उठाने का अवसर प्रदान किया। इस पुस्तक-माला का संपादन उर्दू के सुप्रसिद्ध संपादक प्रकाश पंडित ने किया था। हर पुस्तक में शायर के संपूर्ण लेखन में से बेहतरीन शायरी का चयन है और पाठकों की सुविधा के लिए कठिन शब्दों के अर्थ भी दिए हैं। प्रकाश पंडित ने हर शायर के जीवन और लेखन पर-जिनमें से कुछ समकालीन शायर उनके परिचित भी थे - रोचक और चुटीली भूमिकाएं लिखी हैं। आज तक इस पुस्तक-माला के अनगिनत संस्करण छप चुके हैं। अब इसे एक नई साज-सज्जा में प्रस्तुत किया जा रहा है जिसमें उर्दू शायरी के जानकार सुरेश सलिल ने हर पुस्तक में अतिरिक्त सामग्री जोड़ी है। उर्दू साहित्य में इक़बाल का स्थान रवीन्द्रनाथ टैगोर के समान है। वे जहाँ एक ओर चिंतनपरक और सूफ़ियाना शायरी के लिए मशहूर हैं, वहीं उन्होंने प्रकृति-चित्रण, राष्ट्रप्रेम और देशभक्ति तथा सर्वधर्म सद्भाव को भी अपनी शायरी का विषय बनाया है। प्रगतिशील शायरी का झंडा सबसे पहले उन्हीं ने उठाया जो बाद में जोश, फ़िराक़, फ़ैज़, साहिर आदि अनेक शायरों में पुष्पित-पल्लवित हुआ।

SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Prakash Pandit (Author)
- Binding :Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2018
- Pages: 128 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350643847
- ISBN-13:9789350643846
DESCRIPTION:
इस अत्यंत लोकप्रिय पुस्तक-माला की शुरुआत 1960 के दशक में हुई जब पहली बार नागरी लिपि में उर्दू की चुनी हुई शायरी के संकलन प्रकाशित कर राजपाल एण्ड सन्ज़ ने हिन्दी पाठकों को उर्दू शायरी का लुत्फ़ उठाने का अवसर प्रदान किया। इस पुस्तक-माला का संपादन उर्दू के सुप्रसिद्ध संपादक प्रकाश पंडित ने किया था। हर पुस्तक में शायर के संपूर्ण लेखन में से बेहतरीन शायरी का चयन है और पाठकों की सुविधा के लिए कठिन शब्दों के अर्थ भी दिए हैं। प्रकाश पंडित ने हर शायर के जीवन और लेखन पर-जिनमें से कुछ समकालीन शायर उनके परिचित भी थे - रोचक और चुटीली भूमिकाएं लिखी हैं। आज तक इस पुस्तक-माला के अनगिनत संस्करण छप चुके हैं। अब इसे एक नई साज-सज्जा में प्रस्तुत किया जा रहा है जिसमें उर्दू शायरी के जानकार सुरेश सलिल ने हर पुस्तक में अतिरिक्त सामग्री जोड़ी है। मजाज़ (1911-1955) अपनी प्रेम और क्रान्ति से भरपूर शायरी के लिए मशहूर हैं। ग़ज़ल और नज़्म उनकी खासियत थी। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के लिए लिखा तराना ‘ये मेरा चमन, ये मेरा चमन, मैं अपने चमन का बुलबुल हूँ’ आज भी लोकप्रिय है। अपनी ज़िन्दगी में उन्होंने जिससे प्यार किया उसे वे पा न सके और इसी दौर में उन्होंने सबसे खूबसूरत और मोहब्बत भरी ग़ज़लें और नज़्में लिखीं। आखिर के दिनों में उनकी मानसिक हालत खराब हो गई और वे बेतहाशा शराब पीने लग गये थे और एक दिन शराब ही उनकी मौत की वजह बनी।

SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Prakash Pandit (Author)
- Binding :Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2018
- Pages: 128 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350641992
- ISBN-13:9789350641996
DESCRIPTION:
इस अत्यंत लोकप्रिय पुस्तक-माला की शुरुआत 1960 के दशक में हुई जब पहली बार नागरी लिपि में उर्दू की चुनी हुई शायरी के संकलन प्रकाशित कर राजपाल एण्ड सन्ज़ ने हिन्दी पाठकों को उर्दू शायरी का लुत्फ़ उठाने का अवसर प्रदान किया। इस पुस्तक-माला का संपादन उर्दू के सुप्रसिद्ध संपादक प्रकाश पंडित ने किया था। हर पुस्तक में शायर के संपूर्ण लेखन में से बेहतरीन शायरी का चयन है और पाठकों की सुविधा के लिए कठिन शब्दों के अर्थ भी दिए हैं। प्रकाश पंडित ने हर शायर के जीवन और लेखन पर-जिनमें से कुछ समकालीन शायर उनके परिचित भी थे - रोचक और चुटीली भूमिकाएं लिखी हैं। आज तक इस पुस्तक-माला के अनगिनत संस्करण छप चुके हैं। अब इसे एक नई साज-सज्जा में प्रस्तुत किया जा रहा है जिसमें उर्दू शायरी के जानकार सुरेश सलिल ने हर पुस्तक में अतिरिक्त सामग्री जोड़ी है। मजाज़ (1911-1955) अपनी प्रेम और क्रान्ति से भरपूर शायरी के लिए मशहूर हैं। ग़ज़ल और नज़्म उनकी खासियत थी। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के लिए लिखा तराना ‘ये मेरा चमन, ये मेरा चमन, मैं अपने चमन का बुलबुल हूँ’ आज भी लोकप्रिय है। अपनी ज़िन्दगी में उन्होंने जिससे प्यार किया उसे वे पा न सके और इसी दौर में उन्होंने सबसे खूबसूरत और मोहब्बत भरी ग़ज़लें और नज़्में लिखीं। आखिर के दिनों में उनकी मानसिक हालत खराब हो गई और वे बेतहाशा शराब पीने लग गये थे और एक दिन शराब ही उनकी मौत की वजह बनी।

SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Prakash Pandit (Author)
- Binding :Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2017
- Pages: 100 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350643138
- ISBN-13:9789350643136
DESCRIPTION:
इस अत्यंत लोकप्रिय पुस्तक-माला की शुरुआत 1960 के दशक में हुई जब पहली बार नागरी लिपि में उर्दू की चुनी हुई शायरी के संकलन प्रकाशित कर राजपाल एंड सन्स ने हिंदी पाठकों को उर्दू शायरी का लुत्फ़ उठाने का अवसर प्रदान किया। इस पुस्तक-माला का संपादन उर्दू के सुप्रसिद्ध संपादक प्रकाश पंडित ने किया था। हर पुस्तक में शायर के संपूर्ण लेखन में से बेहतरीन शायरी का चयन है और पाठकों की सुविधा के लिए कठिन शब्दों के अर्थ भी दिए हैं। प्रकाश पंडित ने हर शायर के जीवन और लेखन पर- जिनमें से कुछ समकालीन शायर उनके परिचित भी थे- रोचक और चुटीली भूमिकाएं लिखी हैं। आज तक इस पुस्तक-माला के अनगिनत संस्करण छप चुके हैं। अब इसे एक नई साज-सज्जा में प्रस्तुत किया जा रहा है जिसमें उर्दू शायरी के जानकार सुरेश सलिल ने हर पुस्तक में अतिरिक्त सामग्री जोड़ी है। प्रसिद्ध शायर मीर तक़ी ‘मीर’ को हुए दो सौ से ज़्यादा साल गुज़र गये पर वे जैसे अपने समय में लोकप्रिय थे, वैसे ही आज भी हैं। इसकी वजह यह है कि उन्होंने अपने दुःख की भावना को इतना प्रबल कर दिया कि बिलकुल सीधे-सादे शब्दों में कही उनकी बात हर ज़माने के लोगों को प्रभावित करने लगी।

The lonely man is looking in desperation. He is filled in loneliness. A beautiful combination of colours has made the painting an attractive one. Orange, maroon, black and yellow have created a resplendent impact. A batik artist needs to have a good sense of colours and patterns. Line formations is also important to yield a beautiful impact. Though the motifs used in batik are simple, knowledge of color gradations and tack to remove wax finely are required.
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