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SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Upendranath Ashk
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2014
- Pages: 124 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350642298
- ISBN-13 :9789350642290
DESCRIPTION:
अश्क एक प्रगतिशील यथार्थवादी लेखक थे जिनकी कहानियों में सच्चाई का बहुत ही दिल को छूने वाला वर्णन मिलता है। बीस साल की उम्र में उनकी कहानियों का पहला संग्रह प्रकाशित हुआ और उनकी दूसरी कहानी-संग्रह की भूमिका मुंशी प्रेमचन्द ने लिखी थी। अपने को लेखन में पूरी तरह समर्पित करने से पहले उन्होंने ऑल इंडिया रेडियो और अखबारों में पत्रकार के रूप में भी काम किया और कई हिन्दी फिल्मों की पटकथा और संवाद भी लिखे। कहानी, नाटक और कविता के अलावा उन्होंने संस्मरण भी लिखे। अश्क की कहानी ‘डाची’ हिन्दी और उर्दू लेखन में एक मील का पत्थर मानी जाती है।

SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Sheoraj Singh Bechain
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2019
- Pages: 128 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9389373050
- ISBN-13 :9789389373059
DESCRIPTION:
दलित लेखन आज भारतीय साहित्य का प्रमुख हिस्सा है। दलित जीवन के यथार्थ को खास तल्खी और गहरी संवेदना से चित्रित करने के लिए श्यौराज सिंह ‘बेचैन’ की कहानियाँ प्रसिद्ध हैं। ये कहानियाँ केवल भारतीय सामाजिक व्यवस्था की क्रूर सच्चाई को ही नहीं बतातीं बल्कि मनुष्यता के सार्वभौम सवाल को भी पाठकों के सामने खड़ा करती हैं। जीवन संघर्ष के चित्रण से भरी ये कहानियाँ अपनी प्रभावशाली शैली के कारण पाठकों को देर तक याद रहेंगी। इस पुस्तक में लेखक ने अपनी नौ सबसे प्रिय कहानियाँ चुनी हैं और उनकी विस्तृत भूमिका भी लिखी है।

SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Mannu Bhandari
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2017
- Pages: 136 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350640600
- ISBN-13 :9789350640609
DESCRIPTION:
हिन्दी के कहानी लेखकों में मन्नू भंडारी का अग्रणी स्थान है। उनकी कहानियों में नारी-जीवन के उन अन्तरंग अनुभवों को विशेष रूप से अभिव्यक्ति दी गई है जो उनके नितांत अपने हैं और पुरुष कहानीकारों की रचनाओं में प्रायः नहीं मिलते। वैसे मन्नू भंडारी ने अपने अन्य समकालीन समर्थ लेखकों की तरह ही लगभग सभी पहलुओं पर सशक्त कहानियाँ लिखी हैं।

SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Abdul Bismillah(Author)
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2017
- Pages: 128 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 93865340710
- ISBN-13 :9789386534071
DESCRIPTION:
भारतीय समाज के बदलते यथार्थ के नए चित्र बेहद रोचक ढंग से अब्दुल बिस्मिल्लाह ने अपनी इन कहानियों में प्रस्तुत किये हैं। जीवन के संघर्ष के कठिन और प्रेरणादायी प्रसंग इनमें बहुधा आये हैं। और लेखक की निगाह समाज के सभी कोनों, अंतरों में बराबर जाती है जहाँ सामाजिक सरोकारों से वे अपनी रचनाशीलता को अलग नहीं होने देते वहाँ भी किस्सागोई का शुद्ध भारतीय ढंग इन कहानियों को अपनी धरोहर बना लेता है। कथा रस के साथ यथार्थ की ये युगलबंदी ही हिन्दी कहानी में अब्दुल बिस्मिल्लाह की उपस्तिथि को विशेष बनाती है।

SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Acharya Chatursen (Author)
- Binding :Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2017
- Pages: 128 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 93506405210
- ISBN-13 :9789350640524
DESCRIPTION:
हिन्दी के कथाकारों में आचार्य चतुरसेन का महत्त्वपूर्ण स्थान है। आचार्य जी ने मुग़लकालीन तथा ब्रिटिश इतिहास का अध्ययन विशेष रूप से किया था। तत्कालीन राजघरानों से उनका निकट का संबंध रहा था, इनको आधार बनाकर उन्होंने सैंकड़ों कहानियाँ तथा अनेक उपन्यास लिखे जो आज भी सार्थक हैं। साथ ही, सामाजिक विषयों पर उत्कृष्ट कहानियाँ भी लिखीं। प्रस्तुत संकलन की कहानियाँ उन्होंने स्वयं पसंद कीं और उन पर टिप्पणियाँ भी लिखी हैं।

SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Acharya Chatursen (Author)
- Binding :Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2012
- Pages: 144 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350640511
- ISBN-13 :9789350640517
DESCRIPTION:
हिन्दी के कथाकारों में आचार्य चतुरसेन का महत्त्वपूर्ण स्थान है। आचार्य जी ने मुग़लकालीन तथा ब्रिटिश इतिहास का अध्ययन विशेष रूप से किया था। तत्कालीन राजघरानों से उनका निकट का संबंध रहा था, इनको आधार बनाकर उन्होंने सैंकड़ों कहानियाँ तथा अनेक उपन्यास लिखे जो आज भी सार्थक हैं। साथ ही, सामाजिक विषयों पर उत्कृष्ट कहानियाँ भी लिखीं। प्रस्तुत संकलन की कहानियाँ उन्होंने स्वयं पसंद कीं और उन पर टिप्पणियाँ भी लिखी हैं।

SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Mamta Kalia (Author)
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2019
- Pages: 128 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350643863
- ISBN-13 : 9789350643860
DESCRIPTION:
हिन्दी के समकालीन कथाकारों में वरिष्ठ ममता कालिया का लेखन नया और ताजगी भरा लगता है क्योंकि वे अपने आप को लगातार पुनर्नवा करती रही हैं। नब्बे के दशक में आये स्त्री विमर्श की नयी उत्तेजना के बहुत पहले उन्होंने ‘आपकी छोटी लड़की’ जैसी कहानी लिखी थी तो बिलकुल इधर के सामाजिक संक्रमण का राष्ट्रीय रूपक ‘दल्ली’ में देखा जा सकता है। ममता कालिया की भाषा की बहुत प्रशंसा हुई है। ब्रज की मिठास हो या इलाहाबाद का अवधी रंग - इस भाषा ने फिर साबित किया है कि सीधी लकीर खींचना सचमुच टेढ़ा काम है। हिन्दी कहानी को ऊँचाई देने वाली इस कथाकार की अपनी प्रिय कहानियों का यह संग्रह पाठकों को प्रिय होगा इसमें संदेह नहीं।

SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Ravindra Kalia (Author)
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2017
- Pages: 144 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350643049
- ISBN-13 : 9789350643044
DESCRIPTION:
हिन्दी साहित्य में ‘नयी कहानी आन्दोलन’ के बाद उभरे लेखकों में अपनी विशिष्ट पहचान बनाने वाले लेखक रवीन्द्र कालिया की कहानियों की मौलिक विशेषता है युवा जीवन की संवेदनाओं का रेखांकन। उनकी कहानियों में हमारे शहरों-कस्बों की ज़िन्दगी में आ गयी जकड़बन्दी और दमघोंटू वातावरण का सजीव चित्रण है जो पाठकों को यथास्थिति से टकराने का हौंसला देता है। विधा के स्तर पर भी वे प्रयोगशील हैं और सामान्य कहानियों के साथ लम्बी कहानी का सधा हुआ कौशल भी उनके यहाँ दिखाई देता है। वे अपने लेखन में किसी शैली या भंगिमा को स्थायी नहीं बनने देते बल्कि लगातार नया-अलहदा और भिन्न रचने की तड़प उन्हें अपनी पीढ़ी में आदर्श कथाकार होने की वजह देती है। इन कहानियों का चुनाव स्वयं रवीन्द्र कालिया ने किया था और 2016 में उनके असामयिक निधन के बाद उनकी पत्नी ममता कालिया इन्हें पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रही हैं।

SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Kamleshwar (Author)
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2018
- Pages: 128 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350640589
- ISBN-13 :9789350640586
DESCRIPTION:
हिन्दी साहित्य के आधुनिक कहानीकारों में कमलेश्वर की कहानियों का ऊँचा स्थान है। कहानी को एक सार्थक और समानतापरक मोड़ देने में इनका बड़ा हाथ रहा है। इस संकलन में कमलेश्वर की अपनी प्रिय कहानियाँ, उनकी कहानी-सम्बन्धी मूल धारणाओं को व्यक्त करने वाली भूमिका के साथ, संकलित हैं।

SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Kamleshwar (Author)
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2012
- Pages: 128 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350640570
- ISBN-13 :9789350640579
DESCRIPTION:
हिन्दी साहित्य के आधुनिक कहानीकारों में कमलेश्वर की कहानियों का ऊँचा स्थान है। कहानी को एक सार्थक और समानतापरक मोड़ देने में इनका बड़ा हाथ रहा है। इस संकलन में कमलेश्वर की अपनी प्रिय कहानियाँ, उनकी कहानी-सम्बन्धी मूल धारणाओं को व्यक्त करने वाली भूमिका के साथ, संकलित हैं।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Kamtanath (Author)
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2013
- Pages: 152 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350641119
- ISBN-13 :9789350641118
DESCRIPTION:
कामतानाथ की मुख्य पहचान एक कहानीकार के रूप में थी। नयी कहानी के बाद 1960 के दशक में जो युवा कथाकारों की पीढ़ी सामने आईं, वे उसके अग्रणी हस्ताक्षर थे। उनकी कृतियों में वर्गीय दृष्टि और क्रांतिकारी चेतना अलग से ध्यान खींचती है। ‘मुक्तिबोध पुरस्कार’, उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान की ओर से ‘यशपाल पुरस्कार’, ‘साहित्य भूषण’ और ‘महात्मा गांधी सम्मान’ से अलंकृत कामतानाथ की साहित्यिक यात्रा 8 दिसम्बर 2012 को संपूर्ण हुई, लेकिन उनकी सृजनात्मकता उनकी कृतियों के माध्यम से हमेशा जीवित रहेगी।

SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Kamtanath (Author)
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2015
- Pages: 152 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350641127
- ISBN-13 :9789350641125
DESCRIPTION:
कामतानाथ की मुख्य पहचान एक कहानीकार के रूप में थी। नयी कहानी के बाद 1960 के दशक में जो युवा कथाकारों की पीढ़ी सामने आईं, वे उसके अग्रणी हस्ताक्षर थे। उनकी कृतियों में वर्गीय दृष्टि और क्रांतिकारी चेतना अलग से ध्यान खींचती है। ‘मुक्तिबोध पुरस्कार’, उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान की ओर से ‘यशपाल पुरस्कार’, ‘साहित्य भूषण’ और ‘महात्मा गांधी सम्मान’ से अलंकृत कामतानाथ की साहित्यिक यात्रा 8 दिसम्बर 2012 को संपूर्ण हुई, लेकिन उनकी सृजनात्मकता उनकी कृतियों के माध्यम से हमेशा जीवित रहेगी।

SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Govind Mishra (Author)
- Binding :Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2013
- Pages: 128 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350641267
- ISBN-13 :9789350641262
DESCRIPTION:
जिसके लिए हर रचना जीवन-मरण का प्रश्न हो, उसकी संवेदना की गहराई कितनी होगी-यह उत्सुकता स्वाभाविक है। व्यास सम्मान और साहित्य अकादमी (केन्द्रीय) पुरस्कार से सम्मानित गोविन्द मिश्र का लेखन विविध और विस्तृत है, जिसमें उपन्यास, कहानियाँ, यात्रावृत्त, निबन्ध, कविताएँ और बालकथाएँ...यहाँ तक कि आलोचना भी है...लेकिन अगर केवल कुछ कहानियों को ही पढ़कर उनकी संवेदनात्मक गहराई तक पहुँचना हो तो इस संकलन की कहानियाँ, यथेष्ट मदद कर सकती हैं...यहाँ भारतीय गाँव, कस्बे, महानगर से लेकर विदेश तक फैली कथा-भूमि है, बच्चों से लेकर बूढ़ों तक उपस्थिति है...।

SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Govind Mishra (Author)
- Binding :Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2013
- Pages: 128 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350641259
- ISBN-13 :9789350641255
DESCRIPTION:
जिसके लिए हर रचना जीवन-मरण का प्रश्न हो, उसकी संवेदना की गहराई कितनी होगी-यह उत्सुकता स्वाभाविक है। व्यास सम्मान और साहित्य अकादमी (केन्द्रीय) पुरस्कार से सम्मानित गोविन्द मिश्र का लेखन विविध और विस्तृत है, जिसमें उपन्यास, कहानियाँ, यात्रावृत्त, निबन्ध, कविताएँ और बालकथाएँ...यहाँ तक कि आलोचना भी है...लेकिन अगर केवल कुछ कहानियों को ही पढ़कर उनकी संवेदनात्मक गहराई तक पहुँचना हो तो इस संकलन की कहानियाँ, यथेष्ट मदद कर सकती हैं...यहाँ भारतीय गाँव, कस्बे, महानगर से लेकर विदेश तक फैली कथा-भूमि है, बच्चों से लेकर बूढ़ों तक उपस्थिति है...।

SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Chitra Mudgal(Author)
- Binding :Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2019
- Pages: 128 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10:9350641275
- ISBN-13: 9789350641279
DESCRIPTION:
‘व्यास सम्मान’, बिहार राजभाषा परिषद् तथा हिन्दी अकादमी से पुरस्कृत चित्रा मुद्गल हिन्दी की सुपरिचित कहानीकार हैं। उनकी बीस से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है जिनमें ‘जिनावर’ और ‘एक ज़मीन अपनी’ विशेष रूप से चर्चित रहीं। चित्रा जी की कहानियाँ कोरी कल्पना पर आधारित न होकर ठोस यथार्थ से पाठक को रू-ब-रू कराती हैं। उनकी कहानियाँ पात्रों को स्वयं अपने मानवीय मूल्यों के प्रति सजग करती हैं। उसके जड़ चेतन को कुरेदती हैं। इसीलिए ये कहानियाँ पाठकों पर गहरा और दूरगामी असर छोड़ती हैं।

SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Chitra Mudgal(Author)
- Binding :Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2013
- Pages: 128 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10:9350641283
- ISBN-13: 9789350641286
DESCRIPTION:
‘व्यास सम्मान’, बिहार राजभाषा परिषद् तथा हिन्दी अकादमी से पुरस्कृत चित्रा मुद्गल हिन्दी की सुपरिचित कहानीकार हैं। उनकी बीस से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है जिनमें ‘जिनावर’ और ‘एक ज़मीन अपनी’ विशेष रूप से चर्चित रहीं। चित्रा जी की कहानियाँ कोरी कल्पना पर आधारित न होकर ठोस यथार्थ से पाठक को रू-ब-रू कराती हैं। उनकी कहानियाँ पात्रों को स्वयं अपने मानवीय मूल्यों के प्रति सजग करती हैं। उसके जड़ चेतन को कुरेदती हैं। इसीलिए ये कहानियाँ पाठकों पर गहरा और दूरगामी असर छोड़ती हैं।

SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Amritlal Nagar(Author)
- Binding :Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2016
- Pages: 128 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350640651
- ISBN-13: 9789350640654
DESCRIPTION:
प्रेमचंद के बाद के कथाकारों में अमृतलाल नागर का स्थान बहुत ऊँचा है, और उन्हें हिन्दी साहित्य को विश्व स्तर पर ले जाने का गौरव प्राप्त है। उपन्यासों की भांति उनकी कहानियाँ भी सभी रंगों में लिखी गई हैं और बहुत पसंद की जाती रही हैं। इस संकलन के लिए उन्होंने स्वयं कहानियाँ चुनी हैं जो उनकी समग्र कथायात्रा का प्रतिनिधित्व करती हैं।

SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Swayam Prakash (Author)
- Binding :Paperback
- Language: Hindi
- Edition :2014
- Pages: 132 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350642239
- ISBN-13: 9789350642238
DESCRIPTION:
स्वयं प्रकाश की कहानियां भारतीय जीवन के हर्ष-विषाद, उथल पुथल और मामूली समझी जाने वाली स्थितियों का सटीक वर्णन और विश्लेषण करती हैं। इसके लिए वे अपनी कथा-भाषा में व्यंग्य-चुहल और बतकही का इस्तेमाल करते हैं। बड़ी बात यह नहीं है कि एक कथाकार अपनी कहानियों में महान सत्य का उद्घाटन करे, अपितु बड़ी बात यह है कि जीवन सत्य उन घटनाओं और परिस्थितियों में स्वतः निकल पड़ता हो। मार्क्सवादी विचारधारा की रोशनी को लेखन के लिए ज़रूरी मानने वाले इस लेखक की रचनाएं बताती हैं कि वह अपने देश के मामूली लोगों और उनके जीवन-संघर्ष को कितना मान देते हैं, कितना प्यार करते हैं।

SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Premchand (Author)
- Binding :Paperback
- Language: Hindi
- Edition :2017
- Pages: 136 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350640880
- ISBN-13: 9789350640883
DESCRIPTION:
हिन्दी के पाठकों का प्रेमचन्द की कहानियों के प्रति विशेष आकर्षण रहा है। वे कहानियां यदि लेखक की भी पसंदीदा हों और उन्हें आलोचकों ने भी सराहा हो तो कहना ही क्या! ऐसी ही चुनिंदा कहानियों को पाठकों के लिए इस पुस्तक में संगृहीत किया गया है। यथार्थ की सच्चाइयों से रू-ब-रू कराती इन कहानियों को पढ़ते हुए पाठक उनमें पूरी तरह खो जाता है। यही कहानीकार की सफलता का मूल मन्त्र है और यही प्रेमचन्द की विशेषता है।

SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Amrita Pritam (Author)
- Binding :Paperback
- Language: Hindi
- Edition :2018
- Pages: 132 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350641933
- ISBN-13:9789350641934
DESCRIPTION:
वर्ष 1982 में भारतीय ज्ञानपीठ से सम्मानित और सौ से ज़्यादा रचनाओं की लेखिका अमृता प्रीतम ने अपनी कविताओं की तरह ही कहानियों में भी विशेष छाप छोड़ी है। उनकी कहानियाँ नारी की स्थिति, पीड़ा, विडंबना और विसंगतियों को उजागर करती हैं। नारी हृदय में व्याप्त प्रेम और करुणा का जैसा चित्रण अमृता प्रीतम ने किया है वह सीधा दिल को जाकर छूता है। ऐसी ही मार्मिक अभिव्यक्ति से ओत-प्रोत कहानियाँ इस संकलन में पाठकों के लिए प्रस्तुत हैं।

SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Rangey Raghav (Author)
- Binding :Paperback
- Language: Hindi
- Edition :2014
- Pages: 128 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350640481
- ISBN-13:9789350640487
DESCRIPTION:
अपने छोटे-से जीवन-काल में रांगेय राघव ने जो कीर्तिमान स्थापित किए, वह कई लेखकों को लंबे संघर्ष के बाद भी प्राप्त नहीं होते। उपन्यासों की तरह ही उनकी कहानियाँ भी काफी लोकप्रिय हैं। उनकी कहानियों की विषय-वस्तु आम जन-जीवन से ली गई है जिससे पाठक सहज ही तादात्म्य स्थापित कर लेता है। प्रस्तुत पुस्तक में रांगेय राघव की चुनी हुई कहानियों को उनकी परिचयात्मक टिप्पणी के साथ संकलित किया गया है।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Rangey Raghav (Author)
- Binding Hardcover
- Language: Hindi
- Edition :2012
- Pages: 128 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350640473
- ISBN-13: 9789350640470
DESCRIPTION:
अपने छोटे-से जीवन-काल में रांगेय राघव ने जो कीर्तिमान स्थापित किए, वह कई लेखकों को लंबे संघर्ष के बाद भी प्राप्त नहीं होते। उपन्यासों की तरह ही उनकी कहानियाँ भी काफी लोकप्रिय हैं। उनकी कहानियों की विषय-वस्तु आम जन-जीवन से ली गई है जिससे पाठक सहज ही तादात्म्य स्थापित कर लेता है। प्रस्तुत पुस्तक में रांगेय राघव की चुनी हुई कहानियों को उनकी परिचयात्मक टिप्पणी के साथ संकलित किया गया है।

SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Mohan Rakesh (Author)
- Binding :Paperback
- Language: Hindi
- Edition :2018
- Pages: 120 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350640627
- ISBN-13:9789350640623
DESCRIPTION:
हिन्दी कहानी को कथा और शैली दोनों ही दृष्टियों से नई दिशा देने वाले लेखकों में मोहन राकेश का अग्रणी स्थान है। उन्होंने कम ही लिखा परंतु उनकी अनेक कहानियाँ साहित्य की अमर निधि बन गईं। प्रस्तुत संकलन में उनकी अपने ही द्वारा चुनी हुई कहानियाँ हैं तथा अपने लेखन व रचना प्रक्रिया के संबंध में विशेष रूप में लिखी गई भूमिका भी है।

SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Mohan Rakesh (Author)
- Binding :Hadcover
- Language: Hindi
- Edition :2012
- Pages: 120 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350640619
- ISBN-13:9789350640616
DESCRIPTION:
हिन्दी कहानी को कथा और शैली दोनों ही दृष्टियों से नई दिशा देने वाले लेखकों में मोहन राकेश का अग्रणी स्थान है। उन्होंने कम ही लिखा परंतु उनकी अनेक कहानियाँ साहित्य की अमर निधि बन गईं। प्रस्तुत संकलन में उनकी अपने ही द्वारा चुनी हुई कहानियाँ हैं तथा अपने लेखन व रचना प्रक्रिया के संबंध में विशेष रूप में लिखी गई भूमिका भी है।
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