Products

Filters

All products

17761 products

Showing 12361 - 12384 of 17761 products
View
Save 51%
Rust and Green Saree with Sequins WorkRust and Green Saree with Sequins Work
Rust and Green Saree with Sequins Work
The spectacular Rust and Green Saree is given an amazing finishing touch with some sparkling sequins work. You will look gorgeous in this georgette saree and is a perfect piece for your summer wardrobe. The transparent piece is ideal for any party or any such special occasion like wedding. The sequins works make the saree look even more beautiful. The fashionable, adorable and stylish saree is the most ideal piece for your outing
From $39 $79
Rust Patina Finish Decorative Box Indian Home decor 6.25"Rust Patina Finish Decorative Box Indian Home decor 6.25"
Rust Patina Finish Decorative Box Indian Home decor 6.25"
Specification
  • Product Code :6244
  • Material :Brass
  • Size :4"H x 6.25"W x 5.50"D
  • Weight :1.450 Kg.
    Description
    $95
    Rusty Aur CheetahRusty Aur Cheetah
    Rusty Aur Cheetah
    SPECIFICATION:
    • Publisher : Rajpal and Sons
    • By:  Ruskin Bond
    • Binding : Paperback
    • Language :  Hindi
    • Edition : 2019
    • Pages: 224 pages
    • Size : 20 x 14 x 4 cm
    • ISBN-10: 9386534894
    • ISBN-13 :9789386534897

    DESCRIPTION:

    रस्टी की ज़िन्दगी की कहानियों की कड़ी में यह तीसरी किताब है। रस्टी अपने अभिभावक का घर छोड़ चुका है और कपूर परिवार के साथ रहने आता है। वहाँ वह उनके बेटे किशन को पढ़ाता है और उससे उसकी अच्छी दोस्ती हो जाती है। बेहद सुन्दर, किशन की माँ, मीना कपूर, से रस्टी बहुत प्रभावित है और उनसे बहुत कुछ सीखता है। अचानक मीना की मौत हो जाने के बाद रस्टी और किशन देहरा छोड़ देते हैं और दून घाटी और गढ़वाल के पहाड़ों की ओर निकल जाते हैं। इस दौरान रस्टी और किशन के साथ क्या गुज़रता है यही है इस पुस्तक का ताना-बाना। ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’, ‘पद्मश्री’ और ‘पद्मभूषण’ से सम्मानित रस्किन बॉन्ड की अन्य उल्लेखनीय पुस्तकें हैं – रूम ऑन द रूफ़, वे आवारा दिन, एडवेंचर्स ऑफ़ रस्टी, नाइट ट्रेन ऐट देओली, दिल्ली अब दूर नहीं, उड़ान, पैन्थर्स मून, अंधेरे में एक चेहरा, अजब-गज़ब मेरी दुनिया, मुट्ठी भर यादें, रसिया, रस्टी जब भाग गया, रस्टी की घर वापसी और रस्टी चला लंदन की ओर।

                            $17
                            Rusty Chala London Ki OreRusty Chala London Ki Ore
                            Rusty Chala London Ki Ore
                            SPECIFICATION:
                            • Publisher : Rajpal and Sons
                            • By:  Ruskin Bond
                            • Binding : Paperback
                            • Language :  Hindi
                            • Edition : 2019
                            • Pages: 128 pages
                            • Size : 20 x 14 x 4 cm
                            • ISBN-10: 9386534908
                            • ISBN-13 :9789386534903

                            DESCRIPTION:

                            बीस साल की उम्र पार करते ही रस्टी देहरा छोड़कर लंदन चला जाता है। उसके मन में सपना है वहाँ जाकर एक लेखक बनने का। दिन में वह क्लर्क की नौकरी करता है और देर रात जागकर लिखता है। तीन साल वहाँ बिताने के बावजूद, रस्टी को लंदन रास नहीं आता। उसके मन में, यादों में अब भी बसा है भारत और देहरा, जहाँ उसने अपना बचपन बिताया था। आखिरकार वह देहरा वापिस आ जाता है और फिर वहीं रहता है। लंदन में रस्टी के साथ अनेक मज़ेदार किस्से होते हैं जो इस किताब में सम्मिलित हैं। रस्किन बॉन्ड भारत के अत्यन्त लोकप्रिय लेखक हैं। लोकप्रिय पात्र, रस्टी, की कहानियों की शृंखला में रस्किन बॉन्ड की यह चौथी किताब है। ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’, ‘पद्मश्री’ और ‘पद्मभूषण’ से सम्मानित सम्मानित रस्किन बॉन्ड की अन्य उल्लेखनीय पुस्तकें हैं – रूम ऑन द रूफ़, वे आवारा दिन, एडवेंचर्स ऑफ़ रस्टी, नाइट ट्रेन ऐट देओली, दिल्ली अब दूर नहीं, उड़ान, पैन्थर्स मून, अंधेरे में एक चेहरा, अजब-गज़ब मेरी दुनिया, मुट्ठी भर यादें, रसिया, रस्टी और चीता, रस्टी की घर वापसी और रस्टी जब भाग गया।

                                                    $13
                                                    Rusty Comes Home
                                                    Rusty Comes Home
                                                    Rusty returns to his beloved hills, never to leave again Rusty Comes Home is the fifth and final volume in Puffin's complete collection of Ruskin Bond's ever-popular Rusty stories. A lonely and sensitive boy who lost his father early, Rusty spent his childhood in boarding schools and with relatives in Dehra. While still a teenager, he ran away from his foster home and had myriad adventures before landing up in London with the ambition of becoming a writer. This book chronicles Rusty's exploits after his return from London, as he explores Delhi, Dehra and the small, dusty town of Shahganj before settling down in Mussoorie, making his living as a writer, and revelling in the hills that have always fascinated him. Rusty Comes Home contains some captivating stories about Rusty's friends and fleeting acquaintances, about human nature and the supernatural. Among his friends in Shahganj are Ketan, a victim of the Partition and prone to paralytic fits; Madhu, a child whose life is tragically cut short, but not before she leaves an indelible impression on Rusty; and Suresh, a disabled child with whom Rusty strikes up a close bond. In Dehra he meets up with his genial Uncle Bill, who makes it his habit to poison people with arsenic; the incredible Jimmy, a jinn who can extend his arms at will to infinite lengths; and Miss Pettibone, the oldest resident of Dehra, who enthralls him with riveting stories from the town's past. Then there is the unnamed basket-selling girl he meets by chance on the Deoli railway platform and can never forget; and Binya, a young and vivacious widow, who floats into his life on the strains of a song. Full of charming and idiosyncratic characters, these stories of love, loss and adventure will appeal to young readers of all ages.
                                                    $16
                                                    Rusty Jab Bhag GayaRusty Jab Bhag Gaya
                                                    Rusty Jab Bhag Gaya
                                                    SPECIFICATION:
                                                    • Publisher : Rajpal and Sons
                                                    • By:  Ruskin Bond
                                                    • Binding : Paperback
                                                    • Language :  Hindi
                                                    • Edition : 2019
                                                    • Pages: 176 pages
                                                    • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                    • ISBN-10: 9386534886
                                                    • ISBN-13 :9789386534880

                                                    DESCRIPTION:

                                                    बारह वर्षीय रस्टी की दुनिया में उथल-पुथल मच जाती है जब उसके पिता और नानी का देहान्त हो जाता है। रस्टी को अब मिस्टर हैरिसन के साथ रहना पड़ता है, लेकिन वे उसकी देखभाल की ज़िम्मेदारी उठाने के लिए तैयार नहीं हैं और रस्टी को बोर्डिंग स्कूल भेज देते हैं। स्कूल से दुखी और दुनिया देखने को बेचैन रस्टी स्कूल से भाग जाने का प्लान बनाता है लेकिन सफल नहीं हो पाता और एक बार फिर अपने अभिभावक, मिस्टर हैरिसन, के पास वापिस पहुँच जाता है। सत्रह साल के रस्टी को मिस्टर हैरिसन के साथ रहना कबूल नहीं है और वह हमेशा के लिए उनका घर छोड़ देता है। बचपन और जवानी के बीच के समय के दिलकश किस्सों का यह संकलन रस्टी की कहानी-शृंखला की दूसरी पुस्तक है। ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’, ‘पद्मश्री’ और ‘पद्मभूषण’ से सम्मानित रस्किन बॉन्ड की अन्य उल्लेखनीय पुस्तकें हैं - रूम ऑन द रूफ़, वे आवारा दिन, एडवेंचर्स ऑफ़ रस्टी, नाइट ट्रेन ऐट देओली, दिल्ली अब दूर नहीं, उड़ान, पैन्थर्स मून, अंधेरे में एक चेहरा, अजब-गज़ब मेरी दुनिया, मुट्ठी भर यादें, रसिया, रस्टी और चीता, रस्टी की घर वापसी और रस्टी चला लंदन की ओर।

                                                                            $15
                                                                            Rusty Ki Ghar WapsiRusty Ki Ghar Wapsi
                                                                            Rusty Ki Ghar Wapsi
                                                                            SPECIFICATION:
                                                                            • Publisher : Rajpal and Sons
                                                                            • By:  Ruskin Bond
                                                                            • Binding : Paperback
                                                                            • Language :  Hindi
                                                                            • Edition : 2019
                                                                            • Pages: 176 pages
                                                                            • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                            • ISBN-10: 9386534916
                                                                            • ISBN-13 :9789386534910

                                                                            DESCRIPTION:

                                                                            लम्बे अरसे से रस्किन बॉन्ड की पुस्तकों का लोकप्रिय पात्र, रस्टी, अपने कारनामों से पाठकों का मन लुभाता, गुदगुदाता और हँसाता आ रहा है। रस्टी ने पाठकों के मन में अपना एक विशेष स्थान बना लिया है और उसके किस्से-कहानियाँ से पाठक न थकता है, न ऊबता। लंदन से लौटने के बाद रस्टी देहरादून, दिल्ली और शाहगंज में कुछ समय बिताता है और आखिर में मसूरी के पहाड़ों में बस जाता है जहाँ वह बतौर लेखक अपना जीवन शुरू करता है। रस्टी फिर कभी मसूरी के पहाड़ों को छोड़कर कहीं नहीं जाता। रस्टी की कहानियों की शृंखला में यह पाँचवीं और आखिरी कड़ी है। इसमें पायेंगे रस्टी के कई दोस्तों-यारों के किस्से, जिसमें उसका खास दोस्त, सुरेश भी शामिल है, अंकल बिल जो लोगों को ज़हर देने की नई-नई तरकीबें सोचते रहते हैं और जिमी नामक जिन्न। कुछ अजीबोगरीब किरदार, कुछ प्यार-मोहब्बत के किस्सों से भरी रस्किन बॉन्ड की यह किताब हर उम्र के पाठकों को रास आयेगी। सहज भाषा और दिल को छू लेने वाले लेखक - यही है रस्किन बॉन्ड की खासियत जिसके कारण वह इतने लोकप्रिय हैं। ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’, ‘पद्मश्री’ और ‘पद्मभूषण’ से सम्मानित रस्किन बॉन्ड की अन्य उल्लेखनीय पुस्तकें हैं – रूम ऑन द रूफ़, वे आवारा दिन, एडवेंचर्स ऑफ़ रस्टी, नाइट ट्रेन ऐट देओली, दिल्ली अब दूर नहीं, उड़ान, पैन्थर्स मून, अंधेरे में एक चेहरा, अजब-गज़ब मेरी दुनिया, मुट्ठी भर यादें, रसिया, रस्टी और चीता, रस्टी जब भाग गया और रस्टी चला लंदन की ओर।

                                                                                                    $15
                                                                                                    Rythm of Joy - Folk PaintingRythm of Joy - Folk Painting
                                                                                                    Rythm of Joy - Folk Painting
                                                                                                    -
                                                                                                    $54
                                                                                                    S R Ranganathan - a Personal Biography
                                                                                                    S R Ranganathan - a Personal Biography
                                                                                                    This is the biography of an Indian who became an international authority on Library Science and Library Movement and was the Father of Library Science. He invented tools to store information. His ideas address the very foundations of the business of effective information storage and retrieval. He spread the concept of public libraries even in remote villages. Ranganathan's personal life is a synthesis between Indian culture and modern science This is a very interesting biography on the life and times of S R Ranganathan who changed the ideas of library science in India and gave it a new direction. The author is his only son who saw and observed him from close quarters and was inspired by him. He has written the biography in a fascinating and lucid manner, about his own childhood, his father's participation, ideas, thoughts, habits and the like. Actually the book is more than just a biography. It is an insight into various experiences and is an intellectual treat to the readers. It is a window to the mind of a genius who created a new discipline and influenced thousands of people.

                                                                                                    About The Author : Ranganathan Yogeshwar :
                                                                                                    He was the first Indian to do a course on Machine Tool Design and Engineering. He is an independent Industrial Consultant and lives in Luxembourg.
                                                                                                    $25
                                                                                                    Saagar SwarSaagar Swar
                                                                                                    Saagar Swar
                                                                                                    SPECIFICATION:
                                                                                                    • Publisher : Rajpal and Sons
                                                                                                    • By: Pratibha Rai (Author)
                                                                                                    • Binding : Hardcover
                                                                                                    • Language :  Hindi
                                                                                                    • Edition :2015
                                                                                                    • Pages:  204 pages
                                                                                                    • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                                                    • ISBN-10:  9350640783
                                                                                                    • ISBN-13 : 9789350640784

                                                                                                    DESCRIPTION:

                                                                                                    ‘‘आदमी सागर की सतह तक तो पहुंच गया है लेकिन अभी तक मानव मस्तिष्क की गहरी सतह तक नहीं पहुंच पाया है और न ही उसे पूरी तरह से समझ पाया है। शायद आज तक लोगों के बीच जो आपसी रिश्ते कायम हैं, वह इसलिए कि हम एक-दूसरे के अंदर के मन की बात को नहीं जान पाते। वर्षों साथ रहने के बाद भी शायद दो लोग एक-दूसरे को पूरी तरह से जान नहीं पाते। इसी बात को सोचते-सोचते मेरे मन में यह प्रश्न उठा कि यदि कोई ऐसी मशीन बन जाए जिससे सबके मस्तिष्क पारदर्शी हो जाएं, तो क्या होगा? मुझे जवाब मिला कि शायद मानव सभ्यता ढह जाएगी। यहीं से शुरू हुई मेरे उपन्यास की शुरुआत...’’-प्रतिभा राय जब एक संवेदनशील नारी का विवाह एक ऐसे वैज्ञानिक से होता है जो हर मनुष्य को केवल एक मशीन ही समझता है, हृदय की भावनाएँ उसके लिए कोई मायने नहीं रखतीं तब नारी के कोमल मन पर क्या बीतती है, इसी पृष्ठभूमि पर लिखा गया है यह उपन्यास। वैज्ञानिक ‘ब्रेनोविश्जॅन’ का अन्वेषण करता है जिससे कि हरेक व्यक्ति के दिमाग में जो बात चल रही है, उसको सब देख सकते हैं। इससे उसकी पत्नी के साथ रिश्ते और खुद पर उसका क्या असर होता है? जानिए इस उपन्यास में।

                                                                                                                            $20
                                                                                                                            Saartha [Hardcover] S.L. Bhariappa
                                                                                                                            Saartha [Hardcover] S.L. Bhariappa
                                                                                                                            $32
                                                                                                                            Saat Ghunghat Waala MukhdaSaat Ghunghat Waala Mukhda
                                                                                                                            Saat Ghunghat Waala Mukhda
                                                                                                                            SPECIFICATION:
                                                                                                                            • Publisher : Rajpal and Sons
                                                                                                                            • By: Amritlal Nagar(Author)
                                                                                                                            • Binding :Hardcover
                                                                                                                            • Language : Hindi
                                                                                                                            • Edition :2018
                                                                                                                            • Pages: 104 pages
                                                                                                                            • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                                                                            • ISBN-10: 8170288215
                                                                                                                            • ISBN-13: 9788170288213

                                                                                                                            DESCRIPTION: 

                                                                                                                            यह उपन्यास अठारहवीं शताब्दी के प्रारम्भिक दौर में उत्तर भारत की राजनीति में जबरदस्त हलचल मचा देने वाली बेगम समरू के रहस्य और रोमांच से भरे जीवन पर आधारित है। जब औरतें पर्दे से बाहर नहीं निकलती थीं, कोठे पर मुजरा करने वाली समरू ने एक यूरोपीय सेनानी को अपना दीवाना बनाकर शादी कर ली। समरू ने पति के साथ अपनी एक छोटी सी सेना खड़ी कर ली और बड़े-बड़े सूरमाओं को अपनी बहादुरी और रणकौशल से धूल चटा कर मेरठ के समीप सरदाना की गद्दी पर जा बैठी। सिर पर पगड़ी बांधे, घोड़े पर सवार होकर सेना का नेतृत्व करती वीरांगना...कल्पना कीजिए उस आश्चर्यचकित कर देने वाले दृश्य की!

                                                                                                                                                    $15
                                                                                                                                                    Saat PagalSaat Pagal
                                                                                                                                                    Saat Pagal
                                                                                                                                                    SPECIFICATION:
                                                                                                                                                    • Publisher : Rajpal and Sons
                                                                                                                                                    • By: Roberto Arlt
                                                                                                                                                    • Binding : Paperback
                                                                                                                                                    • Language :  Hindi
                                                                                                                                                    • Edition :2019
                                                                                                                                                    • Pages:  256 pages
                                                                                                                                                    • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                                                                                                    • ISBN-10: 9389373115
                                                                                                                                                    • ISBN-13 :9789389373110

                                                                                                                                                    DESCRIPTION:

                                                                                                                                                    रोबेर्तो आल्र्ट (1900-1942) अर्जेंटीना के एक जाने माने पत्रकार व लेखक थे जिन्होंने कई उपन्यास और कहानियाँ लिखीं। रोबेर्तो आल्र्ट लैटिन अमेरिकन साहित्य में उतना ही प्रतिष्ठित और उल्लेखनीय स्थान रखते हैं जितना गेब्रियल गार्सिया मार्केज़ और इसाबेल अल्लेंदे। 1929 में लिखा गया उपन्यास सात पागल विनाश के कगार पर खड़े अर्जेंटीना को प्रतिबिंबित करता है। यह अपने कथानक और कहानी कहने के अंदाज के संदर्भ में श्रेष्ठ आधुनिक उपन्यासों में गिना जा सकता है। सपने देखने वालों, क्रांतिकारियों, षड्यंत्र करने में मशगूल सेना के जनरलों से भरी ये दुनिया दरअसल रोबेर्तो आल्र्ट की अपने देश की बीसवीं सदी के गहन पीड़ादायक दौर से गुज़रने की भविष्यवाणी की तरह है। सरल भाषा में लेखक ऐसे किरदार, ऐसा माहौल रचते हैं कि पाठक ना चाहते हुए भी खुद को उस दुनिया का एक हिस्सा महसूस करने लगता है। खास बात ये कि नौ दशक पहले लिखे गए इस उपन्यास में रची गयी दुनिया आज किसी भी देश के सामाजिक, राजनीतिक परिवेश को ही चित्रित करती है, जहाँ धर्मान्धता, स्त्रियों को लेकर दोहरे मापदंड, भ्रष्टाचार चरम पर है और आम आदमी अपनी नैतिकता में फँसा जीवन के अर्थ, इसकी अहमियत ढूँढने की एक अजीब जद्दोजहद में व्यस्त है। सात पागल एक तरह से सिद्ध करता है कि लेखक देश दुनिया के लिए भविष्यवक्ता होता है।

                                                                                                                                                                            $30
                                                                                                                                                                            Saat Pakistani ShayarSaat Pakistani Shayar
                                                                                                                                                                            Saat Pakistani Shayar
                                                                                                                                                                            SPECIFICATION:
                                                                                                                                                                            • Publisher : Rajpal and Sons
                                                                                                                                                                            • By: Tufail Chaturvedi (Author)
                                                                                                                                                                            • Binding :Paperback
                                                                                                                                                                            • Language : Hindi
                                                                                                                                                                            • Edition :2019
                                                                                                                                                                            • Pages:  160 pages
                                                                                                                                                                            • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                                                                                                                            • ISBN-10: 9386534983
                                                                                                                                                                            • ISBN-13 :9789386534989

                                                                                                                                                                            DESCRIPTION: 

                                                                                                                                                                            "इक्कीसवीं सदी में पाकिस्तान में कैसी ग़ज़लें कही जा रही हैं, इसका अंदाज़ा आप इस किताब से लगा सकते हैं। यूँ तो पाकिस्तान में बेशुमार शायर हैं और उनमें से कुछेक को ही इस किताब के लिए चुनना एक चुनौती थी। तो चुनाव का पैमाना यह रखा गया कि शायर ऐसे हों जिनकी ग़ज़लों को हिन्दी के पाठक समझ सकें और उनसे हिन्दुस्तान के लोग कुछ हद तक वाकिफ़ हों। इस पैमाने पर सात शायर ही खरे उतरे और उन सात शायरों की चुनिंदा ग़ज़लें इस किताब में पेश हैं। शायरों और उनकी ग़ज़लों को चुनने का मुश्किल काम और उनका सम्पादन तुफ़ैल चतुर्वेदी ने बेहतरीन ढंग से किया है। उन्होंने बरसों तक अपनी लफ़्ज पत्रिका के माध्यम से पाठकों को उर्दू की बेहतरीन शायरी से परिचित कराया।"

                                                                                                                                                                                                    $15
                                                                                                                                                                                                    Saat SaalSaat Saal
                                                                                                                                                                                                    Saat Saal
                                                                                                                                                                                                    SPECIFICATION:
                                                                                                                                                                                                    • Publisher : Rajpal and Sons
                                                                                                                                                                                                    • By: Mulk Raj Anand (Author)
                                                                                                                                                                                                    • Binding : Paperback
                                                                                                                                                                                                    • Language :  Hindi
                                                                                                                                                                                                    • Edition :2014
                                                                                                                                                                                                    • Pages:  204 pages
                                                                                                                                                                                                    • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                                                                                                                                                    • ISBN-10: 9350642859
                                                                                                                                                                                                    • ISBN-13 :9789350642856

                                                                                                                                                                                                    DESCRIPTION:

                                                                                                                                                                                                    डॉ. मुल्कराज आनन्द अंतरराष्ट्रीय प्रसिद्धि के लेखक हैं और उनका रचना-संसार बहुत बड़ा है। अंग्रेज़ी में लिखते हुए भी, उनका लेखकीय सरोकार भारतीय जन-जीवन और परिवेश से लगातार जुड़ा रहा है। उनके लेखन में देश की माटी की गन्ध है। ‘कुली’ और ‘अछूत’ जैसे दो महत्त्वपूर्ण उपन्यास इसी बात का प्रमाण हैं। ‘सात साल’ पुस्तक में मुल्कराज आनन्द अपने ही जीवन को कथावस्तु बनाते हैं। अपने सात वर्ष तक के बचपन को इसमें ऐसे उकेरा है कि यह पुस्तक कालजयी बन गयी है। सभी आलोचकों का मानना है कि बचपन का ऐसा संवेदनशील और मनोवैज्ञानिक चित्रण कहीं और देख पाना आसान नहीं है। ‘साल साल’ किसी भी पाठक वर्ग के लिए पढ़े जाने योग्य उपन्यास है जिसे दोबारा भी पढ़ना चाहेंगे।

                                                                                                                                                                                                                            $15
                                                                                                                                                                                                                            Saath Saha Gaya Dukh
                                                                                                                                                                                                                            Saath Saha Gaya Dukh
                                                                                                                                                                                                                            SPECIFICATION:
                                                                                                                                                                                                                            • Publisher : Rajpal and Sons
                                                                                                                                                                                                                            • By:  Narendra Kohli (Author)
                                                                                                                                                                                                                            • Binding : Paperback
                                                                                                                                                                                                                            • Language : Hindi
                                                                                                                                                                                                                            • Edition :2016
                                                                                                                                                                                                                            • Pages: 136 pages
                                                                                                                                                                                                                            • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                                                                                                                                                                            • ISBN-10: 8170282667
                                                                                                                                                                                                                            • ISBN-13 :9788170282662

                                                                                                                                                                                                                            DESCRIPTION: 

                                                                                                                                                                                                                            दिल्ली प्रशासन के ‘शलाका सम्मान’ से सम्मानित सुप्रतिष्ठित उपन्यासकार नरेन्द्र कोहली का यह सामाजिक उपन्यास उनकी अन्य रचनाओं की भाँति अत्यंत मार्मिक और प्रभावी है, यह इस उपन्यास से स्पष्ट है। बच्चे की बीमारी और मृत्यु की घटना में पति और पत्नी का साथ सहा और एक-दूसरे में बांटा गया दुख उपन्यास का विषय है-जो पाठक के अन्तरंग को छू लेता है।लम से।

                                                                                                                                                                                                                                                    $12
                                                                                                                                                                                                                                                    Sabdajyotsna [Hardcover] Krishan Sharma
                                                                                                                                                                                                                                                    Sabdajyotsna [Hardcover] Krishan Sharma
                                                                                                                                                                                                                                                    $25
                                                                                                                                                                                                                                                    Sabse Bada SatyaSabse Bada Satya
                                                                                                                                                                                                                                                    Sabse Bada Satya
                                                                                                                                                                                                                                                    SPECIFICATION:
                                                                                                                                                                                                                                                    • Publisher : Rajpal and Sons
                                                                                                                                                                                                                                                    • By:  Narendra Kohli (Author)
                                                                                                                                                                                                                                                    • Binding : Paperback
                                                                                                                                                                                                                                                    • Language : Hindi
                                                                                                                                                                                                                                                    • Edition :2016
                                                                                                                                                                                                                                                    • Pages: 152 pages
                                                                                                                                                                                                                                                    • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                                                                                                                                                                                                    • ISBN-10: 9350640201
                                                                                                                                                                                                                                                    • ISBN-13 :9789350640203

                                                                                                                                                                                                                                                    DESCRIPTION: 

                                                                                                                                                                                                                                                    दिल्ली प्रशासन के ‘शलाका सम्मान’ से सम्मानित सुप्रतिष्ठित उपन्यासकार नरेन्द्र कोहली का यह सामाजिक उपन्यास उनकी अन्य रचनाओं की भाँति अत्यंत मार्मिक और प्रभावी है, यह इस उपन्यास से स्पष्ट है। बच्चे की बीमारी और मृत्यु की घटना में पति और पत्नी का साथ सहा और एक-दूसरे में बांटा गया दुख उपन्यास का विषय है-जो पाठक के अन्तरंग को छू लेता है।लम से।

                                                                                                                                                                                                                                                                            $12

                                                                                                                                                                                                                                                                            Recently viewed