SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Kamleshwar (Author)
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2014
- Pages: 224 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170281229
- ISBN-13 :9788170281220
DESCRIPTION:
अपनी मौलिक सूझबूझ और नज़रिये को लेकर लगातार चर्चित तथा विवादास्पद रहने वाले कमलेश्वर की बातें रोचक भी है और पाठकों को अपने साथ अतीत व भविष्य में बहा ले जाने का मादूदा भी रखती है। उम्र की एक खास दहलीज पर पैर रखते ही आदमी को अचानक बीते दिन घेरने लगते है, यादों के धुंधले अक्स साफ दिखने लगते है और बेहद याद आने लगते हैँ--वक्त की पिछली गलियों, घोडों, चौराहों पर पीछे छुट गये लोगों और इन यादों के झरोखे से दिखाई देती है एक पूरी दुनिया-हलचलों, दोस्ती-दुश्मनी, आधी शताब्दी के अनेक छोटे- बड़े साहित्यिक कारनामों और इतिहास-प्रसंगों से भरी-पूरी दुनिया। 'जो मैंने जिया' में कमलेश्वर की इसी दुनिया का चित्रण है।
Description
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Kamleshwar (Author)
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2014
- Pages: 224 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170281229
- ISBN-13 :9788170281220
DESCRIPTION:
अपनी मौलिक सूझबूझ और नज़रिये को लेकर लगातार चर्चित तथा विवादास्पद रहने वाले कमलेश्वर की बातें रोचक भी है और पाठकों को अपने साथ अतीत व भविष्य में बहा ले जाने का मादूदा भी रखती है। उम्र की एक खास दहलीज पर पैर रखते ही आदमी को अचानक बीते दिन घेरने लगते है, यादों के धुंधले अक्स साफ दिखने लगते है और बेहद याद आने लगते हैँ--वक्त की पिछली गलियों, घोडों, चौराहों पर पीछे छुट गये लोगों और इन यादों के झरोखे से दिखाई देती है एक पूरी दुनिया-हलचलों, दोस्ती-दुश्मनी, आधी शताब्दी के अनेक छोटे- बड़े साहित्यिक कारनामों और इतिहास-प्रसंगों से भरी-पूरी दुनिया। 'जो मैंने जिया' में कमलेश्वर की इसी दुनिया का चित्रण है।
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