Bharatmata Gramvasini

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SPECIFICATION:
  • Publisher : Rajpal and Sons
  • By:  Kamleshwar (Author)
  • Binding : Hardcover
  • Language : Hindi
  • Edition :2014
  • Pages: 100 pages
  • Size : 20 x 14 x 4 cm
  • ISBN-10: 8170285984
  • ISBN-13 : 9788170285984

DESCRIPTION: 

पिछले दिनों कमलेश्वर को पाकिस्तान जाने का अवसर मिला लेखकों के सम्मेलन में। वहाँ रहकर, छोटे-बड़े, सभी व्यक्तियों से मिलकर, पाकिस्तानी लेखकों और लेखिकाओं से खुले दिल से बातें करके, वहाँ की सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति को देख-भाल कर जो अनुभव उन्होंने प्राप्त किए, उन्हें अपने खास अन्दाज़ में लिखा है। पाकिस्तान आज एक कठिन दौर से गुजर रहा है। अनेक विरोधाभासों, विषमताओं और विसंगतियों में लोग जी रहे हैं। जहाँ एक ओर गरीबों की पराकाष्ठा है तो दूसरी ओर अमीरी और जागीरदारी की। एक ओर सरकारी तौर पर शराबबन्दी है तो दूसरी ओर अमीरों के घर-घर में मयखाने खुले हैं। इन्हें पढ़कर आज के पाकिस्तान का सजीव चित्र आपके सामने आएगा। इस पुस्तक का एक विशेष प्रसंग है उन कैदियों के पत्र जो उन्होंने कमलेश्वर को लिखे। जो हिन्दुस्तान और पाकिस्तान के जेलों में कई वर्षों से बन्द हैं।

                          Description

                          SPECIFICATION:
                          • Publisher : Rajpal and Sons
                          • By:  Kamleshwar (Author)
                          • Binding : Hardcover
                          • Language : Hindi
                          • Edition :2014
                          • Pages: 100 pages
                          • Size : 20 x 14 x 4 cm
                          • ISBN-10: 8170285984
                          • ISBN-13 : 9788170285984

                          DESCRIPTION: 

                          पिछले दिनों कमलेश्वर को पाकिस्तान जाने का अवसर मिला लेखकों के सम्मेलन में। वहाँ रहकर, छोटे-बड़े, सभी व्यक्तियों से मिलकर, पाकिस्तानी लेखकों और लेखिकाओं से खुले दिल से बातें करके, वहाँ की सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति को देख-भाल कर जो अनुभव उन्होंने प्राप्त किए, उन्हें अपने खास अन्दाज़ में लिखा है। पाकिस्तान आज एक कठिन दौर से गुजर रहा है। अनेक विरोधाभासों, विषमताओं और विसंगतियों में लोग जी रहे हैं। जहाँ एक ओर गरीबों की पराकाष्ठा है तो दूसरी ओर अमीरी और जागीरदारी की। एक ओर सरकारी तौर पर शराबबन्दी है तो दूसरी ओर अमीरों के घर-घर में मयखाने खुले हैं। इन्हें पढ़कर आज के पाकिस्तान का सजीव चित्र आपके सामने आएगा। इस पुस्तक का एक विशेष प्रसंग है उन कैदियों के पत्र जो उन्होंने कमलेश्वर को लिखे। जो हिन्दुस्तान और पाकिस्तान के जेलों में कई वर्षों से बन्द हैं।

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