Masiha

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SPECIFICATION:
  • Publisher : Rajpal and Sons
  • By: Kahlil Gibran (Author)
  • Binding : Paperback
  • Language : Hindi
  • Edition :2016
  • Pages: 104 pages
  • Size : 20 x 14 x 4 cm
  • ISBN-10: 8170287642
  • ISBN-13 :9788170287643

DESCRIPTION: 

ख़लील जिब्रान की यह बैस्ट सैलर पुस्तक एक विश्वस्तरीय गौरव-ग्रंथ है और हर काल में इसे सम्मानपूर्ण कृति का स्थान मिला है। बीसवीं सदी में, 'बाइबिल' के अतिरिक्त किसी और किताब की इतनी प्रतियां नहीं बिकी हैं जितनी इसकी बिकी हैं। ख़लील जिब्रान (1883-1931) लेबनान में जन्मे, किन्तु उन्होंने अपने जीवन का बड़ा हिस्सा अमेरिका में बिताया और अपने जीवन में उन्होंने पच्चीस पुस्तकें लिखीं। उन्होंने उपन्यासकार, निबंधकार, कवि, चित्रकार तथा मूर्तिकार के रूप में प्रतिष्ठा अर्जित की। यह पुस्तक ख़लील जिब्रान की सर्वश्रेष्ठ कृति मानी जाती है और संसार की सभी प्रमुख भाषाओं में इसका अनुवाद हुआ है। एक मसीहा थे जो विदेश में बारह वर्ष बिताकर अपने घर लौट रहे थे जब उन्हें रास्ते में कुछ लोगों ने रोका और उनसे जीवन के विविध पक्षों के बारे में जानना चाहा। मसीहा ने छब्बीस ज्ञान और विवेकपूर्ण उपदेशों के माध्यम से उन्हें गहरा जीवन-दर्शन समझाया। ख़लील जिब्रान की यह पुस्तक इसी जीवन-दर्शन को सामने लाती है। इस पुस्तक में उनका चित्रांकन भी लिया गया है जो इसे और भी अधिक प्रभावशाली बनाता है।

                          Description

                          SPECIFICATION:
                          • Publisher : Rajpal and Sons
                          • By: Kahlil Gibran (Author)
                          • Binding : Paperback
                          • Language : Hindi
                          • Edition :2016
                          • Pages: 104 pages
                          • Size : 20 x 14 x 4 cm
                          • ISBN-10: 8170287642
                          • ISBN-13 :9788170287643

                          DESCRIPTION: 

                          ख़लील जिब्रान की यह बैस्ट सैलर पुस्तक एक विश्वस्तरीय गौरव-ग्रंथ है और हर काल में इसे सम्मानपूर्ण कृति का स्थान मिला है। बीसवीं सदी में, 'बाइबिल' के अतिरिक्त किसी और किताब की इतनी प्रतियां नहीं बिकी हैं जितनी इसकी बिकी हैं। ख़लील जिब्रान (1883-1931) लेबनान में जन्मे, किन्तु उन्होंने अपने जीवन का बड़ा हिस्सा अमेरिका में बिताया और अपने जीवन में उन्होंने पच्चीस पुस्तकें लिखीं। उन्होंने उपन्यासकार, निबंधकार, कवि, चित्रकार तथा मूर्तिकार के रूप में प्रतिष्ठा अर्जित की। यह पुस्तक ख़लील जिब्रान की सर्वश्रेष्ठ कृति मानी जाती है और संसार की सभी प्रमुख भाषाओं में इसका अनुवाद हुआ है। एक मसीहा थे जो विदेश में बारह वर्ष बिताकर अपने घर लौट रहे थे जब उन्हें रास्ते में कुछ लोगों ने रोका और उनसे जीवन के विविध पक्षों के बारे में जानना चाहा। मसीहा ने छब्बीस ज्ञान और विवेकपूर्ण उपदेशों के माध्यम से उन्हें गहरा जीवन-दर्शन समझाया। ख़लील जिब्रान की यह पुस्तक इसी जीवन-दर्शन को सामने लाती है। इस पुस्तक में उनका चित्रांकन भी लिया गया है जो इसे और भी अधिक प्रभावशाली बनाता है।

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