SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Premchand (Author)
- Binding :Paperback
- Language: Hindi
- Edition :2018
- Pages: 328 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170284325
- ISBN-13: 9788170284321
DESCRIPTION:
‘उपन्यास सम्राट’ की उपाधि पाने वाले मुंशी प्रेमचंद हिन्दी के सबसे अधिक लोकप्रिय लेखक हैं। उन्होंने अपने जीवकाल में चौदह उपन्यास, ढाई सौ कहानियां और अनगिनत निबंध लिखे। इसके अतिरिक्त उन्होंने कुछ अन्य भाषाओं की पुस्तकों को हिन्दी में अनूदित किया। उनका सारा लेखन यथार्थ पर आधारित था और उसके माध्यम से उस समय की सामाजिक स्थितियों के प्रति जागरूकता बढ़ाने का उनका एक प्रयास भी था। बाल-विवाह, गरीबी, भुखमरी, ज़मींदारों के अत्याचार अक्सर उनके लेखन का विषय थे। 1936 में लिखा गोदान उनका आखिरी उपन्यास है जिसे सबसे महत्त्वपूर्ण कृति माना जाता है। गोदान गांव में रहने वाले उस परिवार की कहानी है जो कठिनाइयों का सामना करते हुए हिम्मत नहीं हारता।
Description
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Premchand (Author)
- Binding :Paperback
- Language: Hindi
- Edition :2018
- Pages: 328 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170284325
- ISBN-13: 9788170284321
DESCRIPTION:
‘उपन्यास सम्राट’ की उपाधि पाने वाले मुंशी प्रेमचंद हिन्दी के सबसे अधिक लोकप्रिय लेखक हैं। उन्होंने अपने जीवकाल में चौदह उपन्यास, ढाई सौ कहानियां और अनगिनत निबंध लिखे। इसके अतिरिक्त उन्होंने कुछ अन्य भाषाओं की पुस्तकों को हिन्दी में अनूदित किया। उनका सारा लेखन यथार्थ पर आधारित था और उसके माध्यम से उस समय की सामाजिक स्थितियों के प्रति जागरूकता बढ़ाने का उनका एक प्रयास भी था। बाल-विवाह, गरीबी, भुखमरी, ज़मींदारों के अत्याचार अक्सर उनके लेखन का विषय थे। 1936 में लिखा गोदान उनका आखिरी उपन्यास है जिसे सबसे महत्त्वपूर्ण कृति माना जाता है। गोदान गांव में रहने वाले उस परिवार की कहानी है जो कठिनाइयों का सामना करते हुए हिम्मत नहीं हारता।
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