SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Kamleshwar (Author)
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2013
- Pages: 204 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350640015
- ISBN-13 :9789350640012
DESCRIPTION:
मलयालम कहानी की विकास यात्रा आज से डेढ़-सौ वर्ष पहले शुरू हुई थी, जब ये कहानियाँ केरल की पत्रिकाओं में प्रकाशित होने लगीं। गहरे प्रतीकों से लेकर सरल-सहज कथानकों से समृद्ध मलयालम भाषा की ये चयनित कहानियाँ अपने अलग-अलग विषयों के कारण पाठकों का मन जीत लेंगी। तकषी शिवशंकर पिल्लै, शंकरन कुट्टी पोट्टेकाट, वैक्कम मुहम्मद बशीर, एम.टी. वासुदेवन नायर जैसे मलयालम के प्रतिष्ठित लेखकों और अन्य चैबीस लेखकों की चुनिंदा कहानियाँ इस पुस्तक में प्रस्तुत हैं, जिनका चुनाव हिन्दी के प्रसिद्ध साहित्यकार कमलेश्वर ने किया है और एक विस्तृत भूमिका भी लिखी है। यह पुस्तक हिन्दी के पाठकों को मलयालम साहित्य को जानने का अवसर प्रदान करती है।
Description
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Kamleshwar (Author)
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2013
- Pages: 204 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350640015
- ISBN-13 :9789350640012
DESCRIPTION:
मलयालम कहानी की विकास यात्रा आज से डेढ़-सौ वर्ष पहले शुरू हुई थी, जब ये कहानियाँ केरल की पत्रिकाओं में प्रकाशित होने लगीं। गहरे प्रतीकों से लेकर सरल-सहज कथानकों से समृद्ध मलयालम भाषा की ये चयनित कहानियाँ अपने अलग-अलग विषयों के कारण पाठकों का मन जीत लेंगी। तकषी शिवशंकर पिल्लै, शंकरन कुट्टी पोट्टेकाट, वैक्कम मुहम्मद बशीर, एम.टी. वासुदेवन नायर जैसे मलयालम के प्रतिष्ठित लेखकों और अन्य चैबीस लेखकों की चुनिंदा कहानियाँ इस पुस्तक में प्रस्तुत हैं, जिनका चुनाव हिन्दी के प्रसिद्ध साहित्यकार कमलेश्वर ने किया है और एक विस्तृत भूमिका भी लिखी है। यह पुस्तक हिन्दी के पाठकों को मलयालम साहित्य को जानने का अवसर प्रदान करती है।
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