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SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Anmol Bhagwant (Author)
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2019
- Pages: 208 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9386534134
- ISBN-13 :9789386534132
DESCRIPTION:
भावनाएँ, ज़रूरतें, महत्वाकांक्षाएँ-ये सब एक स्त्री की-लेकिन शरीर-पुरुष का! एक बेहद दर्दनाक परिस्थिति जिसमें ज़िन्दगी, ज़िन्दगी नहीं, समझौता बनकर रह जाती है। ऐसे इन्सान और उसके घरवालों को हर मकाम पर समाज के दुव्र्यवहार और ज़िल्लत का सामना करना पड़ता है। अनमोल इस बात को अच्छी तरह समझता है क्योंकि उसकी अपनी एकमात्र सन्तान और छोटा भाई, दोनों की यही वास्तविकता है, दोनों किन्नर हैं। भाई को पल-पल पिसते, घर और बाहर प्रताड़ित और अपमानित होते हुए देख अनमोल यह दृढ़ निश्चय करता है कि वह अपने बेटे को अधूरी ज़िन्दगी नहीं, बल्कि भरपूर ज़िन्दगी जीने के लिए हर तरह से सक्षम बनायेगा! लेकिन क्या वह ऐसा कर पाता है...पढ़िये इस उपन्यास में। ‘‘...भगवंत अनमोल...ऐसे युवा साहित्यकारों की फेहरिस्त काफ़ी लम्बी है जिन्होंने अपनी वास्तविक प्रेम कहानी लिखी और सेलेब्रिटी राइटर बन गये।’’ -दैनिक जागरण-डिज़ायर मैगज़ीन ( ई-एडिशन ), 4 मार्च 2015 ‘‘कुछ हिन्दी लेखकों ने बड़े-बड़े अंग्रेज़ी लेखकों को पीछे छोड़ दिया है। उन्हीं में से एक, भगवंत अनमोल, युवाओं के बीच काफ़ी लोकप्रिय हैं।’’ -दैनिक जागरण, फरवरी 2015.


SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Priyadarshan (Author)
- Binding :Paperback
- Language: Hindi
- Edition :2016
- Pages: 252 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8193284178
- ISBN-13:9788193284179
DESCRIPTION:
मुंबई, 26/11 की रात। हर तरफ़ अफरा-तफरी का माहौल पसरा हुआ है। वहीं दिल्ली में टीवी एंकर सुलभा और उनके रिपोर्टर पति विशाल काम की आपाधापी में अपने छोटे-से बेटे अभि को क्रेच से उठाना भूल जाते हैं। ये भूल बहुत भारी साबित होती है। उनका बेटा गुम हो जाता है और बाद में उसका अपहरण कर लिया जाता है। उसकी तलाश में वे बदहवास हो जाते हैं। क्या अभि उन्हें मिल पाएगा या ये उनके जीवन के सबसे भयावह दिन होंगे?

SPECIFICATION :
- Publisher: Sri Ramanasramam (January 1, 2017)
- By: Sushil Kumar Ramesh Babu
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition : 2017
- ISBN-10 : 8182882664
- ISBN-13 : 978-8182882669
DESCRIPTION :
जो शक्ति संसार का नियमन कर रही है, वही हमारे भीतर रहकर हमें भी चलाती है। उस शक्ति को हम आत्मा कहते हैं, वही सत् वस्तु है। उस आत्मा का अनुभव हो गया तो हम जान सकते हैं कि सभी जीवों में हम ही हैं। सर्वत्र उस आत्मा का अनुभव हो जाने के बाद हमसे पृथक कुछ नहीं रह जाता। ऐसी अवस्था में गाय, पशु-पक्षी ही नहीं बल्कि सभी जीवों के साथ हमें अनुकूल जीवन जीने का सहज भाव मिल जाता है। यह भगवान् रमण के अरुणाचल वास से हमें स्पष्ट होता है।हम सर्वव्यापी आत्मशक्ति हैं, इसे अनुभव कर भगवान् रमण तिरुवण्णामलै में अपने पचास साल से अधिक के वास में प्राणी मित्र बनकर, उनको आध्यात्मिक अनुभव और मुक्ति देकर अनुगृहीत करते हैं; इस बारे में श्री रमणाश्रमम् की पुस्तकों में पूर्ण विस्तार से लिखा हुआ है। बन्दरों का राज्य परिपालन उन्हें भली भाँति ज्ञात होने के कारण कई बन्दर राजाओं ने उनके पास आकर अपनी-अपनी समस्याएँ सुलझाईं और सुखी जीवन बिताया। बन्दरिया नवजात शिशु को उन्हें दिखाकर उनका अनुग्रह पाती। कई मोर उनकी सान्निध्य में आए जिनकी संतति आज भी श्री रमणाश्रमम् में हैं। साँप उन्हें अपना मानकर, समत्व दृष्टि से प्यार से उनके शरीर पर रेंगते। परस्पर द्वेष भाव रखनेवाले साँप और मोर उनके समक्ष मैत्री भाव से नृत्य करते। पक्षी भी उनके पास घोंसला बनाकर उनकी प्यार भरी सुरक्षा पाते। इस तरह के सैकड़ों चमत्कारों का वर्णन किया जा सकता है, जो स्वयं में एक महाकाव्य बन जाएगा। इनमें से कुछ को चुनकर हरिहर सुब्रमणियन ने, हमारे लिए इसे सरल भाषा में, संवाद रूप में प्रस्तुत किया है। जैसे कई प्राणियों ने भगवान् रमण की कृपा पायी है, वैसे ही हम भी उनकी कृपा पाकर श्रेष्ठ हो जाएँ।


SPECIFICATION:
- Publisher : Gurjar Prakashan
- By : Pannalal Patel
- Cover : Paperback
- Language : Gujarati
- Edition : 2015
- Pages : 272
- Weight : 450 gm
- Size : 18.6 x 12.7 x 1.7 cm
- ISBN-10 : 938012600X
- ISBN-13 : 978-9380126005


SPECIFICATION:
- Publisher : Pravin Prakashan
- By : Dinkar Joshi
- Cover : Hardcover
- Language : Gujarati
- Edition : 2014
- Pages : 350
- Weight : 550 gm
- ISBN-10 : 8177907034
- ISBN-13 : 978-8177907032


SPECIFICATION
- Publisher : Pravin Prakashan
- By : OSHO
- Cover : Paperback
- Language : Gujarati
- Edition : 2013
- Pages : 145
- Weight : 170 gm.
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10 : 9380443900
- ISBN-13 : 978-9380443904

SPECIFICATION:
- Publisher : WOW Publishings
- By : Paul Brunton
- Cover : Paperback
- Language : English
- Edition : 2016
- Pages : 272
- Weight : 330 g.
- Size : 0.8 x 5.5 x 8.5 inches
- ISBN-10: 8184155263
- ISBN-13: 978-8184155266
DESCRIPTION:
હિમાલય અને એક તપસ્વી પુસ્તક એટલે અાત્મિક સૌંદર્યનું અલાૈકિક દર્શનઅાધ્યાત્મિક નીરક્ષીર વિવેક રાખી ભારત અને તિબેટ અે દેશોનો વિસ્તારપૂર્ણ પ્રવાસ કરનારા અતિ અલ્પ અભ્યાસકોમાં પાૅલ બ્રન્ટનનું સ્થાન અગ્રક્રમે છે. મૂળમાં જ પત્રકારનો પિંડ હોવાથી તેમની કલમમાંથી હિમાલયના ઉત્તુંગ હિમશિખરોનું અને પર્વતમાળાઅોનું વર્ણન અલગ રીતે જ વ્યક્ત થાય છે. અા પ્રવાસમાં અનેક યોગી અને સિદ્ધ વ્યક્તિઅોની સાથે થયેલી તેમની મુલાકાતો ખૂબ જ અદભુત છે. અા મુલાકાતોઅે જ તેમને પાૈર્વાત્ય તત્ત્વજ્ઞાનના મહત્ત્વના વિશ્લેષક બનાવ્યા.
અા નિતાંતસુંદર પુસ્તક અાપણને અનેક મુલાકાતો કરાવે છે. અાપણામાં રહેલા અલાૈકિક અને ગહન શાંતિની અાપણી શોધ પૂરી થાય અેટલે તે અપિરિચિત શક્તિ સાથે, અમર્યાદ જ્ઞાન સાથે અને સુશીલતા સાથે જાેડાવાનું અાપણા ધ્યાનમાં અાવે છે.
હિમાલય અને અેક તપસ્વી અે પુસ્તક પ્રવાસવર્ણન અને ગહન અાધ્યાત્મક અનુભવનો સહજસુંદર સુયોગ છે. અા પ્રવાસમાં જેમ-જેમ અાપણે લેખક સાથે હિમાલયની પર્વતહારમાળામાંથી તિબેટમાંના કૈલાસ પર્વત તરફ જઈઅે છીઅે, તેમ-તેમ લેખક અાપણને બીજા અેક વિલક્ષણ અને કાલાતીત અાંતરિક પ્રવાસનો માર્ગ દેખાડે છે.

SPECIFICATION:
- Publisher : Emesco Books;
- By : Prasad P.V.R.K.
- Cover : Paperback
- Language : Telugu
- Edition : 2014
- Pages : 569
- Weight : 650 g.
- Size : 8.5 x 5.4 x 1.1 inches
- ISBN-10: 9382203818
- ISBN-13: 978-9382203810

SPECIFICATION:
- Publisher : J P Publications
- By : Tadanki Venkata Lakshmi Narasimha Rao
- Cover : Hardcover
- Language : Telugu
- Edition : 2013
- Pages : 136
- Weight : 650 g.
- Size : 11.2 x 8.6 x 0.4 inches
- ISBN-10: 819205425X
- ISBN-13: 978-8192054254
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