SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Swayam Prakash (Author)
- Binding :Paperback
- Language: Hindi
- Edition :2014
- Pages: 132 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350642239
- ISBN-13: 9789350642238
DESCRIPTION:
स्वयं प्रकाश की कहानियां भारतीय जीवन के हर्ष-विषाद, उथल पुथल और मामूली समझी जाने वाली स्थितियों का सटीक वर्णन और विश्लेषण करती हैं। इसके लिए वे अपनी कथा-भाषा में व्यंग्य-चुहल और बतकही का इस्तेमाल करते हैं। बड़ी बात यह नहीं है कि एक कथाकार अपनी कहानियों में महान सत्य का उद्घाटन करे, अपितु बड़ी बात यह है कि जीवन सत्य उन घटनाओं और परिस्थितियों में स्वतः निकल पड़ता हो। मार्क्सवादी विचारधारा की रोशनी को लेखन के लिए ज़रूरी मानने वाले इस लेखक की रचनाएं बताती हैं कि वह अपने देश के मामूली लोगों और उनके जीवन-संघर्ष को कितना मान देते हैं, कितना प्यार करते हैं।
Description
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Swayam Prakash (Author)
- Binding :Paperback
- Language: Hindi
- Edition :2014
- Pages: 132 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350642239
- ISBN-13: 9789350642238
DESCRIPTION:
स्वयं प्रकाश की कहानियां भारतीय जीवन के हर्ष-विषाद, उथल पुथल और मामूली समझी जाने वाली स्थितियों का सटीक वर्णन और विश्लेषण करती हैं। इसके लिए वे अपनी कथा-भाषा में व्यंग्य-चुहल और बतकही का इस्तेमाल करते हैं। बड़ी बात यह नहीं है कि एक कथाकार अपनी कहानियों में महान सत्य का उद्घाटन करे, अपितु बड़ी बात यह है कि जीवन सत्य उन घटनाओं और परिस्थितियों में स्वतः निकल पड़ता हो। मार्क्सवादी विचारधारा की रोशनी को लेखन के लिए ज़रूरी मानने वाले इस लेखक की रचनाएं बताती हैं कि वह अपने देश के मामूली लोगों और उनके जीवन-संघर्ष को कितना मान देते हैं, कितना प्यार करते हैं।
Payment & Security
Your payment information is processed securely. We do not store credit card details nor have access to your credit card information.