SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Chitra Mudgal(Author)
- Binding :Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2016
- Pages: 120 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170288886
- ISBN-13: 9788170288886
DESCRIPTION:
भारतीय जन-जीवन के कुशल कथाशिल्पी प्रेमचन्द की श्रेष्ठ कहानियों के नाट्य-रूपान्तर, जिन्हें सुपरिचित कथाकार चित्रा मुद्गल ने प्रस्तुत किया है। रेडियो और दूरदर्शन से प्रसारित हो चुके ये नाटक स्कूलों के छात्र भी आसानी से खेल सकते हैं। ‘व्यास सम्मान’ से सम्मानित हिन्दी की प्रतिष्ठित कथाकार चित्रा मुद्गल ने कहानियों का नाट्य-रूपान्तर किया है। सुगमता से अभिनीत हो सकने वाले नाटकों का हिन्दी में अभाव है। प्रेमचन्द की कहानियों के ये नाट्य- रूपान्तर इस कमी को पूरा करेंगे।
Description
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Chitra Mudgal(Author)
- Binding :Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2016
- Pages: 120 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170288886
- ISBN-13: 9788170288886
DESCRIPTION:
भारतीय जन-जीवन के कुशल कथाशिल्पी प्रेमचन्द की श्रेष्ठ कहानियों के नाट्य-रूपान्तर, जिन्हें सुपरिचित कथाकार चित्रा मुद्गल ने प्रस्तुत किया है। रेडियो और दूरदर्शन से प्रसारित हो चुके ये नाटक स्कूलों के छात्र भी आसानी से खेल सकते हैं। ‘व्यास सम्मान’ से सम्मानित हिन्दी की प्रतिष्ठित कथाकार चित्रा मुद्गल ने कहानियों का नाट्य-रूपान्तर किया है। सुगमता से अभिनीत हो सकने वाले नाटकों का हिन्दी में अभाव है। प्रेमचन्द की कहानियों के ये नाट्य- रूपान्तर इस कमी को पूरा करेंगे।
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