SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Swadesh Deepak(Author)
- Binding :Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2017
- Pages: 234 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9386228335
- ISBN-13 :9789386228338
DESCRIPTION:
‘बगूगोशे की खुरदरी ज़मीन में दीपक ने जिन भौगोलिक, ऐतिहासिक, स्थानीय और सामाजिक घटित को उकेरा और उघाड़ा वह विस्मयकारी है। स्वदेश दीपक के इन बगूगोशों की फाँकों का रसीलापन पाठकों के दिल-दिमाग में देर तक ताज़ा रहेगा।’ कृष्णा सोबती-इन कहानियों में यादें हैं और विस्मृतियां भी, विश्वास कर लेने का साहस है तो अविश्वास का सलीका भी, मिठास है तो कसैलापन भी है। ऊपर से शांत और एकसार दिखने वाली सतह को स्वदेश दीपक इस तरह उधेड़ते हैं कि भीतर का सारा विद्रूप, सारी दरारें और बदसूरती साफ दिखने लगती है।
Description
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Swadesh Deepak(Author)
- Binding :Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2017
- Pages: 234 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9386228335
- ISBN-13 :9789386228338
DESCRIPTION:
‘बगूगोशे की खुरदरी ज़मीन में दीपक ने जिन भौगोलिक, ऐतिहासिक, स्थानीय और सामाजिक घटित को उकेरा और उघाड़ा वह विस्मयकारी है। स्वदेश दीपक के इन बगूगोशों की फाँकों का रसीलापन पाठकों के दिल-दिमाग में देर तक ताज़ा रहेगा।’ कृष्णा सोबती-इन कहानियों में यादें हैं और विस्मृतियां भी, विश्वास कर लेने का साहस है तो अविश्वास का सलीका भी, मिठास है तो कसैलापन भी है। ऊपर से शांत और एकसार दिखने वाली सतह को स्वदेश दीपक इस तरह उधेड़ते हैं कि भीतर का सारा विद्रूप, सारी दरारें और बदसूरती साफ दिखने लगती है।
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