SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By : Saadat Hasan Manto
- Cover : Paperback
- Language : Hindi
- Edition : 2016
- Pages : 159
- Weight : 360 g.
- Size : 7.9 x 5.5 x 1.6 inches
- ISBN-10: 9350643820
- ISBN-13: 978-9350643822
DESCRIPTION:
अगर आपको मेरी कहनियाँ अश्लील या गन्दी लगती है , तो जिस समाज में आप रह रहे है , वह अशलील और गन्दा है . मेरी कहनियाँ तो केवल सच दर्शाती है .....अक्शर ऐसा कहते थे मंटो जब उन पर अश्लीलता के इल्जाम लगते . बेबाक सच लिखने वाले मंटो बहुत से ऐसे मुदो पर भी लिखते जिन्हें उस समय के समाज में बंद दरवाजो के पीछे दबा कर, छुपा कर रखा जाता था . सच सामने लाने के साथ, कहानी कहने की अपनी बेमिसाल अदा और उर्दू जबान पर बेजोड़ पकड़ ने सआदत हसन मंटो को कहानी का बेताज बादशाह बना दिया . मात्र 43 सालो की जिन्दगी में उन्होंने 200 से अधिक कहानियाँ , एक उपन्यास , तीन निबन्ध संग्रह और अनेक नाटक ,रेडियो और फिल्म पटकथा लिखी . फ्रेंच और रूसी लेखको से प्रभावित , वामपंथी सोच वाले मंटो के लेखन में सचाई को पेश करने की ताकत है जो लम्बे अर्से तक पाठक के दिलो दिमाग पर अपनी पकड़ बनाए रखती है २०१२ मे पूरे हिन्दुतान में मनाई गयी मंटो की जन्म -शताब्दी इस बात का सबूत है की मंटो आज भी अपने पाठकों और प्रशंसकों के लिए जिन्दा है .
Description
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By : Saadat Hasan Manto
- Cover : Paperback
- Language : Hindi
- Edition : 2016
- Pages : 159
- Weight : 360 g.
- Size : 7.9 x 5.5 x 1.6 inches
- ISBN-10: 9350643820
- ISBN-13: 978-9350643822
DESCRIPTION:
अगर आपको मेरी कहनियाँ अश्लील या गन्दी लगती है , तो जिस समाज में आप रह रहे है , वह अशलील और गन्दा है . मेरी कहनियाँ तो केवल सच दर्शाती है .....अक्शर ऐसा कहते थे मंटो जब उन पर अश्लीलता के इल्जाम लगते . बेबाक सच लिखने वाले मंटो बहुत से ऐसे मुदो पर भी लिखते जिन्हें उस समय के समाज में बंद दरवाजो के पीछे दबा कर, छुपा कर रखा जाता था . सच सामने लाने के साथ, कहानी कहने की अपनी बेमिसाल अदा और उर्दू जबान पर बेजोड़ पकड़ ने सआदत हसन मंटो को कहानी का बेताज बादशाह बना दिया . मात्र 43 सालो की जिन्दगी में उन्होंने 200 से अधिक कहानियाँ , एक उपन्यास , तीन निबन्ध संग्रह और अनेक नाटक ,रेडियो और फिल्म पटकथा लिखी . फ्रेंच और रूसी लेखको से प्रभावित , वामपंथी सोच वाले मंटो के लेखन में सचाई को पेश करने की ताकत है जो लम्बे अर्से तक पाठक के दिलो दिमाग पर अपनी पकड़ बनाए रखती है २०१२ मे पूरे हिन्दुतान में मनाई गयी मंटो की जन्म -शताब्दी इस बात का सबूत है की मंटो आज भी अपने पाठकों और प्रशंसकों के लिए जिन्दा है .
Payment & Security
Your payment information is processed securely. We do not store credit card details nor have access to your credit card information.