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SPECIFICATION:
- Publisher : Mehta Publishing House
- By : Sudha Murty & Uma Kulkarni
- Cover : Paperback
- Language : Marathi
- Edition : 2013
- Pages : 224 pages
- Weight : 170 gm
- Size : 14 x 1.21 x 21.6 cm
- ISBN-10 : 8184985185
- ISBN-13 : 978-8184985184
DESCRIPTION:
Why does man change when he gains wealth? Wealth exposed the hidden vices and virtues.The vices which generally are rooted deep within, surface in the presence of wealth.Wealth changes humans.A miser becomes greedy when he becomes rich.An avaricious spends a lot in buying vast property. A selfish becomes luxurious.A generous person becomes endower. Those who have no lust for money are least bothered by the presence or absence of money.Wealth truly reveals the colours of human nature and relations

SPECIFICATION:
- Publisher :Rajpal and Sons
- By: Nawab Wajid Ali Shah (Author)
- Binding : Paperback
- Language: Hindi
- Edition :2017
- Pages: 176 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10:9350643901
- ISBN-13: 9789350643907
DESCRIPTION:
परीख़ाना जहाँ एक तरफ़ नवाब वाजिद अली शाह की रंगीन जि़न्दगी की खुली दास्तान है वहीं दूसरी तरफ़ यह उन्नीसवीं सदी की लखनवी संस्कृति का कीमती दस्तावेज़ है। नवाब वाजिद अली शाह (30 जुलाई 1822-21 सितम्बर 1887) अवध के दसवें और आखिरी नवाब थे जिन्होंने नौ वर्षों तक अवध पर शासन किया। साहित्य और संस्कृति से बेहद लगाव रखने वाले वे एक कुशल शासक और संवेदनशील राजा थे जिन्हें प्रेम-मोहब्बत में सराबोर रहना पसन्द था। वह कत्थक के कुशल नर्तक और शास्त्रीय संगीत के सच्चे साधक थे जिन्होंने कई नये राग भी ईजाद किये। शास्त्रीय गायन की विधा, ‘ठुमरी’ को लोकप्रिय करने में उनका महत्त्वपूर्ण योगदान था। लिखने-पढ़ने का भी नवाब वाजिद अली शाह को बहुत शौक था और उन्होंने 60 से अधिक पुस्तकों की रचना की। नवाब वाजिद अली शाह के शासनकाल में लखनऊ उत्तर भारत का सांस्कृतिक केन्द्र बन गया था जहाँ पर हर कलाकार को अपनी कला दर्शाने का अवसर प्राप्त होता था। लखनऊ में उन्होंने ‘परीख़ाना’ नाम का एक रंगारंग महल कायम किया जहाँ सैकड़ों लड़कियों को राजसी खर्च पर नृत्य और संगीत की शिक्षा दी जाती थी। यहाँ से निकली लड़कियों को ‘परी’ कहा जाता था जैसे सुलतान परी, माहरुख परी। इनमें से बहुतों के साथ नवाब वाजिद अली शाह ने ब्याह भी रचाया और उन्हीं सब परियों के रिश्तों का बेबाक बयान है इस किताब में। ‘परीख़ाना’ नाम की इमारत आज भी लखनऊ में स्थित है और इसमें संगीत विद्यालय चलाया जा रहा है।

SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Premchand (Author)
- Binding :Paperback
- Language: Hindi
- Edition :2015
- Pages: 32 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8190801759
- ISBN-13: 9788190801751
DESCRIPTION:
मुंशी प्रेमचन्द की गिनती हिन्दी के सर्वश्रेष्ठ कहानी-लेखकों में की जाती है। 1880 में उनका जन्म वाराणसी के एक छोटे से गांव लमही में एक साधारण परिवार में हुआ था। उनका घर का नाम धनपतराय था। स्कूल में अध्यापन का कार्य करते हुए उन्होंने कहानियां और उपन्यास लिखने शुरू किये। उन्होंने सैकड़ों कहानियां और एक दर्जन के लगभग उपन्यास लिखे जिनमें से गोदान, ग़बन, सेवासदन, रंगभूमि, कायाकल्प और निर्मला बहुत प्रसिद्ध हैं। 1936 में उनका देहान्त हुआ।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajkamal Prakashan
- By : Suryakant Tripathi Nirala
- Cover : Paperback
- Language : Hindi
- Edition : 2008
- Pages : 205
- Weight : 450 gm
- Size : 7.9 x 5.5 x 1.6 inches
- ISBN-10: 8126705094
- ISBN-13: 978-8126705092
Specification
- Product Code :11023
- Material : Pure Rose Incense Sticks
- Size: 6 Packs of 28 Grams in a Box
- Weight: 168 gm. Approx.
Description
-
Specification
- Product Code : 11024
- Material : Pure Sandal Dhoop Sticks
- Size : 6 Packs of 50 Grams in a Box
- Weight : 300 gm. Approx.
Description

SPECIFICATION:
- Publisher :Rajpal and Sons
- By: Shakespeare (Author)
- Binding : Paperback
- Language: Hindi
- Edition :2015
- Pages: 112 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10 : 93506421410
- ISBN-13: 9789350642146
DESCRIPTION:
विश्व साहित्य के गौरव, अंग्रेज़ी भाषा के अद्वितीय नाटककार शेक्सपियर का जन्म 26 अप्रैल, 1564 ई. को इंग्लैंड के स्ट्रैटफोर्ड -ऑन-ए वोन नामक स्थान में हुआ। उनके पिता एक किसान थे और उन्होंने कोई उच्च शिक्षा भी प्राप्त नहीं की। इसके अतिरिक्त शेक्सपियर के बचपन के बारे में बहुत कम जानकारी उपलब्ध है। 1582 ई. में उनका विवाह अपने से आठ वर्ष बड़ी ऐन हैथवे से हुआ। 1587 ई. में शेक्सपियर लंदन की एक नाटक कम्पनी में काम करने लगे। वहाँ उन्होंने अनेक नाटक लिखे जिनसे उन्होंने धन और यश दोनों कमाए। 1616 ई. में उनका देहान्त हुआ। प्रसिद्ध हिन्दी साहित्यकार रांगेय राघव ने शेक्सपियर के ग्यारह नाटकों का हिन्दी अनुवाद किया है, जो इस श्रृंखला में पाठकों को उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: A.P.J. Abdul Kalam
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition : 2019
- Pages: 254 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350642786
- ISBN-13 :9789350642788
DESCRIPTION:
A selection of the best of APJ Abdul Kalam's thought-provoking and inspiring words: words which will make you reflect, rethink and rejoice along this journey of life.

SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Jacob Grimm(Author)
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2016
- Pages: 80 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8174830138
- ISBN-13 :9788174830135
DESCRIPTION:
SPECIFICATION:
- Publisher : Chaukhamba Subharati Prakashan
- By : Arun Kumar Sharma
- Cover : Paperback
- Language : Hindi
- Edition : 2012
- Pages : 374
- Weight : 420 gm
- Size : 8.5 X 5.5 Inch
- ISBN-10 : 9381484864
- ISBN-13 : 978-9381484869
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Sanjeev Kapoor (Author)
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2015
- Pages: 96 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350643006
- ISBN-13 :9789350643006
DESCRIPTION:
संजीव कपूर भारतीय पाक कला में विश्व में सर्वोत्तम स्थान पर है। उनका 24x7 टीवी चैनल फूडफूड, भारत और विदेशों में फैले उनके रेस्तरां और उनकी लिखी अनेक कुकबुक्स उनके भारत के सबसे प्रख्यात शेफ होने की गवाही देते है। इनकी लिखी कुकबुक ‘अहां! चाॅकलेट’ को ‘गोरमांड वल्र्ड कुकबुक्स अवाॅड्र्स 2013’ में भारत की “गोरमांड बेस्ट कुकबुक फोटोग्राफी“ का पुरस्कार प्राप्त हुआ है। शेफ कपूर ने इस किताब में स्वादिष्ट व्यंजनों का संग्रह प्रस्तुत किया है जिन्हें आपके मेहमान लंबे समय तक याद रखेंगे। आप अपनी शानदार पार्टी की शुरुआत ज़ायकेदार कोकोनट रिफ्रेशर से करें। उसके बाद कुरकुरे गोल्डन बैग्स, स्वादिष्ट धनिया अदरक चम्पे, अनूठे सीफूड पड थाई, तीखी और मसालेदार ग्रीन चिली चिकन, लुभावने पोटेटो चीज़ बाॅल्स इन स्पिनेच ग्रेवी, सुस्वाटु हाँडी बिरयानी, मुँह में पानी लाने वाले तिरामिसु और गिल-ए-फिरदौस परोसकर अपने मेहमानों का दिल जीत लें।
It is very kind of people to invite me to their parties, especially as I do not throw parties myself, or invite anyone anywhere. At more than one party I have been known to throw things at people. In spite of this—or maybe because of it—I get invited to these affairs.
There’s nothing like being able to see the funny side of things in life. Whether it is a belt that decides to get hooked on to another passenger’s bag, or monkeys who visit and take refuge in the loo or even the omelettes that don’t turn out exactly the way they were intended, Ruskin Bond brings alive each of these situations with wry humour and a generous dose of wit. Party Time in Mussoorie is as much fun to read as it is to attend any of the weird and wonderful parties Ruskin Bond describes in this collection.
AUTHOR OF THE BOOK
Ruskin Bond has been writing for over sixty years, and now has over 120 titles in print—novels, collections of short stories, poetry, essays, anthologies and books for children. His first novel, The Room on the Roof, received the prestigious John Llewellyn Rhys Prize in 1957. He has also received the Padma Shri (1999), the Padma Bhushan (2014) and two awards from Sahitya Akademi—one for his short stories and another for his writings for children. In 2012, the Delhi government gave him its Lifetime Achievement Award.
Born in 1934, Ruskin Bond grew up in Jamnagar, Shimla, New Delhi and Dehradun. Apart from three years in the UK, he has spent all his life in India, and now lives in Mussoorie with his adopted family.

SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Shailesh Matiyani (Author)
- Binding :Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2000
- Pages: 136 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170283760
- ISBN-13 :9788170283768
DESCRIPTION:
प्रख्यात साहित्यकार शैलेश मटियानी की स्वयं अपने जीवन पर आधारित एक मार्मिक औपन्यासिक रचना - आदि से अंत तक पाठक को बाँधे रखने में समर्थ

SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Devdutt Pattanaik (Author)
- Binding :Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2017
- Pages: 198 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350643685
- ISBN-13: 9789350643686
DESCRIPTION:
कैसे एक मछली दुनिया को बचा लेती है एक घोड़ा कैसे आसमान में उड़ता है राजा को कैसे पता चलता है कि उसकी प्रिय पत्नी वास्तव में मेढक है। हिन्दू पुराकथा शास्त्रों में ऐसे अनेक किस्से-कहानियाँ है जिसमें पशु-पक्षियों की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। क्या कारण है कि कुछ को तो देवी-देवताओं के समान पूजा जाता है और कुछ से दूरी ही रखी जाती है? कुछ पशुओं की तो मनुष्यों से शत्रुता है और कुछ उनके साथ जीवन भर निभाने वाला नाता जोड़ते हैं। ऐसा कैसे हुआ कि एक हिरण ने रामायण में इतनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई ? क्यों और कैसे गरुड़ नागों का जानी दुश्मन बना ? और कैसे एक नेवले ने युधिष्ठिर को त्याग का पाठ पढ़ाया? ऐसे ही अनेक रोचक प्रश्नों के उत्तर देवदत्त पट्टनायक की इस पुस्तक में मिलेंगे।
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