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SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Bhagwatisharan Mishra (Author)
- Binding :Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2016
- Pages: 264 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170286565
- ISBN-13 :9788170286561
DESCRIPTION:
आज़ादी के बाद, शासन की जो प्रणाली भारत में अस्तित्व में आई, उसमें एक राष्ट्र और उसके जन-जीवन का सारा दारोमदार प्रधानमंत्री पर होता है। इस प्रकार एक राष्ट्र के रूप में भारत की सफलताओं और उपलब्धियों का समूचा इतिहास अब तक के सभी प्रधानमंत्रियों की कार्यशैली और नेतृत्व-क्षमता में ही निहित है। इस पुस्तक में जवाहरलाल नेहरू से लेकर अब तक सभी प्रधानमंत्रियों के जीवन चरित्र, उनके व्यक्तित्व, कार्यशैली और उपलब्धियों के ज़रिये स्वतन्त्र भारत के साठ सालों की गति-प्रगति का विवेचन किया गया है। उपन्यास जैसी सुबोध और रोचक शैली में दुर्लभ और खोजपूर्ण जानकारियों के साथ लिखी गई यह पुस्तक एक सचित्र सन्दर्भ-ग्रंथ भी है।

SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Bhagwatisharan Mishra (Author)
- Binding :Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2019
- Pages: 172 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170285682
- ISBN-13 :9788170285687
DESCRIPTION:
भारत के प्रथम राष्ट्रपति बाबू राजेन्द्र प्रसाद जी से लेकर आज की पहली महिला राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल तक-सभी के जीवन-चरित्र, उनके व्यक्तित्व, कार्यशैली और उपलब्धियों पर बहुत ही सरस शैली में सचित्र खोजपूर्ण जानकारी।

SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: C.Rangrajan (Author)
- Binding :Hardcover
- Language: Hindi
- Edition :2010
- Pages: 224 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170283787
- ISBN-13: 9788170283782
DESCRIPTION:
बदलते भारत की नयी अर्थनीति के विविध पक्षों, यथा मुद्रानीति, वित्त प्रबंध, ग्रामीण तथा अन्य ऋण, नयी तकनीकी, सूचना प्रौद्योगिकी, लघु उद्योग, बाजार, सामान्य प्रबंधन आदि पर सुलझे हुए विचार-इस परिवर्तन के एक केन्द्रीय आयोजक तथा भारतीय रिज़र्व बैंक के पूर्व गवर्नर चक्रवर्ती रंगराजन द्वारा।


SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: A.P.J. Abdul Kalam
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition : 2015
- Pages: 180 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170288851
- ISBN-13 :9788170288855
DESCRIPTION:
‘‘मुझे लगता है कि हमें देश के लिए एक अलग दृष्टिकोण की आवश्यकता है, ठीक वैसा ही दृष्टिकोण जैसा अंग्रेज़ों के विरुद्ध स्वतंत्रता संग्राम के समय हमारा था। उस समय राष्ट्रवाद की भावना बहुत प्रबल थी। भारत को एक विकसित राष्ट्र में बदलने के लिए आवश्यक यह दूसरा दृष्टिकोण एक बार फिर राष्ट्रवाद की भावना को शीर्ष पर लाएगा।’’ विकास के लाभ उठाने के बाद अब भारत के लोग अधिक शिक्षा, अधिक अवसरों और अधिक विकास के लिए बेताब हैं। लेकिन समृद्ध और संगठित भारत के निर्माण का उनका यह सपना कहीं-न-कहीं चूर-चूर होता दिखाई दे रहा हैः देश को बांटने वाली राजनीति, बढ़ती आर्थिक विषमता और देश तथा उसकी सीमाओं पर मौजूद डर और अशांति के दानव देश के मर्मस्थल पर चोट कर रहे हैं। ऐसी परिस्थितियों में देश और उसकी अवधारणा की रक्षा कैसे की जाए और विकास के लक्ष्य पर कैसे आगे बढ़ा जाए? यह पुस्तक कुछ ऐसे ही प्रश्न उठाती है और उनके उत्तर तलाशती है। डॉ. कलाम का मानना है कि किसी भी देश की आत्मा उसमें रहने वाले लोग होते हैं, और उनकी उन्नति में ही देश की उन्नति है। आदर्शवाद से ओतप्रोत, लेकिन वास्तविकता से जुड़ी भारत की आवाज़ दर्शाती है कि व्यक्तिगत और राष्ट्रीय स्तर पर प्रगति संभव है, बशर्ते हम इस सिद्धांत पर चलें कि ‘‘देश किसी भी व्यक्ति या संगठन से बढ़कर होता है’’ और यह समझें कि ‘‘केवल सीमारहित मस्तिष्क ही सीमारहित समाज का निर्माण कर सकते हैं।’’

SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Rajpal Graphic Studio (Author)
- Binding :Paperback
- Language: Hindi
- Edition :2017
- Pages: 16 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350641844
- ISBN-13: 9789350641842
DESCRIPTION:
अकबर और उसके मंत्री बीरबल की कहानियों ने बहुत लम्बे समय से पाठकों का मनोरंजन किया है। अकबर-बीरबल की पारम्परिक कहानियों पर आधारित कई नाटकों, चलचित्रों और टेलीविज़न सीरियलों का निर्माण हुआ है। अकबर की अपने साम्राज्य पर शासन चलाने में दिन-प्रतिदिन आने वाली कठिनाइयों को बीरबल अपनी बुद्धिमत्ता और हाज़िरजवाबी से आनन-फानन में हल कर देता था। ये कहानियाँ इन दोनों के बीच होने वाले उस वार्तालाप पर आधारित हैं। किशोर श्रोताओं में ये कहानियाँ बहुत लोकप्रिय हुई हैं क्योंकि ये बुद्धिमत्ता और मनोरंजन से भरपूर होने के साथ-साथ ईमानदारी, न्याय और समानता का भी आवश्यक संदेश देती हैं। अकबर और बीरबल कौन थे? मुगल साम्राज्य के श्रेष्ठ शासकों में से एक अकबर (1542-1605) एक महान शासक था। उसने मुगल साम्राज्य का बहुत विस्तार किया और अपने साम्राज्य को सुचारू रूप से चलाने के लिए कई कानूनी और प्रशासनिक सुधार किये। अकबर के दरबार के असाधारण नौरत्नों में से एक बीरबल (1528-1586) बहुत प्रतिभाशाली व्यक्ति था। वह अकबर का सहायक, सलाहकार और व्यक्तिगत मित्र भी था।


SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Rajpal Graphic Studio (Author)
- Binding :Paperback
- Language: Hindi
- Edition :2017
- Pages: 16 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350641852
- ISBN-13: 9789350641859
DESCRIPTION:
अकबर और उसके मंत्री बीरबल की कहानियों ने बहुत लम्बे समय से पाठकों का मनोरंजन किया है। अकबर-बीरबल की पारम्परिक कहानियों पर आधारित कई नाटकों, चलचित्रों और टेलीविज़न सीरियलों का निर्माण हुआ है। अकबर की अपने साम्राज्य पर शासन चलाने में दिन-प्रतिदिन आने वाली कठिनाइयों को बीरबल अपनी बुद्धिमत्ता और हाज़िरजवाबी से आनन-फानन में हल कर देता था। ये कहानियाँ इन दोनों के बीच होने वाले उस वार्तालाप पर आधारित हैं। किशोर श्रोताओं में ये कहानियाँ बहुत लोकप्रिय हुई हैं क्योंकि ये बुद्धिमत्ता और मनोरंजन से भरपूर होने के साथ-साथ ईमानदारी, न्याय और समानता का भी आवश्यक संदेश देती हैं। अकबर और बीरबल कौन थे? मुगल साम्राज्य के श्रेष्ठ शासकों में से एक अकबर (1542-1605) एक महान शासक था। उसने मुगल साम्राज्य का बहुत विस्तार किया और अपने साम्राज्य को सुचारू रूप से चलाने के लिए कई कानूनी और प्रशासनिक सुधार किये। अकबर के दरबार के असाधारण नौरत्नों में से एक बीरबल (1528-1586) बहुत प्रतिभाशाली व्यक्ति था। वह अकबर का सहायक, सलाहकार और व्यक्तिगत मित्र भी था।

SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Rajpal Graphic Studio (Author)
- Binding :Paperback
- Language: Hindi
- Edition :2018
- Pages: 16 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350641860
- ISBN-13: 9789350641866
DESCRIPTION:
अकबर और उसके मंत्री बीरबल की कहानियों ने बहुत लम्बे समय से पाठकों का मनोरंजन किया है। अकबर-बीरबल की पारम्परिक कहानियों पर आधारित कई नाटकों, चलचित्रों और टेलीविज़न सीरियलों का निर्माण हुआ है। अकबर की अपने साम्राज्य पर शासन चलाने में दिन-प्रतिदिन आने वाली कठिनाइयों को बीरबल अपनी बुद्धिमत्ता और हाज़िरजवाबी से आनन-फानन में हल कर देता था। ये कहानियाँ इन दोनों के बीच होने वाले उस वार्तालाप पर आधारित हैं। किशोर श्रोताओं में ये कहानियाँ बहुत लोकप्रिय हुई हैं क्योंकि ये बुद्धिमत्ता और मनोरंजन से भरपूर होने के साथ-साथ ईमानदारी, न्याय और समानता का भी आवश्यक संदेश देती हैं। अकबर और बीरबल कौन थे? मुगल साम्राज्य के श्रेष्ठ शासकों में से एक अकबर (1542-1605) एक महान शासक था। उसने मुगल साम्राज्य का बहुत विस्तार किया और अपने साम्राज्य को सुचारू रूप से चलाने के लिए कई कानूनी और प्रशासनिक सुधार किये। अकबर के दरबार के असाधारण नौरत्नों में से एक बीरबल (1528-1586) बहुत प्रतिभाशाली व्यक्ति था। वह अकबर का सहायक, सलाहकार और व्यक्तिगत मित्र भी था।


SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Rajpal Graphic Studio (Author)
- Binding :Paperback
- Language: Hindi
- Edition :2015
- Pages: 16 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8174831657
- ISBN-13: 9788174831651
DESCRIPTION:
जातक कथाएँ प्राचीन बौद्ध साहित्य में पाई जाने वाली कहानियों का विशाल भंडार है। हर कहानी में गौतम बुद्ध कभी मनुष्य या पशु का रूप अपनाते हैं। उनका पात्र ईमानदारी, वफ़ादारी, न्याय, दयालुता और उदारता के गुणों से संपन्न होता है। इन्हीं जीवन-मूल्यों को ये कहानियां सहज और मज़ेदार तरीके स प्रस्तुत करती हैं। जातक कथाएँ विश्वभर में बहुत लोकप्रिय हैं, विशेषकर बच्चों और युवाओं में, और इनमें से अनेक कथाओं पर नाटक और टीवी धारावाहिक बनाए गए हैं।


SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Rajpal Graphic Studio (Author)
- Binding :Paperback
- Language: Hindi
- Edition :2015
- Pages: 16 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8174831665
- ISBN-13: 9788174831668
DESCRIPTION:
जातक कथाएँ प्राचीन बौद्ध साहित्य में पाई जाने वाली कहानियों का विशाल भंडार है। हर कहानी में गौतम बुद्ध कभी मनुष्य या पशु का रूप अपनाते हैं। उनका पात्र ईमानदारी, वफ़ादारी, न्याय, दयालुता और उदारता के गुणों से संपन्न होता है। इन्हीं जीवन-मूल्यों को ये कहानियां सहज और मज़ेदार तरीके स प्रस्तुत करती हैं। जातक कथाएँ विश्वभर में बहुत लोकप्रिय हैं, विशेषकर बच्चों और युवाओं में, और इनमें से अनेक कथाओं पर नाटक और टीवी धारावाहिक बनाए गए हैं।


SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Rajpal Graphic Studio (Author)
- Binding :Paperback
- Language: Hindi
- Edition :2015
- Pages: 16 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8174831673
- ISBN-13: 9788174831675
DESCRIPTION:
जातक कथाएँ प्राचीन बौद्ध साहित्य में पाई जाने वाली कहानियों का विशाल भंडार है। हर कहानी में गौतम बुद्ध कभी मनुष्य या पशु का रूप अपनाते हैं। उनका पात्र ईमानदारी, वफ़ादारी, न्याय, दयालुता और उदारता के गुणों से संपन्न होता है। इन्हीं जीवन-मूल्यों को ये कहानियां सहज और मज़ेदार तरीके स प्रस्तुत करती हैं। जातक कथाएँ विश्वभर में बहुत लोकप्रिय हैं, विशेषकर बच्चों और युवाओं में, और इनमें से अनेक कथाओं पर नाटक और टीवी धारावाहिक बनाए गए हैं।


SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Rajpal Graphic Studio (Author)
- Binding :Paperback
- Language: Hindi
- Edition :2015
- Pages: 16 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8174831681
- ISBN-13: 9788174831682
DESCRIPTION:
जातक कथाएँ प्राचीन बौद्ध साहित्य में पाई जाने वाली कहानियों का विशाल भंडार है। हर कहानी में गौतम बुद्ध कभी मनुष्य या पशु का रूप अपनाते हैं। उनका पात्र ईमानदारी, वफ़ादारी, न्याय, दयालुता और उदारता के गुणों से संपन्न होता है। इन्हीं जीवन-मूल्यों को ये कहानियां सहज और मज़ेदार तरीके स प्रस्तुत करती हैं। जातक कथाएँ विश्वभर में बहुत लोकप्रिय हैं, विशेषकर बच्चों और युवाओं में, और इनमें से अनेक कथाओं पर नाटक और टीवी धारावाहिक बनाए गए हैं।


SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Rajpal Graphic Studio (Author)
- Binding :Paperback
- Language: Hindi
- Edition :2015
- Pages: 16 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10:81748316910
- ISBN-13: 9788174831699
DESCRIPTION:
जातक कथाएँ प्राचीन बौद्ध साहित्य में पाई जाने वाली कहानियों का विशाल भंडार है। हर कहानी में गौतम बुद्ध कभी मनुष्य या पशु का रूप अपनाते हैं। उनका पात्र ईमानदारी, वफ़ादारी, न्याय, दयालुता और उदारता के गुणों से संपन्न होता है। इन्हीं जीवन-मूल्यों को ये कहानियां सहज और मज़ेदार तरीके स प्रस्तुत करती हैं। जातक कथाएँ विश्वभर में बहुत लोकप्रिय हैं, विशेषकर बच्चों और युवाओं में, और इनमें से अनेक कथाओं पर नाटक और टीवी धारावाहिक बनाए गए हैं।

SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Rajpal Graphic Studio (Author)
- Binding :Paperback
- Language: Hindi
- Edition :2018
- Pages: 16 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10:9350642905
- ISBN-13: 9789350642900
DESCRIPTION:
‘‘पंचतन्त्र’’ सचित्र कहानियों की एक श्रृंखला है। ये कहानियाँ हज़ारों वर्ष पूर्व राजकुमारों और राजकुमारियों को शिक्षा देने के लिए लिखी गईं। ये कहानियाँ बहुत ही सहज, सरल और आसानी से समझ आने वाले व बड़े ही मनोरंजक ढंग से शिक्षा देती हैं। हर कहानी ईमानदारी, वफ़ादारी, एकता, अच्छे चरित्र और जीवन मूल्यों की शिक्षा देती है। कहानियों के मुख्य पात्र पशु व पक्षी हैं इसलिए बच्चे कहानी में दी गई शिक्षा को आसानी से ग्रहण कर लेते हैं। पंचतन्त्र की कहानियाँ बच्चों के साथ-साथ बड़ों में भी लोकप्रिय हैं।


SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Rajpal Graphic Studio (Author)
- Binding :Paperback
- Language: Hindi
- Edition :2017
- Pages: 16 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10:9350642913
- ISBN-13: 9789350642917
DESCRIPTION:
‘‘पंचतन्त्र’’ सचित्र कहानियों की एक श्रृंखला है। ये कहानियाँ हज़ारों वर्ष पूर्व राजकुमारों और राजकुमारियों को शिक्षा देने के लिए लिखी गईं। ये कहानियाँ बहुत ही सहज, सरल और आसानी से समझ आने वाले व बड़े ही मनोरंजक ढंग से शिक्षा देती हैं। हर कहानी ईमानदारी, वफ़ादारी, एकता, अच्छे चरित्र और जीवन मूल्यों की शिक्षा देती है। कहानियों के मुख्य पात्र पशु व पक्षी हैं इसलिए बच्चे कहानी में दी गई शिक्षा को आसानी से ग्रहण कर लेते हैं। पंचतन्त्र की कहानियाँ बच्चों के साथ-साथ बड़ों में भी लोकप्रिय हैं।


SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Rajpal Graphic Studio (Author)
- Binding :Paperback
- Language: Hindi
- Edition :2018
- Pages: 16 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10:9350642921
- ISBN-13: 9789350642924
DESCRIPTION:
‘‘पंचतन्त्र’’ सचित्र कहानियों की एक श्रृंखला है। ये कहानियाँ हज़ारों वर्ष पूर्व राजकुमारों और राजकुमारियों को शिक्षा देने के लिए लिखी गईं। ये कहानियाँ बहुत ही सहज, सरल और आसानी से समझ आने वाले व बड़े ही मनोरंजक ढंग से शिक्षा देती हैं। हर कहानी ईमानदारी, वफ़ादारी, एकता, अच्छे चरित्र और जीवन मूल्यों की शिक्षा देती है। कहानियों के मुख्य पात्र पशु व पक्षी हैं इसलिए बच्चे कहानी में दी गई शिक्षा को आसानी से ग्रहण कर लेते हैं। पंचतन्त्र की कहानियाँ बच्चों के साथ-साथ बड़ों में भी लोकप्रिय हैं।


SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Rajpal Graphic Studio (Author)
- Binding :Paperback
- Language: Hindi
- Edition :2018
- Pages: 16 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10:93506429310
- ISBN-13: 9789350642931
DESCRIPTION:
‘‘पंचतन्त्र’’ सचित्र कहानियों की एक श्रृंखला है। ये कहानियाँ हज़ारों वर्ष पूर्व राजकुमारों और राजकुमारियों को शिक्षा देने के लिए लिखी गईं। ये कहानियाँ बहुत ही सहज, सरल और आसानी से समझ आने वाले व बड़े ही मनोरंजक ढंग से शिक्षा देती हैं। हर कहानी ईमानदारी, वफ़ादारी, एकता, अच्छे चरित्र और जीवन मूल्यों की शिक्षा देती है। कहानियों के मुख्य पात्र पशु व पक्षी हैं इसलिए बच्चे कहानी में दी गई शिक्षा को आसानी से ग्रहण कर लेते हैं। पंचतन्त्र की कहानियाँ बच्चों के साथ-साथ बड़ों में भी लोकप्रिय हैं।

SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Rajpal Graphic Studio (Author)
- Binding :Paperback
- Language: Hindi
- Edition :2018
- Pages: 16 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10:9350642948
- ISBN-13: 9789350642948
DESCRIPTION:
‘‘पंचतन्त्र’’ सचित्र कहानियों की एक श्रृंखला है। ये कहानियाँ हज़ारों वर्ष पूर्व राजकुमारों और राजकुमारियों को शिक्षा देने के लिए लिखी गईं। ये कहानियाँ बहुत ही सहज, सरल और आसानी से समझ आने वाले व बड़े ही मनोरंजक ढंग से शिक्षा देती हैं। हर कहानी ईमानदारी, वफ़ादारी, एकता, अच्छे चरित्र और जीवन मूल्यों की शिक्षा देती है। कहानियों के मुख्य पात्र पशु व पक्षी हैं इसलिए बच्चे कहानी में दी गई शिक्षा को आसानी से ग्रहण कर लेते हैं। पंचतन्त्र की कहानियाँ बच्चों के साथ-साथ बड़ों में भी लोकप्रिय हैं।


SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Devdutt Pattanaik (Author)
- Binding :Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2016
- Pages: 240 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350643383
- ISBN-13: 9789350643389
DESCRIPTION:
भारत के हर प्रान्त, हर कस्बे और यहाँ तक कि हर गाँव में अलग-अलग देवी पूजी जाती हंै और प्रत्येक का अपना अलग रूप, स्वरूप और विशेषता है। प्राचीन हिन्दू पौराणिक कहानियों और किंवदंतियों के शोध पर आधारित इस पुस्तक में लेखक देवदत्त पट्टनायक खोजबीन कर रहे हैं कि पिछले चार हज़ार वर्षों में देवी की अवधारणा कैसे बदली है। उन्होंने पाया कि जितनी भी देवियाँ हैं, उन सभी की उत्पत्ति पाँच मुख्य स्वरूपों से हुई है। पहला स्वरूप है जिसमें देवी को प्रकृति के रूप में माना गया है। देवी का दूसरा स्वरूप है जननी के रूप में है, जिसमें ममता उसका सबसे बड़ा गुण है। देवी का तीसरा स्वरूप है पुरुष को लुभाकर शारीरिक भोग-विलास से जीवन-चक्र में बाँधने वाली अप्सरा। जहाँ स्त्री घर-गृहस्थी के बन्धन में बँध जाती है तो उजागर होता है उसका चैथा स्वरूप, पत्नी के रूप में, जो अपने पतिव्रतता से चमत्कार करने की शक्ति भी रखती है। पाँचवाँ स्वरूप है बदला लेने वाली डरावनी, खूँखार आसुरी का। देवी के इन पाँच स्वरूपों को लेखक ने बहुत ही रोचक लोककथाओं और किंवदंतियों के ज़रिये पाठक के सामने उजागर किया है। देवदत्त पट्टनायक पौराणिक विषयों के जाने-माने विशेषज्ञ हैं। पौराणिक कहानियों, संस्कारों और रीति-रिवाज़ों का हमारी आधुनिक ज़िन्दगी में क्या महत्त्व है, इस विषय पर वह लिखते भी हैं और जगह-जगह व्याख्यान भी देेते हैं। इनकी पन्द्रह से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं और टीवी पर इनका कार्यक्रम भी दिखाया जाता है। विष्णु के सात रहस्य, शिव के सात रहस्य, शिखण्डी और कुछ अनसुनी कहानियाँ, देवी के सात रहस्य, भारतीय पौराणिक कथाएँ और पशु उनकी अन्य बहुचर्चित पुस्तकें हैं।


SPECIFICATION:
- Publisher :Rajpal and Sons
- By: Amartya Sen (Author)
- Binding :Hardcover
- Language: Hindi
- Edition :2014
- Pages: 212 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10::81702834010
- ISBN-13: 9788170283409
DESCRIPTION:
आजादी के पचास वर्ष बाद भी भारत विकसित देशों की श्रेणी में नहीं आ सका है। उसी के समान प्राचीन और विशाल भूमि तथा जनसंख्या वाला देश चीन उसकी तुलना में कहीं आगे बढ़ता चला जा रहा है। पूर्वी एशिया के अन्य अनेक देश भी बहुत प्रगति कर चुके हैं। क्यों? प्रो. सेन का मानना है कि भारत की तुलना में उन देशों में पहले से हुआ साक्षरता प्रसार, देश भर में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार तथा स्त्री-शक्ति का सभी कार्यों में आगे बढ़-चढ़कर योगदान ही इसका प्रमुख कारण है। प्रस्तुत पुस्तक सामाजिक अवसरों को प्राथमिकता देने वाले इन प्रमुख कारकों का तुलनात्मक आंकड़े देकर विवेचन करती है। ‘‘...आर्थिक सुधार के प्रमुख मुद्दों पर एक नया दृष्टिकोण’’-हिन्दू। ‘‘...यह पुस्तक इस विषय पर विचार प्रस्तुत करती है कि जनता की क्षमताएं बढ़ाना क्यों आवश्यक है।’’-फिनेन्शियल एक्सप्रेस। ‘‘भारत की उपलब्धियों तथा असफलताओं का प्रभावशाली विवरण...भारत के सामाजिक-आर्थिक विकास पर बहस के लिए बिलकुल नये मुद्दे प्रस्तुत करती है यह महत्त्वपूर्ण पुस्तक।’’-टाइम्स हायर एजुकेशन सप्लीमेंट। ‘‘राज्य तथा बाजार के पारस्परिक संबंध के विषय में यह पुस्तक बहुत महत्त्वपूर्ण विचार प्रस्तुत करती है।’’-इकानामिक टाइम्स। ‘‘उपेक्षितों के लिए सहानुभूति तथा निष्पक्ष विश्लेषण...इस पुस्तक की विशेषता है। इस देश की अर्थनीति में रुचि रखने वाले सभी व्यक्तियों के पढ़ने योग्य।’’-आउटलुक।


SPECIFICATION:
- Publisher : Juggernaut
- By: Husain Haqqani (Author)
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2017
- Pages: 192 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9386228149
- ISBN-13 :9789386228147
DESCRIPTION:
वह कौन सी चीज़ है जो भारत और पाकिस्तान को दोस्त बनने से रोकती है? चार पाकिस्तानी प्रधानमंत्रियों के सलाहकार रहे हुसैन हक़्क़ानी इस उकसाने वाली और गहराई से विश्लेषण करने वाली किताब में इस रिश्ते की अहम गांठों- कश्मीर, आतंकवाद और परमाणु बम-पर एक बारीक नज़र डालते हैं। वे हमें बताते हैं कि कहां दोनों पक्ष गलत रहे हैं। लेकिन दिलचस्प रहस्योद्घाटनों और किस्सों से भरी इस किताब में उनका कहना है कि भारत को लेकर पाकिस्तान की सनक ही दोनों देशों की समस्याओं के केंद्र में है।
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