Urdu Hai Mera Naam

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SPECIFICATION:
  • Publisher : Rajpal and Sons
  • By: Iqbal Ashhar
  • Binding : Paperback
  • Language :  Hindi
  • Edition :2019
  • Pages:  144 pages
  • Size : 20 x 14 x 4 cm
  • ISBN-10: 9389373069
  • ISBN-13 :9789389373066

DESCRIPTION:

‘‘इक़बाल अशहर की ग़ज़ल की सज-धज और छापतिलक उनकी अपनी फ़िक्री काविशों का समरा है जो उनके और तहज़ीबी ग़ज़ल के रिश्ते का ऐलान करती है। उन्हें सुनना मासूम तितलियों और जुगनुओं के ख्वाबों को छूकर देखने की तरह है। वो हमारे दुनियावी सतह पर होने वाले मुशायरों के भी मक़बूलतरीन शायर हैं लेकिन उनकी शनाख़्त मुशायरा नहीं बल्कि मुशायरों को संजीदा कामयाबी से हमकिनार करती है। उनकी यह किताब उर्दू है मेरा नाम का पूरी दुनिया में इस्तक़बाल होगा, इंशाअल्लाह इसमें शक की गुंजाइश नहीं।’’ - राहत इंदौरी 1965 में दिल्ली में पैदा हुए इक़बाल अशहर की शायरी का आगाज़ 1983 में हुआ। उनकी गिनती आज के दौर के नुमाइंदा शायरों में होती है। उनकी शायरी अतीत के बेतरतीब अंधेरे-उजालों की तरतीब, नर्इ रुतों की आशा-निराशा की दिलचस्प दास्तां और आने वाले दौर की आहटों की गूँज है। उनकी अनेक ग़ज़लें मुशायरों और कवि-सम्मेलनों की कामयाबी की जमानत समझी जाती हैं। उर्दू है मेरा नाम देवनागरी में उनका पहला ग़ज़ल-संग्रह है।

                          Description

                          SPECIFICATION:
                          • Publisher : Rajpal and Sons
                          • By: Iqbal Ashhar
                          • Binding : Paperback
                          • Language :  Hindi
                          • Edition :2019
                          • Pages:  144 pages
                          • Size : 20 x 14 x 4 cm
                          • ISBN-10: 9389373069
                          • ISBN-13 :9789389373066

                          DESCRIPTION:

                          ‘‘इक़बाल अशहर की ग़ज़ल की सज-धज और छापतिलक उनकी अपनी फ़िक्री काविशों का समरा है जो उनके और तहज़ीबी ग़ज़ल के रिश्ते का ऐलान करती है। उन्हें सुनना मासूम तितलियों और जुगनुओं के ख्वाबों को छूकर देखने की तरह है। वो हमारे दुनियावी सतह पर होने वाले मुशायरों के भी मक़बूलतरीन शायर हैं लेकिन उनकी शनाख़्त मुशायरा नहीं बल्कि मुशायरों को संजीदा कामयाबी से हमकिनार करती है। उनकी यह किताब उर्दू है मेरा नाम का पूरी दुनिया में इस्तक़बाल होगा, इंशाअल्लाह इसमें शक की गुंजाइश नहीं।’’ - राहत इंदौरी 1965 में दिल्ली में पैदा हुए इक़बाल अशहर की शायरी का आगाज़ 1983 में हुआ। उनकी गिनती आज के दौर के नुमाइंदा शायरों में होती है। उनकी शायरी अतीत के बेतरतीब अंधेरे-उजालों की तरतीब, नर्इ रुतों की आशा-निराशा की दिलचस्प दास्तां और आने वाले दौर की आहटों की गूँज है। उनकी अनेक ग़ज़लें मुशायरों और कवि-सम्मेलनों की कामयाबी की जमानत समझी जाती हैं। उर्दू है मेरा नाम देवनागरी में उनका पहला ग़ज़ल-संग्रह है।

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