SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Sharat Chandra Chattopadhyaya (Author)
- Binding :Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2014
- Pages: 32 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9380300212
- ISBN-13 :9789380300214
DESCRIPTION:
"इस उपन्यास में प्राग्वेदकालीन नर, नाग, देव, दैत्य-दानव, आर्य, अनार्य आदि विविध नृवंशों के जीवन के वे विस्मृत-पुरातन रेखाचित्र हैं, जिन्हें धर्म के रंगीन शीशे में देखकर सारे संसार ने अन्तरिक्ष का देवता मान लिया था। मैं इस उपन्यास में उन्हें नर-रूप में आपके समक्ष उपस्थित करने का साहस कर रहा हूँ। आज तक कभी मनुष्य की वाणी से न सुनी गई बातें, मैं आपको सुनाने पर आमादा हूँ।... उपन्यास में मेरे अपने जीवन-भर के अध्ययन का सार है..."
Description
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Sharat Chandra Chattopadhyaya (Author)
- Binding :Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2014
- Pages: 32 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9380300212
- ISBN-13 :9789380300214
DESCRIPTION:
"इस उपन्यास में प्राग्वेदकालीन नर, नाग, देव, दैत्य-दानव, आर्य, अनार्य आदि विविध नृवंशों के जीवन के वे विस्मृत-पुरातन रेखाचित्र हैं, जिन्हें धर्म के रंगीन शीशे में देखकर सारे संसार ने अन्तरिक्ष का देवता मान लिया था। मैं इस उपन्यास में उन्हें नर-रूप में आपके समक्ष उपस्थित करने का साहस कर रहा हूँ। आज तक कभी मनुष्य की वाणी से न सुनी गई बातें, मैं आपको सुनाने पर आमादा हूँ।... उपन्यास में मेरे अपने जीवन-भर के अध्ययन का सार है..."
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