Business & Economics
Business & Economics
198 products

SPECIFICATION:
- Publisher :Rajpal and Sons
- By: Amartya Sen (Author)
- Binding :Hardcover
- Language: Hindi
- Edition :2017
- Pages: 384 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10::8170288665
- ISBN-13: 9788170288664
DESCRIPTION:
विश्व प्रसिद्ध अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने अर्थशास्त्र को परंपरागत संकुचित दायरे के बाहर विकासशील देशों की समस्याओं, जैसे गरीबी की आर्थिक और सामाजिक समस्याओं के साथ जोड़ा है। उनकी प्रत्येक नई पुस्तक इसलिए चर्चा का केन्द्र बन जाती है क्योंकि वे अर्थशास्त्री की दृष्टि से सामाजिक समस्याओं पर नये ढंग से विचार करते हैं और नई संभावनाएं बनाते हैं। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अमर्त्य सेन को अपनी इस नई देन के लिए विश्व-भर में सम्मानित किया जा रहा है। इससे पहले भी उन्होंने अपनी पुस्तकों में सामाजिक न्याय पर विशद् चर्चा की है और इसके विभिन्न पक्षों पर विचार किया है। न्याय एक ऐसा आदर्श है जो आज भी जनसाधारण की पहुँच के बाहर है। यह भी विचारणीय है कि वर्तमान न्याय व्यवस्था में जीवन-मूल्यों की रक्षा और वृद्धि कहाँ तक हो पाती है। इस महत्त्वपूर्ण पुस्तक में विद्वान् लेखक ने न्याय की विभिन्न परिभाषाओं-परिकल्पनाओं पर गंभीरता से विचार किया है और उनके मत में न्याय को अभी तक ठीक दिशा नहीं मिल पाई है। संसार के प्रसिद्ध विचारकों रूसो, कांट, लाक, हाब्स ने अपने-अपने समय में इस विषय पर विचार किया है और वे तत्कालीन नीतिकारों के विचारों से प्रभावित रहे हैं। इस पुस्तक में न्याय, विशेषकर सामाजिक न्याय के स्वरूप को परिभाषित करने का, विभिन्न दृष्टिकोणों से उसे परखने का प्रयत्न किया गया है। एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण पुस्तक जो नई सोच के साथ न्याय की व्यवस्था के सभी पक्षों पर मौलिक विचार प्रस्तुत करती है। समीक्षकों की दृष्टि में यह पुस्तक इस संसार में अन्याय के विरुद्ध सार्थक आवाज़ उठाती है और न्याय की नई व्यवस्था की रूपरेखा प्रस्तुत करती है।


SPECIFICATION:
- Publisher :Rajpal and Sons
- By: Amartya Sen (Author)
- Binding :Hardcover
- Language: Hindi
- Edition :2018
- Pages: 196 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10::8170286743
- ISBN-13: 9788170286745
DESCRIPTION:
नोबेल-पुरस्कार-विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन संस्कृति और समाज-विज्ञान के भी मौलिक चिन्तक हैं। अपनी पूर्व प्रकाशित पुस्तक ‘भारतीय अर्थतंत्र, इतिहास और संस्कृति’ में उन्होंने संस्कृति और मानव धर्म से जुड़े प्रश्नों पर विस्तारपूर्वक विचार किया था। अब अपनी इस नई पुस्तक में वे एक सर्वथा नए विषय और मौलिक चिन्तन दृष्टि के साथ हमारे सम्मुख हैं। अस्तित्व अथवा पहचान का प्रश्न और जंगल की आग की तरह फैल रही हिंसा की गहरी अर्थपूर्ण परख और समीक्षा इस पुस्तक का विषय है। विद्वान लेखक के गहरे अनुशीलन और चिंतन का परिणाम है यह अत्यंत महत्त्वपूर्ण सामयिक पुस्तक।


SPECIFICATION:
- Publisher :Rajpal and Sons
- By: Amartya Sen (Author)
- Binding :Hardcover
- Language: Hindi
- Edition :2018
- Pages: 204 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10::8170283035
- ISBN-13: 9788170283034
DESCRIPTION:
नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री प्रो. अमर्त्य सेन को विशिष्ट महत्व प्रदान किए जाने का मुख्य कारण यह है कि उन्होंने अर्थशास्त्र को मनुष्य के कल्याण का साधन बनाने के उद्देश्य से जोड़ा और इसके विविध पैमाने भी तैयार किए। इससे पूर्व अर्थशास्त्र को मात्र धन-संपदा का अध्ययन माना जाता था, उन्होंने उसे पहली बार दर्शन और नैतिकता की दिशा में उन्मुख किया। इसके लिए उन्होंने स्वयं तो दर्शन शास्त्र का गहरा अध्ययन किया ही, उसे अर्थशास्त्र के साथ पढ़ाना भी-विशेष रूप से अमेरिका के हारवर्ड विश्वविद्यालय में-आरंभ किया। मूल सिद्धान्तों के गणितीय निर्माण और विकास के साथ-साथ उन्होंने इसके व्यावहारिक पक्ष-राष्ट्रीय आय, नौकरियाँ, विषमता और ग़रीबी आदि-की गणना और मापन को भी बहुत दूर तक विकसित किया है। प्रस्तुत रचना ग़रीबी और उसी के संदर्भ में अकालों का उनका नवीन विश्लेषण प्रस्तुत करती है। इसने अकाल की अभी तक प्रचलित सभी धारणाओं को उलट-पुलट कर सरकारों को हँसी का पात्र बना दिया। विकासशील देशों के लिए प्रो. अमर्त्य सेन के विचार और उन पर आधारित योजनाएं विशेष महत्त्वपूर्ण हैं। यह रचना दुनिया भर में बहुत प्रसिद्ध हुई है। ‘‘लेखक का दिमाग़ सर्चलाइट की तरह काम करता है और पुरानी स्थापित धारणाओं का खंडन करता चलता है...’’-लंदन रिव्यू आव बुक्स। ‘‘...समाजशास्त्र की सर्वोत्तम परंपरा को आर्थिक दृष्टिकोण से व्यक्त करने वाली पुस्तक। अनुभव और तर्क पर आधारित।’’-दि इकानामिस्ट, लंदन।


SPECIFICATION:
- Publisher :Rajpal and Sons
- By: Amartya Sen (Author)
- Binding :Hardcover
- Language: Hindi
- Edition :2014
- Pages: 308 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10::8170283620
- ISBN-13: 9788170283621
DESCRIPTION:
भारत अत्यन्त विशाल देश है और इसके प्रदेश आर्थिक विकास तथा उसके कारकों की दृष्टि से एक दूसरे से बहुत भिन्न हैं। प्रत्येक प्रदेश की विकास योजनाओं को उसकी पृष्ठभूमि और परिप्रेक्ष्य में ही परखा जाना चाहिए। यह पुस्तक उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और केरल के आर्थिक अध्ययन इस दृष्टि से प्रस्तुत करती है कि अन्य प्रदेश उनके आईने में विकास की अपनी समस्याओं को न केवल रेखांकित कर सकें बल्कि उनके हल भी ढूँढ़ सकें। ‘‘अमर्त्य सेन की महत्त्वपूर्ण कृतियाँ जाने-माने प्रकाशक राजपाल एण्ड सन्ज़ के उद्यम से हिन्दी भाषा में आ रही हैं। इस प्रयास का महत्त्व यह है कि जिस बहुसंख्यक गरीब और गैर-अमीर मध्यमवर्गीय जनता के जीवन-परिवर्तन को इन विरले अर्थशास्त्रियों के विचार-सरोकार समर्पित हैं-अब उसकी एक बड़ी संख्या को ये उपलब्ध हैं। वे उन पर खुलकर और सोच-समझकर बहस कर सकते हैं और जब भी कोई सरकार जन-हितकारी आर्थिक नीतियों की घोषणा और जन-जीवन में बदलाव के दावे करती है तो वे उन्हें आंक, तोल कर परख सकते हैं। जो ठीक है उससे सहमति और जो गलत है, उस पर विरोध के स्वर उठा सकते हैं। नयी शताब्दी और सहस्राब्दी के भारतीयों के लिए अर्थ जगत और अर्थनीतियों के प्रति जागरूक होना और एक सक्रिय आर्थिक मानव की भूमिका निभाना कत्र्तव्य भी है और आवश्यकता भी।’’-दैनिक हिन्दुस्तान। ‘‘शोधकर्ताओं, विकास कार्यकर्ताओं तथा स्वैच्छिक संस्थाओं के लिए अत्यन्त उपयोगी...सरल भाषा के कारण सामान्य पाठक के लिए भी बोधगम्य’’-बिज़नैस स्टैन्डर्ड


SPECIFICATION:
- Publisher :Rajpal and Sons
- By: Amartya Sen (Author)
- Binding :Hardcover
- Language: Hindi
- Edition :2016
- Pages: 328 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10::8170286387
- ISBN-13: 9788170286387
DESCRIPTION:
... अमर्त्य सेन द्वारा व्यक्त तथा समर्थित विचार अत्यन्त सार्थक हैं।-इकानामिस्ट। बिलकुल नये विचार...ताज़गी से भरपूर, विद्वत्तापूर्ण तथा मानवीय...सेन के आशावाद तथा योजनाओं से मनुष्य सोचने लगता है कि समस्याओं का सचमुच कोई हल है।-बिज़नेस वीक। शोधकर्ताओं, विकास कार्यकर्ताओं तथा स्वैच्छिक संस्थाओं के लिए अत्यन्त उपयोगी...सरल भाषा के कारण सामान्य पाठक के लिए भी बोधगम्य-बिज़नेस स्टैण्डर्ड। ...आर्थिक सुधार के प्रमुख मुद्दों पर एक नया दृष्टिकोण-द हिन्दू। लेखक का दिमाग सर्चलाइट की तरह काम करता है और पुरानी स्थापित धारणाओं का खंडन करता चलता है।-लंदन रिव्यू आफ़ बुक्स। अमर्त्य सेन के विचार क्रांतिकारी सम्भावनाओं से पूर्ण हैं।-फ़ारेन अफ़ेयर्स


SPECIFICATION:
- Publisher :Rajpal and Sons
- By: Amartya Sen (Author)
- Binding :Hardcover
- Language: Hindi
- Edition :2014
- Pages: 212 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10::81702834010
- ISBN-13: 9788170283409
DESCRIPTION:
आजादी के पचास वर्ष बाद भी भारत विकसित देशों की श्रेणी में नहीं आ सका है। उसी के समान प्राचीन और विशाल भूमि तथा जनसंख्या वाला देश चीन उसकी तुलना में कहीं आगे बढ़ता चला जा रहा है। पूर्वी एशिया के अन्य अनेक देश भी बहुत प्रगति कर चुके हैं। क्यों? प्रो. सेन का मानना है कि भारत की तुलना में उन देशों में पहले से हुआ साक्षरता प्रसार, देश भर में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार तथा स्त्री-शक्ति का सभी कार्यों में आगे बढ़-चढ़कर योगदान ही इसका प्रमुख कारण है। प्रस्तुत पुस्तक सामाजिक अवसरों को प्राथमिकता देने वाले इन प्रमुख कारकों का तुलनात्मक आंकड़े देकर विवेचन करती है। ‘‘...आर्थिक सुधार के प्रमुख मुद्दों पर एक नया दृष्टिकोण’’-हिन्दू। ‘‘...यह पुस्तक इस विषय पर विचार प्रस्तुत करती है कि जनता की क्षमताएं बढ़ाना क्यों आवश्यक है।’’-फिनेन्शियल एक्सप्रेस। ‘‘भारत की उपलब्धियों तथा असफलताओं का प्रभावशाली विवरण...भारत के सामाजिक-आर्थिक विकास पर बहस के लिए बिलकुल नये मुद्दे प्रस्तुत करती है यह महत्त्वपूर्ण पुस्तक।’’-टाइम्स हायर एजुकेशन सप्लीमेंट। ‘‘राज्य तथा बाजार के पारस्परिक संबंध के विषय में यह पुस्तक बहुत महत्त्वपूर्ण विचार प्रस्तुत करती है।’’-इकानामिक टाइम्स। ‘‘उपेक्षितों के लिए सहानुभूति तथा निष्पक्ष विश्लेषण...इस पुस्तक की विशेषता है। इस देश की अर्थनीति में रुचि रखने वाले सभी व्यक्तियों के पढ़ने योग्य।’’-आउटलुक।


SPECIFICATION:
- Publisher :Rajpal and Sons
- By: Amartya Sen (Author)
- Binding :Hardcover
- Language: Hindi
- Edition :2017
- Pages: 120 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10::8170283019
- ISBN-13: 9788170283010
DESCRIPTION:
नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री प्रो. अमर्त्य सेन को विशिष्ट महत्त्व प्रदान किए जाने का मुख्य कारण यह है कि उन्होंने अर्थशास्त्र को मनुष्य के कल्याण का साधन बनाने के उद्देश्य से जोड़ा और इसके विविध पैमाने भी तैयार किए। इससे पूर्व अर्थशास्त्र को मात्र धन-संपदा का अध्ययन माना जाता था, उन्होंने उसे पहली बार दर्शन और नैतिकता की दिशा में उन्मुख किया। इसके लिए उन्होंने स्वयं तो दर्शन शास्त्र का गहरा अध्ययन किया ही, उसे अर्थशास्त्र के साथ पढ़ाना भी-विशेष रूप से अमेरिका के हारवर्ड विश्वविद्यालय में-आरम्भ किया। मूल सिद्धान्तों के गणितीय निर्माण और विकास के साथ-साथ उन्होंने इसके व्यावहारिक पक्ष-राष्ट्रीय आय, नौकरियाँ, विषमता और ग़रीबी आदि की गणना और मापन को भी बहुत दूर तक विकसित किया है। यह पुस्तक विषय के मूल सिद्धान्तों को तकनीकी और ग़ैर-तकनीकी दोनों ही ढंग से बहुत सफलतापूर्वक प्रस्तुत करती है। यह वह बीजरूपी आधार है जिस पर उनके कल्याणकारी अर्थशास्त्र का विशाल वटवृक्ष खड़ा है। विकासशील देशों के लिए प्रो. अमर्त्य सेन के विचार और उन पर आधारित योजनाएँ विशेष महत्त्वपूर्ण हैं। यह रचना दुनिया भर में बहुत प्रसिद्ध हुई है। ‘‘बहुत कम ऐसा होता है कि इतनी छोटी पुस्तक अपने विषय का इतना समग्र विवेचन प्रस्तुत कर सके-जैसा आर्थिक विषमता के महत्त्वपूर्ण विषय का इस रचना ने किया है।’’ –इकानामिस्ट ‘‘लेखक का दिमाग़ सर्चलाइट की तरह काम करता है और पुरानी स्थापित धारणाओं का खंडन करता चलता है।’’ -लंदन रिव्यू आफ बुक्स


SPECIFICATION:
- Publisher :Rajpal and Sons
- By: Amartya Sen (Author)
- Binding :Hardcover
- Language: Hindi
- Edition :2019
- Pages: 312 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10::8170283809
- ISBN-13: 9788170283805
DESCRIPTION:
प्रो. अमर्त्य सेन की आज तक प्रकाशित सभी कृतियों में अन्यतम, जो इक्कीसवीं सदी में मनुष्य के समग्र विकास, संतुष्टि तथा सुरक्षा के लिये एक बिलकुल नवीन दर्शन प्रस्तुत करती है और जो गरीबी हटाने की कार्ययोजना का भी आधार बन सकती है। पाश्चात्य जगत में भूरि-भूरि प्रशंसित। अद्भुत...इस पुस्तक में यह तर्क अपना चरम उत्कर्ष प्राप्त करता है कि विकास का प्रमुख लक्ष्य तथा उद्देश्य स्वातंत्र्य ही है। लेखक ने एक कठिन विषय के सभी पक्षों को बड़े सहज ढंग से प्रस्तुत किया है।-न्यूयॉर्क टाइम्स। अन्य नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्रियों के विपरीत अमर्त्य सेन ने समाज के सबसे निचले वर्ग के लोगों को अपना विषय बनाया है। उन्होंने शीर्ष पर स्थित लोगों पर ध्यान नहीं दिया है।-शिकागो ट्रिब्यून। अमर्त्य सेन द्वारा व्यक्त तथा समर्पित विचार अत्यंत आकर्षक हैं।-इकोनॉमिस्ट। इस पुस्तक में तर्क की ताज़गी के साथ विरोधी विचारों को भी स्वीकार करने की भावना है।-एटलांटिक मंथली। अमर्त्य सेन के विचार क्रांतिकारी संभावनाओं से पूर्ण हैं।-फॉरेन अफेयर्स। बिलकुल नए विचार...ताज़गी से भरपूर, विद्वतापूर्ण तथा मानवीय...सेन के आशावाद तथा योजनाओं से मनुष्य सोचने लगता है कि समस्याओं का सचमुच कोई हल है।-बिज़नेस वीक।

SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Nitu Rani (Author)
- Binding :Hardcover
- Language: Hindi
- Edition :2010
- Pages: 312 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 81702882
- ISBN-13: 9788170288978
DESCRIPTION:
बदलते भारत की नयी अर्थनीति के विविध पक्षों, यथा मुद्रानीति, वित्त प्रबंध, ग्रामीण तथा अन्य ऋण, नयी तकनीकी, सूचना प्रौद्योगिकी, लघु उद्योग, बाजार, सामान्य प्रबंधन आदि पर सुलझे हुए विचार-इस परिवर्तन के एक केन्द्रीय आयोजक तथा भारतीय रिज़र्व बैंक के पूर्व गवर्नर चक्रवर्ती रंगराजन द्वारा।

SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: C.Rangrajan (Author)
- Binding :Hardcover
- Language: Hindi
- Edition :2010
- Pages: 224 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170283787
- ISBN-13: 9788170283782
DESCRIPTION:
बदलते भारत की नयी अर्थनीति के विविध पक्षों, यथा मुद्रानीति, वित्त प्रबंध, ग्रामीण तथा अन्य ऋण, नयी तकनीकी, सूचना प्रौद्योगिकी, लघु उद्योग, बाजार, सामान्य प्रबंधन आदि पर सुलझे हुए विचार-इस परिवर्तन के एक केन्द्रीय आयोजक तथा भारतीय रिज़र्व बैंक के पूर्व गवर्नर चक्रवर्ती रंगराजन द्वारा।


SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons (
- By: Nandan Nilekani (Author)
- Binding :Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2016
- Pages: 368 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10:9350642727
- ISBN-13: 9789350642726
DESCRIPTION:
120 करोड़ नागरिकों को उनकी आकांक्षाओं को साकार करने में सक्षम बनाने की भारत के सामने एक बहुत बड़ी चुनौती है। दूसरी चुनौती है, एक वैश्विक महाशक्ति बनने की जो तभी सम्भव होगा जब हम विरोधाभासों को दूर करने के साथ-साथ समाज को विकृत बनाने वाली दूरी को खत्म करेंगे। नन्दन निलेकणी और विरल शाह के अनुसार, प्रौद्योगिकी के उपयोग से बुनियादी तौर पर सरकार की पुनर्कल्पना से ही यह सम्भव हो पायेगा। रीबूटिंग इंडिया में भारत में ऐसे एक दर्जन उपक्रमों की पहचान की गयी है जो भारत की चुनौतियों के लिए नागरिक-अनुकूल, उच्च तकनीक सार्वजनिक संस्थाओं की एक शृंखला के द्वारा कम लागत के समाधान मुहैया करा सके। दुनिया के सबसे बड़े सामाजिक पहचान कार्यक्रम ‘आधार’ निर्माण के दौरान हुए अनुभवों पर आधारित, निलेकणी और शाह द्वारा प्रस्तावित उपक्रमों के द्वारा सरकार इन दोनों चुनौतियों पर खरी उतर सकती है और साथ ही कम से कम 1,00,000 करोड़ रुपये सालाना की बचत हो सकती है। निलेकणी और शाह का मानना है कि ऐसा करने के लिए 10,000 या यहाँ तक कि हज़ार लोग भी नहीं चाहिए; चाहिए तो सिर्फ़ छोटी, अत्यधिक कुशल, उद्यमी व्यक्तियों की टीम और समर्थन देने वाले प्रधानमन्त्री।

SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Manhar Chauhan Author)
- Binding :Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2009
- Pages: 176 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170287901
- ISBN-13 :9788170287902
DESCRIPTION:
किस प्रकार एक संघर्षशील व्यक्ति, जो स्वभाव से अपराधी नहीं है, अनायास ही अपराध की धुरी लेकर एक ऐसा जाल बुनता है, जिस में वह स्वयं तो फँसता ही है, अपने पूरे परिवार को भी लपेट में ले लेता है; इसका सूक्ष्म विवरण इस कृति में है। आधुनिक हिन्दी के सबसे वेधक, विचारोत्तेजक, रोचक उपन्यासों के बीच ‘वध’ का स्थान सुरक्षित है।


SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Chanakya Author)
- Binding :Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2017
- Pages: 144 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170282101
- ISBN-13 :9788170282105
DESCRIPTION:
मूलतः संस्कृत में लिखे कौटिल्य अर्थशास्त्र को यहां सरल भाषा में प्रस्तुत किया गया है। राज्य प्रबंधन का कोई ऐसा पहलू नहीं है, जो अर्थशास्त्र में न मिलता हो। प्राचीनकाल में मौर्य साम्राज्य की नींव रखने वाले चंद्रगुप्त मौर्य के गुरु कौटिल्य ने उन्हें राजनीति, कूटनीति, विदेश नीति जैसे मुद्दों पर व्यावहारिक उपदेश दिए थे। ये उपदेश ही अर्थशास्त्र का मूल विषय हैं। आज भी पढ़ने पर यह ग्रंथ उतना ही प्रासंगिक लगता है, जितना हज़ारों साल पहले इसे लिखे जाने के वक्त था।


SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Anupchandra Bhayani (Author)
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2014
- Pages: 238 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170281776
- ISBN-13 :9788170281771
DESCRIPTION:
* Reference book on Business Communication in Hindi. * A comprehensive book on 'Business Comm-unication' which provides complete information and examples of the various types of communication used in business, such as letters, reports presentations etc.Prepared in accordance with the guidelines and vocabulary approved by the Official Language Department, Ministry of Home Affairs, Govt. of India. Hindi

SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: A.P.J. Abdul Kalam
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition : 2018
- Pages: 304 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170284694
- ISBN-13 :9788170284697
DESCRIPTION:
भारत में न्यूक्लियर बम के निर्माता डा. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की यह महत्त्वपूर्ण रचना, भारत अगले बीस वर्षों में किस प्रकार दुनिया के सबसे शक्तिशाली और समृद्ध पाँच राष्ट्रों में सम्मिलित हो सकता है-उसकी परिकल्पना तथा उसकी कार्ययोजना प्रस्तुत करती है। अमेरिका, जापान, दक्षिण कोरिया आदि देश जिस प्रकार कार्ययोजनाएँ बनाकर निर्माण का कार्य करते हैं, उसी प्रकार भारत भी विज्ञान तथा अन्य क्षेत्रों में नई ऊंचाइयां, नए आयाम छू सकता है।

SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: A.P.J. Abdul Kalam
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition : 2012
- Pages: 304 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 93506437410
- ISBN-13 :9789350643747
DESCRIPTION:
भारत में न्यूक्लियर बम के निर्माता डा. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की यह महत्त्वपूर्ण रचना, भारत अगले बीस वर्षों में किस प्रकार दुनिया के सबसे शक्तिशाली और समृद्ध पाँच राष्ट्रों में सम्मिलित हो सकता है-उसकी परिकल्पना तथा उसकी कार्ययोजना प्रस्तुत करती है। अमेरिका, जापान, दक्षिण कोरिया आदि देश जिस प्रकार कार्ययोजनाएँ बनाकर निर्माण का कार्य करते हैं, उसी प्रकार भारत भी विज्ञान तथा अन्य क्षेत्रों में नई ऊंचाइयां, नए आयाम छू सकता है।


SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: A.P.J. Abdul Kalam
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition : 2015
- Pages: 218 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 93506437410
- ISBN-13 :9789350643747
DESCRIPTION:
दिल्ली से जौनपुर यात्रा करते हुए डा. कलाम एक बार बादशाहनगर नामक छोटे-से स्थान पर चाय पीने के लिए रुके। सड़क की हालत खस्ता थी और पूछने पर पता चला कि बिजली, पानी और स्कूल की बेहद कमी है लेकिन मोबाइल से पैसे ट्रांसफर करने की सुविधा के जगह-जगह विज्ञापन लगे थे तथा कंप्यूटर प्रशिक्षण और अंग्रेज़ी भाषा सिखाने के अनेक ट्रेनिंग सेंटर आस-पास नज़र आ रहे थे। मूल सुविधाओं के इतने अभाव के बावजूद बादशाहनगर के लोग डिजिटल युग से पूरी तरह से जुड़े हैं और इसका अपनी रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में लाभ उठा रहे हैं-यह देखकर डा. कलाम के मन में प्रश्न उठा कि क्या यही है भारत की मूलभूत एडवांटेज जिसके आधार पर हम शीघ्र ही विकसित देशों की कतार में शामिल हो सकते हैं? डा. कलाम के अनुसार यही है वो एडवांटेज इंडिया जो स्वच्छ भारत, मेक इन इंडिया, स्मार्ट सिटीज़ जैसी अनेक योजनाओं सहित देश की युवा शक्ति को डिजिटल युग के साथ कदम बढ़ाते हुए विकास की ओर ले जा सकती है।

SPECIFICATION:
- Publisher : Jaico Publishing House
- By: Abhijit Dutta (Author)
- Binding :Paperback
- Language : English
- Edition : 2011
- Pages : 272 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-13 : 978-8184952339
DESCRIPTION:
Management control, in the broadest sense, includes the plans of the organization, methods and procedures adopted by management to achieve the predetermined goals through effective and efficient allocation of resources. This textbook has been scrupulously designed by the author to help the students conceptualize a building block approach and implement an effective management control system. It addresses all the sub-systems of management control system that help an organization achieve its objectives. In addition to the underlying concepts, latest tools and techniques, the book contains detailed discussion on applications of management control system in different contexts and different functional areas. The students doing MBA and majoring in finance with an emphasis on management control and practicing professionals in this field will be immensely benefited by this textbook.
Key Features:
The book has been extensively class-tested by the author during the course of his teaching experience
- Illustrative examples have been used throughout the book for better understanding of various related concepts and issues discussed

SPECIFICATION:
- Publisher : Jaico Publishing House
- By: Richard Feinberg (Author), Ko de Ruyter (Author), Lynne Bennington (Author)
- Binding :Hardcover
- Language : English
- Edition : 2006
- Pages : 366 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10 : 8179924424
- ISBN-13 : 978-8179924426
DESCRIPTION:
Written by authorities in the call center industry, Cases in Call Center Management brings to light the strategic importance of call centers in today's business world. While large corporations have explicit call centers, small organizations, even if they do not designate a part of the organization as a call center, due to changing attitudes toward customer service, in practice have call centers. As interactions with customers move away from person-to-person to other interactive media options, the call center is emerging from the shadows to become a vital force for corporate marketing and communication. Cases in Call Center Management covers a gamut of topics by examining real call centers in action and how managements at those centers have dealt with key call center issues. The book is rounded out with a section on resources that will provide hundreds of ideas to accentuate your current call center. Both a practical guide and an exhaustive reference, this book is an investment in the future success of your customer service operations.

SPECIFICATION:
- Publisher : Jaico Publishing House
- By: R.P. Mohanty (Author), R.R. Lakhe (Author)
- Binding : Paperback
- Language : English
- Edition : 2000
- Pages : 252 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-13 : 978-8172248338
DESCRIPTION:
This book is one of the few texts devoted to the subject of total quality management which has generated interest world wide. The material is based on research work carried out by the authors over the last 10 years. The book provides managers with sound practical advice on how to initiate and implement total quality management. It imparts comprehensive knowledge on quality management concept, philosophy, its components, development and implementations using structured and illustrative case studies.

SPECIFICATION:
- Publisher : Jaico Publishing House
- By: Satyesh C. Chakraborty (Author)
- Binding : Paperback
- Language : English
- Edition : 2009
- Pages : 388 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10 : 8184950004
- ISBN-13 :978-8184950007
DESCRIPTION:
Energy is an indispensable resource that is required to run the economy and sustain the well being of people. The rapidly developing economies of Third World countries like China and India need to generate increasing amounts of energy as they grow. However, the situation has become complicated after discovery of the functional linkages between CO2 emission from fossil fuels like coal and petroleum. Hence, there is a global search for carbon free energy technology. Generation of energy is both a technological issue as well as a social commitment. The author has addressed these issues covering all major methods of energy generation. He believes that without social support, the technologists cannot derive effective gains from their discoveries. While dealing with each type of technology for generation, the reciprocity between theory and social response has been maintained throughout the book.
Key Features:
Primary focus is on India and China, their research for increasing amounts of energy resources to meet the domestic demands
- Presents detailed discussion both on the conventional non-renewable sources, as well as on renewable sources of energy

SPECIFICATION:
- Publisher : Jaico Publishing House
- By: Bobby George (Author), Sandeep Chatterjee (Author)
- Binding : Paperback
- Language : English
- Edition : 2008
- Pages : 668 pages
- Size : 18.6 x 2.9 x 24.1 cm
- ISBN-10 : 8179928845
- ISBN-13 : 978-8179928844
DESCRIPTION:
Food and Beverage -Service and Management is a comprehensive book covering all the possible topics included in a 3-year or a 4-year degree or diploma programme in Hotel or Hospitality Management. It is written in easy-to-understand language and encompasses all basic information required for a student of food and beverage service.
Key Features
Divided into four parts for the 4-year study including management
- Chapters chronologically arranged for ease of study
- Research topics at the end of each chapter for further study
- Practical aspects of food and beverage service included with pictures
- Exhaustive beverage information
- An exclusive extensive table of food and its accompaniments with wine recommendations
- Case studies in the management section
- Glossary of food and beverage terms

SPECIFICATION:
- Publisher : Jaico Publishing House
- By: Scott Cochrane (Author)
- Binding : Paperback
- Language : English
- Edition : 2017
- Pages : 272 pages
- Size : : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-13 : 978-8184959758
DESCRIPTION:
Disrupt Your Thinking Abandon Your Comfort Zone Develop Bold New Strategies Companies tend to limit their strategies by focusing on their current strengths and how they generally go about it. This approach results into short-term satisfactions but does not help build the company’s performance platform. Your Creative Mind brings to you an entirely different approach to grow, expand and lead your business in the most optimum way. Learn how to: • Expand your company with a dynamic growth plan • Move beyond the classic groupthink • Unleash your true creative power as a business leader • Become a trendsetter and paradigm shifter • Innovate your way into the most beneficial business relationships you can imagine This book also includes practical techniques and steps that will infuse your company with productive powers. Break free from the usual method and utilize the growth that you and your company deserve.


SPECIFICATION:
- Publisher : Jaico Publishing House
- By: Ashoo Khosla (Author)
- Binding : Paperback
- Language : English
- Edition : 2017
- Pages : 228 pages
- Size : :12.9 x 1.3 x 19.8 cm
- ISBN-13 : 978-8184956474
DESCRIPTION:
Be Curious. Be Innovative. Be Different
Too often, being innovative and original is considered the forte of a select few. But all of us are born creative. We are born curious. It is the fear of doing something different – and failing at it – that limits our potential.
Aditi Singh is a top-notch product manager. Many covet her job but she wants nothing more than to quit. When she finally takes a much-needed vacation from her seemingly perfect corporate life, she meets Dr. Shiv Prakash, an odd little man who is a master storyteller. Through his unusual imaginings, he challenges Aditi to find her true passion. As they spend more time together, Aditi uncannily begins to relate to the characters of his stories. Questions are raised and challenges are set. This time, Aditi has to decide what she really wants. Running away is no more an option. It’s time to write her own story.
Through its charming characters, Off the Corporate Bus and Into the Creativity Boat offers a glimpse of what you can truly be. It invites you to pursue your passion and strive for true happiness, all while being unique.
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