Literature & Fiction Books
Literature & Fiction Books
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SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Ruskin Bond
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition : 2015
- Pages: 204 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350642611
- ISBN-13 :9789350642610
DESCRIPTION:
नाइट ट्रेन ऐट देओली की अधिकतर कहानियों की पृष्ठभूमि उत्तराखंड की घाटियाँ हैं, जहाँ खुद रस्किन बाॅन्ड का घर है। पहाड़ों पर रहने वाले सीधे-साधे, सरल लोगों की ये कहानियाँ कहीं तो पाठक के दिल को छू लेती हैं और कहीं उनके चेहरे पर मुस्कान लाती हैं। पहाड़ों पर विकास की गति बढ़ने से कैसे वृक्षों की जगह ऊँची इमारतें खड़ी हो रही हैं और स्टील, सीमेंट, प्रदूषण व आधुनिक रहन-सहन के तनाव और चिन्ताएँ इन लोगों की जि़न्दगी पर भारी पड़ रही हैं- इन सबकी पीड़ा की भी झलक इन कहानियों में मिलती है। ‘साहित्य अकादमी’ पुरस्कार, ‘पद्मश्री’ और ‘पद्मभूषण’ से सम्मानित रस्किन बाॅन्ड की रूम आॅन द रूफ, वे आवारा दिन, उड़ान, दिल्ली अब दूर नहीं और एडवेंचर्स आॅफ़ रस्टी अन्य लोकप्रिय पुस्तकें हैं। ‘रस्किन बाॅन्ड की कहानियों में एक ताज़गी है। भारत के नज़ारों और जीवन के बारे में शायद ही किसी और लेखक ने इतने सहज और प्रामाणिक रूप् से लिखा होगा...हरेक कहानी जि़न्दगी के एक धड़कन दिल का आईना है।’ --नेशनल हैरल्ड


SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Ruskin Bond
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition : 2015
- Pages: 204 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350642603
- ISBN-13 :9789350642603
DESCRIPTION:
नाइट ट्रेन ऐट देओली की अधिकतर कहानियों की पृष्ठभूमि उत्तराखंड की घाटियाँ हैं, जहाँ खुद रस्किन बाॅन्ड का घर है। पहाड़ों पर रहने वाले सीधे-साधे, सरल लोगों की ये कहानियाँ कहीं तो पाठक के दिल को छू लेती हैं और कहीं उनके चेहरे पर मुस्कान लाती हैं। पहाड़ों पर विकास की गति बढ़ने से कैसे वृक्षों की जगह ऊँची इमारतें खड़ी हो रही हैं और स्टील, सीमेंट, प्रदूषण व आधुनिक रहन-सहन के तनाव और चिन्ताएँ इन लोगों की जि़न्दगी पर भारी पड़ रही हैं- इन सबकी पीड़ा की भी झलक इन कहानियों में मिलती है। ‘साहित्य अकादमी’ पुरस्कार, ‘पद्मश्री’ और ‘पद्मभूषण’ से सम्मानित रस्किन बाॅन्ड की रूम आॅन द रूफ, वे आवारा दिन, उड़ान, दिल्ली अब दूर नहीं और एडवेंचर्स आॅफ़ रस्टी अन्य लोकप्रिय पुस्तकें हैं। ‘रस्किन बाॅन्ड की कहानियों में एक ताज़गी है। भारत के नज़ारों और जीवन के बारे में शायद ही किसी और लेखक ने इतने सहज और प्रामाणिक रूप् से लिखा होगा...हरेक कहानी जि़न्दगी के एक धड़कन दिल का आईना है।’ --नेशनल हैरल्ड


SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Ruskin Bond
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition : 2018
- Pages: 96 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9386534584
- ISBN-13 :9789386534583
DESCRIPTION:
21 साल! कितनी रोमांचक उम्र है! यह उम्र है, जानी-पहचानी राह छोड़कर नये रास्ते खोजने की, जोखिम उठाकर अपनी किस्मत आज़माने की, अपने सपनों को सच करने की और प्यार में डूबने की... मुट्ठी भर यादें कहानी है एक ऐसे ही इक्कीस वर्षीय नौजवान की और रोचक बात यह है कि इसे रस्किन बॉन्ड ने तब लिखा जब वे साठ साल की उम्र के थे। कहानी है इक्कीस वर्ष के युवा की जो लेखक बनने का अपना सपना सच करना चाहता है। लेकिन उसके सामने ऐसे लुभावने आकर्षण आते रहते हैं और वह बार-बार लेखक बनने के अपने लक्ष्य से भटक जाता है। कहीं तो उसे मिलती है मैकडोर की महारानी, तो कहीं उसका सामना धोबी के चतुर लेकिन बेहद चेपू किस्म के लड़के से होता है, कहीं सर्कस से भागे हुए बाघ से मुलाकात होती है....आखिरकार क्या होता है पुस्तक के इक्कीस वर्षीय नायक के सपने का? ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’, ‘पद्मश्री’ और ‘पद्मभूषण’ से सम्मानित रस्किन बॉन्ड की अन्य लोकप्रिय पुस्तकें हैं - रूम ऑन द रूफ़, वे आवारा दिन, एडवेंचर्स ऑफ़ रस्टी, नाइट ट्रेन ऐट देओली, दिल्ली अब दूर नहीं, उड़ान, पैन्थर्स मून, अंधेरे में एक चेहरा, अजब-गज़ब मेरी दुनिया और रसिया।


SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Ruskin Bond
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition : 2014
- Pages: 112 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 93506425910
- ISBN-13 :9789350642597
DESCRIPTION:
धूल और सुस्ती में लिपटा पीपलनगर उत्तर भारत का एक छोटा-सा शहर है जहाँ ज़िंदगी बड़ी धीमी गति से चलती है और एक दिन से दूसरे दिन में कोई फर्क नहीं लगता। न कोई बड़ी घटना घटती और न ही बड़ी कोई खबर पैदा होती है। छोटे-से पीपल नगर के वासियों के सपने भी छोटे हैं जिनकी उड़ान दिल्ली पहुँच कर रुक जाती है। नाई दीपचंद का सपना है दिल्ली जाकर अपनी दुकान खोले और प्रधानमंत्री के बाल काटे। साइकिल-रिक्शा की जगह दिल्ली में स्कूटर-रिक्शा चलाना पीतांबर का सपना है और अज़ीज चाँदनी चौक में अपनी कबाड़ी की दुकान खोलने का सपना देखता है अपने को लेखक समझने वाला अरुण जासूसी उपन्यास लिखने के सपने देखता है और वेश्या कमला से भी प्यार करता है। इनमें से कौन अपने सपने पूरे कर पाते हैं और कौन पीपल नगर में ही रह जाते हैं-पढ़िए इस उपन्यास में। सरल भाषा, चुस्त कहानी और दिल को छू लेने वाले किस्सों से भरपूर रस्किन बान्ड का यह उपन्यास पाठकों को बहुत देर तक याद रहेगा। ‘‘वर्तमान भारत के एक बेहतरीन कहानीकार’’-ट्रिब्यून ‘‘एक लाजवाब किताब’’-आउट्लुक


SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Ruskin Bond
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition : 2019
- Pages: 112 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350642581
- ISBN-13 :9789350642580
DESCRIPTION:
धूल और सुस्ती में लिपटा पीपलनगर उत्तर भारत का एक छोटा-सा शहर है जहाँ ज़िंदगी बड़ी धीमी गति से चलती है और एक दिन से दूसरे दिन में कोई फर्क नहीं लगता। न कोई बड़ी घटना घटती और न ही बड़ी कोई खबर पैदा होती है। छोटे-से पीपल नगर के वासियों के सपने भी छोटे हैं जिनकी उड़ान दिल्ली पहुँच कर रुक जाती है। नाई दीपचंद का सपना है दिल्ली जाकर अपनी दुकान खोले और प्रधानमंत्री के बाल काटे। साइकिल-रिक्शा की जगह दिल्ली में स्कूटर-रिक्शा चलाना पीतांबर का सपना है और अज़ीज चाँदनी चौक में अपनी कबाड़ी की दुकान खोलने का सपना देखता है अपने को लेखक समझने वाला अरुण जासूसी उपन्यास लिखने के सपने देखता है और वेश्या कमला से भी प्यार करता है। इनमें से कौन अपने सपने पूरे कर पाते हैं और कौन पीपल नगर में ही रह जाते हैं-पढ़िए इस उपन्यास में। सरल भाषा, चुस्त कहानी और दिल को छू लेने वाले किस्सों से भरपूर रस्किन बान्ड का यह उपन्यास पाठकों को बहुत देर तक याद रहेगा। ‘‘वर्तमान भारत के एक बेहतरीन कहानीकार’’-ट्रिब्यून ‘‘एक लाजवाब किताब’’-आउट्लुक


SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Ruskin Bond
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition : 2016
- Pages: 160 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350642034
- ISBN-13 :9789350642030
DESCRIPTION:
रस्किन बाॅन्ड ने एक बार कहा था कि वे भूत-प्रेत में विश्वास नहीं करते लेकिन उनको हर समय, हर जगह भूत नज़र आते -जंगल में, सिनेमा के बाहर भीड़ में और बार में। पिछले पाँच दशकों में लिखी उनकी सभी अलौकिक कहानियाँ इस पुस्तक में संकलित हैं। पहली कहानी शिमला के बाहर चीड़ के जंगल की पृष्ठभूमि पर केन्द्रित है। आखिरी कहानी उजाड़ कब्रिस्तान पर आधारित है। कहानियों में बन्दरों का झुंड है, जंगली कुत्तों का समूह है, भूत-प्रेत और चुड़ैलों के अलावा मशहूर अंग्रेज़ी लेखक रुडयार्ड किपलिंग का भूत भी शामिल है जिससे लेखक की मुलाकात लंदन में होती है। अँधेरी रात, पूरा चाँद और साथ में यह पुस्तक- भरपूर मसाला है आपके आनन्द और रोमांच के लिए। साहित्य अकादमी पुरस्कार, पद्मश्री और पद्मभूषण से सम्मानित रस्किन बाॅन्ड की अन्य उल्लेखनीय पुस्तकें हैं -उड़ान, रूम ऑन द रूफ, वे आवारा दिन, दिल्ली अब दूर नहीं, ऐडवेंचर्स ऑफ़ रस्टी, नाइट ट्रेन ऐट देओली और पैन्थर्स मून ।


SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Ruskin Bond
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition : 2016
- Pages: 160 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350642026
- ISBN-13 :9789350642023
DESCRIPTION:
रस्किन बाॅन्ड ने एक बार कहा था कि वे भूत-प्रेत में विश्वास नहीं करते लेकिन उनको हर समय, हर जगह भूत नज़र आते -जंगल में, सिनेमा के बाहर भीड़ में और बार में। पिछले पाँच दशकों में लिखी उनकी सभी अलौकिक कहानियाँ इस पुस्तक में संकलित हैं। पहली कहानी शिमला के बाहर चीड़ के जंगल की पृष्ठभूमि पर केन्द्रित है। आखिरी कहानी उजाड़ कब्रिस्तान पर आधारित है। कहानियों में बन्दरों का झुंड है, जंगली कुत्तों का समूह है, भूत-प्रेत और चुड़ैलों के अलावा मशहूर अंग्रेज़ी लेखक रुडयार्ड किपलिंग का भूत भी शामिल है जिससे लेखक की मुलाकात लंदन में होती है। अँधेरी रात, पूरा चाँद और साथ में यह पुस्तक- भरपूर मसाला है आपके आनन्द और रोमांच के लिए। साहित्य अकादमी पुरस्कार, पद्मश्री और पद्मभूषण से सम्मानित रस्किन बाॅन्ड की अन्य उल्लेखनीय पुस्तकें हैं -उड़ान, रूम ऑन द रूफ, वे आवारा दिन, दिल्ली अब दूर नहीं, ऐडवेंचर्स ऑफ़ रस्टी, नाइट ट्रेन ऐट देओली और पैन्थर्स मून ।


SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Ruskin Bond
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition : 2017
- Pages: 224 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350641712
- ISBN-13 : 9789350641712
DESCRIPTION:
रस्टी की कहानी-किस्से अनेक वर्षों से पाठकों का भरपूर मनोरंजन करते आ रहे हैं। लोकप्रिय लेखक रस्किन बाॅन्ड के पात्र रस्टी में काफ़ी हद तक लेखक की अपनी छवि की झलक मिलती है। जैसे रस्किन बाॅन्ड का बचपन देहरादून की हरी-भरी वादियों में बीता, उसी तरह रस्टी भी देहरादून में बड़ा होता है। रस्टी के अनेक दोस्तए उसके आसपास के लोग, उसके स्कूल के किस्से, जंगलों में पाए जानेवाले जानवर-इन सबकी रोचक कहानियाँ इस पुस्तक में मिलती हैं। कहानी कहने का रस्किन बाॅन्ड का अपना एक अलग ही लहज़ा है। रस्टी और उसकी जि़न्दगी की ये मजे़दार, चुलबुली कहानियाँ पाठक का मन अवश्य जीत लेंगी।


SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Ruskin Bond
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition : 2018
- Pages: 160 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350643286
- ISBN-13 :9789350643280
DESCRIPTION:
रस्टी की कहानी-किस्से अनेक वर्षों से पाठकों का भरपूर मनोरंजन करते आ रहे हैं। लोकप्रिय लेखक रस्किन बाॅन्ड के पात्र रस्टी में काफ़ी हद तक लेखक की अपनी छवि की झलक मिलती है। जैसे रस्किन बाॅन्ड का बचपन देहरादून की हरी-भरी वादियों में बीता, उसी तरह रस्टी भी देहरादून में बड़ा होता है। रस्टी के अनेक दोस्तए उसके आसपास के लोग, उसके स्कूल के किस्से, जंगलों में पाए जानेवाले जानवर-इन सबकी रोचक कहानियाँ इस पुस्तक में मिलती हैं। कहानी कहने का रस्किन बाॅन्ड का अपना एक अलग ही लहज़ा है। रस्टी और उसकी जि़न्दगी की ये मजे़दार, चुलबुली कहानियाँ पाठक का मन अवश्य जीत लेंगी।


SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Ruskin Bond
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition : 2017
- Pages: 224 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350641704
- ISBN-13 :9789350641705
DESCRIPTION:
अजब-गजब मेरी दुनिया के चहेते लेखक रस्किन बॉन्ड अपनी पैनी नज़र और व्यंग्य की स्याही में डूबी कलम से आस-पास की जगहों, लोगों, जीव-जन्तुओं, दूर-पास के कुछ सिरफिरे रिश्तेदारों, यहाँ तक कि अपने साथ भी समय-असमय घटित अद्भुत घटनाओं को चटखारे ले-लेकर वर्णित करते हैं। इस पुस्तक में उनकी यह अनूठी बयानबाजी कभी पाठक को अचंभित करती है, कभी गुदगुदाती है तो कभी हँसी से लोट-पोट करती है। साहित्य अकादमी पुरस्कार, पद्मश्री और पद्मभूषण से सम्मानित रस्किन बॉन्ड की अन्य उल्लेखनीय पुस्तकें हैं - उड़ान, रूम ऑन द रूफ़, वे आवारा दिन, दिल्ली अब दूर नहीं, एडवेंचर्स ऑफ़ रस्टी, नाइट ट्रेन ऐट देओली, पैन्थर्स मून और अंधेरे में एक चेहरा ।

SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Ruskin Bond
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition : 2015
- Pages: 160 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350643294
- ISBN-13 :9789350643297
DESCRIPTION:
रस्टी की कहानी-किस्से अनेक वर्षों से पाठकों का भरपूर मनोरंजन करते आ रहे हैं। लोकप्रिय लेखक रस्किन बाॅन्ड के पात्र रस्टी में काफ़ी हद तक लेखक की अपनी छवि की झलक मिलती है। जैसे रस्किन बाॅन्ड का बचपन देहरादून की हरी-भरी वादियों में बीता, उसी तरह रस्टी भी देहरादून में बड़ा होता है। रस्टी के अनेक दोस्तए उसके आसपास के लोग, उसके स्कूल के किस्से, जंगलों में पाए जानेवाले जानवर-इन सबकी रोचक कहानियाँ इस पुस्तक में मिलती हैं। कहानी कहने का रस्किन बाॅन्ड का अपना एक अलग ही लहज़ा है। रस्टी और उसकी जि़न्दगी की ये मजे़दार, चुलबुली कहानियाँ पाठक का मन अवश्य जीत लेंगी।


SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Harivansh Rai Bachchan
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition : 2018
- Pages: 272 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170281180
- ISBN-13 : 9788170281184
DESCRIPTION:
प्रख्यात हिन्दी कवि हरिवंशराय ‘बच्चन’ की आत्मकथा का पहला खंड, ‘‘क्या भूलूँ क्या याद करूँ’’, जब 1969 में प्रकाशित हुआ तब हिन्दी साहित्य में मानो हलचल-सी मच गई। यह हलचल 1935 में प्रकाशित ‘‘मधुशाला’’ से किसी भी प्रकार कम नहीं थी। अनेक समकालीन लेखकों ने इसे हिन्दी के इतिहास की ऐसी पहली घटना बताया जब अपने बारे में इतनी बेबाक़ी से सब कुछ कह देने का साहस किसी ने दिखाया। इसके बाद आत्मकथा के आगामी खंडों की बेताबी से प्रतीक्षा की जाने लगी और उन सभी का ज़ोरदार स्वागत होता रहा। प्रथम खंड ‘‘क्या भूलूँ क्या याद करूँ’’ के बाद ‘‘नीड़ का निर्माण फिर’’, ‘‘बसेरे से दूर’’ और ‘‘‘दशद्वार’ से ‘सोपान’ तक’’ लगभग पंद्रह वर्षों में इसके चार खंड प्रकाशित हुए। बच्चन की यह कृति आत्मकथा साहित्य की चरम परिणति है और इसकी गणना कालजयी रचनाओं में की जाती है।


SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Kamleshwar
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition : 2019
- Pages: 364 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170284767
- ISBN-13 :978-8170284765
DESCRIPTION:
कमलेश्वर का यह उपन्यास मानवता के दरवाजे पर इतिहास और समय की एक दस्तक है...इस उम्मीद के साथ कि भारत ही नहीं, दुनिया भर में एक के बाद एक दूसरे पाकिस्तान बनाने की लहू से लथपथ यह परम्परा अब खत्म हो...।


SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Narayan, R. K.
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition : 2018
- Pages: 248 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170287278
- ISBN-13 :9788170287278
DESCRIPTION:
अपने उपन्यास ‘गाइड’ के लिये साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित तथा पद्मविभूषण द्वारा अलंकृत उपन्यासकार आर.के. नारायण विश्वस्तरीय रचनाकार गिने जाते हैं। उनके उपन्यास ‘गाइड’ पर बनी फिल्म ने उन्हें लोकप्रियता का एक और आयाम दिया, जिसे आज भी याद किया जाता है। ‘मालगुडी की कहानियां’ आर.के. नारायण की अद्भुत रोचक कहानियां समेटे हुए पुस्तक है। अपने दक्षिण भारत के प्रिय क्षेत्र मैसूर और चेन्नई में घूमते हुए उन्होंने आधुनिकता और पारंपरिकता के बीच यहां-वहां ठहरते साधारण चरित्रों को देखा और उन्हें अपने असाधारण कथा-शिल्प के ज़रिये, अपने चरित्र बना लिये। ‘मालगुडी के दिन’ पर दूरदर्शन ने धारावाहिक बनाया जो दर्शक आज तक नहीं भूले हैं। दशकों बाद भी ‘मालगुडी के दिन’ की कहानियां उतनी ही जीवंत और लोकप्रिय हैं, जितनी पहले कभी थीं। यही उनकी खूबी है।


SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Pratibha Rai (Author)
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition : 2018
- Pages: 268 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170284708
- ISBN-13 :9788170284703
DESCRIPTION:
द्रौपदी महाभारत ही नहीं, भारतीय जीवन तथा संस्कृति का एक अत्यन्त विलक्षण और महत्त्वपूरर्ण चरित्र है-परन्तु साहित्य ने अब तक उसे प्राय: छुआ नहीं था। उपन्यास के रूप में इस रचना का एक विशिष्ट लक्ष यह भी है कि इसे एक महिला ने उठाया और वाणी दी है, जिस कारण वे इसके साथ न्याय करने में पूर्ण स्थान हुई हैं। डॉ. प्रतिभा राय उडिया की अग्रणी लेखिका हैं जिनके अनेक उपन्यास प्रकाशित होकर लोकप्रिय हो चुके हैं। उन्हें अनेक पुरस्कार मिले हैं, फिल्मे बनी है तथा कई कृतियां हिन्दी में भी आमने आ चुकी हैं। कृष्ण समर्पित तथा पांच पांडवों से ब्याही द्रोपदी का जीवन अनेक दिशाओं में विभवत्त है है फिर भी उसका व्यक्तित्व बँटत्ता नहीं, टूटता नहीं, वह एक ऐसी इकाई के रूप में निरन्तर जीती है जो तत्कालीन घटनाचक्र क्रो अनेक विशिष्ट आयाम देने में समर्थ है। नारी-मन की वास्तविक पीडा, सुख-दुख और व्यक्तिगत अन्तर्संबंधों की जटिलता को गहराई से पकड़ पाना, इस उपन्यास की विशेषता है।

SPECIFICATION:
- Publisher : Penguin India
- By : Zia Mody
- Cover : Hardcover
- Language : English
- Edition : 2013
- Pages : 256
- Weight : 331.68 gm
- Size : 8.1 x 0.9 x 5.5 inches
- ISBN-10 : 0670086622
- ISBN-13 : 978-0670086627
DESCRIPTION:
Here are the Supreme Court s ten pivotal judgements that have transformed Indian democracy and redefined our daily lives. Exploring vital themes such as custodial deaths, reservations and environmental jurisprudence, this book contextualizes the judgements, explains key concepts and maps their impacts. Written by one of India s most respected lawyers, Ten Judgements That Changed India is an authoritative yet accessible read for anyone keen to understand India s legal system and the foundations of our democracy.

Specification:
- Publisher : Munshiram Manoharlal Publishers Pvt. Ltd.
- By : Hans Raj Aggarwal
- Cover : Paperback
- Language : English
- Edition : 1963
- Pages : 350
- ISBN-10 : 8121504171
- ISBN-13 : 978-8121504171

Specification:
- Publisher : Alakananda Prachuranalu
- By : Gopichand
- Cover : Paperback
- Language : Telugu
- Edition : 2013
- Pages : 124
- Weight : 158 gm.
- Size : 8.3 x 5.3 x 0.4 inches
- ISBN-10 : 8182940761
- ISBN-13 : 978-8182940765
Description:
Gopichand (8 September 1910 - 2 November 1962) was a Telugu short story writer, novelist, editor, essayist, playwright and film director. He is especially celebrated for his second novel 'Asamardhuni Jeevayatra' (Bungler: A Journey Through Life). This is the first psychological novel in Telugu literature. For his work Panditha Parameshwara Sastry Veelunama, in 1963 Gopichand received the Sahitya Akademi Award. This was the first Telugu novel to win it.

Specification:
- Publisher : Munshiram Manoharlal Publishers Pvt Ltd
- By : Robert Caldwell
- Cover : Hardcover
- Language : English
- Edition : 1974
- Pages : 680
- ISBN-10 : 8170690382
- ISBN-13 : 978-8170690382

Specification:
- Publisher : CreateSpace Independent Publishing Platform
- By : Jaishankar Prasad
- Cover : Paperback
- Language : Hindi
- Edition : 2017
- Pages : 214
- Weight : 385 gm.
- Size : 6 x 0.5 x 9 inches
- ISBN-10 : 1977592244
- ISBN-13 : 978-1977592248
Description:
Kamayani (1936) is a Hindi epic poem (Mahakavya) by Jaishankar Prasad (1889-1937). It is considered one of the greatest literary works written in modern times in Hindi literature. It also signifies the epitome of Chhayavadi school of Hindi poetry which gained popularity in late 19th and early 20th centuries. Kamayani depicts the interplay of human emotions, thoughts, and actions by taking mythological metaphors. Kamayani has personalities like Manu, Ida and Sraddha who are found in the Vedas. The great deluge described in the poem has its origin in Satapatha Brahmana.

Specification:
- Publisher : Fingerprint Publishing
- By : Munshi Premchand
- Cover : Paperback
- Language : Hindi
- Edition : 2019
- Pages : 432
- Weight : 300 gm
- Size : 7.7 x 4.9 x 1.5 inches
- ISBN-10 : 9388810473
- ISBN-13 : 978-9388810470
Description:
This is the story of Hori, a poor peasant, who longs to own a cow. Hori is so desperate that he gets into an agreement with one of the villagers who gives him a cow in exchange. As much as Hori is delighted, Heera, his brother, is jealous. What happens when Heera kills the cow? One of the greatest Hindi novels of modern Indian literature, Godaan was Premchand's last complete novel. It continues to remain one of the greatest Hindi novels of modern Indian literature.

Specification:
- Publisher : Rajpal & Sons
- By : Giriraj Kishore
- Cover : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition : 2001
- Pages : 396
- Weight : 589 gm
- Size : 7.9 x 5.5 x 1.6 inches
- ISBN-10 : 8170289475
- ISBN-13 : 978-8170289470

SPECIFICATION:
- Publisher : Westland
- By : Sri. M
- Cover : Paperback
- Language : English
- Edition : 2018
- Pages : 232
- Weight : 250g.
- Size : 5.5 x 0.6 x 8.5 inches
- ISBN-10: 8193655605
- ISBN-13: 978-8193655603
DESCRIPTION:
He appears out of nowhere in a sleepy little neighbourhood in suburban Kerala. He calls himself Shunya, the zero. Who is he? A lunatic? A dark magician? A fraud? Or an avadhuta, an enlightened soul?Saami—as they call him—settles into a small cottage in the backyard of the local toddy shop. Here he spins parables, blesses, curses, drinks endless glasses of black tea and lives in total freedom. On rare occasions, he plays soul-stirring melodies on his old, bamboo-reed flute.
Then, just as mysteriously as he arrived, Shunya vanishes, setting the path for a new avadhuta, a new era.
This first novel by Sri M is a meditation on the void which collapses the wall between reality and make-believe, the limited and the infinite. With its spare storytelling and profound wisdom, it leads us into the realm of ‘shunya’, the nothingness of profound and lasting peace, the beginning and end of all things.
About the Author
Born Mumtaz Ali in Thiruvananthapuram, Kerala, Sri M is a spiritual guide, social reformer and educationist. He heads The Satsang Foundation.
In 2011, he wrote his memoir, Apprenticed to a Himalayan Master: A Yogi's Autobiography, which became an instant bestseller; the sequel, The Journey Continues, was published in 2017. He is the author of several other books on philosophy, yoga and Indian mysticism. Over the years, his mission has resulted in several initiatives including a number of alternative schools, the Satsang Swasthya Kendra, which provides affordable health care to people through holistic and comprehensive treatments, and the Manav Ekta Mission and Sarva Dharma Kendra,
which promote inter-faith harmony. This is his first novel.

SPECIFICATION:
- Publisher : DC Books
- By : Madhavikutty
- Cover : Paperback
- Language : Malayalam
- Edition : 2019
- Pages : 360
- Weight : 500 gm
- Size : 21 x 14 x 0.6 cm
- ISBN-10: 8171306551
- ISBN-13: 978-8171306558
DESCRIPTION:
It is a collection thirteen stories which portrays the strong feelings of woman her love and betrayal. Nashtappetta Neelambari love based stories is written by Madhavikutty.Main menu