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SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Pravin Kumar(Author)
- Binding :Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2017
- Pages: 224 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9386534150
- ISBN-13 :9789386534156
DESCRIPTION:
ज़ोरदार कथानक, कहानी कहने की अपनी अनोखी शैली, सशक्त और सजीव चित्रांकन कि कहानी पढ़ते हुए पाठक उसी परिवेश में सराबोर हो जाता है जिस कारण हिन्दी के वरिष्ठ साहित्यकार काशीनाथ सिंह ने इसे सराहा है। युवा लेखक प्रवीण कुमार की इन चार लम्बी कहानियों में छोटे-बड़े शहरों और कस्बों की ज़िन्दगी का हर पहलू, वहाँ की बोली, पहनावे, सबको बहुत बारीकी से उकेरा है और इतना रोचक बना दिया है कि छबीला रंगबाज़ एक यादगार किरदार बन जाता है। रुझान से इतिहास, अवधारणा और साहित्य के शोधार्थी प्रवीण कुमार दिल्ली विश्वविद्यालय के सत्यवती कॉलेज में हिन्दी के सहायक प्रोफ़ेसर हैं। ddविभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित इनके लेखों और कहानियों ने इन्हें एक उभरते हुए कहानीकार की पहचान दी है।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Kamal Kumar (Author)
- Binding :Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2010
- Pages: 286 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170288541
- ISBN-13 :9788170288541
DESCRIPTION:
गजानन माधव मुक्तिबोध राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित लेखिका कमल कुमार का उपन्यास ‘मैं घूमर नाचूँ’ राजस्थान की पृष्ठभूमि पर आधारित है। आज के आधुनिक परिवेश में भी राजस्थान में रूढ़िवादिता और अंधविश्वास अपने चरम पर है। इसी को लेखिका ने अपने उपन्यास का आधार बनाया है। इस उपन्यास की कहानी ‘पैराडाइम शिफ्ट’ की, अर्थात् औरत के सशक्तीकरण की कहानी है। उपन्यास में राजस्थान की जीवन पद्धति, जीवनदृष्टि और मान्यताओं का निर्वाह करता समाज है। उपन्यास की नायिका कृष्णा इन्हीं सबके बीच अपने लिए नई राह बनाती है।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Anand Kumar (Author)
- Binding :Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2016
- Pages: 236 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170286158
- ISBN-13 :9788170286158
DESCRIPTION:
प्रत्येक व्यक्ति में अनेक क्षमताएँ और योग्यताएँ होती हैं जिनका विकास करके मनुष्य अपना वास्तविक रूप, अपना विराट रूप पा सकता है। इन गुणों के विकास से सफलता पाना सुलभ हो जाता है। यही इस पुस्तक का विषय है, जिसे सरल भाषा और रोचक शैली में प्रस्तुत किया गया है।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Anand Kumar (Author)
- Binding :Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2011
- Pages: 32 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8190801635
- ISBN-13 :9788190801638
DESCRIPTION:
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Anand Kumar (Author)
- Binding :Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2015
- Pages: 32 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8174831088
- ISBN-13 :9788174831088
DESCRIPTION:
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Anand Kumar (Author)
- Binding :Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2015
- Pages: 256 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170283558
- ISBN-13 :9788170283553
DESCRIPTION:
‘आत्म-विकास’ को एक बार आरम्भ करके समाप्त किए बिना न छोड़ सका। इस पुस्तक के लिखने में श्री आनन्द कुमार जी ने अपने गम्भीर अध्ययन और सूक्ष्म अनुभव दोनों का समुचित उपयोग किया है...। मैंने पुस्तक सम्हाल कर रख ली है कि मेरे पुत्र बड़े होकर इसे पढ़ें।-हरिवंश राय बच्चन। ‘आत्म-विकास’ महत्त्वपूर्ण पुस्तक है। इसे पढ़कर स्माइल्ज़ और मार्डेन के ग्रन्थ, जिन्हें मैं पहले बहुत पढ़ा करता था, भूल गया। सफलता और सदाचार पर यह पुस्तक बहुत लाभदायक है। मनुष्य जीवन का कोई भी ऐसा पहलू नहीं जिस पर प्रकाश न डाला हो।- डा. शिव मंगल सिंह ‘सुमन’
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Manisha Kulshreshtha (Author)
- Binding :Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2019
- Pages: 160 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 93865346910
- ISBN-13 :9789386534699
DESCRIPTION:
मल्लिका आधुनिक हिन्दी के निर्माता भारतेन्दु हरिश्चन्द्र की वह प्रेमिका थी जिसके संबंध में इतिहास और साहित्य मौन है। भारतेन्दु के घर के पास रहने वाली बाल-विधवा, मल्लिका ने भारतेन्दु से हिन्दी पढ़ना-लिखना सीखकर बांग्ला के तीन उपन्यासों का हिन्दी में अनुवाद किया। उन्हीं अनुवादों ने भारतेन्दु को ‘उपन्यास’ विधा से परिचित करवाया और इसी से प्रेरणा पाकर वे आधुनिक हिन्दी के निर्माता बने। लेकिन भाग्य की ऐसी विडंबना कि मल्लिका ने जो स्वयं मौलिक उपन्यास लिखा, उसका कहीं कोई ज़िक्र तक नहीं मिलता; जबकि उनका वह उपन्यास हिन्दी का प्रथम उपन्यास माने जाने वाले, परीक्षागुरु, से पहले का है। इतिहास के धुंधलके से गल्प के सहारे मनीषा कुलश्रेष्ठ ने उसी विस्मृत और उपेक्षित नायिका को खोज निकाला है और उसके जीवन पर एक काल्पनिक जीवनीपरक उपन्यास रचा है। मनीषा कुलश्रेष्ठ एक सुपरिचित लेखिका हैं जो कथा साहित्य के कई महत्त्वपूर्ण सम्मान और फ़ैलोशिप प्राप्त कर चुकी हैं। इनके अब तक सात कहानी-संग्रह और चार उपन्यास प्रकाशित हो चुके हैं जिनमें शिगाफ़, पंचकन्या, स्वप्नपाश और किरदार उल्लेखनीय हैं। इनकी कई कहानियाँ विदेशी भाषाओं में भी अनूदित हो चुकी हैं। इनका संपर्क है: manishakuls@gmail.com
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Manisha Kulshreshtha (Author)
- Binding :Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2018
- Pages: 144 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 93865344110
- ISBN-13 :9789386534415
DESCRIPTION:
‘‘मेरे क़िरदार थोड़ा इसी समाज से आते हैं, लेकिन समाज से कुछ दूरी बरतते हुए। मेरी कहानियों में ‘फ्रीक’ भी जगह पाते हैं, सनकी, लीक से हटेले और जो बरसों किसी परजीवी की तरह मेरे ज़हन में रहते हैं। जब मुकम्मल आकार प्रकार ले लेते हैं, तब ये क़िरदार मुझे विवश करते हैं, उतारो हमें कागज पर। कोई कठपुतली वाले की लीक से हट कर चली पत्नी, कोई बहरूपिया, कोई डायन क़रार कर दी गई आवारा औरत, बिगड़ैल टीनेजर, न्यूड माॅडलिंग करने वाली,...’’ अछूते क़िरदार और विषय तो मनीषा कुलश्रेष्ठ के लेखन की पहचान है और यही बात उनकी इन कहानियों में भी पूरी उतरती है। जहाँ एक ओर क़िरदार की कहानियों में कथ्य और परिवेश की विविधता है तो दूसरी ओर, माला में धागे की तरह, एक केन्द्रीय विषय-वस्तु भी है। कथ्य, कहने की धार और लोकरंग इन कहानियों को बेहद पठनीय बनाता है। किरदारों के भीतर हो रही उथल-पुथल को बड़ी संवेदना से अंतर्मन को झकझोरती ये कहानियाँ पाठकों को बहुत समय तक याद रहेंगी। मनीषा कुलश्रेष्ठ सभी विधाओं में लिखती हैं और उनके अनेक कहानी संग्रह और उपन्यास प्रकाशित हो चुके हैं।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Manisha Kulshreshtha (Author)
- Binding :Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2020
- Pages: 144 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9389373204
- ISBN-13 :9789389373202
DESCRIPTION:
‘सौ पहाड़ चढ़ लिये मैंने, हज़ारों मील चला हूँ मैं लाखों जीवन जी लिए कैलाश तक पहुँचने के लिए जो कैलाश की तरफ़ पहला कदम उठाते हैं वे जानते हैं कि न तो यह केवल तीर्थयात्रा है, न ही यह रोमांच का सफ़र है। कैलाश का संसार ऐसा है कि वहाँ हर व्यक्ति को अलग-अलग अनुभव होते हैं। मेरे लिए यह प्रकृति की अदम्यता पर अपनी सीमाओं को परखने और कुछ अवाक् कर देने वाला देखने की थी। लेकिन कैलाश ने केवल अवाक् नहीं किया एक दर्शन भी जगा दिया। कैलाश के निकट पहुँच कर आप समय की अनंतता के परिप्रेक्ष्य में जीवन के सार को समझना आरंभ कर देते हैं। अपनी इस यात्रा के कितने ही सूक्ष्म अनुभवों को तो मैं शब्द ही नहीं दे सकूँगी, लेकिन मेरा प्रयास रहा है कि मैं बाह्य यात्रा के साथ अपने अंतस की यात्रा को भी शब्द दे सकूँ। मैं यही कहूँगी कैलाश तीर्थयात्रा नहीं यह स्वयं से साक्षात्कार की और प्रकृति से तादात्म्य की यात्रा है। सोने में सुहागा तो तब हो कि यह पुस्तक अन्य कैलाश-परिक्रमा की वांछा करने वालों के लिए पथ-प्रदर्शक साबित हो।’’ - मनीषा कुलश्रेष्ठ मनीषा कुलश्रेष्ठ हिन्दी साहित्य की सुपरिचित लेखिका हैं जिनके अब तक सात कहानी-संग्रह और पाँच उपन्यास प्रकाशित हो चुके हैं। मल्लिका उनका सबसे नवीनतम उपन्यास है, जिसे आलोचकों और पाठकों, दोनों की बहुत प्रशंसा मिली है।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Bal Krishan (Author)
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2011
- Pages: 100 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8174831177
- ISBN-13 :9788174831170
DESCRIPTION:
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Bal Krishan (Author)
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2010
- Pages: 100 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8174831150
- ISBN-13 :9788174831156
DESCRIPTION:
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Bal Krishan (Author)
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2010
- Pages: 100 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8174831142
- ISBN-13 :9788174831149
DESCRIPTION:
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Bal Krishan (Author)
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2011
- Pages: 100 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8174831207
- ISBN-13 :9788174831200
DESCRIPTION:
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Bal Krishan (Author)
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2010
- Pages: 100 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170946573
- ISBN-13 :9788170946571
DESCRIPTION:
समकालीन साहित्य के परिप्रेक्ष्य में अतीत है, वर्तमान है और भविष्य भी है। हिन्दी साहित्य विधा और विषय की व्यापकता की दृष्टि से काफी समृद्ध है। इस पुस्तक में भारत भर के विभिन्न विश्वविद्यालयों तथा कॉलेजों के विद्वान प्राध्यापकों के ज्वलंत विषयों पर आलेख सम्मिलित हैं। वैश्वीकरण, स्त्री-विमर्श, दलित-विमर्श, पर्यावरण-विमर्श, सांप्रदायिकता और आतंकवाद पर उन्होंने अपनी लेखनी चलाई है। समकालीनता की बुनियादी अवधारणा की विस्तृत चर्चा के साथ कविता, कहानी, उपन्यास, नाटक, आलोचना और आत्मकथा जैसे बहुआयामी विषयों पर चर्चा इसमें मिलती है। कुल मिलाकर यह पुस्तक समकालीन साहित्य की बहुआयामी प्रवृत्तियों को प्रतिबिंबित करती है। निश्चय ही यह हिन्दी साहित्य का अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों के लिए उपयोगी सिद्ध होगी।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Pramod Kovprat (Author)
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2015
- Pages: 144 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350642778
- ISBN-13 :9789350642771
DESCRIPTION:
समकालीन साहित्य के परिप्रेक्ष्य में अतीत है, वर्तमान है और भविष्य भी है। हिन्दी साहित्य विधा और विषय की व्यापकता की दृष्टि से काफी समृद्ध है। इस पुस्तक में भारत भर के विभिन्न विश्वविद्यालयों तथा कॉलेजों के विद्वान प्राध्यापकों के ज्वलंत विषयों पर आलेख सम्मिलित हैं। वैश्वीकरण, स्त्री-विमर्श, दलित-विमर्श, पर्यावरण-विमर्श, सांप्रदायिकता और आतंकवाद पर उन्होंने अपनी लेखनी चलाई है। समकालीनता की बुनियादी अवधारणा की विस्तृत चर्चा के साथ कविता, कहानी, उपन्यास, नाटक, आलोचना और आत्मकथा जैसे बहुआयामी विषयों पर चर्चा इसमें मिलती है। कुल मिलाकर यह पुस्तक समकालीन साहित्य की बहुआयामी प्रवृत्तियों को प्रतिबिंबित करती है। निश्चय ही यह हिन्दी साहित्य का अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों के लिए उपयोगी सिद्ध होगी।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Barbara Kolm (Author)
- Binding : Paperback
- Language : English
- Edition :2015
- Pages: 448 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350642751
- ISBN-13 :9789350642757
DESCRIPTION:
The Rajpal Dictionary of Economic Terms provides two dictionaries at the cost of one, in a single volume: English to Hindi and Hindi to English. Published in collaboration with the Austrian Economics Center, 9 international language editions of this Dictionary have so far been published This Dictionary provides meanings of basic economic terms and expressions which have become a part of our daily lives An invaluable reference for students, teachers, professionals and libraries एक ही जिल्द में अंग्रेज़ी से हिन्दी और हिन्दी से अंग्रेज़ी कोश प्रस्तुत एक प्रामाणिक शब्दकोश जो नौ अंतर्राष्ट्रीय भाषाओं में प्रकाशित हो चुका है और अब हिन्दी में उपलब्ध इस शब्दकोश में उन सभी शब्दों को सम्मिलित किया गया है जिनका प्रयोग रोज़मर्रा के जीवन में होता है और उनके अर्थ हिन्दी और अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं में प्रस्तुत हैं प्रत्येक लाइब्रेरी, विद्यार्थी, शोधकर्ता, पेशेवर और आम पाठक के लिए उपयोगी ''What a wonderful idea! Too much talk about economics is filled with jargaon and clichés when the ordinary person craves to understand concepts in simple language and relate them to daily life.'' —Gurcharan Das (Eminent writer and former CEO, Proctor & Gamble, India)
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Narendra Kohli (Author)
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2017
- Pages: 136 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9386534142
- ISBN-13 :9789386534149
DESCRIPTION:
2017 में ‘पद्मश्री’ और 2012 में ‘व्यास सम्मान’ से नवाज़े गये नरेन्द्र कोहली की गणना हिन्दी के प्रमुख साहित्यकारों में होती है। 1947 के बाद रचित हिन्दी साहित्य में उनका योगदान अमूल्य है। उन्होंने प्राचीन महाकाव्यों को आधुनिक पाठकों के लिए गद्य रूप में लिखने का एक नया चलन शुरू किया और पुराणों पर आधारित अनेक साहित्यिक कृतियाँ रचीं। नरेन्द्र कोहली ने अपनी चिरपरिचित छवि से हटकर वरुणपुत्री की रचना की है। इसमें पौराणिक कथाएँ, इतिहास, समकालीन घटनाएँ, कल्पित विज्ञान-कथा और फ़ैंटेसी का एक अद्भुत ताना-बाना रचा है। इसकी कथा वस्तु का फ़लक इतना व्यापक है कि इसमें उन्होंने धरती के सभी देशों के अतिरिक्त अन्य ग्रहों और आकाश गंगा को भी सम्मिलित किया है। राजनीति, पर्यावरण सुरक्षा, विश्व-शांति को समेटे हुए यह कथा समय और भूगोल की सारी सीमाओं को लाँघती ही चली जाती है और पाठक आनन्द और विस्मय भरी इस रचना में डुबकी के बाद डुबकी लगाता रहता है। तोड़ो कारा तोड़ो, वासुदेव, साथ सहा गया दुख, हत्यारे, अभिज्ञान और आतंक उनकी अन्य लोकप्रिय पुस्तकें हैं।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Narendra Kohli (Author)
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2016
- Pages: 152 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350640201
- ISBN-13 :9789350640203
DESCRIPTION:
दिल्ली प्रशासन के ‘शलाका सम्मान’ से सम्मानित सुप्रतिष्ठित उपन्यासकार नरेन्द्र कोहली का यह सामाजिक उपन्यास उनकी अन्य रचनाओं की भाँति अत्यंत मार्मिक और प्रभावी है, यह इस उपन्यास से स्पष्ट है। बच्चे की बीमारी और मृत्यु की घटना में पति और पत्नी का साथ सहा और एक-दूसरे में बांटा गया दुख उपन्यास का विषय है-जो पाठक के अन्तरंग को छू लेता है।लम से।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Narendra Kohli (Author)
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2016
- Pages: 136 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170282667
- ISBN-13 :9788170282662
DESCRIPTION:
दिल्ली प्रशासन के ‘शलाका सम्मान’ से सम्मानित सुप्रतिष्ठित उपन्यासकार नरेन्द्र कोहली का यह सामाजिक उपन्यास उनकी अन्य रचनाओं की भाँति अत्यंत मार्मिक और प्रभावी है, यह इस उपन्यास से स्पष्ट है। बच्चे की बीमारी और मृत्यु की घटना में पति और पत्नी का साथ सहा और एक-दूसरे में बांटा गया दुख उपन्यास का विषय है-जो पाठक के अन्तरंग को छू लेता है।लम से।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Narendra Kohli (Author)
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2011
- Pages: 104 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 81702830610
- ISBN-13 :9788170283065
DESCRIPTION:
गॉव, उसके पेडों से भरे जंगल, लकडी की चिराई और उसका ठेका- और ढेकैदारों की अजीबोगरीब दुनिया से संबंधित एक शक्तिशाली उपन्यास.. प्रसिद्ध लेखक नरेंद्र कोहली की कलम से।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Narendra Kohli (Author)
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2017
- Pages: 168 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350641178
- ISBN-13 :9789350641170
DESCRIPTION:
2017 में ‘पद्मश्री’ और 2012 में ‘व्यास सम्मान’ से अलंकृत नरेन्द्र कोहली की गणना हिन्दी के प्रमुख साहित्यकारों में होती है। 1947 के बाद के हिन्दी साहित्य में उनका योगदान अमूल्य है। उन्होंने प्राचीन महाकाव्यों को आधुनिक पाठकों के लिए गद्य रूप में लिखने का एक नया चलन शुरू किया और पौराणिक कथानकों पर अनेक साहित्यिक कृतियाँ रचीं। ‘अभिज्ञान’ के कथानक की रचना गीता में वर्णित कृष्ण के कर्म-सिद्धान्त की आधार भूमि है। लेकिन यह उपन्यास कर्म-सिद्धान्त की पुष्टि के लिए नहीं, उसे समझाने के लिए है, जिससे साधारण मनुष्य भी अपने जीवन में इसका पालन कर सकता है। एक सांस्कृतिक उपन्यास जो प्राचीन और आज की शिक्षा-प्रणाली, गुरु-शिष्य परंपरा की अंतर्कथा भी है। तोड़ो कारा तोड़ो, वसुदेव, साथ सहा गया दुख, हत्यारे, आतंक और वरुणपुत्री उनकी अन्य लोकप्रिय पुस्तकें हैं।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Narendra Kohli (Author)
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2019
- Pages: 176 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 93506426210
- ISBN-13 :9789350642627
DESCRIPTION:
सुपरिचित उपन्यासकार नरेन्द्र कोहली की गणना आधुनिक युग के सशक्त कथाकारों में की जाती है। सामाजिक उपन्यासों के अतिरिक्त उन्होंने धार्मिक-सांस्कृतिक पृष्ठभूमि को लेकर अनेक उपन्यासों की रचना की है जो अत्यन्त लोकप्रिय हुए हैं। प्रस्तुत उपन्यास आतंक उनका एक सफल उपन्यास है जिसमें उन्होंने आधुनिक समाज में चारों ओर बढ़ती अव्यवस्था, बिखराव और असुरक्षा का सशक्त चित्रण किया है। यह आदि से अंत तक रोचक और पठनीय है। नरेन्द्र कोहली की अन्य लोकप्रिय पुस्तकें हैं-साथ सहा गया दुख, अभिज्ञान, जंगल, सबसे बड़ा सत्य और हत्यारे।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Dronveer Kohli (Author)
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2016
- Pages: 276 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350640163
- ISBN-13 :9789350640166
DESCRIPTION:
सुपरिचित कथाकार द्रोणवीर कोहली का यह नया उपन्यास प्रेम को आसमानी ऊँचाइयों तक ले जाता है और अस्थि-मज्जा से बने ‘सहायता’ के चरित्र को महानता की श्रेणी में ले जा खड़ा करता है। ‘पोटली’ प्रेम का एक ऐसा अनूठा शाहकार है, जिसे पढ़ना शुरू करने के बाद, आप अंत तक पहुँचने की बेसब्री से भरे रहेंगे, और तब भी वह बेसब्री आपका पीछा नहीं छोड़ेगी...।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Giriraj Kishore (Author)
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2016
- Pages: 160 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170289505
- ISBN-13 :9788170289500
DESCRIPTION:
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