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SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Giriraj Kishore (Author)
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2016
- Pages: 128 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170289491
- ISBN-13 :9788170289494
DESCRIPTION:
उपन्यास हो, कहानी, नाटक या निबंध, हर विधा के लिए गिरिराज किशोर प्रायः सामयिक विषय को ही अपना कथानक बनाते हैं। वह कल्पना की ऊंची-ऊंची उड़ानें नहीं भरते वरन् ज़िंदगी की विविधताओं और जटिलताओं को जीने में मदद करते हैं। उपन्यास यातनाघर में विष्णु नारायण अपने आला अफसरों की तानाशाही और मनमानी झेलता-झेलता इतना बेबस हो जाता है। कि उसे लगने लगता है कि वह इन्सान नहीं ‘कोल्हू का बैल’ बन गया है। जिसे दिन-रात पेरा जाता है। लेखक ने घर बाहर की जद्दोजहद में जूझते व्यक्ति के मनोभावों का ऐसा सजीव चित्रण किया है कि पाठक की सहानुभूति सहज उसके साथ हो जाती है।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Giriraj Kishore (Author)
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2012
- Pages: 116 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170289769
- ISBN-13 :9788170289760
DESCRIPTION:
'पहला गिरमिटिया' जैसे कालजयी उपन्यास के लेखक गिरिराज किशोर का नवीनतम उपन्यास है 'स्वर्णमृग'। इसमें वैश्वीकरण के ज्वंलत प्रश्न को, कथानायक 'पुरुषोत्तम' के माध्यम से उभारा गया है, और उसमें छिपे खतरनाक सत्य को उद्घाटित किया गया है। एक अत्यंत प्रभावशाली और विचारोत्तेजक उपन्यास!
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Giriraj Kishore (Author)
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2016
- Pages: 906 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170289521
- ISBN-13 :9788170289524
DESCRIPTION:
‘गिरमिटिया’ अंग्रेज़ी के शब्द ‘एग्रीमेंट’ का बिगड़ा हुआ रूप है। यह वह एग्रीमेंट या ‘गिरमिट’ है जिसके तहत हज़ारों भारतीय मज़दूर आज से डेढ़ सौ साल पहले दक्षिण अफ्रीका में काम की तलाश में गये थे। एक अजनबी देश, जिसके लोग, भाषा, रहन-सहन, खान-पान एकदम अलग...और सारे दिन की कड़ी मेहनत के बाद न उनके पास कोई सुविधा, न कोई अधिकार। तभी इंग्लैण्ड से वकालत की पढ़ाई पूरी कर 1893 में मोहनदास करमचंद गांधी दक्षिण अफ्रीका पहुंचते हैं। रेलगाड़ी का टिकट होने के बावजूद उन्हें रेल के डिब्बे से सामान समेत बाहर निकाल फेंका जाता है। इस रंगभेद नीति के पहले अनुभव ने युवा गाँधी पर गहरी छाप छोड़ी। रंगभेद नीति की आड़ में दक्षिण अफ्रीका में काम कर रहे भारतीय मज़दूरों पर हो रहे अन्याय गाँधी को बर्दाश्त नहीं होते और वे उन्हें उनके अधिकार दिलाने के संघर्ष में पूरी तरह जुट जाते हैं। बंधुआ मज़दूरों के साथ अपनी एकता को प्रदर्शित करने के लिए अपने आप को ‘पहला गिरमिटिया’ कहते हैं। 19वीं और 20वीं सदी के दक्षिण अफ्रीका की सामाजिक, राजनीतिक पृष्ठभूमि पर आधारित इस उपन्यास को सन् 2000 के व्यास सम्मान से पुरस्कृत किया गया। ‘शतदल सम्मान’ और ‘गाँधी सम्मान’ से सुसज्जित ‘पहला गिरमिटिया’ गाँधी जी को समझने का एक सफल प्रयास है।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Giriraj Kishore (Author)
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2016
- Pages: 64 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170288061
- ISBN-13 :9788170288060
DESCRIPTION:
गाँधी को फाँसी दो!’ ‘गाँधी को फाँसी दो!’ के नारों, सड़े अंडों और पत्थरों से दक्षिणी अफ्रीका की अंग्रेज़ हुकूमत ने गाँधी का ‘स्वागत’ किया, जब वह 1897 में वहाँ वापस लौटे। इस रोष और गुस्से का कारण था गाँधी द्वारा राजकोट में प्रकाशित एक पुस्तिका ‘ग्रीन पेपर’, जिसमें उन्होंने अंग्रेज़ सरकार की रंगभेद-नीति की कड़ी निंदा की थी और दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों की दयनीय स्थिति के बारे में भारत की जनता को जागरूक किया था। दक्षिण अफ्रीका गाँधी की कर्मभूमि थी जहाँ उन्होंने अपने जीवन के बीस वर्ष बिताए और वहीं पर अहिंसा और सत्याग्रह का पहला प्रयोग किया। गाँधीजी का कहना था, ‘‘मेरा ‘जन्म’ तो भारत में हुआ, लेकिन मैं ‘तराशा’ गया दक्षिण अफ्रीका में।’’ इसी दक्षिण अफ्रीका की पृष्ठभूमि पर आधारित है यह नाटक। दक्षिण अफ्रीका की अंग्रेज़ सरकार और पड़ोसी अफ्रीकी देशों के बीच लड़ा जा रहा था ‘बोअर युद्ध’, जिसमें गाँधी ने युद्ध में घायल लोगों के इलाज के लिए ‘एम्बुलेंस कोर’ का आयोजन किया था। उस समय गाँधी के मन की क्या स्थिति थी-जहाँ एक तरफ वे अंग्रेज़ सरकार की नीतियों के खिलाफ अपनी सत्याग्रह की लड़ाई लड़ रहे थे और दूसरी ओर उसी सरकार का साथ दे रहे थे-युद्ध में पीड़ितों को राहत देकर इन सब जज़्बातों को बखूबी पेश किया गया है इस नाटक में। इस नाटक के लेखक हैं जाने-माने हिन्दी साहित्यकार गिरिराज किशोर, जो अब तक अनेक उपन्यास और नाटक लिख चुके हैं। अपने इस सातवें नाटक में लेखक ने एक अनोखा प्रयोग किया है-नाटक के दो अंत दिए हैं! पाठक अपनी पसंद के अनुसार नाटक का कोई भी अंत चुन सकता है।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Giriraj Kishore (Author)
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2009
- Pages: 152 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 81702880710
- ISBN-13 :9788170288077
DESCRIPTION:
गिरिराज किशोर मानवमात्र के मनोभावों को शब्दों में उतार कर किस तरह कहानियों का ताना-बाना बुनते हैं, यह उनके इस कहानी-संग्रह में संकलित कहानियों में देखा जा सकता है। ‘कविताएं’ कहानी में मृत्युशैया पर पड़ी पत्नी के सिरहाने बैठे पति की अन्तव्र्यथा, ‘फाइल दाखिल दफ्तर’ में पुत्र और बहू की गुमशुदगी से परेशान पिता की आँखों में कभी खत्म न होने वाली तलाश, या ‘पापा, मैं अंग्रेज़ी नहीं जानता’ में दूसरों के सम्मुख स्वयं को उपेक्षित पाते शिशु का करुण क्रन्दन...सभी का ऐसा जीवंत चित्रण किया है कि घटनाएं चलचित्र की तरह आँखों के सामने आ जाती हैं।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Giriraj Kishore (Author)
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2017
- Pages: 396 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170289475
- ISBN-13 :9788170289470
DESCRIPTION:
साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित उपन्यास ‘ढाई घर’ के लेखक गिरिराज किशोर प्रख्यात उपन्यासकार, सफल कहानीकार, नाटककार और निबन्धकार भी हैं। और यह केवल इसलिए कि उनका लेखन ज़िन्दगी की विविधताओं और जटिलताओं को समझने और जीने में मदद करता है। उनकी कहानियों में भी यह गुण पूरी तरह विद्यमान है। मुज़फ्फरनगर (उ.प्र.) में जन्मे गिरिराज जी आई.आई.टी. कानपुर के ‘रचनात्मक लेखन एवं प्रकाशन केन्द्र’ के निदेशक रह चुके हैं।
SPECIFICATION:
- Publisher : Juggernaut
- By: Twinkle Khanna (Author)
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2017
- Pages: 240 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9386228122
- ISBN-13 : 9789386228123
DESCRIPTION:
एक दुबली और लंबी सी लड़की पूरे गांव को बदल देती है. अड़सठ साल की बूढ़ी नोनी आपा एक शादीशुदा आदमी की ओर आकर्षित हैं और सोचती हैं कि रिश्तों को परिभाषित करना ज़रूरी क्यों है. बबलू केवट का परिवार आतंकित है कि उसपर सेनिटरी नैपकिन्स का जुनून सवार है और पांच शादियां करनेवाली एक नौजवान लड़की अपनी हरेक शादी के मंसूबे बनाते वक्त मौसम की भविष्यवाणियों पर नज़र रखती है. इस मज़ेदार, बारीक निगाहों वाली और समझदार क़िस्सागोई से आप खुद को दूर नहीं रख सकेंगे।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Dost Mohammad Khan(Author)
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2020
- Pages: 128 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9389373131
- ISBN-13 : 9789389373134
DESCRIPTION:
इस अत्यंत लोकप्रिय पुस्तक-माला की शुरुआत 1960 के दशक में हुई जब पहली बार नागरी लिपि में उर्दू की चुनी हुई शायरी के संकलन प्रकाशित कर राजपाल एण्ड सन्ज़ ने हिन्दी पाठकों को उर्दू शायरी का लुत्फ़ उठाने का अवसर प्रदान किया। शृंखला की हर पुस्तक में शायर के संपूर्ण लेखन में से बेहतरीन शायरी का चयन है और पाठकों की सुविधा के लिए कठिन शब्दों के अर्थ भी दिये हैं; और साथ ही हर शायर के जीवन और लेखन पर रोचक भूमिका भी है। आज तक इस पुस्तक-माला के अनगिनत संस्करण छप चुके हैं। अब इसे एक नई साज-ज्जा में प्रस्तुत किया जा रहा है। मिर्ज़ा ‘दाग़’ (1831 - 1905) प्रेम-मुहब्बत से भरी अपनी रोमानी शायरी के लिए जाने जाते हैं। उनकी शायरी की खासियत है कि वे सरल उर्दू में लिखी हुई है जिसमें फ़ारसी शब्दों का इस्तेमाल कम है। मि़र्जा ‘दाग़’ की परवारिश और तालीम दिल्ली के लालकिले के शाही माहौल में हुई। वे मशहूर उर्दू शायर ज़ौक़ के शागिर्द थे और छोटी उम्र से ही उन्होंने मुशायरों में हिस्सा लेना शुरू कर दिया था। शायरी के ज़रिये ‘दाग़’ ने बहुत नाम कमाया और हैदराबाद के छठे निजाम ने उन्हें हैदराबाद के ‘शाही शायर’ का दर्जा दिया।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Irshad Khan 'Sikandar (Author)
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2018
- Pages: 144 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9386534436
- ISBN-13 : 9789386534439
DESCRIPTION:
इश्क़ को लेकर हर शायर की अपनी-अपनी समझ और कल्पना है, और इश्क़ से आगे दूसरा इश्क़ क्या है, पढ़िए युवा शायर इरशाद ख़ान ‘सिकन्दर’ की इन ग़ज़लों में। ‘सिकन्दर’ की ग़ज़लों में एक नयापन और अलग-सा ज़ायक़ा है; जहाँ एक तरफ़ वो शायरी की परंपरा के दायरे में रहकर शे’र कहते हैं तो वहीं लफ़्ज़ों के एकदम नये और अनूठे प्रयोग भी करते हैं। ‘सिकन्दर’ की शायरी उनकी गंगा-जमुनी सोच और संवेदना से उभरती है, जिसकी एक बेहतरीन मिसाल है - ज़िन्दगी का विष तो जूँ का तूँ रहा शायरी के कंठ नीले हो गये उर्दू शायरी में ‘विष’ और ‘कंठ’ जैसे विशुद्ध हिन्दी के शब्दों का इतना सहज और सशक्त प्रयोग शायद ही कहीं सुनने-पढ़ने को मिलता है! 1983 में उत्तर प्रदेश के एक साधारण परिवार में जन्मे इरशाद खान ने बिना किसी औपचारिक शिक्षा के ही बहुत कम समय में उर्दू, हिन्दी और भोजपुरी के साहित्यिक और सांस्कृतिक क्षेत्र में अपनी पुख़्ता पहचान बनाई है। मुशायरों के अलावा रेडियो, टेलीविज़न, म्यूज़िक एल्बम और फ़िल्मी संगीत जगत में भी निरन्तर सक्रिय हैं। इसके अतिरिक्त हिन्दी पत्रिका लफ़्ज़ का संपादन कार्य भी लम्बे समय से संभालते आ रहे हैं। 2016 में प्रकाशित उनके पहले ग़ज़ल-संग्रह आँसुओं का तर्जुमा को पाठकों और समालोचकों ने खूब सराहा है। ग़ज़लों के उसी सिलसिले को आगे बढ़ाता हुआ पेश है, उनका ये, दूसरा इश्क़ । इरशाद खान ‘सिकन्दर’ दिल्ली में रहते हैं। उनका संपर्क है - info@irshadkhansikandar.com, www.irshadkhansikandar.com
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Irshad Khan 'Sikandar (Author)
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2020
- Pages: 144 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9389373123
- ISBN-13 : 9789389373127
DESCRIPTION:
‘‘इरशाद ख़ान सिकन्दर अपना अलग रास्ता चुनने की कोशिश में हैं। उसके मज़ामीन ज़मीन से जुड़े हैं और मौजूद की अक्कासी करते हैं। ख़याली महबूब से परे वो जीते-जागते लोगों से हमकलाम हैं।’’ - रफ़ी रज़ा ‘‘इरशाद की शायरी में घर भी है बाज़ार भी है। नौजवानी का ख़ुमार भी है और मुहब्बत में किसी का इन्तिज़ार भी है। ज़िन्दगी से वास्ते भी हैं और चहल-पहल करते हुए रास्ते भी हैं।’’ - शकील आज़मी ‘‘इरशाद ख़ान सिकन्दर ने अपने बयान को न फ़लसफ़ों से बोझिल करने की कोशिश की है न ऐसे अल्फ़ाज़ से जिसके लिए डिक्शनरी का सहारा लेना पड़ता है। ये मुकम्मल तौर पर ज़िन्दगी से जुड़ा इज़हारिया है जिसमें तासीर भी मौजूद है और तजरुबा भी।’’ - ज़ुल्फ़िक़ार आदिल (पाकिस्तान) ‘‘इरशाद की ग़ज़ल पाठक को ज़रा रुककर आराम से बैठने और सोचने पर मजबूर करती है। एक थके हुए ज़ेहन को सुकून देने का काम करती है और यही वजह है कि इस ग़ज़ल की उम्र लम्बी होगी।’’ - आदिल रज़ा मन्सूरी आँसुओं का तर्जुमा इरशाद ख़ान सिकन्दर की पहली किताब है जो अब नयी साज-सज्जा में हाज़िर है। इसके कई शे’र बहुत लोकप्रिय हुए जिन्हें अन्य लेखकों ने अपनी किताबों या लेखों में उद्धृत किया है। दूसरा इश्क़ इरशाद की दूसरी किताब भी शायरी के पाठकों के बीच बहुचर्चित है। 8 अगस्त 1983 को उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर ज़िले में जन्मे इरशाद ने अपना खास पाठक वर्ग तैयार कर लिया है। वे शायरी, कहानी और नाट्य लेखन के साथ-साथ सिनेमा जगत में बतौर गीतकार सक्रिय हैं। इनका संपर्क है: ik.sikandar@gmail.com, www.irshadkhansikandar.com
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Ameer Kazalbash (Author)
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2015
- Pages: 160 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350641038
- ISBN-13 : 9789350641033
DESCRIPTION:
लोकप्रिय उर्दू शायर अमीर आग़ा क़ज़लबाश की एक-से-एक बढ़कर चुनी हुई नज़्में, ग़ज़लें और शे’र जिनमें आज की इन्सानी ज़िन्दगी के सभी रंग-शायर के अपने खास अंदाज़ में।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Vishambarnath Sharma Kaushik (Author)
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2014
- Pages: 184 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8174831517
- ISBN-13 : 9788174831514
DESCRIPTION:
‘ताई’ हिन्दी कहानियों में एक मील का पत्थर मानी जाती है। इसके कहानीकार विश्वम्भरनाथ शर्मा कौशिक की गणना प्रेमचंद, जयशंकर प्रसाद, गुलेरी के साथ आधुनिक हिन्दी कहानी के निर्माताओं में की जाती है। काल-क्रम की दृष्टि से ये सभी लेखक एक आध साल के अन्तर से आए और प्रत्येक ने अपनी विशिष्ट पहचान बनाई। जहां प्रेमचंद, जयशंकर प्रसाद का नाम हिन्दी साहित्य में आज भी बहुत लोकप्रिय है और उनका साहित्य आसानी से उपलब्ध है, वहीं कौशिक जी की रचनाएँ पाठक की नज़रों से कुछ ओझल-सी हो गई हैं। उनकी कहानियों का यह संकलन इस अभाव को पूरा करता है। विश्वम्भरनाथ शर्मा कौशिक की अधिकांश कहानियाँ उत्तर भारत के सामाजिक जीवन का चित्रण करती हैं। यादगार चरित्रों को पैदा करना कौशिक जी की विशेषता थी और वे अपने पात्रों को अपनी कहानियों के माध्यम से इस तरह जीवंत करते थे कि पाठक को वर्षों तक याद रहे।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Vishambarnath Sharma Kaushik (Author)
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2014
- Pages: 184 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8174831525
- ISBN-13 : 9788174831521
DESCRIPTION:
‘ताई’ हिन्दी कहानियों में एक मील का पत्थर मानी जाती है। इसके कहानीकार विश्वम्भरनाथ शर्मा कौशिक की गणना प्रेमचंद, जयशंकर प्रसाद, गुलेरी के साथ आधुनिक हिन्दी कहानी के निर्माताओं में की जाती है। काल-क्रम की दृष्टि से ये सभी लेखक एक आध साल के अन्तर से आए और प्रत्येक ने अपनी विशिष्ट पहचान बनाई। जहां प्रेमचंद, जयशंकर प्रसाद का नाम हिन्दी साहित्य में आज भी बहुत लोकप्रिय है और उनका साहित्य आसानी से उपलब्ध है, वहीं कौशिक जी की रचनाएँ पाठक की नज़रों से कुछ ओझल-सी हो गई हैं। उनकी कहानियों का यह संकलन इस अभाव को पूरा करता है। विश्वम्भरनाथ शर्मा कौशिक की अधिकांश कहानियाँ उत्तर भारत के सामाजिक जीवन का चित्रण करती हैं। यादगार चरित्रों को पैदा करना कौशिक जी की विशेषता थी और वे अपने पात्रों को अपनी कहानियों के माध्यम से इस तरह जीवंत करते थे कि पाठक को वर्षों तक याद रहे।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Badrinath Kapur (Author)
- Binding : Hardcover
- Language : English
- Edition :2012
- Pages: 300 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350640392
- ISBN-13 : 9789350640395
DESCRIPTION:
This Rajpal Dictionary of English-Hindi Synonyms offers the twin benefits of a thesaurus and dictionary in a single volume. As in a thesaurus, the English words are grouped according to the similarity of meaning Includes the most frequently used 4000 English words Provides several English synonyms for each of these 4000 words Gives detailed Hindi meanings for each of the synonyms And, as in a dictionary, the words are alphabetically listed. These unique features of this Dictionary help the users Enhance their knowledge of English through the medium of Hindi Find the most appropriate word which best expresses the idea in a specific context Improve their vocabulary of English and Hindi. Edited by Dr. Badrinath Kapoor, one of India's foremost linguist experts, the Rajpal Dictionary of English-Hindi Synonyms is the culmination of his lifetime's expertise in preparing and editing several bi-lingual dictionaries and other language related scholarly works. An essential reference for media professionals, creative writers, teachers, students, translators, government officials and all libraries and educational institutions.
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Sanjeev Kapoor (Author)
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2014
- Pages: 96 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350642735
- ISBN-13 : 9789350642733
DESCRIPTION:
मास्टर शेफ़ संजीव कपूर भारत की खाद्य संस्कृति के परिचायक बन चुके हैं। उनका 24×7 टीवी चैनल फूडफूड, भारत और विदेशों में फैले उनके रेस्तरां और उनकी लिखी अनेक कुकबुक्स उनके भारत के सबसे प्रख्यात शेफ होने की गवाही देते हैं। इनकी लिखी कुकबुक ‘ अहा! चाकलेट’ को ‘गोरमांड वर्ल्ड कुकबुक्स अवार्ड्स 2013’ में भारत की ‘‘गोरमांड बेस्ट कुकबुक फोटोग्राफी’’ का पुरस्कार प्राप्त हुआ है। इस किताब में मास्टर शेफ संजीव कपूर ने भारतीय और अन्तरराष्ट्रीय सूप की बृहद श्रृंखला प्रस्तुत की है जिसे आप ज़रूर चखना चाहेंगे । सादा पर स्वादिष्ट दाल और गाजर शोरबा, मुँह में पानी लाने वाला रोस्टेड पेपर सूप, झागदार मशरूम कापुचिनो और लहसुन रसम का लुत्फ उठाएं। स्वाद और सुगंध से भरपूर!
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Sanjeev Kapoor (Author)
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2014
- Pages: 104 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350642549
- ISBN-13 : 9789350642542
DESCRIPTION:
मास्टर शेफ़ संजीव कपूर भारत में पाककला के सर्वोच्च शिखर पर बैठे हैं। उनका 24×7 टीवी चैनल फूडफूड, भारत और विदेशों में उनके रेस्त्रांओं की श्रृंखला और पाककला पर उनकी कई लोकप्रिय पुस्तकें इसका प्रमाण हैं कि वे भारत के सबसे लोकप्रिय और प्रतिष्ठित शेफ हैं। उनकी वेबसाइट www.sanjeevkapoor.com विभिन्न पकवानों और पाककला पर व्यापक और विस्तृत जानकारी का ख़ज़ाना है। ‘‘संजीव कपूर का खज़ाना’’ की इस नयी किताब में शेफ कपूर ने चावल जैसे साधारण अनाज से बने विभिन्न पौष्टिक तथा स्वादिष्ट व्यंजन पेश किये हैं। विदेश में बनने वाले हब्ड स्प्रिंग अनियन राइस, कुशेरी, रिसाटो अला मिलानेस तथा अपने देश में बनने वाली हांडी बिरयानी, खुब मकई पुलाव, बिसी बेले हुलिअन्ना तथा अंबे भात ये सभी क्षेत्रीय व्यंजन यहाँ दिए है। चावल की दुनिया में खो जाएँ!
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Sanjeev Kapoor (Author)
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2014
- Pages: 96 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170289416
- ISBN-13 : 9788170289418
DESCRIPTION:
मास्टर शेफ़ संजीव कपूर भारत में पाककला के सर्वोच्च शिखर पर बैठे हैं। इस किताब में संजीव कपूर आपको भारत के सड़कों से होते हुए गली-कूचों के ललचाने और मुँह में पानी लानेवाले सफर पर ले जाएँगे। जहाँ आप अपने देश के स्वादिष्ट स्ट्रीट फूड का मजा ले सकेंगे। आपका यह सफर दिल्ली में किसी चाट के ठेले पर खड़े होकर राजकचौरी का स्वाद लेते हुए शुरू होगा और बंगाल में पुचके का लुत्फ़ उठाते हुए मुम्बई में वड़ा पाव खाते हुए दक्षिण में जाकर मसाला वडा और परोठा कुर्मा का जायका लेते हुए गंगा जमुना ज्यूस, मसाला सोडा और ठंडी कुल्फी फालुदे के साथ खत्म होगा।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Sanjeev Kapoor (Author)
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2015
- Pages: 96 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 93506431210
- ISBN-13 : 9789350643129
DESCRIPTION:
मास्टर शेफ़ संजीव कपूर भारत में पाककला के सर्वोच्च शिखर पर बैठे हैं। इस किताब में संजीव कपूर आपको भारत के सड़कों से होते हुए गली-कूचों के ललचाने और मुँह में पानी लानेवाले सफर पर ले जाएँगे। जहाँ आप अपने देश के स्वादिष्ट स्ट्रीट फूड का मजा ले सकेंगे। आपका यह सफर दिल्ली में किसी चाट के ठेले पर खड़े होकर राजकचौरी का स्वाद लेते हुए शुरू होगा और बंगाल में पुचके का लुत्फ़ उठाते हुए मुम्बई में वड़ा पाव खाते हुए दक्षिण में जाकर मसाला वडा और परोठा कुर्मा का जायका लेते हुए गंगा जमुना ज्यूस, मसाला सोडा और ठंडी कुल्फी फालुदे के साथ खत्म होगा।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Sanjeev Kapoor (Author)
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2011
- Pages: 96 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170289688
- ISBN-13 : 9788170289685
DESCRIPTION:
मास्टर शेफ़ संजीव कपूर भारत में पाककला के सर्वोच्च शिखर पर बैठे हैं। इस किताब में संजीव कपूर आपको भारत के सड़कों से होते हुए गली-कूचों के ललचाने और मुँह में पानी लानेवाले सफर पर ले जाएँगे। जहाँ आप अपने देश के स्वादिष्ट स्ट्रीट फूड का मजा ले सकेंगे। आपका यह सफर दिल्ली में किसी चाट के ठेले पर खड़े होकर राजकचौरी का स्वाद लेते हुए शुरू होगा और बंगाल में पुचके का लुत्फ़ उठाते हुए मुम्बई में वड़ा पाव खाते हुए दक्षिण में जाकर मसाला वडा और परोठा कुर्मा का जायका लेते हुए गंगा जमुना ज्यूस, मसाला सोडा और ठंडी कुल्फी फालुदे के साथ खत्म होगा।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Sanjeev Kapoor (Author)
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2011
- Pages: 104 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170289661
- ISBN-13 : 9788170289661
DESCRIPTION:
मास्टर शेफ संजीव कपूर भारत में पाककला के सर्वोच्च शिखर पर बैठे हैं। उनका 24×7 टीवी चैनल फूडफूड, भारत और विदेशों में उनके रेस्त्रांओं की श्रृंखला और पाककला पर उनकी कई लोकप्रिय पुस्तकें इसका प्रमाण हैं कि वे भारत के सबसे लोकप्रिय और प्रतिष्ठित शेफ हैं। उनकी वेबसाइट www.sanjeevkapoor.com विभिन्न पकवानों और पाककला पर व्यापक और विस्तृत जानकारी का ख़ज़ाना है। सूप्स, सैलड्स और सैंडविच्स का यह विशेष संग्रह आप को विशुद्ध आनंद का ही अनुभव देगा। चाहे वह देसी ‘आलू चाट’ हो या ‘पेन्ने इन थाउज़ंड आइलँड’, निश्चित ही हर पारखी की स्वादलोलुप रसना की संतुष्टी ही करेंगे।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Sanjeev Kapoor (Author)
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2014
- Pages: 96 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170288894
- ISBN-13 : 9788170288893
DESCRIPTION:
मास्टर शेफ संजीव कपूर भारत में पाककला के सर्वोच्च शिखर पर बैठे हैं। उनका 24×7 टीवी चैनल फूडफूड, भारत और विदेशों में उनके रेस्त्रांओं की श्रृंखला और पाककला पर उनकी कई लोकप्रिय पुस्तकें इसका प्रमाण हैं कि वे भारत के सबसे लोकप्रिय और प्रतिष्ठित शेफ हैं। उनकी वेबसाइट www.sanjeevkapoor.com विभिन्न पकवानों और पाककला पर व्यापक और विस्तृत जानकारी का ख़ज़ाना है। एनी टाइम टेम्प्टेशन श्रृंखला की यह किताब चटपटे और जायकेदार स्नेक्स का अनूठा संग्रह है, जिसे आप झटपट बनाकर सुबह और शाम के समय चाय की चुस्कियों के साथ खा सकते हैं। इसमें वेजिटेबल समोसा, टिक्की, ढोकला से लेकर चिली चीज़ टोस्ट, वेजिटेबल स्प्रिंग रोल, चिली पनीर सभी स्नेक्स हैं और साथ में मुँह में पानी लाने वाले चटपटे स्टार्टर्स चखना न भूलें!
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Sanjeev Kapoor (Author)
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2014
- Pages: 96 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170288908
- ISBN-13 :9788170288909
DESCRIPTION:
मास्टर शेफ संजीव कपूर भारत में पाककला के सर्वोच्च शिखर पर बैठे हैं। उनका 24×7 टीवी चैनल फूडफूड, भारत और विदेशों में उनके रेस्त्रांओं की श्रृंखला और पाककला पर उनकी कई लोकप्रिय पुस्तकें इसका प्रमाण हैं कि वे भारत के सबसे लोकप्रिय और प्रतिष्ठित शेफ हैं। उनकी वेबसाइट www.sanjeevkapoor.com विभिन्न पकवानों और पाककला पर व्यापक और विस्तृत जानकारी का ख़ज़ाना है। चायनीज़ व्यंजनों ने भारत में एक मुकाम हासिल कर लिया है। शाकाहारी चायनीज़ कुकिंग संजीव कपूर की अंतर्राष्ट्रीय व्यंजन श्रृंखला की पहली किताब है। इसमें बच्चों और युवावर्ग को पसंद आनेवाले पारंपरिक और आधुनिक सभी प्रकार के चायनीज़ व्यंजनों की सरल व आसान पाकविधियाँ दी गई हैं। इसमें तीखे और चटपटे व्यंजन जैसे शेज़वान नूडल्स, हाट एन्ड सार वेजिटेबल सूप भी हैं और कम तेल और कम मसाले में बने स्वीटकार्न वेजिटेबल सूप, स्टीम्ड मोमोज़ और केन्टोनीज़ वेजिटेबल्स भी हैं। साथ में पुडिंग्स, दारसान और टाफी लिचीस का लुत्फ उठाना न भूलें।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Sanjeev Kapoor (Author)
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2016
- Pages: 128 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350640074
- ISBN-13 :9789350640074
DESCRIPTION:
माइक्रोवेव अवन का इस्तेमाल सिर्फ खाना गर्म करने के लिए किया जा सकता है। यह सही नहीं है। माइक्रोवेव अवन से रोजमर्रा के व्यंजनों के अलावा स्वादिष्ट अन्य व्यंजन भी बनाए जा सकते हैं। माइक्रोवेव अवन में भारतीय खाना नहीं बनाया जा सकता यह सही नहीं है! इस पुस्तक सरल माइक्रोवेव कुकिंग में न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय बल्कि भारतीय व्यंजन भी शामिल किये गये हैं। पाक-विशेषज्ञ संजीव कपूर का दिली प्रयास रहा है कि माइक्रोवेव कुकिंग को सरल और आसान बनाया जाए। भारतीय घरों की ज़रूरतों को देखते हुए विशेष प्रयास किये गये हैं। इस पुस्तक में दी गयीं अनेक मन-लुभावन शाकाहारी तथा मांसाहारी पाक-विधियाँ, सुझाव, माइक्रोवेव कुकिंग की तकनीक, माइक्रोवेव बर्तनों पर टिप्पणी और ढेर सारी अन्य जानकारी इसे आपके लिए आवश्यक बना देती है। आपके पास चाहे किसी भी ब्राण्ड का माइक्रोवेव हो, यह पुस्तक आपके काम आएगी और आप अपने माइक्रोवेव अवन का अधिक अच्छे से उपयोग कर सकेंगे। पाक-विशेषज्ञ संजीव कपूर की पहली पुस्तक खज़ाना ऑफ इंडियन रेसिपीज़ 1999 में प्रकाशित हुई थी और लगातार चौदह महीनों तक राष्ट्रीय स्तर पर सबसे अधिक बिकने वाली पुस्तक रही और इसकी एक लाख से अधिक प्रतियाँ बिकीं। मास्टर शेफ़ संजीव कपूर भारत की खाद्य संस्कृति के परिचायक बन चुके हैं। उनका टीवी चैनल फूडफूड, भारत और विदेशों में फैले उनके रेस्तरां और उनकी लिखी अनेक कुकबुक्स उनके भारत के सबसे प्रख्यात शेफ़ होने की गवाही देते हैं। इनकी लिखी कुकबुक अहा! चोकलेट को गोरमांड वर्ल्ड कुकबुक्स अवार्डस 2013 में भारत की गोरमांड बेस्ट कुकबुक फोटोग्राफी का पुरस्कार प्राप्त हुआ है।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Sanjeev Kapoor (Author)
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2011
- Pages: 104 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 81702897010
- ISBN-13 :9788170289708
DESCRIPTION:
मास्टर शेफ संजीव कपूर भारत में पाककला के सर्वोच्च शिखर पर बैठे हैं। उनका 24×7 टीवी चैनल फूडफूड, भारत और विदेशों में उनके रेस्त्रांओं की श्रृंखला और पाककला पर उनकी कई लोकप्रिय पुस्तकें इसका प्रमाण हैं कि वे भारत के सबसे लोकप्रिय और प्रतिष्ठित शेफ हैं। उनकी वेबसाइट www.sanjeevkapoor.com विभिन्न पकवानों और पाककला पर व्यापक और विस्तृत जानकारी का ख़ज़ाना है। संजीव कपूर का सलाद विश्वभर में बनने वाले मनभावन सलाद का एक व्यापक संग्रह है। यहाँ सलाद मुख्य भोजन तथा पूरक अन्न दोनों रूप में दिया गया है। ठंडा सलाद, गर्म सलाद, शाकाहारी सलाद और माँसाहारी सलाद का भी इसमें समावेश किया गया है। खाने में स्वाद तथा ताजगी लाने के लिये पेश है त्सात्सिकी, मसालेदार मेक्सिन सेलेड, पीना कोलाडा सेलेड, चटपटा कैरी सलाद, पोषक चिकपी एण्ड ताहिना सेलेड तथा क्लासिक ग्रीक सलाद। सलाद पहले कभी इतना आकर्षक नहीं था!
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