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It is said that you unfold a whole new world every time you open a book. Ganges India presents to you the widest and the most distinctive genre of books to satisfy the diverse taste and preferences of all readers. Here you will find books of assorted topics and interest that can not only strengthen your love for books, but also change your life for good. So, readers! Assemble and dive into the greatest collection of knowledge and enrich your awareness and perception. Books have been an indispensable part of mankind and serve as a basis of our lifestyle. The foundations of all aspects of our lives from ideologies, beliefs, education, ethics, culture were laid by the knowledge our ancestors gathered from the prehistoric writings; and it passed on to the subsequent generations through writing itself. So in a way, the content of books can be intense enough to provide a meaningful direction to your life; precisely why we acknowledge the importance of a worthwhile theme and substance in a book. Hence, we bring to you a curated collection of books you would definitely consider keeping close to your heart. We understand your interest in the literary sphere and we have the perfect pick for all categories of book enthusiasts. Enlighten your mind with the various subjects available in Ganges India which includes Hinduism, Buddhism, Astrology, Art & Architecture, History, Philosophy, Performing Arts, Literature, Fiction, Alternative Health, Cooking, Travel, Biographies, General Books, Saints, Indian Languages and of course the junior readers can find their match in the Children’s section. Each category comes with a variety of options for you to choose from based on your personal inclination. One will undisputedly enhance their knowledge, wisdom and experience through these books without having to physically travel around the world or personally undergo any exasperating situations. Additionally, the different genres of books varying from educational, motivational, lifestyle, fiction will not only broaden your understanding towards the way the world works, but also will help you make better decisions for yourself as you would be exposed to a plethora of perspectives. Our Books section is empowered by the loyalty of readers towards books. Each book is provided with all the necessary details to ensure a pleasant buying experience for you. Also, we recommend that you go through the elaborate elucidation provided for most of the products, about the theme and author of the books for better comprehension of the content. Explore this exclusive section of readers’ paradise to immerse yourself in the cognizance of a wide range of subjects. We are certain that there are a gazillion of book-lovers out there; so before these books run out of stock, it is high time that you add them to your precious book collection in order to reinvent your passion and enhance your individual evolution. We are positive that you will be thrilled to read through the promising content of every product in this category
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Sanjeev Kapoor (Author)
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2013
- Pages: 96 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350641429
- ISBN-13 :9789350641422
DESCRIPTION:
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Sanjeev Kapoor (Author)
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2013
- Pages: 96 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170289025
- ISBN-13 :9788170289029
DESCRIPTION:
संजीव कपूर आज़ भारतीय खान-पान के प्रतीक बन गए है। प्रस्तुत किताब में चिकन के सामान्य से लेकर खास और पारंपरिक से लेकर नवीनतम व्यंजनों की विशेष दावत दी गई हैl तो फिर देर जिस बात की उठाइए कित्ताब और मजा लीजिए चाँदी कोरमा, खुशबूदार शाही मुर्ग कोफ्ता पुलाव, क्रीमी बटर चिकन, चटपटा केरी मुर्ग, मोहक चिकन साटे, लज्जतदार खास सीख़, सुगंधित चिकन लाक्सा और मुह में पानी लाने वाली तंदूरी मुर्ग चाट का.. चिकन वाकई लाजवाब है।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Sanjeev Kapoor (Author)
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2015
- Pages: 96 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350642867
- ISBN-13 :9789350642863
DESCRIPTION:
मास्टर शेफ़ संजीव कपूर भारत की खाद्य संस्कृति के परिचयान बन चुके हैं। उनका 24×7 टीवी चैनल फूडफूड, भारत और विदेशों में फैले उनके रेस्तरां और उनकी लिखी अनेक कुकबुक्स उनके भारत के सबसे प्रख्यात शेफ़ होने की गवाही देते हैं। इनकी लिखी कुकबुक अहा! चाकलेट को गोरमांड वर्ल्ड कुकबुक्स अवार्डस 2013 में भ्पामत की गोरमांड बेस्ट कुकबुक फोटोग्राफी का पुरस्कार प्राप्त हुआ है। यह किताब टेस्टी और चटपटी चाट का खज़ाना है! कुरकुरी पूरियों, चटपटे भरावन, मीठे दही और विभिन्न तरह की चटनियों व जीरे और काले नमक के स्वादवाली ये पारंपरिक चाट भारत की विभिन्न संस्कृतियों का मिला-जुला स्वरूप दर्शाती है। पारंपरिक चाट के नए रूप भी पेश किए हैं, जैसे अमेरिकन सेव पूरी, चायनीज़ भेल, फरयाली चाट, मेक्सिकन चाट और बेबी उत्तप्पा-चाट स्टाइल। इस किताब की मदद से आप घर पर ही चाट वाली गल्ली बना सकते हैं। तो फिर देर किस बात की, बुलाइए अपने दोस्तों को और चटपटी चाट पार्टी के साथ अपनी पुरानी यादें ताज़ा कीजिए।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Sanjeev Kapoor (Author)
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2013
- Pages: 124 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 93506400410
- ISBN-13 :9789350640043
DESCRIPTION:
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Sanjeev Kapoor (Author)
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2013
- Pages: 96 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350640066
- ISBN-13 :9789350640067
DESCRIPTION:
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Sanjeev Kapoor (Author)
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2016
- Pages: 148 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170288924
- ISBN-13 :9788170288923
DESCRIPTION:
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Sanjeev Kapoor (Author)
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2013
- Pages: 96 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350641100
- ISBN-13 :9789350641101
DESCRIPTION:
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Kushwaha Kant(Author)
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2019
- Pages: 160 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9389373034
- ISBN-13 :9789389373035
DESCRIPTION:
लाल रेखा हिन्दी के लोकप्रिय उपन्यासों में मील का पत्थर है जिसने बड़े पैमाने पर हिन्दी के पाठक बनाए। 1950 में लिखे इस उपन्यास में उस समय हिन्दी उपन्यास की जितनी धाराएँ थीं, सभी को एक साथ इसमें समाहित किया गया है। रोमांस, रहस्य, राष्ट्रवाद और सामाजिक मूल्यों से ओत-प्रोत कथानक एक मानक की तरह है। देश की आज़ादी के संग्राम की पृष्ठभूमि पर लिखे इस उपन्यास में लाल और रेखा की प्रेम कहानी है लेकिन इसमें प्रेम से बढ़कर देश-प्रेम दिखाया गया है। देशहित व्यक्तिगत हितों से अधिक महत्त्वपूर्ण माना गया है। जहाँ एक ओर निज और समाज के हितों की बात है वहीं दूसरी ओर स्त्री और पुरुष की समानता की बात भी है। लाल रेखा अपने विषय के लिए ही नहीं, काव्यात्मक भाषा के लिए भी आज तक जाना जाता है। आज से करीब 75 साल पहले लिखा यह उपन्यास आज भी उतना ही प्रासंगिक है। कुशवाहा कान्त जिनका पूरा नाम कान्त प्रसाद कुशवाहा था, वे 34 वर्ष की छोटी उम्र में हिन्दी साहित्य जगत को बहुत कुछ दे गये। वे विलक्षण प्रतिभा के धनी थे। जहाँ एक ओर उन्होंने रोमांटिक और सामाजिक उपन्यास लिखे वहीं दूसरी ओर जासूसी और क्रान्तिकारी उपन्यासों का सृजन किया। निस्संदेह लाल रेखा उनका सबसे लोकप्रिय उपन्यास है। इसके अलावा उनके कुछ नामी उपन्यास पारस, विद्रोही सुभाष, आहुति, नीलम, नगीना इत्यादि हैं। उन्होंने कई पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया। 1952 में 34 वर्ष की उम्र में एक जानलेवा आक्रमण में साहित्य का यह चिराग बुझ गया।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Kamtanath (Author)
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2015
- Pages: 152 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350641127
- ISBN-13 :9789350641125
DESCRIPTION:
कामतानाथ की मुख्य पहचान एक कहानीकार के रूप में थी। नयी कहानी के बाद 1960 के दशक में जो युवा कथाकारों की पीढ़ी सामने आईं, वे उसके अग्रणी हस्ताक्षर थे। उनकी कृतियों में वर्गीय दृष्टि और क्रांतिकारी चेतना अलग से ध्यान खींचती है। ‘मुक्तिबोध पुरस्कार’, उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान की ओर से ‘यशपाल पुरस्कार’, ‘साहित्य भूषण’ और ‘महात्मा गांधी सम्मान’ से अलंकृत कामतानाथ की साहित्यिक यात्रा 8 दिसम्बर 2012 को संपूर्ण हुई, लेकिन उनकी सृजनात्मकता उनकी कृतियों के माध्यम से हमेशा जीवित रहेगी।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Kamtanath (Author)
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2013
- Pages: 152 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350641119
- ISBN-13 :9789350641118
DESCRIPTION:
कामतानाथ की मुख्य पहचान एक कहानीकार के रूप में थी। नयी कहानी के बाद 1960 के दशक में जो युवा कथाकारों की पीढ़ी सामने आईं, वे उसके अग्रणी हस्ताक्षर थे। उनकी कृतियों में वर्गीय दृष्टि और क्रांतिकारी चेतना अलग से ध्यान खींचती है। ‘मुक्तिबोध पुरस्कार’, उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान की ओर से ‘यशपाल पुरस्कार’, ‘साहित्य भूषण’ और ‘महात्मा गांधी सम्मान’ से अलंकृत कामतानाथ की साहित्यिक यात्रा 8 दिसम्बर 2012 को संपूर्ण हुई, लेकिन उनकी सृजनात्मकता उनकी कृतियों के माध्यम से हमेशा जीवित रहेगी।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Gayatri Kamleshwar(Author)
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2005
- Pages: 192 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170285674
- ISBN-13 :9788170285670
DESCRIPTION:
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Kamleshwar (Author)
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2017
- Pages: 160 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170282586
- ISBN-13 :9788170282587
DESCRIPTION:
प्रसिद्ध लेखक कमलेश्वर की आत्मकथा के दो खंड प्रकाशित होकर बहुत लोकप्रिय हो चुके हैं। ये एक व्यक्ति से जुड़े होने पर भी अपने-आप में स्वतंत्र हैं और समय के क्रम में मोटे तौर पर ही चलते हैं। तीसरे खंड, 'जलती हुई नदी' की थीम भी एक रहस्यमयी स्त्री से बँधी आरम्भ से अंत तक चलती है। उसी के साथ वे व्यक्तियों और घटनाओं को अपनी विशिष्ट ईमानदारी और बेबाकी के साथ साहित्य, कला और फिल्म की कहानी कहते चलते हैं। बंबई के फिल्म-जगत में प्रतिष्ठित होने वाले कमलेश्वर हिन्दी साहित्य के पहले अग्रणी लेखक थे, और इस दुनिया का चित्रण भी उनका सबसे अलग और विशिष्ट है। ये झांकियाँ बहुत आकर्षक बन पड़ी हैं।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Kamleshwar (Author)
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2012
- Pages: 464 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 81702890510
- ISBN-13 :9788170289050
DESCRIPTION:
पालगुम्मि पदमराजू, बुच्चि बाबू, वनश्री, चलसानि प्रसादराव तेलुगु साहित्य के जाने-माने नाम हैं। इनकी और अन्य तेलुगु लेखकों की चुनी हुई कहानियाँ इस पुस्तक में प्रस्तुत हैं जिनका चुनाव हिन्दी के प्रसिद्ध साहित्यकार कमलेश्वर ने किया है और साथ ही एक विस्तृत भूमिका भी लिखी है। प्रत्येक भाषा की अपनी प्रकृति होती है और इस संकलन में आप तेलुगु कहानी की अपनी विशेष शैली, अपना विशिष्ट प्रवाह पाएंगे। यह पुस्तक हिन्दी के पाठकों को तेलुगु की उत्कृष्ट कहानियों और तेलुगु साहित्य को जानने का अवसर प्रदान करती है।।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Kamleshwar (Author)
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2016
- Pages: 204 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170289777
- ISBN-13 :9788170289777
DESCRIPTION:
पालगुम्मि पदमराजू, बुच्चि बाबू, वनश्री, चलसानि प्रसादराव तेलुगु साहित्य के जाने-माने नाम हैं। इनकी और अन्य तेलुगु लेखकों की चुनी हुई कहानियाँ इस पुस्तक में प्रस्तुत हैं जिनका चुनाव हिन्दी के प्रसिद्ध साहित्यकार कमलेश्वर ने किया है और साथ ही एक विस्तृत भूमिका भी लिखी है। प्रत्येक भाषा की अपनी प्रकृति होती है और इस संकलन में आप तेलुगु कहानी की अपनी विशेष शैली, अपना विशिष्ट प्रवाह पाएंगे। यह पुस्तक हिन्दी के पाठकों को तेलुगु की उत्कृष्ट कहानियों और तेलुगु साहित्य को जानने का अवसर प्रदान करती है।।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Kamleshwar (Author)
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2016
- Pages: 248 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170289068
- ISBN-13 :9788170289067
DESCRIPTION:
जयकान्तन, टी. जानकी रामन, प्रभंजन, श्री अखिलन तमिल साहित्य के जाने-माने नाम हैं। उनकी और अन्य तमिल लेखकों की चुनी हुई कहानियाँ इस पुस्तक में प्रस्तुत हैं जिनका चुनाव हिन्दी के प्रसिद्ध साहित्यकार कमलेश्वर ने किया है और साथ ही एक विस्तृत भूमिका भी लिखी है। प्रत्येक भाषा की अपनी प्रकृति होती है, औरों से कुछ हटकर। इस संकलन में आप तमिल कहानी की अपनी विशेष शैली, अपना विशिष्ट प्रवाह पाएंगे। यह पुस्तक हिन्दी के पाठकों को तमिल की उत्कृष्ट कहानियों और तमिल साहित्य को जानने का अवसर प्रदान करती है।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Kamleshwar (Author)
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2014
- Pages: 216 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350641305
- ISBN-13 :9789350641309
DESCRIPTION:
कीरत बाबाणी, गोबिन्द माल्दी, तीर्थ बसंत, विष्णु भाटिया, हरिकान्त और आधुनिक काल के सिंधी लेखकों की कहानियाँ जो इस पुस्तक में सम्मिलित हैं, को पढ़ने के बाद यह बात उजागर होती है कि कहानी किसी भी भारतीय भाषा की क्यों न हो, उन सब में भारतीय संस्कृति की झलक अवश्य मिलती है। इसी कारण पाठक देश की हर भाषा की कहानी से आसानी से तादात्म्य स्थापित कर लेता है। इस पुस्तक में संकलित कहानियों का चुनाव हिन्दी के प्रसिद्ध साहित्यकार कमलेश्वर ने किया है और एक विस्तृत भूमिका भी लिखी है। यह संकलन हिन्दी के पाठकों को सिंधी साहित्य को जानने का अवसर प्रदान करता है।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Kamleshwar (Author)
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2014
- Pages: 712 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170285089
- ISBN-13 :9788170285083
DESCRIPTION:
प्रस्तुत संकलन में कमलेश्वर के दस उपन्यास-एक सड़क सत्तावन गलियाँ, लौटे हुए मुसाफिर, तीसरा आदमी, डाक बंगला, समुद्र में खोया हुआ आदमी, काली आंधी, आगामी अतीत, वही बात, सुबह...दोपहर...शाम...,रेगिस्तान-कालक्रमानुसार दिए गए हैं। साथ ही प्रत्येक उपन्यास के लिए उन्होंने नयी भूमिकाएं भी लिखी हैं। हिन्दी के कथाकारों में कमलेश्वर का अपना बिलकुल अलग और विशिष्ट स्थान है, जो ‘कितने पाकिस्तान’ के प्रकाशन के बाद सफलता और यश के शिखरों को छूने लगा है। वास्तविक जिन्दगी की उनकी पकड़ आश्चर्यजनक रूप से मजबूत है और उनके कथा साहित्य ने रचनात्मकता के साथ-साथ जीवन और इतिहास के चिन्तन के नये द्वार भी खोल दिए हैं।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Kamleshwar (Author)
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2018
- Pages: 696 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170283930
- ISBN-13 :9788170283935
DESCRIPTION:
प्रस्तुत संकलन में कमलेश्वर की समग्र कहानियां काल-क्रमानुसार दी गयी हैं - साथ ही एक विस्तृत भूमिका जो उनकी कहानी-कला और कथायात्रा को समझने के लिए आवश्यक है। पिछली अनेक दशाब्दियों के हिंदी कथाकारों में कमलेश्वर का अपना अलग स्थान है जो 'कितने पाकिस्तान' के कारण विशेष रूप से चर्चा में है। उनके कथा-साहित्य ने रचनात्मकता के साथ-साथ जीवन और इतिहास के उदार चिंतन के नए द्वार भी खोल दिए हैं।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Kamleshwar (Author)
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2015
- Pages: 208 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350640724
- ISBN-13 :9789350640722
DESCRIPTION:
पंजाबी भाषा केवल पंजाब तक ही सीमित नहीं, वह दुनिया के उन सभी हिस्सों में बोली जाती है जहां पंजाबी बसते हैं। शायद इसीलिए पंजाबी कहानियों पर बहुत-से अलग-अलग प्रभाव पड़े जिनकी झलक कर्तार सिंह दुग्गल, अमृता प्रीतम, रामसरूप अणखी, अजीत कौर, संतसिंह सेखों और अफज़ल अहसन रंधावा और अन्य पंजाबी लेखकों की कहानियों में मिलती है। इस पुस्तक में संकलित कहानियों का चुनाव हिन्दी के प्रसिद्ध साहित्यकार कमलेश्वर ने किया है और साथ ही एक विस्तृत भूमिका भी लिखी है। यह संकलन हिन्दी के पाठकों को पंजाबी साहित्य को जानने का अवसर प्रदान करती है।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Kamleshwar (Author)
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2012
- Pages: 204 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170289092
- ISBN-13 :9788170289098
DESCRIPTION:
प्रतिभा राय, मनोज दास, नंदिनी शतपथी, अच्युतानन्द पति, उमाशंकर पंडा, ओड़िया साहित्य के जाने-माने नाम हैं। उनकी और अन्य ओड़िया लेखकों की चुनी हुई कहानियाँ इस पुस्तक में प्रस्तुत हैं जिनका चुनाव हिन्दी के प्रसिद्ध साहित्यकार कमलेश्वर ने किया है और साथ ही एक विस्तृत भूमिका भी लिखी है। प्रत्येक भाषा की अपनी प्रकृति होती है, औरों से कुछ हटकर। इस संकलन में आप ओड़िया कहानी की अपनी विशेष शैली, अपना विशिष्ट प्रवाह पाएंगे। यह पुस्तक हिन्दी के पाठकों को ओड़िया साहित्य को जानने का अवसर प्रदान करती है।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Kamleshwar (Author)
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2012
- Pages: 128 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350640570
- ISBN-13 :9789350640579
DESCRIPTION:
हिन्दी साहित्य के आधुनिक कहानीकारों में कमलेश्वर की कहानियों का ऊँचा स्थान है। कहानी को एक सार्थक और समानतापरक मोड़ देने में इनका बड़ा हाथ रहा है। इस संकलन में कमलेश्वर की अपनी प्रिय कहानियाँ, उनकी कहानी-सम्बन्धी मूल धारणाओं को व्यक्त करने वाली भूमिका के साथ, संकलित हैं।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Kamleshwar (Author)
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2018
- Pages: 128 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350640589
- ISBN-13 :9789350640586
DESCRIPTION:
हिन्दी साहित्य के आधुनिक कहानीकारों में कमलेश्वर की कहानियों का ऊँचा स्थान है। कहानी को एक सार्थक और समानतापरक मोड़ देने में इनका बड़ा हाथ रहा है। इस संकलन में कमलेश्वर की अपनी प्रिय कहानियाँ, उनकी कहानी-सम्बन्धी मूल धारणाओं को व्यक्त करने वाली भूमिका के साथ, संकलित हैं।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Kamleshwar (Author)
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2003
- Pages: 106 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170284538
- ISBN-13 :9788170284536
DESCRIPTION:
निर्मला देशपांडे, दिलीप चित्रे, बाबूराव बागुल, वसंत नरहर फेणे मराठी साहित्य के जाने-माने नाम हैं। उनकी और अन्य मराठी लेखकों की चुनी हुई कहानियाँ इस पुस्तक में प्रस्तुत हैं जिनका चुनाव हिन्दी के प्रसिद्ध साहित्यकार कमलेश्वर ने किया है और साथ ही एक विस्तृत भूमिका भी लिखी है। प्रत्येक भाषा का मिज़ाज अपना ही होता है, औरों से कुछ हटकर। इस संकलन में आप मराठी कहानी का अपना खास तेवर, अपनी खास रवानी पाएंगे। यह पुस्तक हिन्दी के पाठकों को मराठी कहानियों और साहित्य को जानने का अवसर प्रदान करती है।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Kamleshwar (Author)
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2012
- Pages: 440 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170289424
- ISBN-13 :9788170289425
DESCRIPTION:
निर्मला देशपांडे, दिलीप चित्रे, बाबूराव बागुल, वसंत नरहर फेणे मराठी साहित्य के जाने-माने नाम हैं। उनकी और अन्य मराठी लेखकों की चुनी हुई कहानियाँ इस पुस्तक में प्रस्तुत हैं जिनका चुनाव हिन्दी के प्रसिद्ध साहित्यकार कमलेश्वर ने किया है और साथ ही एक विस्तृत भूमिका भी लिखी है। प्रत्येक भाषा का मिज़ाज अपना ही होता है, औरों से कुछ हटकर। इस संकलन में आप मराठी कहानी का अपना खास तेवर, अपनी खास रवानी पाएंगे। यह पुस्तक हिन्दी के पाठकों को मराठी कहानियों और साहित्य को जानने का अवसर प्रदान करती है।
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