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SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: M. Ellin (Author)
- Binding :Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2013
- Pages: 100 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170284341
- ISBN-13 :9788170284345
DESCRIPTION:
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Sohan Lal Dwivedi (Author)
- Binding :Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2017
- Pages: 16 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350642018
- ISBN-13 :9789350642016
DESCRIPTION:
यह पुस्तक हिन्दी के जाने-माने कवि सोहनलाल द्विवेदी की चार कविताओं का संकलन है। इन सरल और मज़ेदार कविताओं को पढ़ने में बच्चों को आनंद मिलेगा।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Sohan Lal Dwivedi (Author)
- Binding :Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2019
- Pages: 16 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350640376
- ISBN-13 :9789350640371
DESCRIPTION:
इस पुस्तक में उत्साह, उमंग और साहस भरने वाली तेरह सरल कविताएँ प्रस्तुत हैं। हिन्दी साहित्य में सोहनलाल द्विवेदी की अपनी एक अलग पहचान है। उन्होंने बच्चों के लिए बहुत-सी पुस्तकें लिखी हैं।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Sohan Lal Dwivedi (Author)
- Binding :Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2011
- Pages: 24 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170286204
- ISBN-13 :9788170286202
DESCRIPTION:
अलेक्ज़ेंडर ड्यूमा के प्रसिद्ध उपन्यास 'थ्री मस्केटियर्स' का सरल हिंदी रूपांतरण हम पढ़ सकते हैं।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Alexander Dumas (Author)
- Binding :Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2016
- Pages: 80 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8174830243
- ISBN-13 :9788174830241
DESCRIPTION:
अलेक्ज़ेंडर ड्यूमा के प्रसिद्ध उपन्यास 'थ्री मस्केटियर्स' का सरल हिंदी रूपांतरण हम पढ़ सकते हैं।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Alexander Dumas (Author)
- Binding :Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2016
- Pages: 80 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8174830154
- ISBN-13 :9788174830159
DESCRIPTION:
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Alexander Dumas (Author)
- Binding :Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2012
- Pages: 80 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8174830677
- ISBN-13 :9788174830678
DESCRIPTION:
अलेक्जेंडर ड्यूमा के प्रसिद्ध उपन्यास 'ब्लैक ट्यूलिप' का सरल हिंदी रूपांतर इस पुस्तक में देखा जा सकता है।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Rupesh Dubey (Author)
- Binding :Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2019
- Pages: 160 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9386534770
- ISBN-13 :9789386534774
DESCRIPTION:
सुपरस्टार अमिताभ बच्चन! कौन नहीं चाहता है अमिताभ बच्चन की तरह सफल होना - उनकी तरह लम्बे समय तक सफलता के शिखर पर बने रहना। आज अमिताभ बच्चन हिन्दी सिनेमा के शहंशाह हैं, लेकिन ऐसा नहीं है कि फ़िल्म जगत में कदम रखते ही एकदम सुपरहिट हो गये। बल्कि उनका जीवन तो अनेक उतार-चढ़ावों की एक लम्बी गाथा है जिसमें उतार भी ऐसे कि कई बार तो उनका सब कुछ खत्म होने के कगार पर आ पहुँचा था। लेकिन किसी भी परिस्थिति में उन्होंने हार नहीं मानी और असफलता के अँधेरे से उभरकर पहले से भी कहीं अधिक सफल हुए। उनकी कई फ़िल्में यादगार बन गयी हैं और उनके कुछ डायलॉग और गीत इतने लोकप्रिय हुए कि आम बोलचाल का हिस्सा बन गये हैं। ऐसे ही लोकप्रिय ‘बोल बच्चन’ और अमिताभ बच्चन व्यक्तिगत जीवन-संघर्ष से प्रेरित होकर रुपेश दुबे ने यह अपनी पहली किताब लिखी है। प्रेरणात्मक किताबों की भीड़ में यह किताब अपनी रोचक और अनूठी प्रस्तुति के कारण सबसे हटकर है और इसमें दिए 18 सफलता-सूत्र पाठकों को लम्बे समय तक प्रेरित करते रहेंगे। लगभग दो दशक तक टेलीकॉम कम्पनियों में उच्च मैनेजमेंट पद पर कार्यरत रहने के बाद अब रुपेश दुबे स्वयं का कारोबार चलाते हैं और साथ ही मोटिवेशनल स्पीकर भी हैं। यह उनकी पहली किताब है। इनका संपर्क है: authorrupesh@gmail.com
SPECIFICATION:
- Publisher : Juggernaut Books
- By: Rujuta, Diwekar (Author)
- Binding :Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2016
- Pages: 204 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8193284151
- ISBN-13 :9788193284155
DESCRIPTION:
‘रुजुता ने मुझे और सैफ़ को सही खाना और अच्छा महसूस करना सिखाया और इस सीख पर हमने अमल किया’-करीना कपूर। भारत की 1 पोषण विशेषज्ञ। अकाशिया के बीजों और गोजी बेरियों को भूल जाएं। तंदुरुस्ती और ताज़गी और वज़न कम करने के खाने हमारे अपने किचेन और आंगन में हैं। अफ्रोडिसियाक से लेकर प्रजनन क्षमता बढ़ाने तक, चर्बी कम करने से लेकर दिमाग को ठंडक पहुंचाने तक-शीर्ष आहार विशेषज्ञ रुजुता दिवेकर दस इंडियन सुपरफूड्स के ज़रिए बता रही हैं कि कैसे आप खुद का कायाकल्प कर सकते हैं।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Dinkar (Author)
- Binding :Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2015
- Pages: 120 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170281865
- ISBN-13 :9788170281863
DESCRIPTION:
राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ का प्रतिष्ठित काव्य-युद्ध और अनीति की जटिल समस्याओं का मानवीय विवेचन।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Rajnish Dhawan (Author)
- Binding :Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2019
- Pages: 192 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9386534851
- ISBN-13 :9789386534859
DESCRIPTION:
"अमृतसर के जलियांवाला बाग में हुए हत्याकांड की पृष्ठभूमि पर लिखा यह उपन्यास उस समय के माहौल का अत्यंत सजीव चित्रण प्रस्तुत करता है। अप्रैल 1919 में अंग्रेज़ों ने रौलेट-ऐक्ट के ज़रिये भारतीय नागरिकों की हर किस्म की आज़ादी पर पूरा नियंत्रण करने की तैयारी कर ली। इस कानून के खिलाफ़ देश भर में विरोध हो रहे थे। 30 मार्च 1919 से 10 अप्रैल 1919 तक अमृतसर के लोगों ने ऐसा प्रतिरोध किया कि वहाँ के प्रशासन ने अमृतसर के लोगों को सबक सिखाने की ठान ली। 13 अप्रैल को बैसाखी का त्यौहार मनाने हज़ारों की तादाद में लोगों का जलियांवाला बाग में जमघट इकट्ठा हो गया। इन निहत्थे लोगों पर अंग्रेज़ों ने बिना कोई चेतावनी दिए गोलियां चलानी शुरू कर दीं जिसमें हजारों की जानें गयीं और हज़ारों लोग घायल हो गये। निर्मम क्रूरता ने वहाँ के लोगों के बसे-बसाये घर-परिवार एक पल में उजाड़ दिये और उनकी जिंदगी तहस-नहस हो गयी। देशभक्ति और अंग्रेज़ों के प्रति विरोध के जज़्बातों के बीच जूझता अमृतसर का आम नागरिक...। यही है इस पठनीय उपन्यास का ताना-बाना। लेखक प्रोफ़ेसर रजनीश धवन मूलतः अमृतसर के निवासी हैं और कनाडा में यूनिवर्सिटी ऑफ फ्रेज़र वैली में अंग्रेज़ी विभाग में सह-प्रोफ़ेसर हैं। इससे पहले उनके कई नाटक कनाडा में प्रदर्शित हो चुके हैं। उन्होंने दूरदर्शन के लिए धारावाहिकों की पटकथा और संवाद लिखे हैं। संपर्क है : rajnishdhawan15@gmail.com"
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By:Anjali Deshpande (Author)
- Binding :Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2019
- Pages: 160 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9386534703
- ISBN-13 :9789386534705
DESCRIPTION:
अपराध-लेखन की दुनिया में हत्या उपन्यास एक महिला लेखिका की सशक्त पहल है जिसमें छोटी-सी घटना के इतने कोण बन जाते हैं, इतने मोड़ आ जाते हैं कि पाठक बेसब्री से किताब के पन्ने पलटता जाता है कि कब रहस्य का कोई सिरा मिल जाए। दिल्ली के फ़ार्महाउस में एक स्त्री की हत्या की जब पुलिस जाँच शुरू होती है तो कहानी के तार एक तरफ़ ज़मीन और बिल्डर माफ़िया के कारनामों से जुड़ते चले जाते हैं और दूसरा सिरा एक महिला की महत्त्वाकांक्षा और शोषण को बयान करता है। इन्हीं दो सिरों को बारीकी से इस कहानी में जोड़ा गया है जो जितने महीन हैं उतने ही झीने भी हैं। उपन्यास पढ़ते हुए लगता है हम एक ऐसी दुनिया में रहते हैं जहाँ हम सब कुछ देखते हुए भी अनदेखा कर देते हैं, सब कुछ जानते हुए भी कुछ नहीं समझते। हत्या केवल एक लड़की की हत्या का आख्यान भर नहीं बल्कि समाज में व्यवस्था और संबंधों की हत्या का एक दस्तावेज़ है जिसमें जाति, वर्ग और जेंडर के सवाल भी जुड़े हैं। अनेक आंदोलनों से जुड़ी और पत्रकार रहीं अंजली देशपांडे का यह दूसरा उपन्यास है। भोपाल गैस त्रासदी की पृष्ठभूमि पर आधारित पहला उपन्यास अंग्रेज़ी में, इम्पीच्मेंट और हिन्दी में महाभियोग शीर्षक से प्रकाशित है। इनकी कहानियाँ अनेक प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में छपती रहती हैं। इनका संपर्क है: anjalides@gmail.com
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Daniel Defoe)(Author)
- Binding :Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2019
- Pages: 80 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8174830367
- ISBN-13 :9788174830364
DESCRIPTION:
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Swadesh Deepak(Author)
- Binding :Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2017
- Pages: 234 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9386228335
- ISBN-13 :9789386228338
DESCRIPTION:
‘बगूगोशे की खुरदरी ज़मीन में दीपक ने जिन भौगोलिक, ऐतिहासिक, स्थानीय और सामाजिक घटित को उकेरा और उघाड़ा वह विस्मयकारी है। स्वदेश दीपक के इन बगूगोशों की फाँकों का रसीलापन पाठकों के दिल-दिमाग में देर तक ताज़ा रहेगा।’ कृष्णा सोबती-इन कहानियों में यादें हैं और विस्मृतियां भी, विश्वास कर लेने का साहस है तो अविश्वास का सलीका भी, मिठास है तो कसैलापन भी है। ऊपर से शांत और एकसार दिखने वाली सतह को स्वदेश दीपक इस तरह उधेड़ते हैं कि भीतर का सारा विद्रूप, सारी दरारें और बदसूरती साफ दिखने लगती है।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Shobha De(Author)
- Binding :Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2010
- Pages: 144 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170288762
- ISBN-13 :9788170288763
DESCRIPTION:
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: William D. Dar (Author)
- Binding :Paperback
- Language : English
- Edition :2014
- Pages: 224 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350642832
- ISBN-13 :9789350642832
DESCRIPTION:
Greening the Grey calls for expanding the Green Revolution to the semi-arid drylands of Africa and Asia and making agriculture an effective engine for growth for smallholder farmers threatened by 'Big Food Big Agriculture' and globalised food chains. It narrates the pioneering efforts of the International Crop Research Centre for Semi-Arid Tropics (ICRISAT) and the broad array of its partners working hand-in-hand with the dryland farming poor, overcoming major challenges with dedication, creativity and good cheer through 'Science with a Human Face'. The book aims at invoking a renewed understanding and recommitment to the fundamental role of agriculture in the development process in helping to transform the grey world of dryland poverty, food insecurity and despair, into a green one of food security, health and prosperity. William D. Dar is a world-renowned agriculture scientist who worked for 15 years as Director General of ICRISAT at Hyderabad. Earlier he served as the secretary of Agriculture in the Philippines A man on a mission and a champion of the poor, William D. Dar is committed to alleviating the conditions of the poor living in the drylands of Asia and sub-Saharan Africa. Arun K. Tiwari is missile scientist turned technology manager. A pupil of Dr. A.P.J. Abdul Kalam, he pioneered the development of affordable medical devices as defence technology spinoffs. A teacher and mentor for hundreds of biomedical engineers, he is committed to making India the hub for developing affordable products through the convergence of Bio-Nano-Info-Cogno technologies for the benefit of the people of the developing world. This is their second book together after, Feeding the Forgotten Poor, which was published in 2011.
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Indira Dangi (Author)
- Binding :Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2017
- Pages: 240 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9386534193
- ISBN-13 :9789386534194
DESCRIPTION:
साहित्यिक चकाचौन्ध से आकर्षित एक दलित नौजवान साहित्य की दुनिया में अपना सिक्का जमाने के लिए दिल्ली आ पहुँचता है। एक छोटे शहर से आये, विराट को जल्द ही समझ आने लगता है कि इस प्रतिस्पर्धी माहौल में सफलता की सीढ़ियाँ चढ़ने के लिए लेखन-प्रतिभा के अतिरिक्त और भी बहुत कुछ चाहिए। साहित्यिक राजनीति, पुरस्कारों के लिए दाँवपेंच और लालफीताशाही को करीब से अनुभव कर विराट का मोहभंग हो जाता है और अपने शहर दतिया जाने वाली ट्रेन में बैठकर वह अपना पहला उपन्यास लिखना शुरू करता है - रपटीले राजपथ। पिछले कुछ वर्षों में इंदिरा दाँगी को उनके लेखन के लिए कई पुरस्कारों से नवाज़ा गया है जिनमें उल्लेखनीय हैं – ‘भारतीय ज्ञानपीठ नवलेखन अनुशंसा पुरस्कार २०१४’ और ‘दुष्यंत कुमार स्मारक पांडुलिपि संग्रहालय पुरस्कार २०१५’। उनकी अभी तक पाँच पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं जिनमें उपन्यास और कहानी संकलन शामिल हैं। कई भाषाओं की जानकार इंदिरा दाँगी ने मौलिक लेखन के अलावा अन्य भाषाओं में कहानियों का अनुवाद भी किया है।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Dandi (Author)
- Binding :Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2018
- Pages: 144 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170287715
- ISBN-13 :9788170287711
DESCRIPTION:
संस्कृत साहित्य में महाकवि दण्डी का विशिष्ट स्थान है। ‘दशकुमारचरित’ उनकी लोकप्रिय व प्रसिद्ध रचना है। इसमें दस कुमारों के माध्यम से उस समय के समाज के सभी वर्गों-राजमहलों से लेकर आम जन-जीवन तक का रोचकतापूर्ण विस्तृत वर्णन है। ‘दशकुमारचरित’ में यथार्थवाद अपनी अभिव्यक्ति में बहुत ही निर्मम बनकर उतरा है। प्रतिष्ठित साहित्यकार रांगेय राघव ने रोचक शैली में इसका प्रभावशाली रूपान्तर किया है।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: William Dalrymple (Author)
- Binding :Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2017
- Pages: 254 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9386228289
- ISBN-13 :9789386228284
DESCRIPTION:
‘खूबसूरती से लिखी गई एक मनोरंजक दास्तान’- वायर। ‘एक पत्थर के रोमांचक सफर के ज़रिए...भारत की कहानी’-ओपन। कोहिनूर दुनिया का सबसे मशहूर हीरा है, लेकिन इस पर हमेशा ही रहस्य का एक पर्दा पड़ा रहा है। अब इसके बारे में सुनी-सुनाई बातों और मिथकों को तार-तार करते हुए विलियम डेलरिंपल और अनिता आनंद ने इसका एक सच्चा इतिहास लिखने की कोशिश की है। कोहिनूर की यह दास्तान इतनी अजीबोगरीब और हिंसक है कि इसके आगे कपोल कल्पनाएं भी फीकी पड़ जाएं। मुग़लों के तख्त-ए-ताऊस से लेकर नादिर शाह के खज़ाने तक, रणजीत सिंह की पगड़ी से लेकर रानी विक्टोरिया के ताज तक के सफ़र के बारे में, यह कोहिनूर की अब तक की बेहतरीन कहानी है।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Carlo Collody(Author)
- Binding :Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2016
- Pages: 80 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8174830553
- ISBN-13 :9788174830555
DESCRIPTION:
कार्लो कॉलोडी के प्रसिद्ध उपन्यास 'पिनोकियो ' का सरल हिंदी रूपांतर इस पुस्तक में देखा जा सकता है।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Subhadra Kumari Chauhan (Author)
- Binding :Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2019
- Pages: 276 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 93506408310
- ISBN-13 :9789350640838
DESCRIPTION:
‘खूब लड़ी मरदानी वो तो झांसी वाली रानी थी’ जैसी अमर कविता की रचयिता सुभद्रा कुमारी चौहान जितनी बड़ी कवयित्री थीं, उतनी ही बड़ी कथाकार भी थीं। कविताओं की भांति उनकी कहानियाँ भी हिन्दी साहित्य की अमूल्य निधि हैं और पाठकों की संवेदना पर नावक के तीर का-सा असर छोड़ती हैं। सुभद्रा जी की कहानियाँ एक ओर जहां रूढ़ियों पर प्रहार करती हैं वहीं ऊपरी दिखावे का भी विरोध करती हैं। उनकी सम्पूर्ण कहानियों की यह प्रस्तुति हिन्दी कथा साहित्य का गौरव-ग्रंथ है। पठनीय और संग्रहणीय साथ-साथ!
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Bankimchand Chatopadhyay (Author)
- Binding :Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2011
- Pages: 40 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8190801694
- ISBN-13 :9788190801690
DESCRIPTION:
आनंदमठ
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Sharat Chandra Chattopadhyaya (Author)
- Binding :Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2016
- Pages: 292 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8174831770
- ISBN-13 :9788174831774
DESCRIPTION:
बीसवीं सदी के प्रारम्भिक दौर में बांगला समाज में जहाँ नारी को कुछ बोलने की आज़ादी नहीं थी, उस परिवेश में जब कमल अलग-अलग मुद्दों पर अपने पति से प्रश्न करती है तो उसे यह फूटी आँख नहीं भाता। स्वतंत्र विचार वाली मुँहफट कमल का हर प्रश्न पुरुष के नारी के ऊपर स्वामित्व की नींव पर चोट पहुँचाता है। जैसे-जैसे कमल के प्रश्न बढ़ते हैं, उसके और उसके पति शिवनाथ, जिससे वह पूरे रीति-रिवाज़ से ब्याही भी नहीं है, के बीच टकराव और तनाव बढ़ता जाता है और कमल अपने अलग रास्ते पर निकल जाती है... 1931 में लिखा शरतचन्द्र का यह उपन्यास आज भी उतना ही प्रासंगिक है, क्योंकि नारी जिन प्रश्नों के उत्तर तब तलाश रही थी वे आज भी अनुत्तरित हैं।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Sharat Chandra Chattopadhyaya (Author)
- Binding :Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2016
- Pages: 112 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8174831762
- ISBN-13 :9788174831767
DESCRIPTION:
देवदास, पारो और चंद्रमुखी -ये तीनो किरदार प्रेम के ऐसे प्रतीक बन गये है की उनकी गिनती लैला -मजनू , शीरी फरहाद , हीर -राँझा के साथ होने लगी . बीसवी सदी के बंगाल के जमीदार समाज की पृष्टभूमि में स्थित यह एक मार्मिक प्रेमगाथा है . इसमें देवदास को अपने बचपन के साथी पारो से अटूट प्यार है लेकिन यह प्यार परवान नहीं चढ़ता . हताश ,परेशान देवदास जब शराब को अपना सहारा बना लेता है तब उसकी जिन्दगी में आती है चंद्रमुखी . देवदास और चंद्रमुखी का रिश्ता अनोखा है - जिसमे प्यार की अनुभुति के विभिन्न रंग एक साथ झलकते है . उपन्यास के हर पृष्ट पर लेखक की गहरी संवेदना , बारीकी से अपने आसपास के समाज को देखने -परखने की नज़र और इन सबको अपनी कलम से कागज़ पर उतारने की बेजोड़ क्षमता ही कारण है की 1917 में लिखा यह उपन्यास आज भी पाठको के बीच इतना लोकप्रिय है . बंगला लेखक शरतचंद्र चटोपाध्याय के इस लोकप्रिय उपन्यास का अनेक भाषाओं मे अनुवाद हो चुका है और भारत में ही इस पर कई भाषाओं में ही इस पर कई भाषाओं में एक दर्ज़न से अधिक फिल्मे बन चुकी हैं।
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