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It is said that you unfold a whole new world every time you open a book. Ganges India presents to you the widest and the most distinctive genre of books to satisfy the diverse taste and preferences of all readers. Here you will find books of assorted topics and interest that can not only strengthen your love for books, but also change your life for good. So, readers! Assemble and dive into the greatest collection of knowledge and enrich your awareness and perception. Books have been an indispensable part of mankind and serve as a basis of our lifestyle. The foundations of all aspects of our lives from ideologies, beliefs, education, ethics, culture were laid by the knowledge our ancestors gathered from the prehistoric writings; and it passed on to the subsequent generations through writing itself. So in a way, the content of books can be intense enough to provide a meaningful direction to your life; precisely why we acknowledge the importance of a worthwhile theme and substance in a book. Hence, we bring to you a curated collection of books you would definitely consider keeping close to your heart. We understand your interest in the literary sphere and we have the perfect pick for all categories of book enthusiasts. Enlighten your mind with the various subjects available in Ganges India which includes Hinduism, Buddhism, Astrology, Art & Architecture, History, Philosophy, Performing Arts, Literature, Fiction, Alternative Health, Cooking, Travel, Biographies, General Books, Saints, Indian Languages and of course the junior readers can find their match in the Children’s section. Each category comes with a variety of options for you to choose from based on your personal inclination. One will undisputedly enhance their knowledge, wisdom and experience through these books without having to physically travel around the world or personally undergo any exasperating situations. Additionally, the different genres of books varying from educational, motivational, lifestyle, fiction will not only broaden your understanding towards the way the world works, but also will help you make better decisions for yourself as you would be exposed to a plethora of perspectives. Our Books section is empowered by the loyalty of readers towards books. Each book is provided with all the necessary details to ensure a pleasant buying experience for you. Also, we recommend that you go through the elaborate elucidation provided for most of the products, about the theme and author of the books for better comprehension of the content. Explore this exclusive section of readers’ paradise to immerse yourself in the cognizance of a wide range of subjects. We are certain that there are a gazillion of book-lovers out there; so before these books run out of stock, it is high time that you add them to your precious book collection in order to reinvent your passion and enhance your individual evolution. We are positive that you will be thrilled to read through the promising content of every product in this category
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Rajendra Mohan Bhatnagar
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2010
- Pages: 184 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 81702885510
- ISBN-13 :9788170288558
DESCRIPTION:
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Rajendra Mohan Bhatnagar
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2015
- Pages: 320 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350641917
- ISBN-13 :9789350641910
DESCRIPTION:
रैदास या जिन्हें रविदास के नाम से भी जाना जाता है, पन्द्रहवीं सदी के संत थे जो उत्तर भारत में बहुत लोकप्रिय हुए और आज भी हैं। संत रैदास के पिता चमार थे जो उस समय के समाज में अछूत माने जाते थे। लेकिन रैदास का यह मानना था कि मनुष्य की पहचान उसकी जाति से नहीं, उसके कर्म से होती है और ईश्वर की भक्ति करना और धार्मिक ग्रन्थ पढ़ना हर मनुष्य का अधिकार है। समाज में छुआछूत के विरूद उन्होंने घोर विरोध किया और इस बात का प्रचार भी किया कि सच्ची मेहनत और कर्म से ही ईश्वर की प्राप्ति हो सकती है। स्वयं ईश्वर-भक्ति में लीन रहने के साथ रैदास जूते बनाने का अपना काम लगातार करते रहे। धर्म और समाज के उद्धारक रैदास एक बुद्धिजीवी कवि और आध्यात्मिक संत भी थे। संत रैदास के कथन धीरे-धीरे रविदासीय के नाम से इकट्ठे होने लग गए और आज रविदासीय के नाम से अलग धर्म भी है। प्रतिष्ठित लेखक राजेन्द्र मोहन भटनागर के गहरे अध्ययन के बाद तैयार की हुई यह कृति संत रैदास के जीवन की जीती-जागती तस्वीर है। विवेकानन्द, युगपुरुष अम्बेडकर, सरदार, कुली बैरिस्टर, गौरांग उनके अन्य लोकप्रिय जीवनीपरक उपन्यास हैं। 2014 में हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा ‘विशिष्ट साहित्यकार सम्मान’ से राजेन्द्र मोहन भटनागर को नवाज़ा गया तथा 1994 में राजस्थान साहित्य अकादमी ने उन्हें ‘विशिष्ट साहित्यकार सम्मान’ और सर्वोच्च पुरस्कार ‘मीरा पुरस्कार’ से सम्मानित किया।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Naresh Bharatiya
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2006
- Pages: 160 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170286492
- ISBN-13 :9788170286493
DESCRIPTION:
हिन्दी के कहानी लेखकों में मन्नू भंडारी का अग्रणी स्थान है। उनकी कहानियों में नारी-जीवन के उन अन्तरंग अनुभवों को विशेष रूप से अभिव्यक्ति दी गई है जो उनके नितांत अपने हैं और पुरुष कहानीकारों की रचनाओं में प्रायः नहीं मिलते। वैसे मन्नू भंडारी ने अपने अन्य समकालीन समर्थ लेखकों की तरह ही लगभग सभी पहलुओं पर सशक्त कहानियाँ लिखी हैं।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Jaiprakash Bharati
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2013
- Pages: 48 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9380300123
- ISBN-13 :9789380300122
DESCRIPTION:
हिन्दी के कहानी लेखकों में मन्नू भंडारी का अग्रणी स्थान है। उनकी कहानियों में नारी-जीवन के उन अन्तरंग अनुभवों को विशेष रूप से अभिव्यक्ति दी गई है जो उनके नितांत अपने हैं और पुरुष कहानीकारों की रचनाओं में प्रायः नहीं मिलते। वैसे मन्नू भंडारी ने अपने अन्य समकालीन समर्थ लेखकों की तरह ही लगभग सभी पहलुओं पर सशक्त कहानियाँ लिखी हैं।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Mannu Bhandari
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2017
- Pages: 136 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350640600
- ISBN-13 :9789350640609
DESCRIPTION:
हिन्दी के कहानी लेखकों में मन्नू भंडारी का अग्रणी स्थान है। उनकी कहानियों में नारी-जीवन के उन अन्तरंग अनुभवों को विशेष रूप से अभिव्यक्ति दी गई है जो उनके नितांत अपने हैं और पुरुष कहानीकारों की रचनाओं में प्रायः नहीं मिलते। वैसे मन्नू भंडारी ने अपने अन्य समकालीन समर्थ लेखकों की तरह ही लगभग सभी पहलुओं पर सशक्त कहानियाँ लिखी हैं।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Bhaas
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2016
- Pages: 96 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170287774
- ISBN-13 :9788170287773
DESCRIPTION:
महाकवि भास संस्कृत साहित्य के मूर्धन्य कवि हैं। उन्होंने अपने जिन तेरह नाटकों से संस्कृत साहित्य को समृद्ध किया उनमें स्वप्नवासवदत्ता और प्रतिज्ञायौगन्धरायण विशेष लोकप्रिय हैं। नाटकों की भाषा बहुत ही सरस और बोधगम्य है। अभिनय की दृष्टि से भी भास के ये नाटक सर्वथा उपयुक्त हैं।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Rajesh Benjwal
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2016
- Pages: 192 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350643529
- ISBN-13 :9789350643525
DESCRIPTION:
तत्त्वबोध आपको वेदान्त की खूबसूरती, गहनता एवं विस्तृतता को समझने एवं सराहने में मदद करता है। - स्वामी दयानन्द सरस्वती आर्ष विद्या गुरुकुल के संस्थापक और अद्वैत वेदान्त के विश्वविख्यात गुरु जिसे आज हम हिन्दू धर्म कहते हैं, उसका मूल नाम सनातन धर्म है। सनातन संस्कृत का शब्द है जिसका अर्थ है, अनन्त अर्थात् जिसका न कोई आरम्भ है और न ही कोई अन्त। सनातन धर्म को पूरी तरह से समझने के लिए प्रकरण ग्रन्थों का अध्ययन करना ज़रूरी है, जिनमें से तत्त्वबोध सबसे महत्त्वपूर्ण ग्रन्थ है। बहुत से लोगों का मानना है कि तत्त्वबोध के रचयिता आदिगुरु शंकराचार्य थे या फिर उन्हीं की परम्परा में उनके पश्चात् किसी पदवीधारी शिष्य ने इसकी रचना की है। प्रस्तुत ग्रन्थ को ऋषिकेश के आर्ष विद्या गुरुकुल के विश्वविख्यात गुरु स्वामी दयानन्द सरस्वती के शिष्य पंडित राजेश बेंजवाल ने हिन्दीभाषी पाठकों के लिए विशेष रूप से तैयार किया है। इसमें सनातन धर्म या जिसे हम वेदान्त भी कहते हैं, में मुख्य रूप से प्रयुक्त होने वाले महत्त्वपूर्ण शब्दों की बहुत सरलता और सहजता से व्याख्या की है। मूल पाठ के अतिरिक्त इसमें ऐसी भी जानकारियों का समावेश किया है जिससे न सिर्फ सनातन धर्म को पूरी तरह से समझना आसान होगा बल्कि उपनिषदों और गीता जैसे ग्रन्थों को समझने में भी सहायता मिलेगी।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Sheoraj Singh Bechain
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2019
- Pages: 128 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9389373050
- ISBN-13 :9789389373059
DESCRIPTION:
दलित लेखन आज भारतीय साहित्य का प्रमुख हिस्सा है। दलित जीवन के यथार्थ को खास तल्खी और गहरी संवेदना से चित्रित करने के लिए श्यौराज सिंह ‘बेचैन’ की कहानियाँ प्रसिद्ध हैं। ये कहानियाँ केवल भारतीय सामाजिक व्यवस्था की क्रूर सच्चाई को ही नहीं बतातीं बल्कि मनुष्यता के सार्वभौम सवाल को भी पाठकों के सामने खड़ा करती हैं। जीवन संघर्ष के चित्रण से भरी ये कहानियाँ अपनी प्रभावशाली शैली के कारण पाठकों को देर तक याद रहेंगी। इस पुस्तक में लेखक ने अपनी नौ सबसे प्रिय कहानियाँ चुनी हैं और उनकी विस्तृत भूमिका भी लिखी है।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Vijay Bapat
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2009
- Pages: 136 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10:9380300166
- ISBN-13 :9789380300160
DESCRIPTION:
इस कहानी-संकलन में मराठी कथा-साहित्य के कुछ प्रसिद्ध कहानीकारों-गंगाधर गाडगिल, अरविन्द गोखले, व्यंकटेश माडगुलकर, रणजीत देसाई आदि की सर्वश्रेष्ठ कहानियों को चुना गया है। संसार की अनेक भाषाओं में अनूदित और लोकप्रिय ये कहानियाँ पाठकों का मनोरंजन करने के साथ-साथ अपनी विशिष्ट परंपरा, शैली और विविध भावभूमियों की अमिट छाप छोड़ती हैं।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Vijay Bapat
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2010
- Pages: 136 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10:8170288150
- ISBN-13 :9788170288152
DESCRIPTION:
इस कहानी-संकलन में मराठी कथा-साहित्य के कुछ प्रसिद्ध कहानीकारों-गंगाधर गाडगिल, अरविन्द गोखले, व्यंकटेश माडगुलकर, रणजीत देसाई आदि की सर्वश्रेष्ठ कहानियों को चुना गया है। संसार की अनेक भाषाओं में अनूदित और लोकप्रिय ये कहानियाँ पाठकों का मनोरंजन करने के साथ-साथ अपनी विशिष्ट परंपरा, शैली और विविध भावभूमियों की अमिट छाप छोड़ती हैं।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Kailash Banwasi
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2019
- Pages: 112 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10:9386534738
- ISBN-13 :9789386534736
DESCRIPTION:
कैलाश बनवासी को युवा कहानी में अपने सर्वथा अलहदा स्वर के लिए जाना जाता है। युवा कहानी में पीछे छूट गईं हाशियों की आवाज़ों को पहचानने का मुश्किल काम बनवासी की कहानियाँ करती हैं। उन्होंने भारतीय समाज के उस हिस्से के लोगों को अपनी कहानियों में जगह दी है जो गाँवों-कस्बों में रहकर बदलते भारत में अपनी जगह खोज रहे हैं। कामकाजी औरतें, खेतों में जूझते किसान और साधारण नागरिकों के संघर्ष बनवासी की कहानियों का प्रस्थान बिंदु हैं। वे अपनी कहानियों को सहज भाषा और प्रभावशाली प्रस्तुति से बुनते हैं और जिस विचार का संकल्प उनकी कहानियों में दिखाई देता है, वह असल में प्रेमचंद, रेणु और हरिशंकर परसाई का रास्ता है जो कहानी को जनता की चीज़ बनाता है। भूमंडलीकरण के नए परिदृश्य में कैलाश बनवासी की कहानियाँ हमें देश के अनदेखे-अनजाने इलाकों में ले जाने में सफल हैं। 10 मार्च 1965 को दुर्ग (छत्तीसगढ़ ) में जन्मे कैलाश बनवासी हिन्दी के प्रमुख कथाकार हैं। भारत में भूमंडलीकरण की प्रक्रिया के शुरुआती दिनों में ही आपने बाज़ार में रामधन जैसी कहानी लिखकर हिन्दी पाठकों और आलोचकों का ध्यान आकृष्ट कर लिया था। भारत के ग्रामीण-कस्बाई क्षेत्रों के जीवन का प्रामाणिक चित्रण बनवासी की कहानियों की विशेषता है। लक्ष्य तथा अन्य कहानियाँ, बाज़ार में रामधन, पीले कागज़ की उजली इबारत तथा प्रकोप आपके चार कहानी संग्रह हैं। एक उपन्यास लौटना नहीं है भी प्रकाशित हो चुका है। आपको श्याम व्यास पुरस्कार (1997) तथा प्रेमचंद स्मृति कथा सम्मान (2010) से समादृत किया गया है।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Bibhutibhushan Bandyopadhyay
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2015
- Pages: 256 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10:9350642646
- ISBN-13 :9789350642641
DESCRIPTION:
सत्यजित राय की विश्वप्रसिद्ध फिल्म, पथेर पांचाली, लेखक बिभूतिभूषण बंद्योपाध्याय के इसी नाम के उपन्यास पर आधारित है। यह उपन्यास बंगाल के निश्चिन्दिपुर गाँव में रहने वाले अपू और उसकी बड़ी बहन दुर्गा की कहानी है। अपू और दुर्गा गरीबी की कड़वी सच्चाई से अनजान अपने बचपन की अल्हड़ शैतानियों में मस्त अपना जीवन बिताते हैं। इस उम्मीद से कि शायद अधिक आमदनी हो पाए उनके पिता काशी चले जाते हैं। पीछे परिस्थितियाँ कुछ ऐसी बनती हैं कि अपू को समय उसे पहले ही अपने परिवार की देख-भाल का बोझ उठाना पड़ता है। लड़कपन से जवानी तक का यह उपन्यास पथेर पांचाली सबसे पहले एक पत्रिका में धारावाहिक रूप में, और 1929 में पुस्तक के रूप में प्रकाशित हुआ। 1944 में पुस्तक के नये संस्करण के लिए सत्यजित राय को इसकी तस्वीरें बनाने की जि़म्मेदारी सौंपी गई और तभी उन्होंने तय कर लिया कि वह इस पर फिल्म अवश्य बनाएंगे। पथेर पांचाली पर बनी सत्यजित राय की फिल्म को देश-विदेश में अनेक सम्मान मिले। आधुनिक बंगला साहित्य के जाने-माने लेखक बिभूतिभूषण बंद्योपाध्याय का जन्म 12 सितम्बर 1894 में बंगाल के 24 परगना क्षेत्र मंे हुआ। उन्होंने अपने जीवन में कई उपन्यास लिखे जिनमें पथेर पांचाली और उसी कड़ी की अगली कृति अपराजितो सबसे लोकप्रिय हैं। उनके उपन्यास इच्छामति के लिए मरणोपरान्त उन्हें 1951 में ‘रबीन्द्र पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Jozef Banas
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2018
- Pages: 368 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10:9386534487
- ISBN-13 :9789386534484
DESCRIPTION:
योजे़फ़ बानाश स्लोवाकिया के बेहद लोकप्रिय लेखक हैं। उनकी पुस्तकें ‘प्लेटिनम बुक अवार्ड’ और ‘गोल्डन बुक अवार्ड’ जीत चुकी हैं और दुनिया की बारह भाषाओं में अनूदित हो चुकी हैं। बहुचर्चित कोड 7, कोड 9 और कोड 1-तीन उपन्यासों की यह श्रृंखला- भारत, भूटान, नेपाल और तिब्बत की पृष्ठभूमि पर लिखी गयी है। येरुशलम से कश्मीर तक योजे़फ़ बानाश के उपन्यास कोड 1 का हिन्दी अनुवाद है। इसमें एक साथ दो कहानियाँ चलती हैं। पहली कहानी है मारिका की, जिसे ब्रैस्ट कैंसर है और उसे विश्वास है कि यदि वह ईसा मसीह की कब्र तक पहुँच जाये तो ठीक हो सकती है। ईसा मसीह की कब्र की खोज उसे कश्मीर की राजधानी श्रीनगर तक ले जाती है लेकिन वहाँ आतंक के वातावरण में फँस जाती है। दूसरी कहानी ईसा मसीह के जीवन की है जिसे लेखक ने बहुत ही अनोखे लेकिन विश्वसनीय ढंग से प्रस्तुत किया है और इसके अनुसार ईसा मसीह ने भारत में काफ़ी समय व्यतीत किया और उन्हें कश्मीर में दफ़नाया गया। लेखक का कहना है कि सत्य की खोज उनका लक्ष्य है। और यही खोज उन्हें ईसा मसीह के जीवन की यात्रा का सत्य ढूँढने के लिए प्रेरित करती रही है। गहन अध्ययन और अनुसंधान से किया गया रहस्योद्घाटन पाठकों को सोचने पर मजबूर करता है कि वे आज तक जिसे सच मानते आये हैं क्या वही सच है या...
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Ramesh Bakshi
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2010
- Pages: 48 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10:8170283310
- ISBN-13 :9788170283317
DESCRIPTION:
लोक संस्कृति की दृष्टि से भारत अत्यन्त समृद्ध देश है। यहां हर प्रदेश की अपनी परम्पराएं और जीवनयापन का अलग ढंग है, यद्यपि भीतर से कहीं विचार और नैतिकता के स्तर पर वे आपस में एक-दूसरे से जुड़ी हुई भी हैं। उनकी लोककथाएं अपनी इन विशेषताओं को व्यक्त करती हैं। इस लोककथा माला में प्रत्येक प्रदेश के सुधी लेखकों ने सरल भाषा में वहां की चुनी हुई लोककथाओं को लिखा है और उन्हें वहां की कलात्मक परम्पराओं के जानकार श्रेष्ठ कलाकारों ने चित्रित किया है।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Suman Bajpayee
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2015
- Pages: 104 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10:9350641674
- ISBN-13 :9789350641675
DESCRIPTION:
9 अक्टूबर, 2012 को पन्द्रह वर्षीया मलाला युसूफज़ई पर पाकिस्तानी तालिबान आतंकवादियों ने जानलेवा हमला किया। दोपहर को स्कूल से आते समय आतंकवादी उसकी स्कूल बस में चढ़ गए और उस पर गोलियों की बौछार की। मलाला का कसूर सिर्फ इतना ही था कि वह चाहती थी कि वह हर रोज़ स्कूल जाए और शिक्षा प्राप्त करे। लेकिन लड़कियों के लिए शिक्षा पाना और पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर देश की प्रगति में हिस्सा लेना तालिबान को मंजूर नहीं क्योंकि वे इसे शरीअत के खिलाफ मानते हैं। मलाला खुशकिस्मत थी कि वह बच गई। दुनिया-भर में इस हमले की ज़ोरदार निंदा की गई। मलाला आज लड़कियों की शिक्षा की मांग का प्रतीक बन गई है। पाकिस्तान की इस बहादुर बेटी की रोचक कहानी प्रस्तुत है इस पुस्तक में।
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Hardev Bahri
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2016
- Pages: 520 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10:8170282675
- ISBN-13 :9788170282679
DESCRIPTION:
राजपाल संक्षिप्त हिन्दी शब्दकोश संक्षिप्त होते हुए भी बहुत उपयोगी है और इसमें अधिकतम प्रयोग होने वाले ऐसे हिन्दी शब्द सम्मिलित हैं जिनकी आवश्यकता प्रतिदिन के कार्यों में पड़ती रहती है। इसमें: उन सभी शब्दों का समावेश है जिनकी हिन्दी के सामान्य पाठक को प्रायः आवश्यकता होती है प्रत्येक शब्द के सरल हिन्दी में विस्तार से अलग-अलग अर्थ प्रस्तुत अर्थ के साथ शब्द से जुड़े प्रयोग, मुहावरे और लोकोक्तियां भी दी गई हैं हर शब्द की व्याकरणिक जानकारी प्रस्तुत अठारह उपयोगी परिशिष्ट जो हिन्दी के ज्ञान को समृद्ध करते हैं प्रत्येक स्कूल, विश्वविद्यालय, घर और कार्यालय के लिए उपयुक्त विश्वविख्यात कोशकार और भाषा-विशेषज्ञ डॉ. हरदेव बाहरी द्वारा संपादित
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Hardev Bahri
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2016
- Pages: 448 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10:8170283272
- ISBN-13 :9788170283270
DESCRIPTION:
अधिकतम प्रयोग होने वाले 20,000 हिन्दी के शब्द और उनके अर्थ जिस शब्द के अनेक अर्थ हैं, उसके प्रत्येक अर्थ को 1,2,3 आदि संख्या देकर अलग-अलग दिया गया है अनेक उपयोगी परिशिष्ट जिनकी निरन्तर आवश्यकता पड़ती रहती है प्रत्येक विद्यार्थी, शिक्षक, लाइब्रेरी, स्कूल, कॉलेज, कार्यालय के लिए उपयोगी विश्वविख्यात कोशकार डॉ. हरदेव बाहरी द्वारा संपादित
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Hardev Bahri
- Binding : Paperback
- Language : English
- Edition :2016
- Pages: 360 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10:8170285011
- ISBN-13 :9788170285014
DESCRIPTION:
* Covers the most frequently used hindi words. * Provides the words meanings of hindi words in english. * Provides pronunciations and grammatical information of the hindi words. * Thumb index on each page helps to locate words easily. * Use of clear types and minimal use of symbols make this dictionary easy to read. * Edited by Dr. Hardev bahri- the world renowned lexicographer.
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Hardev Bahri
- Binding : Paperback
- Language : English
- Edition :2016
- Pages: 480 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10:8170283132
- ISBN-13 :9788170283133
DESCRIPTION:
* Includes the most essential and commonly used English words. * Provides precise and clear meanings of each English word in simple Hindi. * Gives grammatical information and pronunciation of each word in Hindi. * Thumb-index and minimal use of symbols make this dictionary user-friendly. * Includes several useful appendices. Ideal for use at school, home and office. * Edited by Dr. Hardev Bahri – India’s foremost lexicographer.
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Hardev Bahri
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2015
- Pages: 984 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170280869
- ISBN-13 :9788170280866
DESCRIPTION:
एक बृहद् और प्रामाणिक हिन्दी शब्दकोश जो पाठकों के हिन्दी ज्ञान को अधिक समृद्ध बनाने में उपयोगी है। इसमें हिन्दी में प्रयोग होने वाले प्रायः सभी शब्द सम्मिलित हैं और यह प्रत्येक पुस्तकालय, विद्यालय, महाविद्यालय, कार्यालय, शोधकर्ता, शिक्षार्थी और विद्यार्थी के लिए उपयुक्त है। इसमें 50,000 से अधिक शब्द, वाक्य और प्रविष्टियां सम्मिलित हैं जिनमें हिन्दी के तत्सम, तद्भव, देशी और संस्कृत, उर्दू तथा अंग्रेज़ी के ऐसे सभी शब्दों का समावेश है जिनका हिन्दी में चलन है प्रत्येक शब्द का विस्तारपूर्वक अर्थ और उस शब्द-परिवार के अन्य सभी शब्दों के अर्थ भी प्रस्तुत प्रत्येक शब्द की व्याकरण-संबंधी जानकारी तथा उस शब्द से जुड़े, मुहावरे, लोकोक्तियाँ तथा आंचलिक शब्द सम्मिलित जिन शब्दों के अनेक अर्थ हैं उन्हें स्पष्टता के लिए क्रमानुसार 1,2,3,4 देकर उनके अर्थ प्रस्तुत बैंकिंग, रेलवे, सरकारी कार्यालयों आदि में प्रयोग होने वाले पारिभाषिक तथा तकनीकी हिन्दी शब्दों का समावेश अनेक उपयोगी परिशिष्ट जिनमें अंग्रेज़ी से हिन्दी में आये तीन हज़ार शब्दों की जानकारी, और उपसर्ग व प्रत्यय से संबंधित परिशिष्ट भारत के विख्यात कोशकार और भाषा-वैज्ञानिक डॉ. हरदेव बाहरी द्वारा संपादित
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Hardev Bahri
- Binding : Hardcover
- Language : English
- Edition :2015
- Pages: 778 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170280028
- ISBN-13 :9788170280026
DESCRIPTION:
Rajpal Hindi-English Dictionary is the first ever 'Learners' dictionary in Hindi and is considered to be the most authoritative dictionary for learning Hindi through the medium of English. Includes all those words which constitute a basic vocabulary of Hindi Provides the different meanings of each Hindi word in simple English and illustrates their usage with the help of examples Includes phrases and idioms related to the word and also its synonyms and antonyms Provides pronunciation and grammatical information of each Hindi word No only teaches Hindi to non-Hindi users, but also helps those who already know Hindi to enhance their understanding of the language Includes several useful appendices including sections on lexical formations of Hindi words Edited by Dr. Hardev Bahri-India's foremost lexicographer who has several dictionaries and scholarly linguistic works to his credit.
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Hardev Bahri
- Binding : Hardcover
- Language : English
- Edition :2014
- Pages: 668 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170281849
- ISBN-13 :9788170281849
DESCRIPTION:
ज्ञान-विज्ञान की विविध शाखाओं में प्रयुक्त तकनीकी शब्दों का प्रामाणिक विशाल कोश अंग्रेज़ी तकनीकी शब्दों के भारत सरकार द्वारा स्वीकृत हिन्दी पर्याय शब्द ढूंढ़ने में सरलता के लिए अकारादिक्रम से नियोजन शब्दों के हिन्दी अर्थ देने के पश्चात् उनसे बनने वाले अन्य तकनीकी-शब्द तथा वाक्यांश और उनके व्याकरणिक रूप हिन्दी अधिकारी, प्रबंधक वर्ग, लेखक, अनुवादक, अध्यापक, पत्रकार तथा छात्र-सभी के लिए समान उपयोगी इसमें निम्नलिखित विषयों के शब्दों का समावेश है: प्रशासन, वाणिज्य, बैंकिंग, वित्त, संचार, डाक-तार, बीमा, विधि, कार्यालय प्रबंध, परिवहन, रेलवे, लेखा, लेखा-परीक्षण, अर्थशास्त्र, शिक्षा, पुस्तकालय विज्ञान, तर्कशास्त्र, इतिहास, पराभौतिकी, साहित्य, भाषा-विज्ञान, नृविज्ञान, सेना विज्ञान, काग़ज़ विज्ञान, फ़ोटो विज्ञान, मनोविज्ञान, सौन्दर्य शास्त्र, स्थापत्य कला, ललित कला, लोकगीत, पत्रकारिता, संस्कृति, दर्शन, छपाई, समाज-कार्य, समाजशास्त्र, रंगमंच, टेलीविज़न, धर्मशास्त्र, पुस्तक प्रकाशन और सिनेमा
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Hardev Bahri
- Binding : Hardcover
- Language : English
- Edition :2015
- Pages: 972 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170281008
- ISBN-13 :9788170281009
DESCRIPTION:
Rajpal English-Hindi Dictionary is a comprehensive and authoritative reference for students, scholars, teachers, translators and general readers seeking to improve their knowledge and understanding of the English language through the medium of Hindi. Over 50,000 words, phrases and entries provide a comprehensive coverage of modern English vocabulary Detailed meaning of each English word is provided in Hindi and where a word has more than one meaning the different shades of meaning are provided Words made by adding prefixes and suffixes included with the main entry help to enrich the user's vocabulary Pronunciation of each English word is given in Hindi which helps the user to improve his spoken English Detailed grammatical information provided for each entry Phrases, idioms and grammatical variations associated with each word provided along with the word entry Specially developed appendices help to enhance the reader's understanding and usage of the English language Edited by Dr. Hardev Bahri-India' most renowned lexicographer who has several dictionaries and scholarly reference works to his credit
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Hardev Bahri
- Binding : Hardcover
- Language : English
- Edition :2016
- Pages: 420 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170285003
- ISBN-13 :9788170285007
DESCRIPTION:
An up-to-date and authoritative bilingual dictionary especially developed for readers who need to enhance their knowledge and understanding of Hindi through the medium of English. Over 25,000 entries including the more frequently used Hindi words, phrases and proverbs Meaning of each Hindi word explained in easy-to-understand English Complete information on grammar of each Hindi word Pronunciation of each Hindi word given in English Thumb index on each page makes it easy to locate any word Clear type and no use of symbols make it easy-to-read Several useful appendices An ideal reference for use at office, college, school or home Edited by Dr. Hardev Bahri, India's most renowned lexicographer who has several dictionaries and scholarly works to his credit
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