Fiction

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DanshDansh
Dansh
SPECIFICATION:
  • Publisher : Rajpal and Sons
  • By: Rajendra Mohan Bhatnagar
  • Binding : Hardcover
  • Language : Hindi
  • Edition :2010
  • Pages:  184 pages
  • Size : 20 x 14 x 4 cm
  • ISBN-10: 81702885510
  • ISBN-13 :9788170288558

DESCRIPTION: 


                          $12
                          Dalit SantDalit Sant
                          Dalit Sant
                          SPECIFICATION:
                          • Publisher : Rajpal and Sons
                          • By: Rajendra Mohan Bhatnagar
                          • Binding : Hardcover
                          • Language : Hindi
                          • Edition :2015
                          • Pages:  320 pages
                          • Size : 20 x 14 x 4 cm
                          • ISBN-10: 9350641917
                          • ISBN-13 :9789350641910

                          DESCRIPTION: 

                          रैदास या जिन्हें रविदास के नाम से भी जाना जाता है, पन्द्रहवीं सदी के संत थे जो उत्तर भारत में बहुत लोकप्रिय हुए और आज भी हैं। संत रैदास के पिता चमार थे जो उस समय के समाज में अछूत माने जाते थे। लेकिन रैदास का यह मानना था कि मनुष्य की पहचान उसकी जाति से नहीं, उसके कर्म से होती है और ईश्वर की भक्ति करना और धार्मिक ग्रन्थ पढ़ना हर मनुष्य का अधिकार है। समाज में छुआछूत के विरूद उन्होंने घोर विरोध किया और इस बात का प्रचार भी किया कि सच्ची मेहनत और कर्म से ही ईश्वर की प्राप्ति हो सकती है। स्वयं ईश्वर-भक्ति में लीन रहने के साथ रैदास जूते बनाने का अपना काम लगातार करते रहे। धर्म और समाज के उद्धारक रैदास एक बुद्धिजीवी कवि और आध्यात्मिक संत भी थे। संत रैदास के कथन धीरे-धीरे रविदासीय के नाम से इकट्ठे होने लग गए और आज रविदासीय के नाम से अलग धर्म भी है। प्रतिष्ठित लेखक राजेन्द्र मोहन भटनागर के गहरे अध्ययन के बाद तैयार की हुई यह कृति संत रैदास के जीवन की जीती-जागती तस्वीर है। विवेकानन्द, युगपुरुष अम्बेडकर, सरदार, कुली बैरिस्टर, गौरांग उनके अन्य लोकप्रिय जीवनीपरक उपन्यास हैं। 2014 में हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा ‘विशिष्ट साहित्यकार सम्मान’ से राजेन्द्र मोहन भटनागर को नवाज़ा गया तथा 1994 में राजस्थान साहित्य अकादमी ने उन्हें ‘विशिष्ट साहित्यकार सम्मान’ और सर्वोच्च पुरस्कार ‘मीरा पुरस्कार’ से सम्मानित किया।

                                                  $20
                                                  Dishayen Badal Gayeen
                                                  Dishayen Badal Gayeen
                                                  SPECIFICATION:
                                                  • Publisher : Rajpal and Sons
                                                  • By: Naresh Bharatiya
                                                  • Binding : Hardcover
                                                  • Language : Hindi
                                                  • Edition :2006
                                                  • Pages:  160 pages
                                                  • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                  • ISBN-10: 8170286492
                                                  • ISBN-13 :9788170286493

                                                  DESCRIPTION: 

                                                  हिन्दी के कहानी लेखकों में मन्नू भंडारी का अग्रणी स्थान है। उनकी कहानियों में नारी-जीवन के उन अन्तरंग अनुभवों को विशेष रूप से अभिव्यक्ति दी गई है जो उनके नितांत अपने हैं और पुरुष कहानीकारों की रचनाओं में प्रायः नहीं मिलते। वैसे मन्नू भंडारी ने अपने अन्य समकालीन समर्थ लेखकों की तरह ही लगभग सभी पहलुओं पर सशक्त कहानियाँ लिखी हैं।

                                                                          $29
                                                                          Ek Thaal Motiyon BharaEk Thaal Motiyon Bhara
                                                                          Ek Thaal Motiyon Bhara
                                                                          SPECIFICATION:
                                                                          • Publisher : Rajpal and Sons
                                                                          • By: Jaiprakash Bharati
                                                                          • Binding : Paperback
                                                                          • Language : Hindi
                                                                          • Edition :2013
                                                                          • Pages:  48 pages
                                                                          • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                          • ISBN-10: 9380300123
                                                                          • ISBN-13 :9789380300122

                                                                          DESCRIPTION: 

                                                                          हिन्दी के कहानी लेखकों में मन्नू भंडारी का अग्रणी स्थान है। उनकी कहानियों में नारी-जीवन के उन अन्तरंग अनुभवों को विशेष रूप से अभिव्यक्ति दी गई है जो उनके नितांत अपने हैं और पुरुष कहानीकारों की रचनाओं में प्रायः नहीं मिलते। वैसे मन्नू भंडारी ने अपने अन्य समकालीन समर्थ लेखकों की तरह ही लगभग सभी पहलुओं पर सशक्त कहानियाँ लिखी हैं।

                                                                                                  $12
                                                                                                  Meri Priya KahaniyaanMeri Priya Kahaniyaan
                                                                                                  Meri Priya Kahaniyaan
                                                                                                  SPECIFICATION:
                                                                                                  • Publisher : Rajpal and Sons
                                                                                                  • By: Mannu Bhandari 
                                                                                                  • Binding : Paperback
                                                                                                  • Language : Hindi
                                                                                                  • Edition :2017
                                                                                                  • Pages:  136 pages
                                                                                                  • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                                                  • ISBN-10: 9350640600
                                                                                                  • ISBN-13 :9789350640609

                                                                                                  DESCRIPTION: 

                                                                                                  हिन्दी के कहानी लेखकों में मन्नू भंडारी का अग्रणी स्थान है। उनकी कहानियों में नारी-जीवन के उन अन्तरंग अनुभवों को विशेष रूप से अभिव्यक्ति दी गई है जो उनके नितांत अपने हैं और पुरुष कहानीकारों की रचनाओं में प्रायः नहीं मिलते। वैसे मन्नू भंडारी ने अपने अन्य समकालीन समर्थ लेखकों की तरह ही लगभग सभी पहलुओं पर सशक्त कहानियाँ लिखी हैं।

                                                                                                                          $15
                                                                                                                          Swapnavasavadatta
                                                                                                                          Swapnavasavadatta
                                                                                                                          SPECIFICATION:
                                                                                                                          • Publisher : Rajpal and Sons
                                                                                                                          • By: Bhaas
                                                                                                                          • Binding : Paperback
                                                                                                                          • Language : Hindi
                                                                                                                          • Edition :2016
                                                                                                                          • Pages:  96 pages
                                                                                                                          • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                                                                          • ISBN-10: 8170287774
                                                                                                                          • ISBN-13 :9788170287773

                                                                                                                          DESCRIPTION: 

                                                                                                                          महाकवि भास संस्कृत साहित्य के मूर्धन्य कवि हैं। उन्होंने अपने जिन तेरह नाटकों से संस्कृत साहित्य को समृद्ध किया उनमें स्वप्नवासवदत्ता और प्रतिज्ञायौगन्धरायण विशेष लोकप्रिय हैं। नाटकों की भाषा बहुत ही सरस और बोधगम्य है। अभिनय की दृष्टि से भी भास के ये नाटक सर्वथा उपयुक्त हैं।

                                                                                                                                                  $15
                                                                                                                                                  Meri Priya KahaniyaanMeri Priya Kahaniyaan
                                                                                                                                                  Meri Priya Kahaniyaan
                                                                                                                                                  SPECIFICATION:
                                                                                                                                                  • Publisher : Rajpal and Sons
                                                                                                                                                  • By: Sheoraj Singh Bechain
                                                                                                                                                  • Binding : Paperback
                                                                                                                                                  • Language : Hindi
                                                                                                                                                  • Edition :2019
                                                                                                                                                  • Pages:  128 pages
                                                                                                                                                  • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                                                                                                  • ISBN-10: 9389373050
                                                                                                                                                  • ISBN-13 :9789389373059

                                                                                                                                                  DESCRIPTION: 

                                                                                                                                                  दलित लेखन आज भारतीय साहित्य का प्रमुख हिस्सा है। दलित जीवन के यथार्थ को खास तल्खी और गहरी संवेदना से चित्रित करने के लिए श्यौराज सिंह ‘बेचैन’ की कहानियाँ प्रसिद्ध हैं। ये कहानियाँ केवल भारतीय सामाजिक व्यवस्था की क्रूर सच्चाई को ही नहीं बतातीं बल्कि मनुष्यता के सार्वभौम सवाल को भी पाठकों के सामने खड़ा करती हैं। जीवन संघर्ष के चित्रण से भरी ये कहानियाँ अपनी प्रभावशाली शैली के कारण पाठकों को देर तक याद रहेंगी। इस पुस्तक में लेखक ने अपनी नौ सबसे प्रिय कहानियाँ चुनी हैं और उनकी विस्तृत भूमिका भी लिखी है।

                                                                                                                                                                          $30
                                                                                                                                                                          Marathi Ki Shreshth KahaniyaanMarathi Ki Shreshth Kahaniyaan
                                                                                                                                                                          Marathi Ki Shreshth Kahaniyaan
                                                                                                                                                                          SPECIFICATION:
                                                                                                                                                                          • Publisher : Rajpal and Sons
                                                                                                                                                                          • By: Vijay Bapat
                                                                                                                                                                          • Binding : Hardcover
                                                                                                                                                                          • Language : Hindi
                                                                                                                                                                          • Edition :2009
                                                                                                                                                                          • Pages:  136 pages
                                                                                                                                                                          • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                                                                                                                          • ISBN-10:9380300166
                                                                                                                                                                          • ISBN-13 :9789380300160

                                                                                                                                                                          DESCRIPTION:

                                                                                                                                                                          इस कहानी-संकलन में मराठी कथा-साहित्य के कुछ प्रसिद्ध कहानीकारों-गंगाधर गाडगिल, अरविन्द गोखले, व्यंकटेश माडगुलकर, रणजीत देसाई आदि की सर्वश्रेष्ठ कहानियों को चुना गया है। संसार की अनेक भाषाओं में अनूदित और लोकप्रिय ये कहानियाँ पाठकों का मनोरंजन करने के साथ-साथ अपनी विशिष्ट परंपरा, शैली और विविध भावभूमियों की अमिट छाप छोड़ती हैं।

                                                                                                                                                                                                  $15
                                                                                                                                                                                                  Marathi Ki Shreshth KahaniyaanMarathi Ki Shreshth Kahaniyaan
                                                                                                                                                                                                  Marathi Ki Shreshth Kahaniyaan
                                                                                                                                                                                                  SPECIFICATION:
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                                                                                                                                                                                                  • By: Vijay Bapat
                                                                                                                                                                                                  • Binding : Paperback
                                                                                                                                                                                                  • Language : Hindi
                                                                                                                                                                                                  • Edition :2010
                                                                                                                                                                                                  • Pages:  136 pages
                                                                                                                                                                                                  • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                                                                                                                                                  • ISBN-10:8170288150
                                                                                                                                                                                                  • ISBN-13 :9788170288152

                                                                                                                                                                                                  DESCRIPTION:

                                                                                                                                                                                                  इस कहानी-संकलन में मराठी कथा-साहित्य के कुछ प्रसिद्ध कहानीकारों-गंगाधर गाडगिल, अरविन्द गोखले, व्यंकटेश माडगुलकर, रणजीत देसाई आदि की सर्वश्रेष्ठ कहानियों को चुना गया है। संसार की अनेक भाषाओं में अनूदित और लोकप्रिय ये कहानियाँ पाठकों का मनोरंजन करने के साथ-साथ अपनी विशिष्ट परंपरा, शैली और विविध भावभूमियों की अमिट छाप छोड़ती हैं।

                                                                                                                                                                                                                          $10
                                                                                                                                                                                                                          Jadoo Tootta HaiJadoo Tootta Hai
                                                                                                                                                                                                                          Jadoo Tootta Hai
                                                                                                                                                                                                                          SPECIFICATION:
                                                                                                                                                                                                                          • Publisher : Rajpal and Sons
                                                                                                                                                                                                                          • By: Kailash Banwasi
                                                                                                                                                                                                                          • Binding : Paperback
                                                                                                                                                                                                                          • Language : Hindi
                                                                                                                                                                                                                          • Edition :2019
                                                                                                                                                                                                                          • Pages:  112 pages
                                                                                                                                                                                                                          • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                                                                                                                                                                          • ISBN-10:9386534738
                                                                                                                                                                                                                          • ISBN-13 :9789386534736

                                                                                                                                                                                                                          DESCRIPTION:

                                                                                                                                                                                                                          कैलाश बनवासी को युवा कहानी में अपने सर्वथा अलहदा स्वर के लिए जाना जाता है। युवा कहानी में पीछे छूट गईं हाशियों की आवाज़ों को पहचानने का मुश्किल काम बनवासी की कहानियाँ करती हैं। उन्होंने भारतीय समाज के उस हिस्से के लोगों को अपनी कहानियों में जगह दी है जो गाँवों-कस्बों में रहकर बदलते भारत में अपनी जगह खोज रहे हैं। कामकाजी औरतें, खेतों में जूझते किसान और साधारण नागरिकों के संघर्ष बनवासी की कहानियों का प्रस्थान बिंदु हैं। वे अपनी कहानियों को सहज भाषा और प्रभावशाली प्रस्तुति से बुनते हैं और जिस विचार का संकल्प उनकी कहानियों में दिखाई देता है, वह असल में प्रेमचंद, रेणु और हरिशंकर परसाई का रास्ता है जो कहानी को जनता की चीज़ बनाता है। भूमंडलीकरण के नए परिदृश्य में कैलाश बनवासी की कहानियाँ हमें देश के अनदेखे-अनजाने इलाकों में ले जाने में सफल हैं। 10 मार्च 1965 को दुर्ग (छत्तीसगढ़ ) में जन्मे कैलाश बनवासी हिन्दी के प्रमुख कथाकार हैं। भारत में भूमंडलीकरण की प्रक्रिया के शुरुआती दिनों में ही आपने बाज़ार में रामधन जैसी कहानी लिखकर हिन्दी पाठकों और आलोचकों का ध्यान आकृष्ट कर लिया था। भारत के ग्रामीण-कस्बाई क्षेत्रों के जीवन का प्रामाणिक चित्रण बनवासी की कहानियों की विशेषता है। लक्ष्य तथा अन्य कहानियाँ, बाज़ार में रामधन, पीले कागज़ की उजली इबारत तथा प्रकोप आपके चार कहानी संग्रह हैं। एक उपन्यास लौटना नहीं है भी प्रकाशित हो चुका है। आपको श्याम व्यास पुरस्कार (1997) तथा प्रेमचंद स्मृति कथा सम्मान (2010) से समादृत किया गया है।

                                                                                                                                                                                                                                                  $15
                                                                                                                                                                                                                                                  Pather PanchaliPather Panchali
                                                                                                                                                                                                                                                  Pather Panchali
                                                                                                                                                                                                                                                  SPECIFICATION:
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                                                                                                                                                                                                                                                  • By: Bibhutibhushan Bandyopadhyay
                                                                                                                                                                                                                                                  • Binding : Paperback
                                                                                                                                                                                                                                                  • Language : Hindi
                                                                                                                                                                                                                                                  • Edition :2015
                                                                                                                                                                                                                                                  • Pages:  256 pages
                                                                                                                                                                                                                                                  • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                                                                                                                                                                                                  • ISBN-10:9350642646
                                                                                                                                                                                                                                                  • ISBN-13 :9789350642641

                                                                                                                                                                                                                                                  DESCRIPTION:

                                                                                                                                                                                                                                                  सत्यजित राय की विश्वप्रसिद्ध फिल्म, पथेर पांचाली, लेखक बिभूतिभूषण बंद्योपाध्याय के इसी नाम के उपन्यास पर आधारित है। यह उपन्यास बंगाल के निश्चिन्दिपुर गाँव में रहने वाले अपू और उसकी बड़ी बहन दुर्गा की कहानी है। अपू और दुर्गा गरीबी की कड़वी सच्चाई से अनजान अपने बचपन की अल्हड़ शैतानियों में मस्त अपना जीवन बिताते हैं। इस उम्मीद से कि शायद अधिक आमदनी हो पाए उनके पिता काशी चले जाते हैं। पीछे परिस्थितियाँ कुछ ऐसी बनती हैं कि अपू को समय उसे पहले ही अपने परिवार की देख-भाल का बोझ उठाना पड़ता है। लड़कपन से जवानी तक का यह उपन्यास पथेर पांचाली सबसे पहले एक पत्रिका में धारावाहिक रूप में, और 1929 में पुस्तक के रूप में प्रकाशित हुआ। 1944 में पुस्तक के नये संस्करण के लिए सत्यजित राय को इसकी तस्वीरें बनाने की जि़म्मेदारी सौंपी गई और तभी उन्होंने तय कर लिया कि वह इस पर फिल्म अवश्य बनाएंगे। पथेर पांचाली पर बनी सत्यजित राय की फिल्म को देश-विदेश में अनेक सम्मान मिले। आधुनिक बंगला साहित्य के जाने-माने लेखक बिभूतिभूषण बंद्योपाध्याय का जन्म 12 सितम्बर 1894 में बंगाल के 24 परगना क्षेत्र मंे हुआ। उन्होंने अपने जीवन में कई उपन्यास लिखे जिनमें पथेर पांचाली और उसी कड़ी की अगली कृति अपराजितो सबसे लोकप्रिय हैं। उनके उपन्यास इच्छामति के लिए मरणोपरान्त उन्हें 1951 में ‘रबीन्द्र पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया।

                                                                                                                                                                                                                                                                          $15
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                                                                                                                                                                                                                                                                          Jerusalem Se Kashmir Tak
                                                                                                                                                                                                                                                                          SPECIFICATION:
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                                                                                                                                                                                                                                                                          • By: Jozef Banas
                                                                                                                                                                                                                                                                          • Binding : Paperback
                                                                                                                                                                                                                                                                          • Language : Hindi
                                                                                                                                                                                                                                                                          • Edition :2018
                                                                                                                                                                                                                                                                          • Pages:  368 pages
                                                                                                                                                                                                                                                                          • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                                                                                                                                                                                                                          • ISBN-10:9386534487
                                                                                                                                                                                                                                                                          • ISBN-13 :9789386534484

                                                                                                                                                                                                                                                                          DESCRIPTION:

                                                                                                                                                                                                                                                                          योजे़फ़ बानाश स्लोवाकिया के बेहद लोकप्रिय लेखक हैं। उनकी पुस्तकें ‘प्लेटिनम बुक अवार्ड’ और ‘गोल्डन बुक अवार्ड’ जीत चुकी हैं और दुनिया की बारह भाषाओं में अनूदित हो चुकी हैं। बहुचर्चित कोड 7, कोड 9 और कोड 1-तीन उपन्यासों की यह श्रृंखला- भारत, भूटान, नेपाल और तिब्बत की पृष्ठभूमि पर लिखी गयी है। येरुशलम से कश्मीर तक योजे़फ़ बानाश के उपन्यास कोड 1 का हिन्दी अनुवाद है। इसमें एक साथ दो कहानियाँ चलती हैं। पहली कहानी है मारिका की, जिसे ब्रैस्ट कैंसर है और उसे विश्वास है कि यदि वह ईसा मसीह की कब्र तक पहुँच जाये तो ठीक हो सकती है। ईसा मसीह की कब्र की खोज उसे कश्मीर की राजधानी श्रीनगर तक ले जाती है लेकिन वहाँ आतंक के वातावरण में फँस जाती है। दूसरी कहानी ईसा मसीह के जीवन की है जिसे लेखक ने बहुत ही अनोखे लेकिन विश्वसनीय ढंग से प्रस्तुत किया है और इसके अनुसार ईसा मसीह ने भारत में काफ़ी समय व्यतीत किया और उन्हें कश्मीर में दफ़नाया गया। लेखक का कहना है कि सत्य की खोज उनका लक्ष्य है। और यही खोज उन्हें ईसा मसीह के जीवन की यात्रा का सत्य ढूँढने के लिए प्रेरित करती रही है। गहन अध्ययन और अनुसंधान से किया गया रहस्योद्घाटन पाठकों को सोचने पर मजबूर करता है कि वे आज तक जिसे सच मानते आये हैं क्या वही सच है या...

                                                                                                                                                                                                                                                                                                  $27
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                  Jungle Ke Phool
                                                                                                                                                                                                                                                                                                  SPECIFICATION:
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • By:  Rajendra Awasthi
                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Binding : Paperback
                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Language :  Hindi
                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Edition :2019
                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Pages:  208 pages
                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • ISBN-10: 9386534932
                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • ISBN-13 :9789386534934

                                                                                                                                                                                                                                                                                                  DESCRIPTION:

                                                                                                                                                                                                                                                                                                  "यह उपन्यास मध्य प्रदेश के पश्चिम में स्थित बस्तर और वहाँ के आदिवासियों की पृष्ठभूमि पर आधारित है। 1908 में बस्तर में ‘भूमकाल’ विद्रोह हुआ था जिसके अनेक कारण थे और जिसमें राज-परिवार का भी हाथ था। ‘भूमकाल’ विद्रोह का पूरा संगठन बस्तर में स्थित ‘घोटुलों’ में हुआ था। घोटुल को एक प्रकार का कुमार-गृह या बैचलर्स-होम के रूप में भी समझा जा सकता है जो युवक-युवतियों के मनो-विनोद या जिज्ञासा के केन्द्र होते हैं। उपन्यास में उपलब्ध ऐतिहासिक तथ्यों के अतिरिक्त नायक-नायिका की कहानी काल्पनिक है, लेकिन विद्रोह के कुछ मुख्य नेताओं, राज-परिवार के व्यक्तियों, अंग्रेज़ों और पंडा बैजनाथ जो सभी विद्रोह से जुड़े थे, उनके नाम ज्यों के त्यों रखे हैं। लेखक का उद्देश्य था बस्तर के घोटुल जीवन, वहाँ की संस्कृति, उनके रीति-रिवाज और जीवन को सामने रखना। 1908 के भूमकाल आन्दोलन को घटित हुए सौ साल से भी अधिक समय बीत चुका है लेकिन आज भी उसकी याद और प्रभाव बस्तर में देखने को मिलता है और वहाँ के आदिवासियों की अपनी ज़मीन पर अधिकार की लड़ाई आज भी चल रही है। राजेन्द्र अवस्थी (1930 - 2009) एक सफल पत्रकार और साहित्यकार थे। ‘नवभारत’, ‘सारिका’, ‘नंदन’, ‘साप्ताहिक हिन्दुस्तान’ और ‘कादम्बिनी’ के वे सम्पादक रहे। साहित्य के क्षेत्र में भी उन्होंने अपना भरपूर योगदान दिया। 1997-98 में दिल्ली सरकार की हिन्दी अकादमी ने उन्हें ‘साहित्यिक कृति’ से सम्मानित किया था। उनकी अन्य लोकप्रिय पुस्तकें हैं - बीमार शहर और काल चिंतन।"

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          $30
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          Jungle Ke PhoolJungle Ke Phool
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          Jungle Ke Phool
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          SPECIFICATION:
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • By:  Rajendra Awasthi
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Binding : Hardcover
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Language :  Hindi
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Edition :2019
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • ISBN-13 :9788170282099

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          DESCRIPTION:

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          "यह उपन्यास मध्य प्रदेश के पश्चिम में स्थित बस्तर और वहाँ के आदिवासियों की पृष्ठभूमि पर आधारित है। 1908 में बस्तर में ‘भूमकाल’ विद्रोह हुआ था जिसके अनेक कारण थे और जिसमें राज-परिवार का भी हाथ था। ‘भूमकाल’ विद्रोह का पूरा संगठन बस्तर में स्थित ‘घोटुलों’ में हुआ था। घोटुल को एक प्रकार का कुमार-गृह या बैचलर्स-होम के रूप में भी समझा जा सकता है जो युवक-युवतियों के मनो-विनोद या जिज्ञासा के केन्द्र होते हैं। उपन्यास में उपलब्ध ऐतिहासिक तथ्यों के अतिरिक्त नायक-नायिका की कहानी काल्पनिक है, लेकिन विद्रोह के कुछ मुख्य नेताओं, राज-परिवार के व्यक्तियों, अंग्रेज़ों और पंडा बैजनाथ जो सभी विद्रोह से जुड़े थे, उनके नाम ज्यों के त्यों रखे हैं। लेखक का उद्देश्य था बस्तर के घोटुल जीवन, वहाँ की संस्कृति, उनके रीति-रिवाज और जीवन को सामने रखना। 1908 के भूमकाल आन्दोलन को घटित हुए सौ साल से भी अधिक समय बीत चुका है लेकिन आज भी उसकी याद और प्रभाव बस्तर में देखने को मिलता है और वहाँ के आदिवासियों की अपनी ज़मीन पर अधिकार की लड़ाई आज भी चल रही है। राजेन्द्र अवस्थी (1930 - 2009) एक सफल पत्रकार और साहित्यकार थे। ‘नवभारत’, ‘सारिका’, ‘नंदन’, ‘साप्ताहिक हिन्दुस्तान’ और ‘कादम्बिनी’ के वे सम्पादक रहे। साहित्य के क्षेत्र में भी उन्होंने अपना भरपूर योगदान दिया। 1997-98 में दिल्ली सरकार की हिन्दी अकादमी ने उन्हें ‘साहित्यिक कृति’ से सम्मानित किया था। उनकी अन्य लोकप्रिय पुस्तकें हैं - बीमार शहर और काल चिंतन।"

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  $35
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  Meri Priya Kahaniyaan
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  SPECIFICATION:
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • By: Upendranath Ashk
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Binding : Hardcover
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Language :  Hindi
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Edition :2014
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Pages:  124 pages
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • ISBN-10: 9350642298
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • ISBN-13 :9789350642290

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  DESCRIPTION:

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  अश्क एक प्रगतिशील यथार्थवादी लेखक थे जिनकी कहानियों में सच्चाई का बहुत ही दिल को छूने वाला वर्णन मिलता है। बीस साल की उम्र में उनकी कहानियों का पहला संग्रह प्रकाशित हुआ और उनकी दूसरी कहानी-संग्रह की भूमिका मुंशी प्रेमचन्द ने लिखी थी। अपने को लेखन में पूरी तरह समर्पित करने से पहले उन्होंने ऑल इंडिया रेडियो और अखबारों में पत्रकार के रूप में भी काम किया और कई हिन्दी फिल्मों की पटकथा और संवाद भी लिखे। कहानी, नाटक और कविता के अलावा उन्होंने संस्मरण भी लिखे। अश्क की कहानी ‘डाची’ हिन्दी और उर्दू लेखन में एक मील का पत्थर मानी जाती है।

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          $20
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          Meri Priya KahaniyaanMeri Priya Kahaniyaan
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          Meri Priya Kahaniyaan
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          SPECIFICATION:
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • By: Upendranath Ashk
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Binding : Paperback
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Language :  Hindi
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Edition :2018
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Pages:  124 pages
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • ISBN-10: 9350642301
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • ISBN-13 :9789350642306

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          DESCRIPTION:

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          अश्क एक प्रगतिशील यथार्थवादी लेखक थे जिनकी कहानियों में सच्चाई का बहुत ही दिल को छूने वाला वर्णन मिलता है। बीस साल की उम्र में उनकी कहानियों का पहला संग्रह प्रकाशित हुआ और उनकी दूसरी कहानी-संग्रह की भूमिका मुंशी प्रेमचन्द ने लिखी थी। अपने को लेखन में पूरी तरह समर्पित करने से पहले उन्होंने ऑल इंडिया रेडियो और अखबारों में पत्रकार के रूप में भी काम किया और कई हिन्दी फिल्मों की पटकथा और संवाद भी लिखे। कहानी, नाटक और कविता के अलावा उन्होंने संस्मरण भी लिखे। अश्क की कहानी ‘डाची’ हिन्दी और उर्दू लेखन में एक मील का पत्थर मानी जाती है।

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  $15
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  Saat Pagal
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  SPECIFICATION:
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • By: Roberto Arlt
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Binding : Paperback
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Language :  Hindi
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Edition :2019
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Pages:  256 pages
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Size : 20 x 14 x 4 cm
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • ISBN-13 :9789389373110

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  DESCRIPTION:

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  रोबेर्तो आल्र्ट (1900-1942) अर्जेंटीना के एक जाने माने पत्रकार व लेखक थे जिन्होंने कई उपन्यास और कहानियाँ लिखीं। रोबेर्तो आल्र्ट लैटिन अमेरिकन साहित्य में उतना ही प्रतिष्ठित और उल्लेखनीय स्थान रखते हैं जितना गेब्रियल गार्सिया मार्केज़ और इसाबेल अल्लेंदे। 1929 में लिखा गया उपन्यास सात पागल विनाश के कगार पर खड़े अर्जेंटीना को प्रतिबिंबित करता है। यह अपने कथानक और कहानी कहने के अंदाज के संदर्भ में श्रेष्ठ आधुनिक उपन्यासों में गिना जा सकता है। सपने देखने वालों, क्रांतिकारियों, षड्यंत्र करने में मशगूल सेना के जनरलों से भरी ये दुनिया दरअसल रोबेर्तो आल्र्ट की अपने देश की बीसवीं सदी के गहन पीड़ादायक दौर से गुज़रने की भविष्यवाणी की तरह है। सरल भाषा में लेखक ऐसे किरदार, ऐसा माहौल रचते हैं कि पाठक ना चाहते हुए भी खुद को उस दुनिया का एक हिस्सा महसूस करने लगता है। खास बात ये कि नौ दशक पहले लिखे गए इस उपन्यास में रची गयी दुनिया आज किसी भी देश के सामाजिक, राजनीतिक परिवेश को ही चित्रित करती है, जहाँ धर्मान्धता, स्त्रियों को लेकर दोहरे मापदंड, भ्रष्टाचार चरम पर है और आम आदमी अपनी नैतिकता में फँसा जीवन के अर्थ, इसकी अहमियत ढूँढने की एक अजीब जद्दोजहद में व्यस्त है। सात पागल एक तरह से सिद्ध करता है कि लेखक देश दुनिया के लिए भविष्यवक्ता होता है।

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          $30
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          Ek Sirphira KhilonaEk Sirphira Khilona
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          Ek Sirphira Khilona
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          SPECIFICATION:
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • By: Roberto Arlt
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Binding : Paperback
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Language :  Hindi
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Edition :2018
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Pages:  192 pages
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • ISBN-10: 9386534568
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • ISBN-13 :9789386534569

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          DESCRIPTION:

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          रोबेर्तो आर्ल्ट लैटिन अमेरिकन साहित्य में उतना ही प्रतिष्ठित और उल्लेखनीय स्थान रखते हैं जितना कि गेब्रियल गार्सिया मार्केज़ और इसाबेले अल्लेंदे। बहुत से समीक्षक और आलोचक उनके इस पहले उपन्यास द मैड टॉय को उनकी सबसे अच्छी रचना मानते हैं। खासकर इसलिए कि यह आत्मकथात्मक होते हुए भी एक जीवंत सामाजिक-राजनीतिक और दार्शनिक कथानक है। अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनो आयर्स की अराजक पृष्ठभूमि में यह उपन्यास एक किशोर की कहानी बयान करता है जो अमीरों का पैसा लूट कर गरीबों में बाँटने वाला लुटेरा बनने के सपने देखता है। लेकिन असल ज़िन्दगी में गरीबी, सपनों और महत्वाकांक्षाओं की टूटन से जूझते हुए उसकी ज़िन्दगी में चोरी और विश्वासघात रचनात्मकता के रूपक बन जाते हैं। कहानी कभी यथार्थवादी हो जाती है तो कभी जासूसी, रूमानी, आध्यात्मिक और दार्शनिक भी। विश्व साहित्य की दुनिया में बहुत कम ऐसे उपन्यास हुए हैं जो इतने स्तरों पर एक साथ कहानी को कह रहे हों। हथियारों, लूटमार, चोरी के प्रति आकर्षित होते हुए भी अंततः सिल्वियो अपने एक चोर दोस्त से विश्वासघात करता है, जो उसके अपने नज़रिए से नायकत्व के बिलकुल उलट है। लेकिन यही इस उपन्यास की खूबी है, और इसके नायक की भी। इस उपन्यास के स्पेनिश भाषा में कई संस्करण छप चुके हैं, नाट्य रूपांतरण भी हो चुका है और इस पर फ़िल्म भी बन चुकी है।

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  $20
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  Chanakya Aur Chandragupt
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  Chanakya Aur Chandragupt
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  SPECIFICATION:
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • By: Hari Narayan Apte
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Binding : Hardcover
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Language :  Hindi
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Edition :2018
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Pages:  240 pages
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Size : 20 x 14 x 4 cm
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • ISBN-13 :9788174831033

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  DESCRIPTION:

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  चाणक्य और चन्द्रगुप्त ऐसे नाम हैं जिनके बिना भारतीय इतिहास और राजनीति का वर्णन अधूरा है। भारत में तो चाणक्य नीति को ही वास्तविक राजनीति माना जाता है और मगध नरेश के महामंत्री कौटिल्य की कूटनीति जगप्रसिद्ध है। चाणक्य ने मगध के राजदरबार में हुए अपमान के कारण नंदवंश का समूल नाश करने की प्रतिज्ञा की, और षड्यंत्र रच कर मगध नरेश धनानन्द एवं उसके आठ पुत्रों की हत्या कराने के पश्चात चन्द्रगुप्त को पाटलिपुत्र के सिंहासन पर विराजमान करा दिया। हरिनारायण आप्टे ने अपने इस उपन्यास में इतिहास के इस काल का दर्शन कराते हुए चाणक्य और चन्द्रगुप्त के बारे में कई ऐसे तथ्य प्रस्तुत किये हैं जिनसे इस पुस्तक की रोचकता बढ़ी है।

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          $15
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          Taapsi
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          SPECIFICATION:
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • By: Kusum Ansal
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Binding : Paperback
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Language :  Hindi
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Edition :2019
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Pages:  224 pages
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Size : 20 x 14 x 4 cm
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • ISBN-13 :9789386534835

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          DESCRIPTION:

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          ‘‘एक समर्थ उपन्यास के रूप में तापसी की गणना आज के गिने-चुने उपन्यासों में निश्चित की जाएगी। इसमें लेखिका ने जो प्रश्न उभार दिये हैं उनका महत्त्व रचना की कलात्मक गुणवत्ता से कहीं अधिक है।’’ - डा. महीप सिंह, वरिष्ठ लेखक ‘‘तापसी उपन्यास समाज को अपने ही गिरेबान में झाँकने के लिए प्रेरित करता है, तथाकथित धर्म के ठेकेदारों, दानदाताओं और समाजसेवा की आड़ में अपने स्वार्थ, अपनी वासना को पालने-पोसने वालों के चेहरों पर पड़ी भद्रता का नकाब नोचने का काम करता है। उपन्यास में कई सूत्र हैं, वाक्य हैं, जो लैम्प पोस्ट की तरह बहुत दूर रोशनी फैलाते हैं और चिंतन के मार्ग को प्रशस्त करते हैं।’’ श्रीराम दवे, कार्यकारी संपादक समावर्तन सुपरिचित लेखिका कुसुम अंसल के अब तक सात उपन्यास, पाँच कविता-संग्रह, पाँच कहानी-संग्रह, तीन यात्रा वृत्तान्त प्रकाशित हो चुके हैं। हिन्दी साहित्य में योगदान के लिए उन्हें ‘भारतीय भाषा परिषद् समग्र सम्मान’ (2019), ‘आचार्य विद्यानिवास मिश्र स्मृति सम्मान’ (2013), हिन्दी संस्थान का ‘साहित्य भूषण सम्मान’ (2005), हिन्दी अकादमी का ‘साहित्यकार सम्मान’ (2004-05), उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान भारत भारती का ‘महादेवी पुरस्कार’ (2001) से सम्मानित किया जा चुका है।

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  $20
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  Khamoshi Ki GoonjKhamoshi Ki Goonj
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  Khamoshi Ki Goonj
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  SPECIFICATION:
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • By: Kusum Ansal
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Binding : Hardcover
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Language :  Hindi
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Edition :2010
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Pages:  328 pages
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • ISBN-13 :9788170288954

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  DESCRIPTION:

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  हिन्दी साहित्य में शायद यह पहला उपन्यास है जो दक्षिण अफ्रीका की पृष्ठभूमि पर लिखा गया है। इस उपन्यास में कथानक की रोचकता को सुरक्षित रखते हुए लेखिका ने एक ऐसे रंगभेदी समाज से हमें परिचित कराया है जहाँ कष्टसाध्य गुलामी तथा दुर्व्यवहार के दर्द की एक ख़ामोशी की गूँज हर समय सरसरती है।

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          $20
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          Zindagi 50-50
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          SPECIFICATION:
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • By: Anmol Bhagwant (Author)
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Binding : Paperback
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • ISBN-13 :9789386534132

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          DESCRIPTION:

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                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  $18
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  Bali Umar
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  SPECIFICATION:
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • By: Anmol Bhagwant (Author)
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Binding : Paperback
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Language :  Hindi
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Edition :2019
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Pages:  128 pages
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • ISBN-10: 8194131812
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • ISBN-13 :9788194131816

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  DESCRIPTION:

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  ज़िन्दगी 50-50 के युवा लेखक भगवंत अनमोल अपने लेखन में सामाजिक रूप से संवेदनशील विषयों को उठाते हैं और ‘बाली उमर’ में भी उन्होंने एक ऐसा ही विषय चुना है। उपन्यास का केन्द्र है - बच्चों के बचपन का अल्हड़पन, उनकी शरारतें और ज़िन्दगी के बारे में सब कुछ जान लेने की तीव्र उत्सुकता। उपन्यास के मुख्य किरदार बच्चे हैं और कथानक एक गाँव का होते हुए भी यह न बच्चों के लिए है और न ही मात्र आंचलिक है। नवाबगंज के दौलतपुर मोहल्ले के बच्चे जहाँ एक ओर अपनी शरारतों से पाठक को उसके बचपन की स्मृतियों में ले जाते हैं तो दूसरी ओर उनके मासूम सवाल हमारे देश-समाज के सम्बन्ध में सोचने पर विवश कर देते हैं। ‘बाली उमर’ बच्चों के माध्यम से अपने समय की राजनीति और जातीय-क्षेत्रीय पहचानों के संघर्ष की पहचान करता उपन्यास भी है। कहीं भाषा के नाम पर, कहीं पहचान के नाम पर वैमनस्य बढ़ता जा रहा है और इन सबके बीच भारतीयता की पहचान धुंधली होती जा रही है, आपसी खाई बढ़ती जा रही है। यह उपन्यास अपने समय के संदर्भों को सही-सही समझने की माँग करता है। शुरू से आखिर तक दिलचस्प किरदारों की मासूम शरारतों के सहारे लेखक ने बहुत रोचक शैली में अपनी बात कही है। भगवंत अनमोल उन चुनिंदा युवा लेखकों में हैं, जिन्हें हर वर्ग के पाठकों ने हाथोंहाथ लिया है। लेखक उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान के ‘बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’ पुरस्कार 2017 से सम्मानित हो चुके हैं। उनकी पुस्तक ‘ज़िन्दगी 50-50’ पर कई विद्यार्थी शोध कर रहे हैं। लेखक से संपर्क: contact@bhagwantanmol.com bhagwantnovelwritter@gmail.com

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          $15
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          Saat SaalSaat Saal
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • By: Mulk Raj Anand (Author)
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Binding : Paperback
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Language :  Hindi
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Edition :2014
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Pages:  204 pages
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • ISBN-10: 9350642859
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • ISBN-13 :9789350642856

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          DESCRIPTION:

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          डॉ. मुल्कराज आनन्द अंतरराष्ट्रीय प्रसिद्धि के लेखक हैं और उनका रचना-संसार बहुत बड़ा है। अंग्रेज़ी में लिखते हुए भी, उनका लेखकीय सरोकार भारतीय जन-जीवन और परिवेश से लगातार जुड़ा रहा है। उनके लेखन में देश की माटी की गन्ध है। ‘कुली’ और ‘अछूत’ जैसे दो महत्त्वपूर्ण उपन्यास इसी बात का प्रमाण हैं। ‘सात साल’ पुस्तक में मुल्कराज आनन्द अपने ही जीवन को कथावस्तु बनाते हैं। अपने सात वर्ष तक के बचपन को इसमें ऐसे उकेरा है कि यह पुस्तक कालजयी बन गयी है। सभी आलोचकों का मानना है कि बचपन का ऐसा संवेदनशील और मनोवैज्ञानिक चित्रण कहीं और देख पाना आसान नहीं है। ‘साल साल’ किसी भी पाठक वर्ग के लिए पढ़े जाने योग्य उपन्यास है जिसे दोबारा भी पढ़ना चाहेंगे।

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  $15

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