Fiction

Fiction

463 products

Showing 169 - 192 of 463 products
View
Ek Sadak Sattavan GaliyanEk Sadak Sattavan Galiyan
Ek Sadak Sattavan Galiyan
SPECIFICATION:
  • Publisher : Rajpal and Sons
  • By:  Kamleshwar (Author)
  • Binding : Paperback
  • Language : Hindi
  • Edition :2017
  • Pages: 112 pages
  • Size : 20 x 14 x 4 cm
  • ISBN-10: 8170283817
  • ISBN-13 : 9788170283812

DESCRIPTION: 

‘‘यह मेरा पहला उपन्यास है। लिखा सन् 1956 में गया था, यह उसी समय पूरा का पूरा हंस में छपा था। फिर सन् 68-69 या शायद इसके बाद श्री प्रेम कपूर ने इस पर फ़िल्म बनाई ‘बदनाम बस्ती’। मेरे लिए यह उपन्यास उतना ही प्रिय है जितनी प्रिय मेरे लिए मेरी माँ और मेरी जन्मभूमि मैनपुरी। तब यह उपन्यास बदनाम बस्ती के नाम से छपा और लोकप्रिय हुआ। अब तक मेरी ही तरह गर्दिश में चकराता हुआ यह उपन्यास अब अपने मूल नाम से प्रस्तुत है: एक सड़क सत्तावन गलियां’’

                          $15
                          Dogri Ki Chuni Hui KahaniyaanDogri Ki Chuni Hui Kahaniyaan
                          Dogri Ki Chuni Hui Kahaniyaan
                          SPECIFICATION:
                          • Publisher : Rajpal and Sons
                          • By:  Kamleshwar (Author)
                          • Binding : Hardcover
                          • Language : Hindi
                          • Edition :2012
                          • Pages: 184 pages
                          • Size : 20 x 14 x 4 cm
                          • ISBN-10: 8170289122
                          • ISBN-13 : 9788170289128

                          DESCRIPTION: 

                          डोगरी भाषा का कोई एक विशेष जन्म स्थान नहीं माना जा सकता। यह जम्मू एवं कश्मीर और पंजाब के कई इलाकों में बोली जाती है और शायद यही कारण है कि डोगरी पर पंजाबी और उर्दू दोनों भाषाओं का बहुत प्रभाव पड़ा और जो उसके साहित्य में भी दिखता है। ओम गोस्वामी, विष्णुनाथ खजूरिया, शिवदेव मनहास, तारा दानपुरे डोगरी के जाने-माने नाम हैं। उनकी और अन्य डोगरी लेखकों की चुनी हुई कहानियाँ इस पुस्तक में संकलित हैं जिनका चुनाव हिन्दी के प्रसिद्ध साहित्यकार कमलेश्वर ने किया है और साथ ही एक विस्तृत भूमिका भी लिखी है।

                                                  $25
                                                  Bharatmata Gramvasini
                                                  Bharatmata Gramvasini
                                                  SPECIFICATION:
                                                  • Publisher : Rajpal and Sons
                                                  • By:  Kamleshwar (Author)
                                                  • Binding : Hardcover
                                                  • Language : Hindi
                                                  • Edition :2014
                                                  • Pages: 100 pages
                                                  • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                  • ISBN-10: 8170285984
                                                  • ISBN-13 : 9788170285984

                                                  DESCRIPTION: 

                                                  पिछले दिनों कमलेश्वर को पाकिस्तान जाने का अवसर मिला लेखकों के सम्मेलन में। वहाँ रहकर, छोटे-बड़े, सभी व्यक्तियों से मिलकर, पाकिस्तानी लेखकों और लेखिकाओं से खुले दिल से बातें करके, वहाँ की सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति को देख-भाल कर जो अनुभव उन्होंने प्राप्त किए, उन्हें अपने खास अन्दाज़ में लिखा है। पाकिस्तान आज एक कठिन दौर से गुजर रहा है। अनेक विरोधाभासों, विषमताओं और विसंगतियों में लोग जी रहे हैं। जहाँ एक ओर गरीबों की पराकाष्ठा है तो दूसरी ओर अमीरी और जागीरदारी की। एक ओर सरकारी तौर पर शराबबन्दी है तो दूसरी ओर अमीरों के घर-घर में मयखाने खुले हैं। इन्हें पढ़कर आज के पाकिस्तान का सजीव चित्र आपके सामने आएगा। इस पुस्तक का एक विशेष प्रसंग है उन कैदियों के पत्र जो उन्होंने कमलेश्वर को लिखे। जो हिन्दुस्तान और पाकिस्तान के जेलों में कई वर्षों से बन्द हैं।

                                                                          $15
                                                                          Meri Priya KahaniyaanMeri Priya Kahaniyaan
                                                                          Meri Priya Kahaniyaan
                                                                          SPECIFICATION:
                                                                          • Publisher : Rajpal and Sons
                                                                          • By: Ravindra Kalia (Author)
                                                                          • Binding : Paperback
                                                                          • Language : Hindi
                                                                          • Edition :2017
                                                                          • Pages: 144 pages
                                                                          • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                          • ISBN-10: 9350643049
                                                                          • ISBN-13 : 9789350643044

                                                                          DESCRIPTION: 

                                                                          हिन्दी साहित्य में ‘नयी कहानी आन्दोलन’ के बाद उभरे लेखकों में अपनी विशिष्ट पहचान बनाने वाले लेखक रवीन्द्र कालिया की कहानियों की मौलिक विशेषता है युवा जीवन की संवेदनाओं का रेखांकन। उनकी कहानियों में हमारे शहरों-कस्बों की ज़िन्दगी में आ गयी जकड़बन्दी और दमघोंटू वातावरण का सजीव चित्रण है जो पाठकों को यथास्थिति से टकराने का हौंसला देता है। विधा के स्तर पर भी वे प्रयोगशील हैं और सामान्य कहानियों के साथ लम्बी कहानी का सधा हुआ कौशल भी उनके यहाँ दिखाई देता है। वे अपने लेखन में किसी शैली या भंगिमा को स्थायी नहीं बनने देते बल्कि लगातार नया-अलहदा और भिन्न रचने की तड़प उन्हें अपनी पीढ़ी में आदर्श कथाकार होने की वजह देती है। इन कहानियों का चुनाव स्वयं रवीन्द्र कालिया ने किया था और 2016 में उनके असामयिक निधन के बाद उनकी पत्नी ममता कालिया इन्हें पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रही हैं।

                                                                                                  $12
                                                                                                  Meri Priya KahaniyaanMeri Priya Kahaniyaan
                                                                                                  Meri Priya Kahaniyaan
                                                                                                  SPECIFICATION:
                                                                                                  • Publisher : Rajpal and Sons
                                                                                                  • By:  Mamta Kalia (Author)
                                                                                                  • Binding : Paperback
                                                                                                  • Language : Hindi
                                                                                                  • Edition :2019
                                                                                                  • Pages: 128 pages
                                                                                                  • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                                                  • ISBN-10: 9350643863
                                                                                                  • ISBN-13 : 9789350643860

                                                                                                  DESCRIPTION: 

                                                                                                  हिन्दी के समकालीन कथाकारों में वरिष्ठ ममता कालिया का लेखन नया और ताजगी भरा लगता है क्योंकि वे अपने आप को लगातार पुनर्नवा करती रही हैं। नब्बे के दशक में आये स्त्री विमर्श की नयी उत्तेजना के बहुत पहले उन्होंने ‘आपकी छोटी लड़की’ जैसी कहानी लिखी थी तो बिलकुल इधर के सामाजिक संक्रमण का राष्ट्रीय रूपक ‘दल्ली’ में देखा जा सकता है। ममता कालिया की भाषा की बहुत प्रशंसा हुई है। ब्रज की मिठास हो या इलाहाबाद का अवधी रंग - इस भाषा ने फिर साबित किया है कि सीधी लकीर खींचना सचमुच टेढ़ा काम है। हिन्दी कहानी को ऊँचाई देने वाली इस कथाकार की अपनी प्रिय कहानियों का यह संग्रह पाठकों को प्रिय होगा इसमें संदेह नहीं।

                                                                                                                          $12
                                                                                                                          Samay Ki Shila Par
                                                                                                                          Samay Ki Shila Par
                                                                                                                          SPECIFICATION:
                                                                                                                          • Publisher : Rajpal and Sons
                                                                                                                          • By:  Himanshu Joshi (Author)
                                                                                                                          • Binding : Hardcover 
                                                                                                                          • Language :  English
                                                                                                                          • Edition :2004
                                                                                                                          • Pages: 108 pages
                                                                                                                          • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                                                                          • ISBN-10: 8170284791
                                                                                                                          • ISBN-13 : 9788170284796

                                                                                                                          DESCRIPTION: 

                                                                                                                          हिमांशु जोशी की इस नवीन कृति में आज़ादी के दीवाने, तीन देशभक्त क्रांतिकारियों पर नये अंदाज़ में लिखे रूपक हैं - 1. नेताजी सुभाषचन्द्र बोस, 2. फॉंसी के तख्ते पर हँसते हुए जाने वाले अशफाक और 3. राष्ट्रनायक पं. गोविन्द बल्लभ पंत। इन तीनों के व्यक्तित्व को चित्रित करती है यह पुस्तक।

                                                                                                                                                  $10
                                                                                                                                                  TilasmTilasm
                                                                                                                                                  Tilasm
                                                                                                                                                  SPECIFICATION:
                                                                                                                                                  • Publisher : Rajpal and Sons
                                                                                                                                                  • By:  Sharad Joshi (Author)
                                                                                                                                                  • Binding : Paperback 
                                                                                                                                                  • Language :  English
                                                                                                                                                  • Edition :2016
                                                                                                                                                  • Pages: 144 pages
                                                                                                                                                  • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                                                                                                  • ISBN-10: 9350641836
                                                                                                                                                  • ISBN-13 : 9789350641835

                                                                                                                                                  DESCRIPTION: 

                                                                                                                                                  हिन्दी के जाने-माने व्यंग्यकार शरद जोशी के व्यंग्य जहाँ पाठक के मन को गुदगुदाते हैं वहीं सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक विसंगतियों को दर्शाते हुए करारी चोट भी करते हैं। इतना ही नहीं प्रशासन द्वारा आम लोगों की समस्याओं को हल करने की नाकाम कोशिशों पर कटाक्ष करने से भी नहीं चूकते। ‘तिलस्म’ में लेखक ने इसी चिर-परिचित शैली द्वारा समाज में फैले अंधविश्वासों पर प्रहार किया है। साथ ही रोज़मर्रा के जीवन की छोटी-छोटी किंतु महत्त्वपूर्ण स्थितियों को नई दिशा देते हुए जिस पैनी दृष्टि का परिचय दिया है वह पाठक को सहज ही प्रभावित करती है। 21 मई, 1931 को उज्जैन में जन्मे शरद जोशी का निधन 5 सितंबर, 1991 को मुंबई में हुआ। ‘छोटी सी बात’ और ‘उत्सव’ आदि चर्चित फिल्मों की पटकथा लिखने के अलावा उन्होंने कई टीवी धारावाहिक भी लिखे।

                                                                                                                                                                          $12
                                                                                                                                                                          Pichhle Dino
                                                                                                                                                                          Pichhle Dino
                                                                                                                                                                          SPECIFICATION:
                                                                                                                                                                          • Publisher : Rajpal and Sons
                                                                                                                                                                          • By:  Sharad Joshi (Author)
                                                                                                                                                                          • Binding : Paperback 
                                                                                                                                                                          • Language :  English
                                                                                                                                                                          • Edition :2014
                                                                                                                                                                          • Pages: 100 pages
                                                                                                                                                                          • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                                                                                                                          • ISBN-10: 8170288835
                                                                                                                                                                          • ISBN-13 : 9788170288831

                                                                                                                                                                          DESCRIPTION: 

                                                                                                                                                                          शरद जोशी की गणना हिन्दी के अग्रणी हास्य-व्यंग्यकारों में की जाती है। उनकी रचनाएं जहां एक ओर हंसाती और मन को गुदगुदाती हैं, वहां दूसरी ओर जबरदस्त चोट भी करती हैं। समाज, शासन और राजनीति उनकी रचनाओं के विशेष विषय रहे हैं। ‘पिछले दिनों’ शरद जोशी के ऐसे व्यंग्य लेखों का संग्रह है जो एक ओर सामाजिक स्थितियों को नई दृष्टि देते हुए सही दिशा की ओर इंगित करते हैं तो दूसरी ओर अपनी तीक्ष्णता और पैनेपन से भी पाठक को प्रभावित करते हैं। इन रचनाओं से हिन्दी साहित्य का स्तर ऊंचा हुआ है।

                                                                                                                                                                                                  $12
                                                                                                                                                                                                  Jaadu Ki SarkarJaadu Ki Sarkar
                                                                                                                                                                                                  Jaadu Ki Sarkar
                                                                                                                                                                                                  SPECIFICATION:
                                                                                                                                                                                                  • Publisher : Rajpal and Sons
                                                                                                                                                                                                  • By:  Sharad Joshi (Author)
                                                                                                                                                                                                  • Binding : Paperback 
                                                                                                                                                                                                  • Language :  English
                                                                                                                                                                                                  • Edition :2017
                                                                                                                                                                                                  • Pages: 144 pages
                                                                                                                                                                                                  • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                                                                                                                                                  • ISBN-10: 8170282276
                                                                                                                                                                                                  • ISBN-13 :9788170282273

                                                                                                                                                                                                  DESCRIPTION: 

                                                                                                                                                                                                  ‘जादू की सरकार’ हिन्दी के अप्रतिम और अविस्मरणीय व्यंग्यकार शरत जोशी के अब तक अप्रकाशित व्यंग्य-लेखों का संकलन है। रोज़मर्रा के जीवन-संदर्भों को आधार बनाकर लिखे गए इन लेखों में चुभन भी है और गुदगुदाहट भी। इनमें देश की शासन-व्यवस्था की ख़ामियों पर व्यंग्य है, सामाजिक-आर्थिक जीवन की विसंगतियों पर व्यंग्य है और है, आम लोगों की ज़िन्दगी से जुड़ी समस्याओं के हल के लिए की जा रही तमाम नाकाम कोशिशों पर व्यंग्य। व्यंग्यकार ने किसी भी दोष को अनदेखा नहीं किया, न ही किसी घाव या विकृति को ढंकने की कोशिश की है। उनके व्यंग्य सीधे चोट नहीं करते बल्कि अंतर्मन को झकझोरते हैं। शरद जोशी हिन्दी के पहले व्यंग्यकार हैं जिन्होंने व्यंग्य-विधा को काव्यमंच पर प्रतिष्ठित कराकर उसे अपूर्व ऊँचाई और व्यापक लोकप्रियता प्रदान की। व्यंग्य लिखना उनके लिए ज़िन्दगी जी लेने की तरकीब थी। हिन्दी व्यंग्य-रचनाओं में शरद जोशी की लेखन-शैली सबसे अधिक तराशी हुई लगती है। यह तराश संकलन के लेखों में भी स्पष्ट दिखाई देती है।-प्रकर। ‘जादू की सरकार’ में शरद जोशी ने समाज की सड़न को इस रूप में अनावृत्त किया है कि वह चुभती भी है और गुदगुदाती भी है।-रांची एक्सप्रेस। दैनिक जीवन की छोटी-से-छोटी किन्तु महत्त्वपूर्ण समस्या पर जिस बारीकी से इन व्यंग्यों में अभिव्यक्ति मिली है वह अन्यत्र मिलना कठिन है।-नवनीत।

                                                                                                                                                                                                                          $18
                                                                                                                                                                                                                          GhuspaithiyeGhuspaithiye
                                                                                                                                                                                                                          Ghuspaithiye
                                                                                                                                                                                                                          SPECIFICATION:
                                                                                                                                                                                                                          • Publisher : Rajpal and Sons
                                                                                                                                                                                                                          • By:  Hari Joshi (Author)
                                                                                                                                                                                                                          • Binding : Paperback 
                                                                                                                                                                                                                          • Language :  English
                                                                                                                                                                                                                          • Edition :2015
                                                                                                                                                                                                                          • Pages: 152 pages
                                                                                                                                                                                                                          • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                                                                                                                                                                          • ISBN-10: 9350643235
                                                                                                                                                                                                                          • ISBN-13 :9789350643235

                                                                                                                                                                                                                          DESCRIPTION: 

                                                                                                                                                                                                                          घुसपेठिये जाने माने लेखक हरि जोशी की अब तक की साहितियक यात्रा में एक और कड़ी है | 2013 में इन्हें 'व्यंग्श्री सम्मान' व 'साहित्य मनीषी', और 2002 में 'मध्यप्रदेश लेखक संघ सम्मान' से नवाज़ा गया था | इनकी अधिकांश रचनाए व्यंगात्मक होती है और कई बार अपने व्यंग के माध्यम से सरकार और उसके तौर-तरीको पर तीखा व्यंग करते है| ऐसे ही एक व्यंग लेख पर 1982 में तब के मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने उन्हें नौकरी से हटा दिया| इस पर देश के अनेक अखबारों और पत्रिकायो में विरोध हुआ और कुछ महीने बाद उनकी नौकरी पर वापिस रखना पड़ा | फिर 1997 में सरकारी तंत्र पर तीखा व्यंग करने के कारण उन्हें मध्य प्रदेश हाउसिंग बोर्ड ने कानूनी नोटिस दिया | व्यंग के ज़रिये समाज और सरकार पर अपनी पैनी नज़र डालते हुए अब तक उनकी बीस पुस्तके प्रकाशित हो चुकी हैं जिसमे से पांच उपन्यास हैं| घुसपेठिये उनका नवीनतम व्यंगात्मक उपन्यास हैं|

                                                                                                                                                                                                                                                  $15
                                                                                                                                                                                                                                                  BaheliyeBaheliye
                                                                                                                                                                                                                                                  Baheliye
                                                                                                                                                                                                                                                  SPECIFICATION:
                                                                                                                                                                                                                                                  • Publisher : Rajpal and Sons
                                                                                                                                                                                                                                                  • By:  Ankita Jain (Author)
                                                                                                                                                                                                                                                  • Binding : Paperback
                                                                                                                                                                                                                                                  • Language :  Hindi
                                                                                                                                                                                                                                                  • Edition :2020
                                                                                                                                                                                                                                                  • Pages: 128 pages
                                                                                                                                                                                                                                                  • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                                                                                                                                                                                                  • ISBN-10: 9389373158
                                                                                                                                                                                                                                                  • ISBN-13 :9789389373158

                                                                                                                                                                                                                                                  DESCRIPTION: 

                                                                                                                                                                                                                                                  स्त्रियाँ जो मिटाना चाहती हैं अपने माथे पर लिखी मूर्खता किताबों में उनके नाम दर्ज चुटकुलों, और इस चलन को भी जो कहता है, ‘‘यह तुम्हारे मतलब की बात नहीं’’ मगर सिमट जाती हैं मिटाने में कपड़ों पर लगे दाग, चेहरों पर लगे दाग, और चुनरी में लगे दागों को, स्त्रियाँ, जो होना चाहती हैं खड़ी चैपालों, पान ठेलों और चाय की गुमटियों पर करना चाहती हैं बहस और निकालना चाहती हैं निष्कर्ष मगर सिमट जाती हैं निकालने में लाली-लिपस्टिक-कपड़ों और ज़ेवरों के दोष, कौन हैं ये स्त्रियाँ? क्या ये सदियों से ऐसी ही थीं? या बना दी गईं? अगर बना दी गईं तो बदलेंगी कैसे? बदलेंगी....मगर सिर्फ़ तब जब वे ख़ुद चाहेंगी बदलना सिमटना छोड़कर। सवाल तो यह है कि क्या स्त्री खुद अपनी मर्ज़ी से सिमटकर रह जाती है या फिर उसका परिवार, परिवेश, समाज और समाज के बहेलिए उसे सिमटने पर विवश करते हैं। यह कहानी संग्रह उन सभी स्त्रियों की कहानी है जिनके जीवन में बहेलिए आए, उन्हें कैद करने की कोशिश भी की, मगर क्या वे कैद हुईं? यह ज़रूरी नहीं कि इन कहानियों में बहेलिए सिर्फ़ पुरुष ही हों, स्त्रियाँ ख़ुद भी पितृसत्ता को ढोते-ढोते अब उसका अभिन्न अंग बन गई हैं.... युवा लेखिका अंकिता जैन का कहानी-संग्रह बहेलिए हिन्दी में इनकी तीसरी पुस्तक है। 2018 में प्रकाशित मैं से माँ तक जो औरत के माँ बनने की अनुभव-यात्रा है, बहुत सराही गयी। इससे पहले प्रकाशित कहानी-संग्रह एक ऐसी वैसी औरत भी लोकप्रिय हुआ। साहित्य में पूरी तरह लीन होने से पहले तीन वर्षों तक अंकिता जैन ने संपादक और प्रकाशक के रूप में रू-ब-रू दुनिया पत्रिका का प्रकाशन किया। इनका सम्पर्क है: postankitajain@gmail.com

                                                                                                                                                                                                                                                                          $29
                                                                                                                                                                                                                                                                          KankadiKankadi
                                                                                                                                                                                                                                                                          Kankadi
                                                                                                                                                                                                                                                                          SPECIFICATION:
                                                                                                                                                                                                                                                                          • Publisher : Rajpal and Sons
                                                                                                                                                                                                                                                                          • By:  Manorma Jafa (Author)
                                                                                                                                                                                                                                                                          • Binding : Paperback
                                                                                                                                                                                                                                                                          • Language :  Hindi
                                                                                                                                                                                                                                                                          • Edition :2010
                                                                                                                                                                                                                                                                          • Pages: 120 pages
                                                                                                                                                                                                                                                                          • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                                                                                                                                                                                                                          • ISBN-10: 8170288533
                                                                                                                                                                                                                                                                          • ISBN-13 :9788170288534

                                                                                                                                                                                                                                                                          DESCRIPTION: 

                                                                                                                                                                                                                                                                          जीवनसाथी की सबसे ज़्यादा ज़रूरत जीवन-संध्या के समय होती है। उम्र की ढलान का एकाकीपन जीवन का सबसे कठिन दौर होता है। 'कंकड़ी' के नायक आनन्द सिन्हा एक विधुर हैं। पत्नी की मृत्यु के बाद वे जीवन में रीतापन अनुभव करते हैं जिसे दूर करना उन्हें अत्यंत प्रेम करने वाले परिवार के लिए भी संभव नहीं। प्रकृति के सान्निध्य में मन की शांति तलाशने वे मनाली जाते हैं, लेकिन वहां कुछ ऐसा घटित हो जाता है जो उन्हें एक बार फिर दोराहे पर ला खड़ा करता है। लेखिका मनोरमा जफ़ा का पहली ही उपन्यास ‘देविका’ हिन्दी निदेशालय के साहित्य कृति सम्मान 2007 से सम्मानित हुआ। इसके अतिरिक्त उनका एक कहानी-संग्रह और दो उपन्यास भी प्रकाशित हो चुके हैं। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में कहानियां लिखने वाली लेखिका का हिन्दी और अंग्रेज़ी दोनों ही भाषाओं पर समान अधिकार है।

                                                                                                                                                                                                                                                                                                  $12
                                                                                                                                                                                                                                                                                                  Kutta Jisne Sapne Dekhne Ki Himmat KiKutta Jisne Sapne Dekhne Ki Himmat Ki
                                                                                                                                                                                                                                                                                                  Kutta Jisne Sapne Dekhne Ki Himmat Ki
                                                                                                                                                                                                                                                                                                  SPECIFICATION:
                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Publisher : Rajpal and Sons
                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • By:  Sun-Mi Hwang (Author)
                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Binding : Paperback
                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Language :  Hindi
                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Edition :2016
                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Pages: 160 pages
                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • ISBN-10: 9350643944
                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • ISBN-13 :9789350643945

                                                                                                                                                                                                                                                                                                  DESCRIPTION: 

                                                                                                                                                                                                                                                                                                  यह पुस्तक इन्सान और कुत्ते के बीच दिल को छू लेने वाले अनोखे रिश्ते की कहानी है। इसमें कुछ लम्हे हैं खुशी के, कुछ गम के, कुछ सपने हैं और उन सपनों को साकार करने का सफ़र है जिसके हर पड़ाव पर होने वाले उतार-चढ़ाव हैं। कहने को यह एक सीधी-सादी कहानी है लेकिन वास्तव में जीवन की उस मूलभूत गहरी सच्चाई को दर्शाती है कि हिम्मत से हर परिस्थिति पर जीत पायी जा सकती है। सुन-मि ह्वांग कोरिया की बेहद लोकप्रिय लेखिका हैं जिनकी चालीस से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। उनकी पुस्तक 'द हैन हू ड्रीम्ड शी कुड फ्लाई' अन्तरराष्ट्रीय बैस्टसैलर है और कोरिया में दस वर्षों तक सबसे अधिक बिकने वाली पुस्तकों की सूची में बनी रही।

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          $16
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          SidharthSidharth
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          Sidharth
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          SPECIFICATION:
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Publisher : Rajpal and Sons
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • By:  Hermann Hesse (Author)
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Binding : Paperback
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Language :  Hindi
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Edition :2016
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Pages: 112 pages
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • ISBN-10: 9350642344
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • ISBN-13 :9789350642344

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          DESCRIPTION: 

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          1946 में साहित्य के क्षेत्र में योगदान के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित लेखक हरमन हेस का यह विश्वप्रसिद्ध उपन्यास है। अनेक भाषाओं में अनूदित इस छोटे-से उपन्यास का विश्व साहित्य में बहुत बड़ा दर्जा है। खुद को खोजने की अन्तरयात्रा की यह कहानी भारत की पृष्ठभूमि पर लिखी गई है। कहानी है गौतम बुद्ध के ज़माने में सिद्धार्थ नामक युवक की जो ज्ञानोदय की तलाश में अपने घर-बार को छोड़कर निकल जाता है। इस यात्रा के दौरान सिद्धार्थ को किस प्रकार के अलग-अलग अनुभव होते हैं यही सब इस उपन्यास में दर्शाया गया है। मूलतः जर्मन भाषा में लिखा यह उपन्यास 1960 के दशक में बहुत लोकप्रिय हुआ।

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  $15
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  Bharatiya Upanyaas Ki Avdhaarna Aur SwarupBharatiya Upanyaas Ki Avdhaarna Aur Swarup
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  Bharatiya Upanyaas Ki Avdhaarna Aur Swarup
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  SPECIFICATION:
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Publisher : Rajpal and Sons
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • By: Alok Gupta(Author)
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Binding : Hardcover
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Language :  Hindi
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Edition :2012
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Pages:224  pages
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • ISBN-10: 8170289084
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • ISBN-13 :9788170289081

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  DESCRIPTION: 

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  ‘‘भारतीय उपन्यास को परिभाषित करने के मूल में एक वह किसान जो उपेक्षित, पीड़ित है जिसे साहित्य में स्थान ही नहीं मिला था वह पहली बार नायक बना। हीरो बना प्रेमचन्द के हाथों और दूसरी ओर, वह जो नारी हाशिए पर थी उपन्यास विधा में समस्त संवेदनाओं का केन्द्र बनी। इन दोनों के साथ भारतीय उपन्यास ने वह रूप प्राप्त किया जहाँ इन उपन्यासों में हम भारतीय नारी को पहचान सकते हैं, भारतीय मनुष्य को पहचान सकते हैं।’’ - नामवर सिंह ‘‘हिन्दू समाज ने जब पश्चिमकाल मूल्यों को स्वीकार किया तब आर्थिक व्यवस्था को छोड़कर बाकी सारी व्यवस्थाएँ विकसित मूल्यों के अनुसार रची गईं। व्यापारी अंग्रेज़ संस्कृति यहाँ की आर्थिक व्यवस्था के शोषण के लिए ही आई हुई थी इसलिए सच्चाई यह है कि उन्होंने अन्य सांस्कृतिक व्यवस्थाओं को तो सुधारा किन्तु आर्थिक व्यवस्था को पुरानी मध्ययुगीन ही रखा।’’-भालचन्द्र नेमाड़े ‘‘शायद यह कहना समीचीन होगा कि भारतीयता हड़प्पा और भारतीय-आर्यों की सभ्यताओं की पारस्परिक अंतःक्रिया से जन्मी। भारतीय साहित्य भारतीयता के कलात्मक स्फुरण (उत्प्रेरणा) का पुनःसृजन है। इस साहित्य में न केवल दैनन्दिन जीवन की सच्चाइयाँ, बल्कि दर्शन, एक दृष्टिकोण, उनके धार्मिक विधि-विधाओं और कई दूसरी बातों में बिम्बित विशिष्ट मूल्य प्रतिबिम्बित होते हैं।’’ - तकषि शिवशंकर पिल्लै

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          $19
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          Usne Kaha Tha Aur Anya KahaniyaaUsne Kaha Tha Aur Anya Kahaniyaa
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          Usne Kaha Tha Aur Anya Kahaniyaa
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          SPECIFICATION:
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Publisher : Rajpal and Sons
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • By:  Chandradhar Sharma Guleri(Author)
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Binding : Paperback
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Language :  Hindi
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Edition :2017
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Pages:112 pages
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • ISBN-10: 8174831533
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • ISBN-13 :9788174831538

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          DESCRIPTION: 

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          हिन्दी कहानी की साहित्यिक यात्रा में ‘उसने कहा था’ पहली आधुनिक कहानी मानी जाती है। यथार्थवाद पर आधारित यह कहानी गुलेरी ने 1920 के दशक में लिखी जिस पर प्रेमचन्द ने सान चढ़ाई। चन्द्रधर शर्मा ‘गुलेरी’ की लोकप्रियता का मुख्य कारण तो उनकी यह कहानी है ही लेकिन उन्होंने कहानियों के अतिरिक्त निबंध, आलोचना-समीक्षा, विमर्श और शोध जैसी उस समय की अविकसित विधाओं में भी लिखा। उनकी लेखन-शैली अनूठी और बहुत प्रभावपूर्ण थी। जहां एक ओर उनकी कहानियाँ-‘उसने कहा था’, ‘सुखमय जीवन’ और ‘बुद्धू का कांटा’ उल्लेखनीय मानी जाती हैं तो दूसरी ओर उनके दो निबंध-‘कछुआ धरम’ और ‘मारेसि मोहिं मुठाँव’ बहुत महत्त्वपूर्ण माने जाते हैं। गुलेरी की कुछेक कहानियों को छोड़कर बाकी कहानियाँ बहुत छोटी हैं लेकिन छोटी होते हुए भी प्रभावशाली हैं। हिन्दी के वरिष्ठ आलोचक डा. नामवर सिंह का कहना है-‘‘सस्कृत के पंडित उस जमाने में और भी थे, लेकिन ‘उसने कहा था’ जैसी कहानी और ‘कछुआ धरम’ जैसा लेख लिखने का श्रेय गुलेरी जी को ही है। इसलिए वे हिन्दी के बंकिमचन्द भी हैं और ईश्वरचन्द्र विद्यासागर भी।’’

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  $15
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  Usne Kaha Tha Aur Anya KahaniyaaUsne Kaha Tha Aur Anya Kahaniyaa
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  Usne Kaha Tha Aur Anya Kahaniyaa
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  SPECIFICATION:
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Publisher : Rajpal and Sons
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • By:  Chandradhar Sharma Guleri(Author)
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Binding : Hardcover
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Language :  Hindi
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Edition :2014
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Pages:112 pages
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • ISBN-10: 8174831541
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • ISBN-13 :9788174831545

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  DESCRIPTION: 

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  हिन्दी कहानी की साहित्यिक यात्रा में ‘उसने कहा था’ पहली आधुनिक कहानी मानी जाती है। यथार्थवाद पर आधारित यह कहानी गुलेरी ने 1920 के दशक में लिखी जिस पर प्रेमचन्द ने सान चढ़ाई। चन्द्रधर शर्मा ‘गुलेरी’ की लोकप्रियता का मुख्य कारण तो उनकी यह कहानी है ही लेकिन उन्होंने कहानियों के अतिरिक्त निबंध, आलोचना-समीक्षा, विमर्श और शोध जैसी उस समय की अविकसित विधाओं में भी लिखा। उनकी लेखन-शैली अनूठी और बहुत प्रभावपूर्ण थी। जहां एक ओर उनकी कहानियाँ-‘उसने कहा था’, ‘सुखमय जीवन’ और ‘बुद्धू का कांटा’ उल्लेखनीय मानी जाती हैं तो दूसरी ओर उनके दो निबंध-‘कछुआ धरम’ और ‘मारेसि मोहिं मुठाँव’ बहुत महत्त्वपूर्ण माने जाते हैं। गुलेरी की कुछेक कहानियों को छोड़कर बाकी कहानियाँ बहुत छोटी हैं लेकिन छोटी होते हुए भी प्रभावशाली हैं। हिन्दी के वरिष्ठ आलोचक डा. नामवर सिंह का कहना है-‘‘सस्कृत के पंडित उस जमाने में और भी थे, लेकिन ‘उसने कहा था’ जैसी कहानी और ‘कछुआ धरम’ जैसा लेख लिखने का श्रेय गुलेरी जी को ही है। इसलिए वे हिन्दी के बंकिमचन्द भी हैं और ईश्वरचन्द्र विद्यासागर भी।’’

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          $15
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          Pariyon Ki KahaniyaanPariyon Ki Kahaniyaan
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          Pariyon Ki Kahaniyaan
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          SPECIFICATION:
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Publisher : Rajpal and Sons
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • By: Jacob Grimm(Author)
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Binding : Paperback
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Language : Hindi
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Edition :2016
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Pages: 80 pages
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • ISBN-10: 8174830138
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • ISBN-13 :9788174830135

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          DESCRIPTION: 


                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  $10
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  AawaraAawara
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  Aawara
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  SPECIFICATION:
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Publisher : Rajpal and Sons
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • By: Kahlil Gibran (Author)
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Binding : Paperback
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Language : Hindi
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Edition :2018
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Pages: 112 pages
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • ISBN-10: 8170287626
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • ISBN-13 :9788170287629

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  DESCRIPTION: 

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  ख़लील जिब्रान बीसवीं सदी के एक लोकप्रिय लेखक थे। 6 जनवरी 1883 को उनका जन्म लेबनान में हुआ। उन्होंने अपने जीवन का अधिकांश भाग अमेरिका में बिताया और अपने जीवन काल में पचीस किताबों की रचना की। वह एक निबंधकार, उपन्यासकार, कवि तथा चित्रकार के रूप में जाने गये और उनकी रचनाएं पीढ़ी दर पीढ़ी पढ़ी जाती रहीं और पाठकों को जीवन, प्रेम और सहभागिता के नये अर्थ समझाती रहीं। यह पुस्तक ख़लील जिब्रान की अंतिम रचना है, जो वर्ष 1931 में उन्होंने अपनी मृत्यु के बस कुछ ही पहले पूरी की। इस पुस्तक को भी ‘मसीहा’ की ही तरह एक श्रेष्ठ कृति का सम्मान दिया गया। इस पुस्तक में ख़लील जिब्रान ने कविता और सूक्तियों के माध्यम से अपना कालातीत जीवन-दर्शन तथा ज्ञान प्रस्तुत किया है जिसने विश्व-स्तर पर मान्यता पाई है। इस अधुनातन गौरव-ग्रंथ को ख़लील जिब्रान के रहस्यपूर्ण चित्रांकन ने और भी निखार दे दिया है।

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          $15
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          Litti – ChokhaLitti – Chokha
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          Litti – Chokha
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          SPECIFICATION:
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Publisher : Rajpal and Sons
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • By:  Geetashree (Author)
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Binding : Paperback
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Language : Hindi
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Edition :2019
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Pages: 112 pages
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • ISBN-10: 93893730010
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • ISBN-13 :9789389373004

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          DESCRIPTION: 

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          गीताश्री उन चुनिंदा लेखिकाओं में हैं जिनकी कहानियों का अपना ‘लोकेल’, अपनी बोली-ठोली है जो स्थानीय जीवन संदर्भों में गहरे रचा-बसा है। उनकी अपनी सघन भाषा भी है जिसमें बोली के मुहावरे बहुत प्रमुखता से दिखाई देते हैं। लिट्टी-चोखा और अन्य कहानियाँ कहानी-संग्रह की दस कहानियाँ इसका बेहतरीन उदाहरण हैं। संग्रह की कहानियों में तिरहुत-मिथिला के धूल पगे गाँवों-क़स्बों की भूली-बिसरी कहानियाँ कभी वहाँ की समृद्ध सामाजिकता की याद दिला देती हैं तो कभी विस्थापन की गहरी टीस से भर देती हैं। उनकी कहानियों के परिवेश ही नहीं किरदार भी याद रह जाने वाले हैं। राजा बाबू, पमपम बाबू जैसे कलाकार हैं जिनको कभी पहचान नहीं मिल पाई, नीलू कुमारी है जिसको दिल्ली में नौकरी मिल जाती है और क़स्बे में प्रेमी पीछे छूट जाता है। यह गीताश्री की कहानियों का नया मुक़ाम है जिनमें अपने अपनों से छूट रहे हैं, भास-आभास की दूरी मिटती दिखाई दे रही है, जो जहाँ है वह वहीं नहीं है। सब भ्रम है, यथार्थ कुछ भी नहीं। लिट्टी-चोखा और अन्य कहानियाँ आते हुए दौर के लिए बीते हुए दौर के अल्बम की तरह है, मानो लेखिका जिसे झाड़-पोंछकर पढ़ने वालों के लिए सहेज रही हो। गीताश्री की कहानियों में ग्रामीण-कस्बाई जीवन के सघन समाज से लेकर महानगरीय जीवन की अकेली लड़ाइयाँ तक मौजूद हैं।

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  $15
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  Ladies CircleLadies Circle
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  Ladies Circle
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  SPECIFICATION:
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Publisher : Rajpal and Sons
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • By:  Geetashree (Author)
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Binding : Paperback
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Language : Hindi
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Edition :2018
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Pages: 144 pages
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • ISBN-10: 9386534401
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • ISBN-13 :9789386534408

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  DESCRIPTION: 

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  ‘‘ ‘लेडीज़ सर्कल’ वह बेबाक परिसर है जहाँ कोई परदेदारी नहीं होती। जहाँ सबकुछ खुला है। किसी भी शहरी खुलेपन को मात देती स्त्रियाँ सेक्सुआलिटी के मामले में कितनी वाचाल होती हैं। उनकी जमात में बैठने का मौका न मिलता तो कहाँ जान पाती कि कस्बाई औरतें अपनी तकलीफ़ों को कैसे हँसी में उड़ा कर खुद ही मज़े ले सकती हैं। उनकी दुनिया में ‘नो’ का मतलब ‘नो’ नहीं होता है। हमारे देश में यथार्थ तेज़ी से बदल रहा है। जो आज है, कल नहीं है। हम ऐसे अनिश्चित दौर में कहानी लिख रहे हैं जब पल-पल दुनिया बदल रही है। अपने समय के बदलते यथार्थ से जूझते हुए कहानी लिखना बहुत आसान नहीं है। ये मात्र मनोरंजक कथाएँ नहीं हैं, यथार्थ को आभासीय सत्य के सहारे, उसमें जोड़-तोड़ करते हुए हमारे समय के सच को सामने ला रही हैं।’’ इस पुस्तक की भूमिका से अपनी कलम से स्त्रियों की लड़ाई लड़ने वाली गीताश्री अपने कॅरियर के लिए घर से भाग गयी थीं और तब से निरन्तर वे स्त्रियों को समाज में बराबरी का दर्जा और आज़ादी दिलाने के लिए लिख रही हैं। कहानी, उपन्यास, कविता, निबन्ध और स्त्री-विमर्श जैसे विविध विषयों पर उनकी अनेक पुस्तकें प्रकाशित हैं। कथा साहित्य के लिए उन्हें 2013 में ‘इला त्रिवेणी सम्मान’, ‘भारतेन्दु हरिश्चन्द्र सम्मान’ और ‘बिहार गौरव सम्मान 2015’ से अलंकृत किया गया। स्वतन्त्र लेखन से पहले वह आउटलुक  पत्रिका में सहायक सम्पादक और बिंदिया पत्रिका में सम्पादक रह चुकी हैं।

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          $15
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          Har Haal BeganeHar Haal Begane
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          Har Haal Begane
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          SPECIFICATION:
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Publisher : Rajpal and Sons
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • By:  Mridula Garg (Author)
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Binding : Hardcover
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Language : Hindi
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Edition :2014
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Pages: 152 pages
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • ISBN-10: 9350642514
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • ISBN-13 :9789350642511

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          DESCRIPTION: 

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          प्रसिद्ध लेखिका मृदुला गर्ग कहानी, उपन्यास, नाटक, निबन्ध, यात्रा-वृत्तांत सभी विधाओं में लिखती हैं। उनकी लेखन शैली लीक से हटकर है जो पाठक को शुरू से अंत तक बाँधकर रखती है। लोकप्रियता के साथ उन्हें आलोचनात्मक सराहना भी प्राप्त है। उनकी रचनाएँ कई भारतीय और विदेशी भाषाओं में अनूदित हैं। उन्हें व्यास सम्मान, साहित्यकार सम्मान, साहित्य भूषण और 2013 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से नवाज़ा गया है। अपनी अनगिनत विदेश-यात्राओं में लेखिका को वहां बसे भारतीयों से मिलने-जुलने, उनको जानने और समझने का मौका मिला। उन्हीं को आधार बनाकर मृदुला गर्ग ने ये कहानियाँ लिखी हैं। चालीस वर्षों की लंबी अवधि में अलग-अलग समय पर प्रवासी भारतीयों पर लिखी उनकी ये कहानियाँ पाठक के मन पर अपनी अमिट छाप छोड़ती हैं।

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  $22
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  Har Haal BeganeHar Haal Begane
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  Har Haal Begane
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  SPECIFICATION:
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Publisher : Rajpal and Sons
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • By:  Mridula Garg (Author)
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Binding : Paperback
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Language : Hindi
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Edition :2014
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Pages: 152 pages
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • ISBN-10: 9350642492
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • ISBN-13 :9789350642498

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  DESCRIPTION: 

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  प्रसिद्ध लेखिका मृदुला गर्ग कहानी, उपन्यास, नाटक, निबन्ध, यात्रा-वृत्तांत सभी विधाओं में लिखती हैं। उनकी लेखन शैली लीक से हटकर है जो पाठक को शुरू से अंत तक बाँधकर रखती है। लोकप्रियता के साथ उन्हें आलोचनात्मक सराहना भी प्राप्त है। उनकी रचनाएँ कई भारतीय और विदेशी भाषाओं में अनूदित हैं। उन्हें व्यास सम्मान, साहित्यकार सम्मान, साहित्य भूषण और 2013 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से नवाज़ा गया है। अपनी अनगिनत विदेश-यात्राओं में लेखिका को वहां बसे भारतीयों से मिलने-जुलने, उनको जानने और समझने का मौका मिला। उन्हीं को आधार बनाकर मृदुला गर्ग ने ये कहानियाँ लिखी हैं। चालीस वर्षों की लंबी अवधि में अलग-अलग समय पर प्रवासी भारतीयों पर लिखी उनकी ये कहानियाँ पाठक के मन पर अपनी अमिट छाप छोड़ती हैं।

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          $15
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          NazakatNazakat
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          Nazakat
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          SPECIFICATION:
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Publisher : Rajpal and Sons
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • By:  David Foenkinos (Author)
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Binding :Hardcover
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Language : Hindi
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Edition :2016
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Pages: 264  pages
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • ISBN-10: 9350643391
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • ISBN-13 :9789350643396

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          DESCRIPTION: 

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          नैटेली अपनी ज़िन्दगी से बेहद खुश है। अपने काम में सफल है और अपने पति के साथ सुखी जीवन बिता रही है। लेकिन अचानक जब उसका पति एक कार दुर्घटना में मारा जाता है तो उसकी हँसती-खेलती दुनिया एकदम वीरान और उदास हो जाती है। कई बरस बीत जाते हैं, और फिर एक दिन, यूँ ही बिना कुछ सोचे-समझे वह अपने साथ काम कर रहे मार्कस को चुम्बन देती है। मार्कस नैटेली को चाहने लगता है। लेकिन नैटेली अपने ही गम की दुनिया में डूबी है....क्या मार्कस नैटेली को यह विश्वास दिला सकेगा कि वह उसके जीवन में फिर से प्यार की बहार ला सकता है? क्या नैटेली उसकी मुहब्बत को कबूल कर पायेगी...दो दिलों की कशमकश में डूबते-उतरते प्यार की कहानी है नज़ाकत। 2009 में प्रकाशित इस पुस्तक La Delicatesse को आलोचकों और पाठकों, दोनों ने ही सराहा और दस पुरस्कारों से नवाज़ा गया। डेविड फाॅन्किनोस का जन्म 28 अक्टूबर 1974 को पेरिस में हुआ था और साहित्य और संगीत की शिक्षा उन्होंने पेरिस में ही प्राप्त की। उनकी पहली पुस्तक 2002 में प्रकाशित हुई थी। उनके अन्य लोकप्रिय उपन्यास हैं Charlotte और La Potential Erotique de ma Femme। एक लेखक होने के साथ वह एक संगीतकार भी हैं और फ़िल्मों की पटकथा भी लिखते हैं।

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  $35

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  Recently viewed