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4065 products

SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Rajpal Graphic Studio (Author)
- Binding :Paperback
- Language: Hindi
- Edition :2018
- Pages: 16 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10:9350642905
- ISBN-13: 9789350642900
DESCRIPTION:
‘‘पंचतन्त्र’’ सचित्र कहानियों की एक श्रृंखला है। ये कहानियाँ हज़ारों वर्ष पूर्व राजकुमारों और राजकुमारियों को शिक्षा देने के लिए लिखी गईं। ये कहानियाँ बहुत ही सहज, सरल और आसानी से समझ आने वाले व बड़े ही मनोरंजक ढंग से शिक्षा देती हैं। हर कहानी ईमानदारी, वफ़ादारी, एकता, अच्छे चरित्र और जीवन मूल्यों की शिक्षा देती है। कहानियों के मुख्य पात्र पशु व पक्षी हैं इसलिए बच्चे कहानी में दी गई शिक्षा को आसानी से ग्रहण कर लेते हैं। पंचतन्त्र की कहानियाँ बच्चों के साथ-साथ बड़ों में भी लोकप्रिय हैं।


SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Rajpal Graphic Studio (Author)
- Binding :Paperback
- Language: Hindi
- Edition :2017
- Pages: 16 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10:9350642913
- ISBN-13: 9789350642917
DESCRIPTION:
‘‘पंचतन्त्र’’ सचित्र कहानियों की एक श्रृंखला है। ये कहानियाँ हज़ारों वर्ष पूर्व राजकुमारों और राजकुमारियों को शिक्षा देने के लिए लिखी गईं। ये कहानियाँ बहुत ही सहज, सरल और आसानी से समझ आने वाले व बड़े ही मनोरंजक ढंग से शिक्षा देती हैं। हर कहानी ईमानदारी, वफ़ादारी, एकता, अच्छे चरित्र और जीवन मूल्यों की शिक्षा देती है। कहानियों के मुख्य पात्र पशु व पक्षी हैं इसलिए बच्चे कहानी में दी गई शिक्षा को आसानी से ग्रहण कर लेते हैं। पंचतन्त्र की कहानियाँ बच्चों के साथ-साथ बड़ों में भी लोकप्रिय हैं।


SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Rajpal Graphic Studio (Author)
- Binding :Paperback
- Language: Hindi
- Edition :2018
- Pages: 16 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10:9350642921
- ISBN-13: 9789350642924
DESCRIPTION:
‘‘पंचतन्त्र’’ सचित्र कहानियों की एक श्रृंखला है। ये कहानियाँ हज़ारों वर्ष पूर्व राजकुमारों और राजकुमारियों को शिक्षा देने के लिए लिखी गईं। ये कहानियाँ बहुत ही सहज, सरल और आसानी से समझ आने वाले व बड़े ही मनोरंजक ढंग से शिक्षा देती हैं। हर कहानी ईमानदारी, वफ़ादारी, एकता, अच्छे चरित्र और जीवन मूल्यों की शिक्षा देती है। कहानियों के मुख्य पात्र पशु व पक्षी हैं इसलिए बच्चे कहानी में दी गई शिक्षा को आसानी से ग्रहण कर लेते हैं। पंचतन्त्र की कहानियाँ बच्चों के साथ-साथ बड़ों में भी लोकप्रिय हैं।


SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Rajpal Graphic Studio (Author)
- Binding :Paperback
- Language: Hindi
- Edition :2018
- Pages: 16 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10:93506429310
- ISBN-13: 9789350642931
DESCRIPTION:
‘‘पंचतन्त्र’’ सचित्र कहानियों की एक श्रृंखला है। ये कहानियाँ हज़ारों वर्ष पूर्व राजकुमारों और राजकुमारियों को शिक्षा देने के लिए लिखी गईं। ये कहानियाँ बहुत ही सहज, सरल और आसानी से समझ आने वाले व बड़े ही मनोरंजक ढंग से शिक्षा देती हैं। हर कहानी ईमानदारी, वफ़ादारी, एकता, अच्छे चरित्र और जीवन मूल्यों की शिक्षा देती है। कहानियों के मुख्य पात्र पशु व पक्षी हैं इसलिए बच्चे कहानी में दी गई शिक्षा को आसानी से ग्रहण कर लेते हैं। पंचतन्त्र की कहानियाँ बच्चों के साथ-साथ बड़ों में भी लोकप्रिय हैं।

SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Rajpal Graphic Studio (Author)
- Binding :Paperback
- Language: Hindi
- Edition :2018
- Pages: 16 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10:9350642948
- ISBN-13: 9789350642948
DESCRIPTION:
‘‘पंचतन्त्र’’ सचित्र कहानियों की एक श्रृंखला है। ये कहानियाँ हज़ारों वर्ष पूर्व राजकुमारों और राजकुमारियों को शिक्षा देने के लिए लिखी गईं। ये कहानियाँ बहुत ही सहज, सरल और आसानी से समझ आने वाले व बड़े ही मनोरंजक ढंग से शिक्षा देती हैं। हर कहानी ईमानदारी, वफ़ादारी, एकता, अच्छे चरित्र और जीवन मूल्यों की शिक्षा देती है। कहानियों के मुख्य पात्र पशु व पक्षी हैं इसलिए बच्चे कहानी में दी गई शिक्षा को आसानी से ग्रहण कर लेते हैं। पंचतन्त्र की कहानियाँ बच्चों के साथ-साथ बड़ों में भी लोकप्रिय हैं।


SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Devdutt Pattanaik (Author)
- Binding :Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2016
- Pages: 240 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350643383
- ISBN-13: 9789350643389
DESCRIPTION:
भारत के हर प्रान्त, हर कस्बे और यहाँ तक कि हर गाँव में अलग-अलग देवी पूजी जाती हंै और प्रत्येक का अपना अलग रूप, स्वरूप और विशेषता है। प्राचीन हिन्दू पौराणिक कहानियों और किंवदंतियों के शोध पर आधारित इस पुस्तक में लेखक देवदत्त पट्टनायक खोजबीन कर रहे हैं कि पिछले चार हज़ार वर्षों में देवी की अवधारणा कैसे बदली है। उन्होंने पाया कि जितनी भी देवियाँ हैं, उन सभी की उत्पत्ति पाँच मुख्य स्वरूपों से हुई है। पहला स्वरूप है जिसमें देवी को प्रकृति के रूप में माना गया है। देवी का दूसरा स्वरूप है जननी के रूप में है, जिसमें ममता उसका सबसे बड़ा गुण है। देवी का तीसरा स्वरूप है पुरुष को लुभाकर शारीरिक भोग-विलास से जीवन-चक्र में बाँधने वाली अप्सरा। जहाँ स्त्री घर-गृहस्थी के बन्धन में बँध जाती है तो उजागर होता है उसका चैथा स्वरूप, पत्नी के रूप में, जो अपने पतिव्रतता से चमत्कार करने की शक्ति भी रखती है। पाँचवाँ स्वरूप है बदला लेने वाली डरावनी, खूँखार आसुरी का। देवी के इन पाँच स्वरूपों को लेखक ने बहुत ही रोचक लोककथाओं और किंवदंतियों के ज़रिये पाठक के सामने उजागर किया है। देवदत्त पट्टनायक पौराणिक विषयों के जाने-माने विशेषज्ञ हैं। पौराणिक कहानियों, संस्कारों और रीति-रिवाज़ों का हमारी आधुनिक ज़िन्दगी में क्या महत्त्व है, इस विषय पर वह लिखते भी हैं और जगह-जगह व्याख्यान भी देेते हैं। इनकी पन्द्रह से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं और टीवी पर इनका कार्यक्रम भी दिखाया जाता है। विष्णु के सात रहस्य, शिव के सात रहस्य, शिखण्डी और कुछ अनसुनी कहानियाँ, देवी के सात रहस्य, भारतीय पौराणिक कथाएँ और पशु उनकी अन्य बहुचर्चित पुस्तकें हैं।


SPECIFICATION:
- Publisher :Rajpal and Sons
- By: Amartya Sen (Author)
- Binding :Hardcover
- Language: Hindi
- Edition :2014
- Pages: 212 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10::81702834010
- ISBN-13: 9788170283409
DESCRIPTION:
आजादी के पचास वर्ष बाद भी भारत विकसित देशों की श्रेणी में नहीं आ सका है। उसी के समान प्राचीन और विशाल भूमि तथा जनसंख्या वाला देश चीन उसकी तुलना में कहीं आगे बढ़ता चला जा रहा है। पूर्वी एशिया के अन्य अनेक देश भी बहुत प्रगति कर चुके हैं। क्यों? प्रो. सेन का मानना है कि भारत की तुलना में उन देशों में पहले से हुआ साक्षरता प्रसार, देश भर में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार तथा स्त्री-शक्ति का सभी कार्यों में आगे बढ़-चढ़कर योगदान ही इसका प्रमुख कारण है। प्रस्तुत पुस्तक सामाजिक अवसरों को प्राथमिकता देने वाले इन प्रमुख कारकों का तुलनात्मक आंकड़े देकर विवेचन करती है। ‘‘...आर्थिक सुधार के प्रमुख मुद्दों पर एक नया दृष्टिकोण’’-हिन्दू। ‘‘...यह पुस्तक इस विषय पर विचार प्रस्तुत करती है कि जनता की क्षमताएं बढ़ाना क्यों आवश्यक है।’’-फिनेन्शियल एक्सप्रेस। ‘‘भारत की उपलब्धियों तथा असफलताओं का प्रभावशाली विवरण...भारत के सामाजिक-आर्थिक विकास पर बहस के लिए बिलकुल नये मुद्दे प्रस्तुत करती है यह महत्त्वपूर्ण पुस्तक।’’-टाइम्स हायर एजुकेशन सप्लीमेंट। ‘‘राज्य तथा बाजार के पारस्परिक संबंध के विषय में यह पुस्तक बहुत महत्त्वपूर्ण विचार प्रस्तुत करती है।’’-इकानामिक टाइम्स। ‘‘उपेक्षितों के लिए सहानुभूति तथा निष्पक्ष विश्लेषण...इस पुस्तक की विशेषता है। इस देश की अर्थनीति में रुचि रखने वाले सभी व्यक्तियों के पढ़ने योग्य।’’-आउटलुक।


SPECIFICATION:
- Publisher : Juggernaut
- By: Husain Haqqani (Author)
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2017
- Pages: 192 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9386228149
- ISBN-13 :9789386228147
DESCRIPTION:
वह कौन सी चीज़ है जो भारत और पाकिस्तान को दोस्त बनने से रोकती है? चार पाकिस्तानी प्रधानमंत्रियों के सलाहकार रहे हुसैन हक़्क़ानी इस उकसाने वाली और गहराई से विश्लेषण करने वाली किताब में इस रिश्ते की अहम गांठों- कश्मीर, आतंकवाद और परमाणु बम-पर एक बारीक नज़र डालते हैं। वे हमें बताते हैं कि कहां दोनों पक्ष गलत रहे हैं। लेकिन दिलचस्प रहस्योद्घाटनों और किस्सों से भरी इस किताब में उनका कहना है कि भारत को लेकर पाकिस्तान की सनक ही दोनों देशों की समस्याओं के केंद्र में है।

SPECIFICATION:
- Publisher : BR Rhythms
- By : Jayalakshmi Eshwar
- Cover : Hardcover
- Language : English
- Edition : 2010
- Pages : 345
- Weight : 1.6 kg.
- Size : 7.9 x 5.5 x 1.6 inches
- ISBN-10: 8188827142
- ISBN-13: 978-8188827145
DESCRIPTION:
Among the many styles of dance that we have on the subcontinent. It is perhaps Bharatanatyam which represents the dancer as Goddess; her costumes, her jewellery, her stance, the clear and precise geometries of the dance, its meaning, its techniques that reveal the visionary four dimensional geometries of Inner space in three dimensional sections. While the dance is seen on stage in front of an audience, yet it takes form in an invisible, mystical world from which the dance itself is believed to have emerged. Jayalakshmi Eshwar's book - "Bharatanatyam : How to..." states in simple terms all the first steps that are necessary to enter this world of dance. It would be an invaluable reference for students and teachers alike. - The book leads the student from the general ideas of the principles, methods and techniques of Bharatanatyam, to the main topic of the Dance units 'Adavus'. - The book is self-explanatory with detailed pictorial and written instructions of the Adavus in a simple and systematic manner. - Over 1400 illustrations integrate to form a comprehensive reference. - A descriptive historical background to the dance form and it's evolution introduces the content. - In addition Separate Audio CD & DVD are also available
as support material.

Description
On first reading, this is the story of how Bharatavarsha came into being. But more than that it is the story of Bharata—in the configuration of the continents, the world’s peoples and their location in the brahmanda. It is thus a fascinating account of how a vast geographical expanse is integrated by cosmic awareness. Rivers and mountains crisscross the landscape of this dramatic story, livened up by great colourful races and individuals.
Equally challenging is the underlying search for answers to ancient, profound questions. Which of the known Bharatas is the Bharata in Bharatavarsha? How far did this Bharatavarsha extend? What was the Suryasadan or solar observatory? How many siddhis and vidyas were there to be learned, which we seem to have lost now?
What are the cosmic entities? How many worlds are there? What are the key forces of nature? How do these forces exist externally as well as within living beings? What is jnana? What is vijnana? What is the connotation and denotation of the word ‘veda’?
Throughout the book run such investigations of profound questions and the answers are sought in ancient texts—the search illuminated along the way by sparks of surprising insights.
Specification
- Product Code : BK8677
- Publisher : Rupa Publications India
- Edition : 20 October 2017
- Pages : 650
- Weight : 910 gm.
- Size : 9.4 x 6.4 x 2.2 inches
- Binding : Paperback
- Author : Pandit Madhusudan Ojha
- Language : English
- ISBN-10: 8129149133
ISBN-13: 978-8129149138


SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Rangey Raghav (Author)
- Binding :Paperback
- Language: Hindi
- Edition :2009
- Pages: 128 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170288355
- ISBN-13:9788170288350
DESCRIPTION:
हिन्दी भाषा तथा साहित्य के आरंभिक निर्माता भारतेन्दु हरिश्चंद्र के जीवन पर आधारित श्रेष्ठ उपन्यास - यशस्वी साहित्यकार रांगेय राघव की कलम से

SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Bharat Jhunjhunwala (Author)
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2009
- Pages: 288 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170283752
- ISBN-13 :9788170283751
DESCRIPTION:
भारतीय अर्थव्यवस्था के पारम्परिक स्वरूप तथा वर्तमान में उदारीकरण और पाश्चात्य प्रभावों के अधीन होने वाले कार्यक्रमों तथा नीतियों का प्रभावशाली अध्ययन-अर्थशास्त्र के विद्वान भरत झुनझुनवाला की कलम से।


SPECIFICATION:
- Publisher :Rajpal and Sons
- By: Amartya Sen (Author)
- Binding :Hardcover
- Language: Hindi
- Edition :2016
- Pages: 328 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10::8170286387
- ISBN-13: 9788170286387
DESCRIPTION:
... अमर्त्य सेन द्वारा व्यक्त तथा समर्थित विचार अत्यन्त सार्थक हैं।-इकानामिस्ट। बिलकुल नये विचार...ताज़गी से भरपूर, विद्वत्तापूर्ण तथा मानवीय...सेन के आशावाद तथा योजनाओं से मनुष्य सोचने लगता है कि समस्याओं का सचमुच कोई हल है।-बिज़नेस वीक। शोधकर्ताओं, विकास कार्यकर्ताओं तथा स्वैच्छिक संस्थाओं के लिए अत्यन्त उपयोगी...सरल भाषा के कारण सामान्य पाठक के लिए भी बोधगम्य-बिज़नेस स्टैण्डर्ड। ...आर्थिक सुधार के प्रमुख मुद्दों पर एक नया दृष्टिकोण-द हिन्दू। लेखक का दिमाग सर्चलाइट की तरह काम करता है और पुरानी स्थापित धारणाओं का खंडन करता चलता है।-लंदन रिव्यू आफ़ बुक्स। अमर्त्य सेन के विचार क्रांतिकारी सम्भावनाओं से पूर्ण हैं।-फ़ारेन अफ़ेयर्स

SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Aarsu (Author)
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2010
- Pages: 224 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170285135
- ISBN-13 : 9788170285137
DESCRIPTION:
विविध भाषा-साहित्यों के देश भारत में ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित साहित्यकारों के व्यक्तित्व, कृतित्व तथा परिवेश का रोचक, ज्ञानवर्धक परिचय-सुदूर दक्षिण के यशस्वी हिन्दी-सेवी तथा अध्यापक डॉ. आरसू के श्रम और कलम से।


SPECIFICATION:
- Publisher :Rajpal and Sons
- By: Leeladhar Sharma (Author)
- Binding : Hardcover
- Language: Hindi
- Edition :2018
- Pages: 1000 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10 : 8174831002
- ISBN-13:9788174831002
DESCRIPTION:
भारतीय चरित कोश' में वैदिक काल से लेकर आधुनिक समय तक के महत्वपूर्ण व्यक्तियों का परिचय है। इसमें संबंधित अनेक व्यक्तियों के चित्र भी दिये गये है। धर्म, दर्शन, विज्ञान, साहित्य, कला, उद्योग, इतिहास और मिथक आदि के साथ साथ खेल, सिनेमा, नाटक, संगीत, पत्रकारिता तथा अन्य राष्ट्रीय तथा सामाजिक सदनों से जुड़े सभी व्यक्तियों के परिचय इस पुस्तक में पाएंगे। इस कोश में अनुमानत: दो हजार विशिष्ट भारतीयों के संबध से प्रामाणिक जानकारी दी गई है। पुस्तक के आरम्भ में दिये अकारादि-क्रम में व्यक्तियों के नाम के आगे उनकी पृष्ठ संख्या दी हुई है। यदि कोई नाम एक से अधिक नामों से जाना जाता है, तो सूची में cross Reference देकर उसका उल्लेख एक से अधिक बार किया है। 'भारतीय चरित कोश' के यशस्वी लेखक लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय' ने वर्षों के अध्ययन और अन्वेषण के बाद यह महत्वपूर्ण, उपयोगी संदर्भ-ग्रंथ प्रस्तुत किया है।

SPECIFICATION:
- Publisher : CHAUKHAMBA SURBHARATI PRAKASHAN
- By : Jagdish Chandra Mishra
- Cover : Paperback
- Language : HINDI
- Edition : 2012
- Pages : 807
- Weight : 500 gm.
- Size : 8.5 X 5.5 INCH
- ISBN-10 : 938032622X
- ISBN-13 : 9789380326221
DESCRIPTION:
An authentic new edition of Indian Philosophy written by Dr. Jagadish Chandra Mishra
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Sarvapalli Radhakrishnan (Author)
- Binding :Hardcover
- Language: Hindi
- Edition :2017
- Pages: 600 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170281873
- ISBN-13:9788170281870
DESCRIPTION:
महान् भारतीय दार्शनिक और पूर्व राष्ट्रपति डा. राधाकृष्णन ने भारतीय दर्शन की तर्क और विज्ञान के आधार पर व्याख्या की और उसे पूरी दुनिया तक पहुँचाया। उनका विश्वविख्यात ग्रंथ इंडियन फिलासफी वर्षों तक आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में पाठ्यक्रम के रूप में पढ़ाया जाता रहा। प्रस्तुत ग्रंथ इंडियन फिलासफी का प्रामाणिक हिन्दी अनुवाद है। वैदिक काल से लेकर आज तक भारतीय दर्शन ने जो पड़ाव पार किए हैं, इस ग्रंथ में उन सभी का क्रमिक विवेचन किया गया है। इसकी विशेषता यह है कि भारतीय दर्शन के विभिन्न सिद्धांतों की तुलना इसमें दुनिया के विभिन्न मतों और दर्शनों से की गई है। विषय के अत्यंत गूढ़ और गहन होने के बावजूद प्रस्तुत ग्रंथ की भाषा सहज और सरल है।


SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Sarvapalli Radhakrishnan (Author)
- Binding :Hardcover
- Language: Hindi
- Edition :2018
- Pages: 696 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170281881
- ISBN-13:9788170281887
DESCRIPTION:
महान् भारतीय दार्शनिक और पूर्व राष्ट्रपति डा. राधाकृष्णन ने भारतीय दर्शन की तर्क और विज्ञान के आधार पर व्याख्या की और उसे पूरी दुनिया तक पहुँचाया। उनका विश्वविख्यात ग्रंथ इंडियन फिलासफी वर्षों तक आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में पाठ्यक्रम के रूप में पढ़ाया जाता रहा। प्रस्तुत ग्रंथ इंडियन फिलासफी का प्रामाणिक हिन्दी अनुवाद है। वैदिक काल से लेकर आज तक भारतीय दर्शन ने जो पड़ाव पार किए हैं, इस ग्रंथ में उन सभी का क्रमिक विवेचन किया गया है। इसकी विशेषता यह है कि भारतीय दर्शन के विभिन्न सिद्धांतों की तुलना इसमें दुनिया के विभिन्न मतों और दर्शनों से की गई है। विषय के अत्यंत गूढ़ और गहन होने के बावजूद प्रस्तुत ग्रंथ की भाषा सहज और सरल है।


SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Devdutt Pattanaik (Author)
- Binding :Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2015
- Pages: 208 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350642557
- ISBN-13: 9789350642559
DESCRIPTION:
रक्तरंजित और विकराल रूप वाली काली से लेकर विध्नहारी गणेश तक भारतीय आध्यात्मिक जगत ऐसे पात्रों से आबाद है, जिनका कोई प्रतिरूप दुनिया के किसी भी और देश में नहीं मिलता। एक रहस्यमय और अनोखी दुनिया से रू-ब-रू कराती है यह पुस्तक और पौराणिक कथाएँ प्राचीन पुराकथाओं में इन पात्रों की समृद्ध बुनावट को रेशा-दर-रेशा खोलती है और यह दिखाती है कि भारतीय पुराकथाएँ तभी बेहतर तौर पर समझी जा सकती हैं जब हम पश्चिमी, एकेश्वरवादी धारणा से हटकर हिन्दू परम्पराओं के देवी-देवता बहुल संसार में प्रवेश करें। हज़ारों वर्षों के दौरान भारतीय आख्यानों और उनकी व्याख्या पर नज़र डालती हुई भारतीय पौराणिक कथाएँ यह प्रदर्शित करती हैं कि कैसे इन कथाओं में वर्णित रीति-रिवाज़, कर्मकांड और कला आज भी जीवन्त बनी हुई है और पीढ़ी को अपनी ओर आकर्षित करती है।


SPECIFICATION:
- Publisher :Rajpal and Sons
- By: Amartya Sen (Author)
- Binding :Hardcover
- Language: Hindi
- Edition :2014
- Pages: 308 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10::8170283620
- ISBN-13: 9788170283621
DESCRIPTION:
भारत अत्यन्त विशाल देश है और इसके प्रदेश आर्थिक विकास तथा उसके कारकों की दृष्टि से एक दूसरे से बहुत भिन्न हैं। प्रत्येक प्रदेश की विकास योजनाओं को उसकी पृष्ठभूमि और परिप्रेक्ष्य में ही परखा जाना चाहिए। यह पुस्तक उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और केरल के आर्थिक अध्ययन इस दृष्टि से प्रस्तुत करती है कि अन्य प्रदेश उनके आईने में विकास की अपनी समस्याओं को न केवल रेखांकित कर सकें बल्कि उनके हल भी ढूँढ़ सकें। ‘‘अमर्त्य सेन की महत्त्वपूर्ण कृतियाँ जाने-माने प्रकाशक राजपाल एण्ड सन्ज़ के उद्यम से हिन्दी भाषा में आ रही हैं। इस प्रयास का महत्त्व यह है कि जिस बहुसंख्यक गरीब और गैर-अमीर मध्यमवर्गीय जनता के जीवन-परिवर्तन को इन विरले अर्थशास्त्रियों के विचार-सरोकार समर्पित हैं-अब उसकी एक बड़ी संख्या को ये उपलब्ध हैं। वे उन पर खुलकर और सोच-समझकर बहस कर सकते हैं और जब भी कोई सरकार जन-हितकारी आर्थिक नीतियों की घोषणा और जन-जीवन में बदलाव के दावे करती है तो वे उन्हें आंक, तोल कर परख सकते हैं। जो ठीक है उससे सहमति और जो गलत है, उस पर विरोध के स्वर उठा सकते हैं। नयी शताब्दी और सहस्राब्दी के भारतीयों के लिए अर्थ जगत और अर्थनीतियों के प्रति जागरूक होना और एक सक्रिय आर्थिक मानव की भूमिका निभाना कत्र्तव्य भी है और आवश्यकता भी।’’-दैनिक हिन्दुस्तान। ‘‘शोधकर्ताओं, विकास कार्यकर्ताओं तथा स्वैच्छिक संस्थाओं के लिए अत्यन्त उपयोगी...सरल भाषा के कारण सामान्य पाठक के लिए भी बोधगम्य’’-बिज़नैस स्टैन्डर्ड


SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Sarvapalli Radhakrishnan (Author)
- Binding :Hardcover
- Language: Hindi
- Edition :2019
- Pages: 104 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350640775
- ISBN-13:9789350640777
DESCRIPTION:
डा. राधाकृष्णन एक महान दार्शनिक और विचारक थे। भारतीय संस्कृति के वे मूर्धन्य व्याख्याता तथा उसके समर्थक थे। भारतीय संस्कृति का वास्तविक स्वरूप उन्होंने विश्व के सामने प्रस्तुत करने का प्रयत्न किया। भारतीय संस्कृति की प्रमुख विशेषता यह है कि वह मानव के उद्बोधन का मार्ग प्रशस्त करती है। भारतीय संस्कृति धर्म को जीवन से अलग करने की बात नहीं मानती, अपितु वह मानती है कि धर्म ही जीवन की ओर ले जाने वाला मार्ग है और उसे बताती है कि उससे किसी को भयभीत होने की आवश्यकता नहीं-क्योंकि मानव जिन विचारों से भयभीत होता है, वे तो स्वयं उसके अन्तर में छिपे हुए हैं। मानव को उन्हीं पर विजय प्राप्त करनी है। भारतीय संस्कृति यह भी नहीं कहती कि मानव की महत्ता कभी न गिरने में है, वरन् मानव की महत्ता इस बात में है कि वह गिरने पर भी उठकर खड़ा होने में समर्थ है। उसकी महानता इस बात से आंकी जाती है कि वह अपनी दुर्बलताओं पर प्रभुत्व पाने में कहाँ तक समर्थ है।


SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Sanjeev Kapoor (Author)
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2013
- Pages: 96 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350640066
- ISBN-13 :9789350640067
DESCRIPTION:


SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Chitra Garg (Author)
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2018
- Pages: 432 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350640414
- ISBN-13 :9789350640418
DESCRIPTION:
राजनीति, कला, खेल-कूद, विज्ञान, समाज-सेवा सभी क्षेत्रों में भारत की महिलाओं ने अपने योगदान की अनूठी छाप छोड़ी है। इंदिरा गांधी से इंदिरा नूयी तक, सरोजिनी नायडू से सायना नेहवाल तक, कमला देवी चट्टोपाध्याय से कल्पना चावला तक, अरुणा आसफ़ अली से अरुणा राय तक, ये सभी भारतीय महिलाएं अपने अलग-अलग कार्यक्षेत्रों में सफलता के शिखर तक पहुँची हैं और ऐसी ही उन चुनिंदा भारतीय महिलाओं के जीवन परिचय इस पुस्तक में प्रस्तुत हैं।


SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Alok Gupta(Author)
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2012
- Pages:224 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170289084
- ISBN-13 :9788170289081
DESCRIPTION:
‘‘भारतीय उपन्यास को परिभाषित करने के मूल में एक वह किसान जो उपेक्षित, पीड़ित है जिसे साहित्य में स्थान ही नहीं मिला था वह पहली बार नायक बना। हीरो बना प्रेमचन्द के हाथों और दूसरी ओर, वह जो नारी हाशिए पर थी उपन्यास विधा में समस्त संवेदनाओं का केन्द्र बनी। इन दोनों के साथ भारतीय उपन्यास ने वह रूप प्राप्त किया जहाँ इन उपन्यासों में हम भारतीय नारी को पहचान सकते हैं, भारतीय मनुष्य को पहचान सकते हैं।’’ - नामवर सिंह ‘‘हिन्दू समाज ने जब पश्चिमकाल मूल्यों को स्वीकार किया तब आर्थिक व्यवस्था को छोड़कर बाकी सारी व्यवस्थाएँ विकसित मूल्यों के अनुसार रची गईं। व्यापारी अंग्रेज़ संस्कृति यहाँ की आर्थिक व्यवस्था के शोषण के लिए ही आई हुई थी इसलिए सच्चाई यह है कि उन्होंने अन्य सांस्कृतिक व्यवस्थाओं को तो सुधारा किन्तु आर्थिक व्यवस्था को पुरानी मध्ययुगीन ही रखा।’’-भालचन्द्र नेमाड़े ‘‘शायद यह कहना समीचीन होगा कि भारतीयता हड़प्पा और भारतीय-आर्यों की सभ्यताओं की पारस्परिक अंतःक्रिया से जन्मी। भारतीय साहित्य भारतीयता के कलात्मक स्फुरण (उत्प्रेरणा) का पुनःसृजन है। इस साहित्य में न केवल दैनन्दिन जीवन की सच्चाइयाँ, बल्कि दर्शन, एक दृष्टिकोण, उनके धार्मिक विधि-विधाओं और कई दूसरी बातों में बिम्बित विशिष्ट मूल्य प्रतिबिम्बित होते हैं।’’ - तकषि शिवशंकर पिल्लै
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