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Meri Aapbeeti
Meri Aapbeeti
SPECIFICATION:
  • Publisher : Rajpal and Sons
  • By: Benazir Bhutto (Author)
  • Binding : Hardcover
  • Language : Hindi
  • Edition :2010
  • Pages:  420 pages
  • Size : 20 x 14 x 4 cm
  • ISBN-10: 8170287375
  • ISBN-13 :9788170287377

DESCRIPTION: 

‘‘2007 में पाकिस्तान में एक अनिश्चित भविष्य की तरफ़ लौटते वक्त न सिर्फ़ अपने और अपने देश के बल्कि सारी दुनिया के लिए मौजूद खतरों से मैं अच्छी तरह वाकिफ़ हूँ। हो सकता है कि पाकिस्तान पहुँचते ही मैं गिरफ़्तार कर ली जाऊँ। हो सकता है कि जब मैं हवाई अड्डे पर उतरूँ तो गोलियों की शिकार हो जाऊँ। पहले भी कई बार अल-क़ायदा मुझे मारने की कोशिश कर चुका है। हम यह क्यों सोचें कि वह ऐसा नहीं करेगा? क्योंकि मैं अपने वतन में लोकतांत्रिक चुनावों के लिए लड़ने को लौट रही हूँ और अल-क़ायदा को लोकतांत्रिक चुनावों से नफ़रत है। लेकिन मैं तो वही करूँगी जो मुझे करना है और मैं पाकिस्तान की जनता की लोकतांत्रिक आकांक्षाओं में साथ देने का अपना वादा पूरा करने का पक्का इरादा रखती हूँ।’’ अप्रैल 2007 में लिखे हुए ये शब्द आखिर 27 दिसम्बर, 2007 को सच्चाई में बदल गए, जब बेनज़ीर भुट्टों की रावलपिंडी में निर्मम हत्या कर दी गई। ‘‘यह एक बहुत बहादुर औरत की आपबीती है जिसने अनेक चुनौतियाँ स्वीकार कीं, जिसके परिवार के अनेक लोग शहीद हुए, जिसने पाकिस्तान की आज़ादी की मशाल जलाए रखी, बावजूद तानाशाही के विरोध के।’’-संडे टाइम्स ‘‘यह आपबीती है एक सख्तजान और योद्धा औरत की जिसने अपने जीवन का पूरा घटनाचक्र साफगोई से और बहुत ही दिलचस्प ढंग से वर्णन किया है।’’-इंडिपेंडेंट। ‘‘निडरता, वीरता और जीवन की नाटकीय घटनाओं की मर्मस्पर्शी आत्मकथा।’’-ईवनिंग स्टैण्डर्ड।

                          $15
                          Meri Aapbeeti
                          Meri Aapbeeti
                          SPECIFICATION:
                          • Publisher : Rajpal and Sons
                          • By: Benazir Bhutto (Author)
                          • Binding : Paperback
                          • Language : Hindi
                          • Edition :2016
                          • Pages:  420 pages
                          • Size : 20 x 14 x 4 cm
                          • ISBN-10: 8170287383
                          • ISBN-13 :9788170287384

                          DESCRIPTION: 

                          ‘‘2007 में पाकिस्तान में एक अनिश्चित भविष्य की तरफ़ लौटते वक्त न सिर्फ़ अपने और अपने देश के बल्कि सारी दुनिया के लिए मौजूद खतरों से मैं अच्छी तरह वाकिफ़ हूँ। हो सकता है कि पाकिस्तान पहुँचते ही मैं गिरफ़्तार कर ली जाऊँ। हो सकता है कि जब मैं हवाई अड्डे पर उतरूँ तो गोलियों की शिकार हो जाऊँ। पहले भी कई बार अल-क़ायदा मुझे मारने की कोशिश कर चुका है। हम यह क्यों सोचें कि वह ऐसा नहीं करेगा? क्योंकि मैं अपने वतन में लोकतांत्रिक चुनावों के लिए लड़ने को लौट रही हूँ और अल-क़ायदा को लोकतांत्रिक चुनावों से नफ़रत है। लेकिन मैं तो वही करूँगी जो मुझे करना है और मैं पाकिस्तान की जनता की लोकतांत्रिक आकांक्षाओं में साथ देने का अपना वादा पूरा करने का पक्का इरादा रखती हूँ।’’ अप्रैल 2007 में लिखे हुए ये शब्द आखिर 27 दिसम्बर, 2007 को सच्चाई में बदल गए, जब बेनज़ीर भुट्टों की रावलपिंडी में निर्मम हत्या कर दी गई। ‘‘यह एक बहुत बहादुर औरत की आपबीती है जिसने अनेक चुनौतियाँ स्वीकार कीं, जिसके परिवार के अनेक लोग शहीद हुए, जिसने पाकिस्तान की आज़ादी की मशाल जलाए रखी, बावजूद तानाशाही के विरोध के।’’-संडे टाइम्स ‘‘यह आपबीती है एक सख्तजान और योद्धा औरत की जिसने अपने जीवन का पूरा घटनाचक्र साफगोई से और बहुत ही दिलचस्प ढंग से वर्णन किया है।’’-इंडिपेंडेंट। ‘‘निडरता, वीरता और जीवन की नाटकीय घटनाओं की मर्मस्पर्शी आत्मकथा।’’-ईवनिंग स्टैण्डर्ड।

                                                  $12
                                                  Meri Bhav Badha Haro
                                                  Meri Bhav Badha Haro
                                                  SPECIFICATION:
                                                  • Publisher : Rajpal and Sons 
                                                  • By:  Rangey Raghav (Author)
                                                  • Binding :Paperback
                                                  • Language: Hindi
                                                  • Edition :2016
                                                  • Pages: 136 pages
                                                  • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                  • ISBN-10: 8170285240
                                                  • ISBN-13:9788170285243

                                                  DESCRIPTION: 

                                                  प्रख्यात साहित्यकार रांगेय राघव ने विशिष्ट साहित्यकारों, कवियों, कलाकारों और चिंतकों के जीवन पर आधारित उपन्यासों की एक श्रृंखला लिखकर साहित्य की एक बड़ी आवश्यकता को पूर्ण किया है। प्रस्तुत उपन्यास रीतिकाल के महान कवि बिहारी के जीवन को चित्रित करता हैः मेरी भव बाधा हरो राधा नागर सोय, जा तन की झाईं परे स्याम हरित द्युति होय।...उनके सुप्रसिद्ध पद से इस उपन्यास का नाम लिया गया है। अपनी एकमात्र कृति ‘बिहारी सतसई’ के ही सहारे अमर हुए सरस-हृदय कवि बिहारीलाल का जीवन इस उपन्यास में बहुत सरस तथा सफल रूप से जीवंत किया है। कवि बिहारी की श्रृंगार कविताओं ने प्राचीन हिंदी साहित्य में नवीन मानक स्थापित किये। इस उपन्यास में बिहारी के साथ ही कविवर केशवदास, अब्दुर्रहीम खानखाना तथा अन्य समकालीन कवियों के रोचक प्रसंग उस बीते हुए युग को एक बार फिर पाठकों के सामने साकार कर देते हैं।

                                                                          $12
                                                                          Meri Geeta (Hindi)
                                                                          Meri Geeta (Hindi)
                                                                          SPECIFICATION:
                                                                          • Publisher : ‎ Rupa Publications
                                                                          • By : Devdutt Patnayak
                                                                          • Cover : Paperback
                                                                          • Language : Hindi
                                                                          • Edition : 2017
                                                                          • Pages : 280 pages
                                                                          • Weight : 180 g
                                                                          • Size : 12.7 x 1.6 x 20.32 cm
                                                                          • ISBN-10 : 9788129144836
                                                                          • ISBN-13 : 978-8129144836
                                                                          DESCRIPTION: 

                                                                          In Meri Gita , acclaimed mythologist Devdutt Pattanaik demystifies The Bhagavad Gita for the contemporary reader. His unique approach—thematic rather than verse-by-verse—makes the ancient treatise eminently accessible, combined as it is with his trademark illustrations and simple diagrams.In a world that seems spellbound by argument over dialogue, vi-vaad over sam-vaad, Devdutt highlights how Krishna nudges Arjuna to understand rather than judge his relationships. This becomes relevant today when we are increasingly indulging and isolating the self (self-improvement, self-actualization, self-realization—even selfies!).We forget that we live in an ecosystem of others, where we can nourish each other with food, love and meaning, even when we fight.



                                                                            $19
                                                                            Meri Hanuman Chalisa (Hindi Edition)
                                                                            Meri Hanuman Chalisa (Hindi Edition)
                                                                            SPECIFICATION:
                                                                            • Publisher : Rupa Publications India
                                                                            • By : Devdutt Pattanaik
                                                                            • Cover : Paperback
                                                                            • Language : Hindi
                                                                            • Edition : 2018
                                                                            • Pages : 160
                                                                            • Weight : 200 gm
                                                                            • Size : 7.9 x 5.5 x 1.6 inches
                                                                            • ISBN-10: 8129150506
                                                                            • ISBN-13: 978-8129150509
                                                                            DESCRIPTION:

                                                                            सकारात्मक ऊर्जा के लिए हिन्दू धर्म की सबसे लोकप्रिय प्रार्थनाओं में से एक - हनुमान चालीसा
                                                                            प्रशंसित पौराणिक कथाकार देवदत्त पटनायक ने समकालीन पाठक के लिए हनुमान चालीसा की गूढ़ता को अपने शब्दों में सरल बनाया है । उनका अनूठा दृष्टिकोण इस प्राचीन भजन को सुलभ बना देता है, क्योंकि यह उनके अपने ट्रेडमार्क चित्रों के साथ है।
                                                                            जब भी हम इस संसार में अपने आप में नकारात्मकता का अनुभव करते हैं, या ईर्ष्या, क्रोध और हताशा को अपराध और हिंसा में परिवर्तित होते हुए अनुभव करते हैं, तब हम में से ज़्यदातर लोग हनुमान चालीसा ही सुनते या पढ़ते हैं I
                                                                            चार सौ साल पूर्व तुलसीदास द्वारा अवधी भाषा में सरल शब्दों में लिखे गए इसके दोहे और चौपाइयाँ संगीतबद्ध रूप में हनुमानजी के बारे में पौराणिक ज्ञान, ऐसतिहासिक तथ्यों व रहस्य को उजागर करते हैं I हनुमानजी हिन्दुओं के प्रिय देवता हैं, जिनके माध्यम से वैदिक ज्ञान लोगों तक पहुँचता है I
                                                                            इन छंदों को पढ़ते-सुनते हुए भयभीत व विचलित मन, ज्ञान व अंतर्दृष्टि से आलोकित हो जाता है तथा मानवता में हमारा विश्वास और भी बढ़ जाता है

                                                                            About the Author

                                                                            देवदत्त पटनायक आधुनिक समय में पौराणिक कथाओं की प्रासंगिकता के विषय पर लिखते एवं व्याख्यान देते हैं I आप समाचार-पत्रों में 600 से अधिक लेख और साथ ही 30 किताबें लिख चुके हैं, जिनमें माय गीता एवं बिज़नेस सूत्र शामिल हैं I टी.वी. पर उनके कार्यक्रमों में बिज़नेस सूत्र शामिल हैं I वह संस्थाओं की लीडरशिप और शासन हैं I वह संस्थाओं को लीडरशिप और शासन से संबंधित विषयों पर परामर्श देते हैं और टीवी चैनल्स पर प्रसारित पौराणिक सीरियल्स पर अपनी राय रखते हैं I वे मुंबई में रहते हैं I देवदत्त और उनकी किताबों के विषय में अधिक जानकारी के लिए devdutt.com देखें.

                                                                            $19
                                                                            Meri Jeewan GathaMeri Jeewan Gatha
                                                                            Meri Jeewan Gatha
                                                                            SPECIFICATION:
                                                                            • Publisher : Rajpal and Sons
                                                                            • By: R. K Narayan
                                                                            • Binding : Paperback
                                                                            • Language :  Hindi
                                                                            • Edition :2016
                                                                            • Pages: 208 pages
                                                                            • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                            • ISBN-10: 9350643782
                                                                            • ISBN-13 :9789350643785

                                                                            DESCRIPTION:

                                                                            मेरी जीवन गाथा आर. के. नारायण की आत्मकथा है जिसमें उन्होंने नानी के घर बिताये बचपन के दिनों से लेकर लेखक बनने की अपनी यात्रा का वर्णन किया है। उनके लेखन में सहजता और मन को गुदगुदाने वाले हल्के व्यंग्य का अनोखा मिश्रण मिलता है जो इस आत्मकथा को एक अलग ही रंग प्रदान करता है। वे जि़न्दगी से जुड़ी छोटी से छोटी बातों को जीवन्त और मनोरंजक बना देते हैं और यही कारण है कि इस आत्मकथा को पढ़ते हुए पाठक उनके जीवन के उतार-चढ़ाव और संघर्षों में पूरी तरह डूबा रहता है। आर. के. नारायण विश्व स्तर के ख्यातिप्राप्त लेखक थे। लिखते वह अंग्रेज़ी में थे लेकिन उनकी सभी कहानियों के पात्रा और घटना-स्थल भारत की मिट्टी से जुड़े थे। उनका जन्म 10 अक्तूबर 1906 में मद्रास में हुआ था। उन्होंने अपने जीवनकाल में 15 उपन्यास, 5 कहानी-संग्रह, यात्रा-वृत्तांत और निबन्ध लिखे। उनके उपन्यास गाइड के लिए उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। साहित्य में योगदान के लिए उन्हें 1964 में पद्मभूषण और 2000 में पद्मविभूषण से नवाज़ा गया। 2001 में 94 वर्ष की आयु में आर.के. नारायण ने इस दुनिया को अलविदा कहा लेकिन अपने साहित्य के माध्यम से पाठकों के दिलों में वे हमेशा जीवित रहेंगे।

                                                                                                    $20
                                                                                                    Meri Jeewan GathaMeri Jeewan Gatha
                                                                                                    Meri Jeewan Gatha
                                                                                                    SPECIFICATION:
                                                                                                    • Publisher : Rajpal and Sons
                                                                                                    • By: R. K Narayan
                                                                                                    • Binding : Hardcover
                                                                                                    • Language :  Hindi
                                                                                                    • Edition :2016
                                                                                                    • Pages: 208 pages
                                                                                                    • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                                                    • ISBN-10: 9350643790
                                                                                                    • ISBN-13 :9789350643792

                                                                                                    DESCRIPTION:

                                                                                                    मेरी जीवन गाथा आर. के. नारायण की आत्मकथा है जिसमें उन्होंने नानी के घर बिताये बचपन के दिनों से लेकर लेखक बनने की अपनी यात्रा का वर्णन किया है। उनके लेखन में सहजता और मन को गुदगुदाने वाले हल्के व्यंग्य का अनोखा मिश्रण मिलता है जो इस आत्मकथा को एक अलग ही रंग प्रदान करता है। वे जि़न्दगी से जुड़ी छोटी से छोटी बातों को जीवन्त और मनोरंजक बना देते हैं और यही कारण है कि इस आत्मकथा को पढ़ते हुए पाठक उनके जीवन के उतार-चढ़ाव और संघर्षों में पूरी तरह डूबा रहता है। आर. के. नारायण विश्व स्तर के ख्यातिप्राप्त लेखक थे। लिखते वह अंग्रेज़ी में थे लेकिन उनकी सभी कहानियों के पात्रा और घटना-स्थल भारत की मिट्टी से जुड़े थे। उनका जन्म 10 अक्तूबर 1906 में मद्रास में हुआ था। उन्होंने अपने जीवनकाल में 15 उपन्यास, 5 कहानी-संग्रह, यात्रा-वृत्तांत और निबन्ध लिखे। उनके उपन्यास गाइड के लिए उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। साहित्य में योगदान के लिए उन्हें 1964 में पद्मभूषण और 2000 में पद्मविभूषण से नवाज़ा गया। 2001 में 94 वर्ष की आयु में आर.के. नारायण ने इस दुनिया को अलविदा कहा लेकिन अपने साहित्य के माध्यम से पाठकों के दिलों में वे हमेशा जीवित रहेंगे।

                                                                                                                            $27
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                                                                                                                            Meri Kahani
                                                                                                                            SPECIFICATION:
                                                                                                                            • Publisher : Rajpal and Sons 
                                                                                                                            • By:  Premchand (Author)
                                                                                                                            • Binding :Paperback
                                                                                                                            • Language: Hindi
                                                                                                                            • Edition :2009
                                                                                                                            • Pages: 24 pages
                                                                                                                            • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                                                                            • ISBN-10: 8190801740
                                                                                                                            • ISBN-13: 9788190801744

                                                                                                                            DESCRIPTION: 

                                                                                                                            मुंशी प्रेमचन्द की गिनती हिन्दी के सर्वश्रेष्ठ कहानी-लेखकों में की जाती है । 1880 में उनका जन्म वाराणसी के एक छोटे से गांव लमही में एक साधारण परिवार में हुआ था। उनका घर का नाम धनपतराय था। स्कूल में अध्यापन का कार्य करते हुए उन्होंने कहानियां और उपन्यास लिखने शुरू किये। उन्होंने सैकडों कहानियों और एक दर्जन के लगभग उपन्यास लिखे जिनमें से गोदान, गबन, सेवासदन, रंगभूमि, कायाकल्प और निर्मला बहुत प्रसिद्ध हैं। 1936 में उनका देहान्त हुआ। उनकी चुनी हुई रोचक, सरल कहानियां चित्रों सहित प्रकाशित की गई हैं।

                                                                                                                                                    $7
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                                                                                                                                                    Meri Priya Kahaniyaan
                                                                                                                                                    SPECIFICATION:
                                                                                                                                                    • Publisher : Rajpal and Sons
                                                                                                                                                    • By: Pratibha Rai (Author)
                                                                                                                                                    • Binding : Paperback
                                                                                                                                                    • Language :  Hindi
                                                                                                                                                    • Edition :2016
                                                                                                                                                    • Pages:  144 pages
                                                                                                                                                    • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                                                                                                    • ISBN-10: 8170289572
                                                                                                                                                    • ISBN-13 9788170289579

                                                                                                                                                    DESCRIPTION:

                                                                                                                                                    प्रतिभा राय की गिनती भारत के अग्रणी लेखकों में होती है। अभी तक इनके सत्रह उपन्यास, आठ यात्रा-वृत्तांत और तीन सौ से अधिक कहानियाँ प्रकाशित हो चुकी हैं। लिखती यह अपनी मातृभाषा उड़िया में हैं, लेकिन इनकी कृतियाँ कई भारतीय और विदेशी भाषाओं में अनूदित हुई हैं जिन में से प्रमुख है ‘द्रौपदी’। इनके लेखन में उस सामाजिक न्याय और विकास की तलाश रहती है जिस में धर्म, जात, प्रांत, भाषा का कोई भेदभाव नहीं और पुरुष-स्त्री दोनों का समान दर्जा है। इस पुस्तक में उन्होंने उन बारह कहानियों को चुना है जो उन्हें विशेष प्रिय हैं।

                                                                                                                                                                            $15
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                                                                                                                                                                            Meri Priya Kahaniyaan
                                                                                                                                                                            SPECIFICATION:
                                                                                                                                                                            • Publisher : Rajpal and Sons
                                                                                                                                                                            • By: Pratibha Rai (Author)
                                                                                                                                                                            • Binding : Paperback
                                                                                                                                                                            • Language :  Hindi
                                                                                                                                                                            • Edition :2011
                                                                                                                                                                            • Pages:  144 pages
                                                                                                                                                                            • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                                                                                                                            • ISBN-10: 8170289874
                                                                                                                                                                            • ISBN-13 9788170289876

                                                                                                                                                                            DESCRIPTION:

                                                                                                                                                                            प्रतिभा राय की गिनती भारत के अग्रणी लेखकों में होती है। अभी तक इनके सत्रह उपन्यास, आठ यात्रा-वृत्तांत और तीन सौ से अधिक कहानियाँ प्रकाशित हो चुकी हैं। लिखती यह अपनी मातृभाषा उड़िया में हैं, लेकिन इनकी कृतियाँ कई भारतीय और विदेशी भाषाओं में अनूदित हुई हैं जिन में से प्रमुख है ‘द्रौपदी’। इनके लेखन में उस सामाजिक न्याय और विकास की तलाश रहती है जिस में धर्म, जात, प्रांत, भाषा का कोई भेदभाव नहीं और पुरुष-स्त्री दोनों का समान दर्जा है। इस पुस्तक में उन्होंने उन बारह कहानियों को चुना है जो उन्हें विशेष प्रिय हैं।

                                                                                                                                                                                                    $20
                                                                                                                                                                                                    Meri Priya KahaniyaanMeri Priya Kahaniyaan
                                                                                                                                                                                                    Meri Priya Kahaniyaan
                                                                                                                                                                                                    SPECIFICATION:
                                                                                                                                                                                                    • Publisher : Rajpal and Sons
                                                                                                                                                                                                    • By: Agyeya (Author)
                                                                                                                                                                                                    • Binding : Hardcover
                                                                                                                                                                                                    • Language :  Hindi
                                                                                                                                                                                                    • Edition :2012
                                                                                                                                                                                                    • Pages:  128 pages
                                                                                                                                                                                                    • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                                                                                                                                                    • ISBN-10:  9350640554
                                                                                                                                                                                                    • ISBN-13 : 9789350640555

                                                                                                                                                                                                    DESCRIPTION:

                                                                                                                                                                                                    प्रख्यात साहित्यकार ‘अज्ञेय’ ने यद्यपि कहानियाँ कम ही लिखीं और एक समय के बाद कहानी लिखना बिलकुल बंद कर दिया-परंतु हिन्दी कहानी को आधुनिकता की दिशा में एक नया और स्थायी मोड़ देने का श्रेय भी उन्हीं को प्राप्त है। इस संग्रह में इस प्रकार की सभी कहानियाँ, कहानी-लेखन संबंधी उनके महत्त्वपूर्ण विचारों के साथ प्रस्तुत हैं।

                                                                                                                                                                                                                            $20
                                                                                                                                                                                                                            Meri Priya KahaniyaanMeri Priya Kahaniyaan
                                                                                                                                                                                                                            Meri Priya Kahaniyaan
                                                                                                                                                                                                                            SPECIFICATION:
                                                                                                                                                                                                                            • Publisher : Rajpal and Sons
                                                                                                                                                                                                                            • By: Akhilesh
                                                                                                                                                                                                                            • Binding : Paperback
                                                                                                                                                                                                                            • Language :  Hindi
                                                                                                                                                                                                                            • Edition :2016
                                                                                                                                                                                                                            • Pages:  136 pages
                                                                                                                                                                                                                            • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                                                                                                                                                                            • ISBN-10:  9350643359
                                                                                                                                                                                                                            • ISBN-13 : 9789350643358

                                                                                                                                                                                                                            DESCRIPTION:

                                                                                                                                                                                                                            हिन्दी कहानी के लम्बे और समृद्ध इतिहास में अखिलेश उस ऐतिहासिक मोड़ पर हैं जहां कहानी सफेद और स्याह की पारम्परिक यथार्थ रूढि़ से मुक्ति लेती है। इसे मुक्त करने में अखिलेश की कहानियों की अग्रणी भूमिका है। व्यक्ति और समाज सबंधों और स्वार्थो की जटिलता में उलझे हुए हैं और इन्हें किसी खांचे या श्रेणी में विभक्त कर देखना नितांत असंगत मालूम होता है तब अखिलेश की कहानियाँ इस जटिलता को समझने का रास्ता देती हैं। अखिलेश सपाटबयानी से हमेशा दूर रहे हैं। दूसरी बात उनकी कहानियों की भाषा की है। कभी कभी ही ऐसा होता है जब कोई लेखक अपनी रचना में ऐसी भाषा का सृजन कर सके जो स्वयं में भी एक बड़ी उपलब्धि बन जाए। अखिलेश की कहानियाँ ऐसा करने में सक्षम और सफल रही हैं।

                                                                                                                                                                                                                                                    $12
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                                                                                                                                                                                                                                                    Meri Priya Kahaniyaan
                                                                                                                                                                                                                                                    SPECIFICATION:
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                                                                                                                                                                                                                                                    • By: Akhilesh
                                                                                                                                                                                                                                                    • Binding : Hardcover
                                                                                                                                                                                                                                                    • Language :  Hindi
                                                                                                                                                                                                                                                    • Edition :2016
                                                                                                                                                                                                                                                    • Pages:  136 pages
                                                                                                                                                                                                                                                    • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                                                                                                                                                                                                    • ISBN-10: 9350643367
                                                                                                                                                                                                                                                    • ISBN-13 : 9789350643365

                                                                                                                                                                                                                                                    DESCRIPTION:

                                                                                                                                                                                                                                                    हिन्दी कहानी के लम्बे और समृद्ध इतिहास में अखिलेश उस ऐतिहासिक मोड़ पर हैं जहां कहानी सफेद और स्याह की पारम्परिक यथार्थ रूढि़ से मुक्ति लेती है। इसे मुक्त करने में अखिलेश की कहानियों की अग्रणी भूमिका है। व्यक्ति और समाज सबंधों और स्वार्थो की जटिलता में उलझे हुए हैं और इन्हें किसी खांचे या श्रेणी में विभक्त कर देखना नितांत असंगत मालूम होता है तब अखिलेश की कहानियाँ इस जटिलता को समझने का रास्ता देती हैं। अखिलेश सपाटबयानी से हमेशा दूर रहे हैं। दूसरी बात उनकी कहानियों की भाषा की है। कभी कभी ही ऐसा होता है जब कोई लेखक अपनी रचना में ऐसी भाषा का सृजन कर सके जो स्वयं में भी एक बड़ी उपलब्धि बन जाए। अखिलेश की कहानियाँ ऐसा करने में सक्षम और सफल रही हैं।

                                                                                                                                                                                                                                                                            $22
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                                                                                                                                                                                                                                                                            Meri Priya Kahaniyaan
                                                                                                                                                                                                                                                                            SPECIFICATION:
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                                                                                                                                                                                                                                                                            • By: Amarkant
                                                                                                                                                                                                                                                                            • Binding : Hardcover
                                                                                                                                                                                                                                                                            • Language :  Hindi
                                                                                                                                                                                                                                                                            • Edition :2014
                                                                                                                                                                                                                                                                            • Pages:  132 pages
                                                                                                                                                                                                                                                                            • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                                                                                                                                                                                                                            • ISBN-10: 9350641631
                                                                                                                                                                                                                                                                            • ISBN-13 : 9789350641637

                                                                                                                                                                                                                                                                            DESCRIPTION:

                                                                                                                                                                                                                                                                            वर्ष 2009 में साहित्य के सर्वोच्च सम्मान भारतीय ज्ञानपीठ से सम्मानित अमरकान्त विशेष रूप से अपनी कहानियों के लिए चर्चित रहे। ‘ज़िन्दगी और जोंक’, ‘देश के लोग’, ‘मौत का नगर’, ‘मित्र मिलन’ और ‘कुहासा’ आदि उनके बारह कहानी संग्रह और ‘इन्हीं हथियारों से’, ‘बीच की दीवार’, ‘सूखा पत्ता’ आदि ग्यारह उपन्यास प्रकाशित हो चुके हैं। अमरकान्त ज़मीन से जुड़े ऐसे कहानीकार हैं जो बिना किसी लाग-लपेट के सीधे और सपाट शब्दों में अपनी बात कह देते हैं। उनकी कहानियों के पात्र बड़ी-बड़ी दार्शनिक उलझनों में नहीं उलझते वरन् रोज़मर्रा की ठेठ चुनौतियों से घिरे रहते हैं। यथार्थ से जुड़ी यही सच्चाई पाठकों को मंत्रमुग्ध करती है।

                                                                                                                                                                                                                                                                                                    $22
                                                                                                                                                                                                                                                                                                    Meri Priya KahaniyaanMeri Priya Kahaniyaan
                                                                                                                                                                                                                                                                                                    Meri Priya Kahaniyaan
                                                                                                                                                                                                                                                                                                    SPECIFICATION:
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                    • By: Amarkant
                                                                                                                                                                                                                                                                                                    • Binding : Paperback
                                                                                                                                                                                                                                                                                                    • Language :  Hindi
                                                                                                                                                                                                                                                                                                    • Edition :2015
                                                                                                                                                                                                                                                                                                    • Pages:  132 pages
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                    • ISBN-13 : 9789350641644

                                                                                                                                                                                                                                                                                                    DESCRIPTION:

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                                                                                                                                                                                                                                                                                                                            $15
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                                            Meri Priya Kahaniyaan
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                            SPECIFICATION:
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                                            • By: Upendranath Ashk
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                            • Binding : Paperback
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                            • Language :  Hindi
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                            • Edition :2018
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                            • Pages:  124 pages
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                                            • ISBN-10: 9350642301
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                            • ISBN-13 :9789350642306

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                            DESCRIPTION:

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                            अश्क एक प्रगतिशील यथार्थवादी लेखक थे जिनकी कहानियों में सच्चाई का बहुत ही दिल को छूने वाला वर्णन मिलता है। बीस साल की उम्र में उनकी कहानियों का पहला संग्रह प्रकाशित हुआ और उनकी दूसरी कहानी-संग्रह की भूमिका मुंशी प्रेमचन्द ने लिखी थी। अपने को लेखन में पूरी तरह समर्पित करने से पहले उन्होंने ऑल इंडिया रेडियो और अखबारों में पत्रकार के रूप में भी काम किया और कई हिन्दी फिल्मों की पटकथा और संवाद भी लिखे। कहानी, नाटक और कविता के अलावा उन्होंने संस्मरण भी लिखे। अश्क की कहानी ‘डाची’ हिन्दी और उर्दू लेखन में एक मील का पत्थर मानी जाती है।

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                    $15
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                    Meri Priya Kahaniyaan
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                    SPECIFICATION:
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                    • By: Upendranath Ashk
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                    • Binding : Hardcover
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                    • Language :  Hindi
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                    • Edition :2014
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                    • Pages:  124 pages
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                    • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                    • ISBN-10: 9350642298
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                    • ISBN-13 :9789350642290

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                    DESCRIPTION:

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                    अश्क एक प्रगतिशील यथार्थवादी लेखक थे जिनकी कहानियों में सच्चाई का बहुत ही दिल को छूने वाला वर्णन मिलता है। बीस साल की उम्र में उनकी कहानियों का पहला संग्रह प्रकाशित हुआ और उनकी दूसरी कहानी-संग्रह की भूमिका मुंशी प्रेमचन्द ने लिखी थी। अपने को लेखन में पूरी तरह समर्पित करने से पहले उन्होंने ऑल इंडिया रेडियो और अखबारों में पत्रकार के रूप में भी काम किया और कई हिन्दी फिल्मों की पटकथा और संवाद भी लिखे। कहानी, नाटक और कविता के अलावा उन्होंने संस्मरण भी लिखे। अश्क की कहानी ‘डाची’ हिन्दी और उर्दू लेखन में एक मील का पत्थर मानी जाती है।

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                            $20
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                            Meri Priya KahaniyaanMeri Priya Kahaniyaan
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                            Meri Priya Kahaniyaan
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                            SPECIFICATION:
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                            • By: Sheoraj Singh Bechain
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                            • Binding : Paperback
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                            • Language : Hindi
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                            • ISBN-10: 9389373050
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                            • ISBN-13 :9789389373059

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                            DESCRIPTION: 

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                            दलित लेखन आज भारतीय साहित्य का प्रमुख हिस्सा है। दलित जीवन के यथार्थ को खास तल्खी और गहरी संवेदना से चित्रित करने के लिए श्यौराज सिंह ‘बेचैन’ की कहानियाँ प्रसिद्ध हैं। ये कहानियाँ केवल भारतीय सामाजिक व्यवस्था की क्रूर सच्चाई को ही नहीं बतातीं बल्कि मनुष्यता के सार्वभौम सवाल को भी पाठकों के सामने खड़ा करती हैं। जीवन संघर्ष के चित्रण से भरी ये कहानियाँ अपनी प्रभावशाली शैली के कारण पाठकों को देर तक याद रहेंगी। इस पुस्तक में लेखक ने अपनी नौ सबसे प्रिय कहानियाँ चुनी हैं और उनकी विस्तृत भूमिका भी लिखी है।

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                    $30
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                    Meri Priya KahaniyaanMeri Priya Kahaniyaan
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                    Meri Priya Kahaniyaan
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                    SPECIFICATION:
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                    • By: Mannu Bhandari 
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                    • Binding : Paperback
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                    • Language : Hindi
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                    • Pages:  136 pages
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                    DESCRIPTION: 

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                    हिन्दी के कहानी लेखकों में मन्नू भंडारी का अग्रणी स्थान है। उनकी कहानियों में नारी-जीवन के उन अन्तरंग अनुभवों को विशेष रूप से अभिव्यक्ति दी गई है जो उनके नितांत अपने हैं और पुरुष कहानीकारों की रचनाओं में प्रायः नहीं मिलते। वैसे मन्नू भंडारी ने अपने अन्य समकालीन समर्थ लेखकों की तरह ही लगभग सभी पहलुओं पर सशक्त कहानियाँ लिखी हैं।

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                            $15
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                            Meri Priya KahaniyaanMeri Priya Kahaniyaan
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                            Meri Priya Kahaniyaan
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                            SPECIFICATION:
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                            • By: Abdul Bismillah(Author)
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                            • Binding : Paperback
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                            • Language : Hindi
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                            • Edition :2017
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                            • Pages:  128 pages
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                            • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                            • ISBN-10: 93865340710
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                            • ISBN-13 :9789386534071

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                            DESCRIPTION: 

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                            भारतीय समाज के बदलते यथार्थ के नए चित्र बेहद रोचक ढंग से अब्दुल बिस्मिल्लाह ने अपनी इन कहानियों में प्रस्तुत किये हैं। जीवन के संघर्ष के कठिन और प्रेरणादायी प्रसंग इनमें बहुधा आये हैं। और लेखक की निगाह समाज के सभी कोनों, अंतरों में बराबर जाती है जहाँ सामाजिक सरोकारों से वे अपनी रचनाशीलता को अलग नहीं होने देते वहाँ भी किस्सागोई का शुद्ध भारतीय ढंग इन कहानियों को अपनी धरोहर बना लेता है। कथा रस के साथ यथार्थ की ये युगलबंदी ही हिन्दी कहानी में अब्दुल बिस्मिल्लाह की उपस्तिथि को विशेष बनाती है।

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                    $12
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                    Meri Priya KahaniyaanMeri Priya Kahaniyaan
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                    Meri Priya Kahaniyaan
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                    SPECIFICATION:
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                    • By: Acharya Chatursen (Author)
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                    • Binding :Paperback
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                    • Language : Hindi
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                    • Edition :2017
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                    • Pages: 128 pages
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                    • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                    • ISBN-10: 93506405210
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                    • ISBN-13 :9789350640524

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                    DESCRIPTION: 

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                    हिन्दी के कथाकारों में आचार्य चतुरसेन का महत्त्वपूर्ण स्थान है। आचार्य जी ने मुग़लकालीन तथा ब्रिटिश इतिहास का अध्ययन विशेष रूप से किया था। तत्कालीन राजघरानों से उनका निकट का संबंध रहा था, इनको आधार बनाकर उन्होंने सैंकड़ों कहानियाँ तथा अनेक उपन्यास लिखे जो आज भी सार्थक हैं। साथ ही, सामाजिक विषयों पर उत्कृष्ट कहानियाँ भी लिखीं। प्रस्तुत संकलन की कहानियाँ उन्होंने स्वयं पसंद कीं और उन पर टिप्पणियाँ भी लिखी हैं।

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                            $12
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                            Meri Priya KahaniyaanMeri Priya Kahaniyaan
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                            Meri Priya Kahaniyaan
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                            SPECIFICATION:
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                            • By: Acharya Chatursen (Author)
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                            • Binding :Hardcover
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                            • Edition :2012
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                            • Pages: 144 pages
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                            • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                            • ISBN-10: 9350640511
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                            • ISBN-13 :9789350640517

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                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                            हिन्दी के कथाकारों में आचार्य चतुरसेन का महत्त्वपूर्ण स्थान है। आचार्य जी ने मुग़लकालीन तथा ब्रिटिश इतिहास का अध्ययन विशेष रूप से किया था। तत्कालीन राजघरानों से उनका निकट का संबंध रहा था, इनको आधार बनाकर उन्होंने सैंकड़ों कहानियाँ तथा अनेक उपन्यास लिखे जो आज भी सार्थक हैं। साथ ही, सामाजिक विषयों पर उत्कृष्ट कहानियाँ भी लिखीं। प्रस्तुत संकलन की कहानियाँ उन्होंने स्वयं पसंद कीं और उन पर टिप्पणियाँ भी लिखी हैं।

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                    $15
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                    Meri Priya Kahaniyaan
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                    SPECIFICATION:
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                    • By:  Mamta Kalia (Author)
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                    • Binding : Paperback
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                    • Language : Hindi
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                    • Edition :2019
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                    • Pages: 128 pages
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                    • ISBN-13 : 9789350643860

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                    DESCRIPTION: 

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                    हिन्दी के समकालीन कथाकारों में वरिष्ठ ममता कालिया का लेखन नया और ताजगी भरा लगता है क्योंकि वे अपने आप को लगातार पुनर्नवा करती रही हैं। नब्बे के दशक में आये स्त्री विमर्श की नयी उत्तेजना के बहुत पहले उन्होंने ‘आपकी छोटी लड़की’ जैसी कहानी लिखी थी तो बिलकुल इधर के सामाजिक संक्रमण का राष्ट्रीय रूपक ‘दल्ली’ में देखा जा सकता है। ममता कालिया की भाषा की बहुत प्रशंसा हुई है। ब्रज की मिठास हो या इलाहाबाद का अवधी रंग - इस भाषा ने फिर साबित किया है कि सीधी लकीर खींचना सचमुच टेढ़ा काम है। हिन्दी कहानी को ऊँचाई देने वाली इस कथाकार की अपनी प्रिय कहानियों का यह संग्रह पाठकों को प्रिय होगा इसमें संदेह नहीं।

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                            $12
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                            Meri Priya KahaniyaanMeri Priya Kahaniyaan
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                            Meri Priya Kahaniyaan
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                            SPECIFICATION:
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                            • By: Ravindra Kalia (Author)
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                            • Binding : Paperback
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                            • Language : Hindi
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                            • Edition :2017
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                            • Pages: 144 pages
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                            • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                            • ISBN-10: 9350643049
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                            • ISBN-13 : 9789350643044

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                            DESCRIPTION: 

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                            हिन्दी साहित्य में ‘नयी कहानी आन्दोलन’ के बाद उभरे लेखकों में अपनी विशिष्ट पहचान बनाने वाले लेखक रवीन्द्र कालिया की कहानियों की मौलिक विशेषता है युवा जीवन की संवेदनाओं का रेखांकन। उनकी कहानियों में हमारे शहरों-कस्बों की ज़िन्दगी में आ गयी जकड़बन्दी और दमघोंटू वातावरण का सजीव चित्रण है जो पाठकों को यथास्थिति से टकराने का हौंसला देता है। विधा के स्तर पर भी वे प्रयोगशील हैं और सामान्य कहानियों के साथ लम्बी कहानी का सधा हुआ कौशल भी उनके यहाँ दिखाई देता है। वे अपने लेखन में किसी शैली या भंगिमा को स्थायी नहीं बनने देते बल्कि लगातार नया-अलहदा और भिन्न रचने की तड़प उन्हें अपनी पीढ़ी में आदर्श कथाकार होने की वजह देती है। इन कहानियों का चुनाव स्वयं रवीन्द्र कालिया ने किया था और 2016 में उनके असामयिक निधन के बाद उनकी पत्नी ममता कालिया इन्हें पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रही हैं।

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                    $12

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                    Recently viewed